एक ऑनलाइन चर्चा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि उस दौरान जो भी हुआ वह ग़लत था, लेकिन वह वर्तमान परिप्रेक्ष्य से मौलिक रूप से बिल्कुल अलग था, क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर क़ब्ज़ा करने का प्रयास नहीं किया. उन्होंने दावा किया कि पार्टी में चुनाव कराने की मांग को लेकर उनकी आलोचना की गई थी.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल एक ‘गलती’ थी.
उन्होंने कहा कि उस दौरान जो भी हुआ वह गलत था, लेकिन वह वर्तमान परिप्रेक्ष्य से मौलिक रूप से बिल्कुल अलग था, क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया.
अमेरिका के कॉरनेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ हुई एक ऑनलाइन बातचीत में गांधी ने कहा कि वह कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई.
आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वह एक गलती थी. बिल्कुल, वह एक गलती थी. और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था.’
इंदिरा गांधी द्वारा 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि के लिए आपातकाल लागू किया गया था, जब नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगा दिया गया था.
आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी इस बाबत प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि उन्हें हारने का डर था.
इस संबंध में पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि आपातकाल में जो भी हुआ वह गलत था और उसमें तथा आज की परिस्थिति में मूलभूत अंतर है.
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने भारत के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास कभी नहीं किया और कांग्रेस के पास ऐसा करने की काबिलियत भी नहीं है. हम ऐसा करना चाहें तब भी हमारी संरचना ऐसी है कि हम नहीं कर पाएंगे.’
गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ ऐसा कर रहा है जो अपने मौलिक रूप में भिन्न है. उन्होंने कहा कि आरएसएस देश के संस्थानों में अपने लोगों की भर्ती कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘अगर हम भाजपा को चुनाव में हरा भी दें तब भी हम संस्थागत ढांचे में उनके लोगों से छुटकारा नहीं पा सकेंगे.’
गांधी ने कमलनाथ के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए कहा कि कमलनाथ ने उन्हें बताया था कि मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते थे, क्योंकि वे आरएसएस के लोग थे और उन्हें जैसा कहा जाता था वैसा वह नहीं करते थे.
गांधी ने कहा, ‘इसलिए, यह जो कुछ भी हो रहा है, बिलकुल अलग हो रहा है.’
उन्होंने आश्चर्य जताया कि यह सवाल क्यों नहीं उठता कि भाजपा, बसपा और सपा में आंतरिक लोकतंत्र क्यों नहीं है. उन्होंने कहा है कांग्रेस के बारे में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं, क्योंकि यह एक वैचारिक पार्टी है. इसलिए हमारे लिए लोकतांत्रिक होना अधिक महत्वपूर्ण है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने इस बात का खुलासा किया कि पार्टी के अंदर युवा कांग्रेस और एनएसयूआई स्तर पर चुनाव करने की मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं ने उनकी आलोचना की थी. उन्होंने कहा, ‘मैं पहला व्यक्ति हूं, जो कहता है कि पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक चुनाव बिल्कुल जरूरी हैं.’
उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राहुल गांधी की 1991 में मौत को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि उस घटना ने उन्हें हिंसा का समझने मदद की.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)