बीते 17 फरवरी को उन्नाव ज़िले के बबुरहा गांव में दलित समुदाय की तीन लड़कियां बेसुध अवस्था में मिली थीं, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है, जबकि एक का इलाज चल रहा है. इससे पहले ट्विटर पर भ्रामक और अफ़वाह फैलाने वाली पोस्ट करने के आरोप में पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता उदित राज के ख़िलाफ़ भी एफ़आईआर दर्ज की थी.
उन्नावः उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बबुरहा गांव में दलित लड़कियों की मौत के संबंध में झूठी एवं भ्रामक खबरें फैलाने के आरोप में आठ ट्विटर खातों और इनके यूजर्स के खिलाफ रविवार शाम को एफआईआर दर्ज की गई. इनमें से एक पत्रकार ने इस कार्रवाई को उत्पीड़न और धमकी भरा बताया है.
अपर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि बबुरहा गांव में हुई घटना के मामले में आठ ऐसे ट्विटर खाते चिह्नित किए गए हैं, जिनके जरिये इस मामले में गलत एवं भ्रामक सूचना फैलाई गई थीं.
उन्होंने बताया, ‘इन सभी ट्विटर खातों और इनके यूजर्स के खिलाफ सदर कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया है.’
उन्होंने बताया, ‘जिन ट्विटर खातों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई हैं, उनमें निलिम दत्ता, मोजो स्टोरी, जनजागरण लाइव, सूरज कुमार बौध, विजय आंबेडकर, अभय कुमार आजाद और राहुल दिवाकर, नवाब सतपाल तंवर नामक ट्विटर खाते शामिल हैं.’
इससे पहले बीते 20 फरवरी को उन्नाव पुलिस ने बबुरहा में दलित लड़कियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में ट्विटर पर भ्रामक और अफवाह फैलाने वाली पोस्ट करने के आरोप में पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता उदित राज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
उदित राज ने ट्वीट कर बताया था कि नाबालिग लड़कियों का बलात्कार किया गया है और उनके परिवार की अनुमति के बिना उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया.
इन ट्विटर हैंडल्स में से एक नाम ‘मोजो स्टोरी’ का भी है, जिसका संचालन वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त करती हैं.
बरखा दत्ता ने इस एफआईआर को उत्पीड़नकारी और धमकी भरा बताया है.
उन्होंने इस एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘हमने पत्रकारिता के सिद्धांतों के मुताबिक रिपोर्टिंग की और हर पक्ष के लोगों की बात रखी, इसके बावजूद एफआईआर दर्ज की गई.आईपीसी की ऐसी धाराओं का इस्तेमाल करना, जिससे जेल भेजा जा सकता है, यह स्पष्ट रूप से डराने वाला है. मैं इसके खिलाफ लड़ने और अदालत में इसे चुनौती देने को तैयार हूं.’
दत्त का कहना है कि उन्नाव पुलिस ने उन्हें एफआईआर की कॉपी देने से भी इनकार कर दिया, जिसकी वजह से न्यायिक हस्तक्षेप के लिए अपील नहीं की जा सकती.
बरखा दत्त ने कहा, ‘यह उत्पीड़न और धमकाने वाला है. इससे अधिक संदिग्ध यह है कि किस तरह उन्नाव पुलिस ने हमें कुछ नेताओं के साथ जोड़ दिया.’
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी उन्नाव मामले में झूठी एवं भ्रामक खबरें फैलाने के आरोप में आठ ट्विटर खातों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है.
इन ट्विटर अकाउंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की निंदा करते हुए कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘पूर्व सांसद और कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज, मीडिया पोर्टल और कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना भाजपा और इसके नेताओं द्वारा लोकतंत्र का गला घोंटने का स्पष्ट उदाहरण है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज की गईं इन एफआईआर को तुरंत वापस लिया जाए. ये एफआईआर कमजोर, वंचितों और हाशिये पर मौजूद लोगों के लिए काम कर रहे हमारे नेताओं की आवाजों को चुप नहीं करा सकतीं.’
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस नेता उदित राज, वेब पोर्टल मोजो स्टोरी और अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना सत्ता के नशे में चूर भाजपा सरकार द्वारा असहमति की आवाजों को चुप कराने के लिए उत्पीड़न और धमकाने का एक और उदाहण हैं.’
बता दें कि बीते 17 फरवरी को बबुरहा गांव में दलित समुदाय की तीन लड़कियां बेसुध अवस्था में मिली थीं, जिनमें से दो को अस्पताल ले जाने पर मृत घोषित कर दिया गया था, जबकि एक का कानपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है.
लड़कियों के परिवार के मुताबिक, तीनों लड़कियां जानवरों के लिए चारा इकट्टा करने खेत गई थीं.
जिन दो लड़कियों की मौत हुई है, उसमें से एक की उम्र 13 और दूसरे की 16 साल थी. वहीं तीसरी लड़की 17 साल की है. मृत युवतियां बुआ-भतीजी थीं.
पोस्टमॉर्टम में मृतक लड़कियों के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया था और किसी तरह के यौन उत्पीड़न के सबूत भी नहीं मिले थे.
इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)