गुजरात के भावनगर ज़िले को सनोदर गांव का मामला. आरोप है कि क्षत्रिय समुदाय के लोग आरटीआई कार्यकर्ता की ज़मीन हड़पना चाहते थे. एक महीने पहले कार्यकर्ता ने आरोपियों के ख़िलाफ़ थाने में शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
भावनगर: गुजरात के भावनगर जिले के घोघा तालुका के सनोदर गांव में बीते मंगलवार को एक दलित आईटीआई कार्यकर्ता की उनके घर में घुसकर कुछ लोगों द्वारा कथित तौर पर हत्या कर दी गई.
पुलिस ने बताया कि 50 वर्षीय कार्यकर्ता को बचाने की कोशिश कर रही उनकी बेटी भी घटना में घायल हो गई है.
परिवारवालों का कहना है कि आरटीआई कार्यकर्ता अमराभाई बोरिचा पर कथित तौर पर भाले, लोहे की पाइप और तलवार से हमला किया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बोरिचा की बेटी निर्मला ने पत्रकारों को बताया, ‘पहले उन्होंने हमारे ऊपर पत्थर फेंके. मेरे पिता बचने के लिए घर के अंदर भागे तो हमलावरों ने दरवाजा तोड़कर भाले, लोहे की पाइप और तलवार से हमला कर उनकी हत्या कर दी.’
उन्होंने बताया कि घटना मंगलवार को दिन में करीब 4:30 बजे की है. एक वीडियो क्लिप में निर्मला कह रही हैं, ‘गांव के दरबार (क्षत्रिय) समुदाय के करीब 50 लोग डीजे बजाते हुए हमारे घर के पास से गुजर रहे थे. मेरे पिता और मैं घर के बाहर खड़े थे. कुछ देर बाद वे वापस आए और हमारे ऊपर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. हमें पुलिस की सुरक्षा मिली हुई है, उसके बावजूद वे लोग भाला, कुल्हाड़ी, पाइप और तलवार के साथ अंदर आ गए.’
हमले में घायल होने के बाद निर्मला को भावनगर शहर के सर तख्तसिंहजी जनरल अस्पताल ले जाया गया. निर्मला ने बताया कि उनके पिता पर साल 2013 में भी हमला हुआ था, जिसमें उनका पैर टूट गया था.
दलित अधिकारों के लिए काम कर रहे अहमदाबाद के गैर सरकारी संगठन नवसर्जन के एक कार्यकर्ता अरविंद मकवाना ने कहा कि एक महीने पहले पेशे से किसान अमराभाई बोरिचा ने घोघा थाने में क्षत्रिय समुदाय के लोगों के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन सब इंस्पेक्टर पीआर सोलंकी ने एफआईआर दर्ज नहीं की.
उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में बोरिचा ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था. इस दौरान क्षत्रियों के एक समूह द्वारा उन पर हमला किया गया था.’
रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के संबंध में मंगलवार रात 10:30 बजे तक घोघा थाने में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी. सब इंस्पेक्टर सोलंकी, भावनगर एसपी और भावनगर आईजी ने फोन कॉल का कोई जवाब नहीं दिया.
मकवाना ने आरोप लगाया कि सनोदर गांव में बोरिचा का परिवार इकलौता दलित परिवार था. क्षत्रिय समुदाय के लोग उनकी कृषि भूमि के साथ घर की जमीन को हड़पना चाहते थे.
मकवाना ने कहा, ‘एक महीने पहले आरोपियों ने बोरिचा के घर की जमीन पर अतिक्रमण किया था. उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.’