दलित अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर के साथ काम करने वाले मजदूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार को एक औद्योगिक इकाई के ख़िलाफ़ संगठन बनाकर विरोध करने के लिए दर्ज दो मामलों में तीन मार्च और एक मामले में 4 मार्च को ज़मानत मिल गई. 12 जनवरी को कौर की गिरफ़्तारी के बाद शिव कुमार को हिरासत में लिया गया था.
नई दिल्ली: हरियाणा के सोनीपत जिला स्थित एक स्थानीय अदालत ने मजदूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार को उन सभी तीन मामलों में जमानत दे दी, जो उन पर एक औद्योगिक इकाई के खिलाफ संगठन बनाकर विरोध करने के लिए दर्ज की गई थी.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, 24 वर्षीय कुमार को दो मामलों में तीन मार्च को और एक मामले में 4 मार्च को जमानत दी गई.
कुमार मजदूर अधिकार संगठन के प्रमुख हैं और दलित अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर के साथ मिलकर काम करते हैं.
दोनों ही कार्यकर्ता कुंडली इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन (केआईए) के साथ काम करते थे. मजदूर अधिकारी संगठन के सदस्यों ने द वायर को बताया कि दोनों उन मजदूरों के अधिकारों के लिए लड़ते थे जिन्हें उनकी मजदूरी नहीं मिलती थी.
लाइव लॉ के अनुसार, पुलिस ने कुमार और कौर पर हत्या का प्रयास, चोरी और रंगदारी जैसे आरोपों में मामला दर्ज किया था.
12 जनवरी को कौर की गिरफ्तारी के बाद शिव कुमार को गिरफ्तार किया गया था. 26 फरवरी को कौर को जमानत मिल गई थी और बाहर आने के बाद उन्होंने लोगों से शिव कुमार की रिहाई के लिए आवाज उठाने के लिए कहा.
कौर ने कहा था, ‘उन्हें पुलिस ने बुरी तरह से पीटा था, उनकी हड्डियां टूट गई थीं. मैं लोगों से अनुरोध करती हूं कि वे उनकी जमानत के लिए भी आवाज उठाएं.’
वास्तव में कुमार के मेडिकल परीक्षण से हिरासत में बर्बर प्रताड़ना के प्रमाण मिले. पहले इंडियन एक्सप्रेस और फिर द वायर ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चंडीगढ़ स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) द्वारा जमा की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि कुमार को किसी ठोस हथियार से कम से कम दो फ्रैक्चर और कई अन्य चोटें आई हैं जो दो हफ्ते पुरानी हैं.
कुमार के पिता की याचिका पर संज्ञान लेते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 19 फरवरी को मेडिकल परीक्षण कराने का आदेश दिया था. रिपोर्ट में हिरासत में लिए जाने के बाद कुमार को आई चोटों की डिटेल्स थीं.
कौर ने भी अपनी गिरफ्तारी के बाद आरोप लगाया था कि पुलिस अधिकारी बिना किसी महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी के उन्हें लेकर पुलिस स्टेशन गए थे और पुलिस अधिकारियों ने उनकी बुरी तरह पिटाई की थी.
कौर और कुमार के वकीलों ने द वायर को बताया कि इस तरह हिरासत में बुरी तरह प्रताड़ित किया जाना उनकी जमानत का आधार बनेगा.
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