पिछले महीने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और एआईएडीएमके गठबंधन की पुष्टि की है. एआईएडीएमके नेता और राज्य के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने एक सभा में अल्पसंख्यकों को संबोधित करते हुए कहा है कि उन्हें एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन से डरने की ज़रूरत नहीं.
तेनकासी: मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने और पिछले साल नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर दर्ज किए गए मामलों को शुक्रवार को वापस लिए जाने की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि हिंसा, पुलिसकर्मियों को उनके कर्तव्य के पालन में बाधा डालने और लॉकडाउन के दौरान फर्जी तरीके से ई पास हासिल करने संबंधी मामलों को छोड़कर बाकी सभी मामलों को वापस लिया जाएगा.
Centre passed Citizenship Amendment Bill, 2019 in Lok Sabha & it was passed in State Legislatures later to amend Citizenship Act, 1955. Following this, members of some orgs protested in various parts of state. About 1,500 cases were registered during protests: Tamil Nadu CM (1/2) pic.twitter.com/0Xb3ZqQaQh
— ANI (@ANI) February 19, 2021
मुख्यमंत्री ने अप्रैल में संभावित विधानसभा चुनावों के संबंध में एक बैठक को संबोधित करते हुए तमिलनाडु के तेनकासी जिले के कडायानल्लूर में कहा कि पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने को लेकर पुलिस ने करीब दस लाख मामले दर्ज किए थे.
पलानीस्वामी ने कहा कि इसी प्रकार निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डालने को लेकर 1,500 मामले दर्ज किए गए थे.
Centre passed Citizenship Amendment Bill, 2019 in Lok Sabha & it was passed in State Legislatures later to amend Citizenship Act, 1955. Following this, members of some orgs protested in various parts of state. About 1,500 cases were registered during protests: Tamil Nadu CM (1/2) pic.twitter.com/0Xb3ZqQaQh
— ANI (@ANI) February 19, 2021
उन्होंने कहा कि कुछ मामलों को छोड़कर लोगों के कल्याण को देखते हुए बाकी मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया है.
द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिसूचना में तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि सीएए पारित होने के बाद कई विरोध प्रदर्शन किए गए थे, जिनमें इस कानून की प्रतियां जला दी गई थीं.
अधिसूचना में कहा, ‘कुछ समूहों से जुड़े लोगों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया, रैलिया निकालीं, पुतलों को जलाया, संविधान की प्रतियां भी जलाई थीं. इन प्रदर्शनों के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने आवश्यक कदम उठाए. पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ तकरीबन 1,500 मामले दर्ज किए, जिन्होंने जनता को परेशान किया, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिस को अपना कर्तव्य निभाने में बाधा डाली.’
अधिसूचना के अनुसार, ‘इन मामलों में मैं आपको सूचित करना चाहूंगा कि हिंसा से जुड़े मामलों और पुलिस ड्यूटी में बाधा डालने के मामलों को छोड़कर अन्य सभी मामलों में जांच जनता के हित को ध्यान में रखते हुए रोक दी जाएगी.’
रिपोर्ट के अनुसार, सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल लोगों के खिलाफ केस वापस लेने का यह फैसला तिरुपुर जिले में मुस्लिम मतदाताओं को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री द्वारा संबोधित करने के बाद है. राज्य सरकार के कदम का सीएए को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय में उपजे तनाव को कम करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री उन्हें एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन से नहीं डरने की बात भी कही.
बीते जनवरी माह में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तमिलनाडु में अप्रैल मई में होने वाले विधानसभा चुनाव के संबंध में भाजपा और एआईएडीएमके का गठबंधन जारी रहने की पुष्टि की थी. उन्होंने कहा था कि दोनों पार्टियां आने वाला विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगी.
भाजपा और एआईएडीएमके ने साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव भी साथ में लड़ा था.
इस मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में लोगों को संबोधित करते हुए एआईएडीएमके नेता और मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा, गठबंधन अलग चीज होती है और विचारधारा अलग बात होती है. गठबंधन हर समय बदल सकता है. राजनीति के लिए गठबंधन बनाए जाते हैं. हर दल की एक विचारधारा होती है और वे इसे जाने नहीं देते हैं. किसी को भी डरने की जरूरत नहीं हमारे गठबंधन से वजह से वे प्रभावित होंगे. इस शासन को जारी रखने के लिए हमें आपके समर्थन की जरूरत है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)