14 ज़िलों के 73.44 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित, क़रीब तीन लाख लोगों को प्रभावित इलाक़ों से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है.
पटना: पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से प्रदेश में अब तक 72 लोगों की मौत हो गई है. इसके साथ ही बाढ़ से 14 जिलों की 73.44 लाख आबादी प्रभावित हुई है.
आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रदेश के 14 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज, सुपौल एवं मधेपुरा में मौतें हुई हैं.
इन जिलों में से सबसे अधिक अररिया में 20 लोग, सीतामढ़ी में 11, पश्चिमी चंपारण में 9, किशनगंज में 8, मधुबनी एवं पूर्णिया में 55, मधेपुरा एवं दरभंगा में 44, पूर्वी चंपारण में 3, शिवहर 2 और सुपौल में एक व्यक्ति की मौत हुई है.
उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण इन 14 जिलों के 110 प्रखंड और 1,151 पंचायत प्रभावित हुए हैं और कुल 73.44 लाख आबादी प्रभावित हुई है.
बाढ़ के पानी में फेंके जा रहे शव
बाढ़ से हालत इतने भयानक हो गए हैं कि मरने वाले लोगों के दाह संस्कार का भी इंतजाम नहीं हो पा रहा है और लोग शवों को बाढ़ के पानी में फेंक रहे हैं.
हिंदी दैनिक हिंदुस्तान में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, जोगबनी में पुलिस की मौजूदगी में लोगों ने शव बाढ़ के फेंक दिया.
अखबार लिखता है कि ‘जोगबनी पुलिस ने मानवीय मूल्यों को झकझोर कर रख दिया है. जोगबनी में जहां एक ओर ठेले पर रख कर शवों को कब्रिस्तान ले जाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जोगबनी पुलिस की मौजूदगी में लाशों को परमान नदी में फेंकने का सिलसिला जारी है. ट्रैक्टर पर लाशों को लोड कर मीरगंज पुल से नदी में बहाया जा रहा है. पुलिस के इस कृत्य से मानवता शर्मशार हो गई है.’
खबर के मुताबिक, पुलिस ने इससे इनकार कर दिया लेकिन खबर के साथ छपी फोटो कुछ और ही कहानी कह रही है. ‘इस मामले में फारबिसगंज डीएसपी अजित कुमार सिंह ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है.
एक लाख से अधिक लोग शिविरों में रह रहे हैं
राज्य सरकार के द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. बुधवार शाम तक 2.74 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और 504 राहत शिविरों में 1.16 लाख व्यक्ति शरण लिए हुए हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ बाढ़ प्रभावित बेतिया एवं वाल्मीकिनगर का हवाई सर्वेक्षण करने वाले थे. खराब मौसम के कारण उड़ान नहीं भर सके, पर वे बाढ़ की स्थिति और बाढ़ पीडितों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी और उसके बारे में वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने के साथ आवश्यक निर्देश देते रहे.
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बाढ़ प्रभावित जिलों के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर उन्हें जरूरी निर्देश दिए. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने बाढ़ पीडितों के लिए अपनी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में 11 लाख रुपये का चेक प्रदान किया.
रेल सेवाएं बाधित
बाढ़ के कारण रेल सेवाएं बाधित हो रही हैं. 16 अगस्त को भी रेल सेवाओं में बाधा पेश आई. पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि बाढ़ के कारण कई रेल खंडों पर ट्रेनों का परिचालन बुधवार को पूरी तरह बाधित रहा.
उन्होंने बताया कि इसमें समस्तीपुर रेल मंडल का मोतीहारी-वाल्मीकिनगर रेल खंड शामिल है. नरकटियागंज यार्ड, चामुआ-नरकटियागंज रेल खंड, नरकटियागंज-साथी रेल खंड और सेमारा यार्ड में पानी पटरी के ऊपर बह रहा है.
समस्तीपुर रेल मंडल अंतर्गत सीतामढ़ी-रक्सौल रेल खंड के छौडादनो-आदापार रेलवे स्टेशन और कुंडवा चैनपुर-बैरग्निया रेलवे स्टेशन के बीच पटरी पर बाढ़ का पानी आ गया है.
समस्तीपुर रेल मंडल अंतर्गत ही सुगौली-रक्सौल रेल खंड के सुगौली यार्ड, रक्सौल यार्ड और रक्सौल-रामगढ़वा रेलवे स्टेशन के बीच बाढ़ का पानी पटरी के ऊपर से बह रहा है.
राजेश ने बताया कि समस्तीपुर रेल मंडल के दरभंगा-सीतामढ़ी रेल खंड जनकपुर रोड-बजापट्टी रेलवे स्टेशन और कामतौल-जोगियारा रेलवे स्टेशन के बीच रेल पटरी पर पानी बह रहा है.
पानी के पटरी के ऊपर से गुजरने के कारण इन रेल खंडों से गुजरने वाली ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया अथवा उनके परिचालन को संक्षिप्त किया गया. 16 अगस्त को इंदौर गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन, सियालदह सहरसा हैती बज़ारे एक्सप्रेस ट्रेन, सहरसा सियालदाह बज़ारे एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया.
नदियों के जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर बुधवार प्रात: 6 बजे गांधीघाट में खतरे के निशान से 51 सेमी नीचे था. कुछ जगहों पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर दर्ज हुआ है.
घाघरा नदी का जलस्तर बुधवार प्रात: 6 बजे दरौली में खतरे के निशान से 22 सेमी नीचे जबकि गंगपुरसिसवन में खतरे के निशान से 6 सेमी ऊपर था.
कोसी नदी का जलस्तर बुधवार सुबह 6 बजे बलतारा में खतरे के निशान से 213 सेमी ऊपर था. इसके जलस्तर में अभी वृद्धि होने की संभावना है. महानंदा, पुनपुन, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती नदी, कमलाबलान आदि नदियों का जलस्तर जगह जगह खतरे के निशान को पार कर गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)