दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को अंतरराष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्वीट किए किसान आंदोलन संबंधी डॉक्यूमेंट से जुड़ी कथित साज़िश के आरोप में गिरफ़्तार किया है. इस बीच देश से लेकर विदेश तक नेताओं, पर्यावरण कार्यकर्ताओं और वकीलों ने दिशा की हिरासत को मनमाना बताते हुए इसकी निंदा की है.
नई दिल्ली: ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में शनिवार रात को बेंगलुरू की 21 साल की जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी पर सोशल मीडिया पर आम जनता से लेकर विपक्षी नेताओं तक ने भारी आक्रोश जताया है.
दरअसल दिल्ली पुलिस का दावा है कि वह एक साजिश का हिस्सा हैं. हालांकि, उन्होंने केवल इतना किया था कि किसान आंदोलन से जुड़े एक प्रोटेस्ट टूलकिट को एडिट किया था जिसे युवा पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सहित बहुत से लोगों ने शेयर किया था.
रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए कई कांग्रेसी नेताओं ने ट्वीट किया और इसे दमनकारी और एक तरह की प्रताड़ना करार दिया.
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ‘पूरी तरह से दमनकारी! यह अनुचित उत्पीड़न और धमकी है. मैं दिशा रवि के साथ अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त करता हूं.’
Completely atrocious! This is unwarranted harassment and intimidation. I express my full solidarity with Disha Ravi. https://t.co/bRJOeC9MnK
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 14, 2021
वहीं, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, ‘अगर एक 22 साल की माउंट कारमेल कॉलेज की छात्रा और पर्यावरण कार्यकर्ता देश के लिए खतरा बन सकती है तो निश्चित ही भारतीय राज्य बहुत कमजोर आधार पर खड़ा है.
चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की तुलना में किसानों के विरोध को समर्थन देने के लिए तैयार किया गया टूलकिट अधिक खतरनाक है. भारत बेतुका रंगमंच बन रहा है और यह दुखद है कि दिल्ली पुलिस उत्पीड़कों का औजार बन गई है.
मैं दिशा रवि की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं और सभी छात्रों और युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे सत्ता पक्ष के खिलाफ विरोध के लिए आवाज उठाएं.’
I strongly condemn the arrest of Disha Ravi and urge all students and youth to raise their voices to protest against the authoritarian regime#ReleaseDishaRavi
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 14, 2021
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा, ‘जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और चौंकाने वाली है. बिना किसी आपराधिक रिकॉर्ड के किसी युवती से हिरासत में पूछताछ उचित नहीं हो सकती. पुलिस को स्वतंत्रता के अधिकार को मान्यता देनी चाहिए और अदालतों को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करना चाहिए जो कहता है कि जमानत नियम और जेल अपवाद है.’
Police should recognise her right to liberty and courts must respect the Supreme Court Judgement which says bail is the rule & Jail an exception.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) February 14, 2021
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘ब्रिटेन के द डेली टेलीग्राफ ने कहा कि दिशा रवि की गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक असहमति पर भारत के हमले की हालिया घटना है क्योंकि यह किसानों के जनआंदोलन को दबाने का प्रयास है. क्या भारत सरकार को अपनी ही वैश्विक छवि के बिगड़ने की चिंता नहीं है?’
DishaRavi's arrest is the latest escalation in India’s crackdown on free expression&political dissent as it seeks2stifle the farmers’ mass protests, says the @dailytelegraph UK. Doesn’t GoI care about the damage it’s doing to its own global image? https://t.co/TILH9XKYkg
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 14, 2021
कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भी दिशा रवि की गिरफ्तारी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा, ‘मोदी शासन को लगता है कि राजद्रोह के तहत किसानों की बेटी को गिरफ्तार करके, वह किसानों के संघर्ष को कमजोर कर सकती है. वास्तव में यह देश के युवाओं को जगाएगा और लोकतंत्र के लिए संघर्ष को मजबूत करेगा.’
Modi regime thinks by arresting a grand daughter of farmers, under Sedition, it can weaken the farmers’ struggles.
In fact, it will awaken the youth of the country and strengthen the struggles for democracy. #DishaRavihttps://t.co/xRIK1BrU9s— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 14, 2021
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘सवाल ये है कि वो कब गिरफ़्तार होंगे जो भारत की राष्ट्रीय एवं सामाजिक एकता को खंडित करने के लिए सुबह-शाम जनता के बीच घृणा व विभाजन को जन्म देने के लिए शाब्दिक ‘टूलकिट’ जारी करते रहते हैं. भाजपा सरकार बताए कि शिकायत करने पर भी वो इन ‘टूलकिटजीवियों’ पर कार्रवाई क्यों नहीं करती?’
… सवाल ये है कि वो कब गिरफ़्तार होंगे जो भारत की राष्ट्रीय एवं सामाजिक एकता को खंडित करने के लिए सुबह-शाम जनता के बीच घृणा व विभाजन को जन्म देने के लिए शाब्दिक ‘टूलकिट’ जारी करते रहते हैं। भाजपा सरकार बताए कि शिकायत करने पर भी वो इन ‘टूलकिटजीवियों’ पर कार्रवाई क्यों नहीं करती? pic.twitter.com/qnah0Swfj8
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 14, 2021
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘21 वर्षीय दिशा रवि की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर एक अप्रत्याशित हमला है. हमारे किसानों का समर्थन अपराध नहीं है.’
Arrest of 21 yr old Disha Ravi is an unprecedented attack on Democracy. Supporting our farmers is not a crime.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 15, 2021
बता दें कि दिशा को रविवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था जिन्होंने उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था.
हालांकि रविवार देर रात तक मीडिया को न तो रिमांड आवेदन और न ही आदेश उपलब्ध कराया गया था. असामान्य रूप से मामले में दर्ज एफआईआर अभी भी पुलिस द्वारा अपलोड नहीं की गई है, जबकि उसे दायर किए एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है.
कई वकीलों ने भी गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. वहीं, कथित तौर अदालत की कार्रवाई भी दिशा के वकील की गैरमौजूदगी में हुई थी.
वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने दिशा के वकील की गैरमौजूदगी में कार्रवाई के लिए पटियाला हाउस कोर्ट के ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आचरण पर गहरी निराशा जताई और संविधान के अनुच्छेद 22 (कुछ दशाओं में गिरपतारी और निरोध से संरक्षण) का पालन करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि न्यायिक कर्तव्यों का पालन न किया जाना चौंकाने वाला है.
"Shocking abdication of judicial duties"- Senior Adv Rebecca Mammen John comments on #DishaRavi remand. pic.twitter.com/F22OieHaA4
— Manu Sebastian (@manuvichar) February 14, 2021
वकील करुणा नंदी ने भी गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि कानून का दुरुपयोग किया गया है.
उन्होंने फाइनेंशियल एक्सप्रेस से कहा, ‘अगर यह सच भी है कि उनकी सोशल मीडिया टूलकिट में कुछ हिस्सेदारी थी तब भी एक युवा पर्यावरण कार्यकर्ता पर राजद्रोह का आरोप लगाना बहुत ही अहंकारी है. यह ऐसे समय पर हुआ है जब सरकार की नीतियों की आलोचना करने वालों को एक खास तरह से निशाना बनाया जा रहा है.’
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई अधिकार कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, लेखकों और अन्य लोगों ने रवि के साथ एकजुटता दिखाते हुए कहा कि किसानों के विरोध का समर्थन करना किसी को गिरफ्तार करने का कारण नहीं हो सकता है.
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस ने कहा, ‘भारतीय अधिकारियों ने एक अन्य युवा महिला कार्यकर्ता 21 वर्षीय दिशा रवि को गिरफ्तार किया है, क्योंकि उन्होंने किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए सोशल मीडिया टूलकिट पोस्ट किया है. इसे पढ़कर पूछें कि कार्यकर्ताओं को सरकार द्वारा लक्षित और चुप क्यों किया जा रहा है.’
https://twitter.com/meenaharris/status/1361012734477828098
इस दौरान उन्होंने हरियाणा की दलित मजदूर अधिकार कार्यकर्ता की गिरफ्तारी का उल्लेख करते हुए कहा कि दिशा की गिरफ्तारी करीब 23 साल की कार्यकर्ता नवदीप कौर की गिरफ्तारी की तरह ही है, जिन्हें लगभग एक महीने से हिरासत में रखा गया है.
अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता बिल मैककिबेन ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने युवा जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को हास्यास्पद आरोपों पर गिरफ्तार किया. लोगों के बजाय लाभ को प्राथमिकता देने वाली सरकार ही स्वच्छ हवा, स्वच्छ पानी और एक रहने योग्य ग्रह की मांग को आतंकवाद की कार्रवाई मान सकती है.’
Delhi police arrest young climate activist @Disha__Ravi on ridiculous charges. "Only a government that puts profit over people would consider asking for clean air, clean water and a livable planet, an act of terrorism.” https://t.co/fguS3SQ0L3
— Bill McKibben (@billmckibben) February 14, 2021
रविवार को अदालत में पेश किए जाने के दौरान दिशा ने कहा था कि भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित करने के उद्देश्य से उन्होंने टूलकिट में दो लाइनें एडिट (संपादित) की थीं.
पुलिस ने इस टूलकिट को बनाने और साझा करने में शामिल अनाम लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी लेकिन यह नहीं बताया कि यह कानूनी उल्लंघन क्यों था. जबकि शांतिपूर्ण विरोध से संबंधित संदेश फैलाने के लिए दुनिया भर में टूलकिट का उपयोग किया जाता है.
एक ट्वीट में दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि दिशा टूलकिट के सूत्रीकरण और प्रसार में एक महत्वपूर्ण साजिशकर्ता थीं और उन्होंने इस उद्देश्य के लिए एक वॉट्सएप समूह शुरू किया था.
जिस टूलकिट को पुलिस राजद्रोह संबंधी साजिश का हिस्सा होने का दावा कर रही है दरअसल में उसमें किसान आंदोलन से संबंधित लेखों, सोशल मीडिया हैंडल्स और सूचनाओं का संकलन है ताकि कोई भी उसके बार में जानकारी हासिल कर सके और उसे फैला सके.
‘फ्राईडे फॉर फ्यूचर इंडिया’ के संस्थापकों में से एक दिशा फ्राईडे फॉर फ्यूचर, आरे जंगल का संरक्षण सहित कई अन्य जलवायु संबंधी अभियानों का हिस्सा रह चुकी हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की रिहाई की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा ने दिशा रवि की गिरफ्तारी की निंदा की और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की. रवि की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए एसकेएम ने कहा कि वह ‘किसानों के समर्थन में खड़ी थीं.’
एसकेएम ने बयान में कहा, ‘हम उनकी तत्काल बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं.’
‘ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन्स एसोसिएशन’ की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि दिशा रवि को रिहा किया जाना चाहिए और पुलिस को अन्य को ‘परेशान करना’ बंद करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि रवि जैसे लोग भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ उम्मीद हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ खुद की ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों की चिंता है.
उन्होंने कहा, ‘हम वर्तमान में लोकतंत्र की तरह व्यवहार नहीं कर रहे हैं. यदि हम विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की बराबरी साजिश के साथ करेंगे तो आप अब लोकतंत्र नहीं हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘उन्हें तुरंत पूरी तरह से कमजोर, हास्यास्पद आधार पर आधारित इस मामले को वापस लेना चाहिए. एक टूलकिट राजद्रोह नहीं है, यह कोई साजिश नहीं है, टूलकिट विरोध के लिए है.’
मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने भी रवि की गिरफ्तारी के आधार पर सवाल उठाया और कहा कि एक स्थानीय अभियान संचालित करने वाला व्यक्ति भी टूलकिट तैयार करता है.
उन्होंने रवि एवं मामले में अन्य को अपना समर्थन जताते हुए कहा, ‘हमें प्रधानमंत्री के अभियान टूलकिट को देखना चाहिए. हम बेतुकेपन की सीमा पार कर रहे हैं. हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हंसी का पात्र बन जाएंगे.’
दिल्ली स्थित ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट’ की प्रमुख सुनीता नारायण ने भी गिरफ्तार कार्यकर्ता को अपना समर्थन दिया.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन अस्तित्व संबंधी एक खतरा है. इस पर अधिक कार्रवाई के वास्ते दुनिया को युवाओं की लगन और प्रतिबद्धता के साथ ही उनकी मुखर आवाज की जरूरत है. दिशा रवि को रिहा किया जाए.’
नौ वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता लिसीप्रिया कांगुजम ने इसे देश में युवा लड़कियों और महिलाओं की आवाज को चुप कराने का प्रयास बताया.
कांगुजम ने ट्वीट किया, ‘यह इस देश में युवा लड़कियों और महिलाओं की आवाज़ को चुप कराने का एक प्रयास है. लेकिन यह हमें अपने ग्रह और भविष्य के लिए लड़ने से नहीं रोक पाएगा.’
50 से अधिक शिक्षाविदों, कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक संयुक्त बयान में रवि के समर्थन में आवाज उठाई और उनकी गिरफ्तारी को ‘परेशान करने वाला’, ‘प्रकृति में अवैध’ और ‘‘सरकार की जरूरत से अधिक प्रतिक्रिया’ वाला बताया.
‘कोएलिशन फॉर एन्वायरमेंटल जस्टिस इन इंडिया’ के बैनर तले जारी बयान में इसे जनता का ध्यान बंटाने का प्रयास भी कहा गया.
इसमें कहा गया है, ‘यह और भी स्पष्ट होता जा रहा है कि केंद्र सरकार की मौजूदा कार्रवाई, लोगों को वास्तविक मुद्दों जैसे ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमत, व्यापक बेरोजगारी और बिना किसी योजना के लॉकडाउन के कारण उत्पन्न संकट और पर्यावरण की खतरनाक स्थिति से ध्यान बंटाने की रणनीति है.’
समूह द्वारा एक ऑनलाइन अर्जी शुरू की गई है जिसमें जलवायु कार्यकर्ता की तत्काल रिहाई की मांग की गई है. पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ ने कहा कि यह घटना जलवायु कार्यकर्ताओं के लिए हतोत्साहित करने वाली होगी.
उन्होंने कहा, ‘हम मामले के गुणदोष में नहीं जा सकते क्योंकि जांच जारी है, लेकिन यह घटना जलवायु कार्यकर्ताओं के लिए हतोत्साहित करने वाली होगी….’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)