विधानसभा चुनाव राउंडअप: तृणमूल कांग्रेस ने अपने पूर्व राज्यसभा सदस्य दिनेश त्रिवेदी के भाजपा में शामिल होने पर कहा कि उन्होंने पार्टी के साथ विश्वासघात किया. भाजपा ने असम में 70 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की. कार्यकर्ता अखिल गोगाई असम के शिवसागर से चुनाव लड़ेंगे. तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक ने भाजपा को कन्याकुमारी लोकसभा सीट और 20 विधानसभा सीटें दीं.
नई दिल्ली/कोलकाता/गुवाहाटी/चेन्नई: तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद दिनेश त्रिवेदी शनिवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.
उन्होंने पश्चिम बंगाल में हिंसा के मुद्दे का हवाला देते हुए कुछ दिन पहले राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान तथा अन्य नेताओं की उपस्थिति में त्रिवेदी पार्टी में शामिल हुए.
त्रिवेदी को सिद्धांतों पर चलने वाला नेता बताते हुए नड्डा ने कहा कि पहले वह गलत पार्टी में सही व्यक्ति थे और अब सही पार्टी में आ गए हैं.
नड्डा ने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस में भ्रष्टाचार, अवसरवादिता, लोकतंत्र की हत्या, संस्थाओं का गला घोंटना, ये सब कुछ विराजमान है. इसीलिए संवेदनशील और विवेकशील व्यक्तित्व के धनी दिनेश त्रिवेदी ने तृणमूल को छोड़कर आज भाजपा को जॉइन किया है.’
Former Union Minister Shri Dinesh Trivedi joins BJP in the presence of BJP National President Shri @JPNadda at BJP headquarters in New Delhi. pic.twitter.com/yjGYfZdpdW
— BJP (@BJP4India) March 6, 2021
70 वर्षीय त्रिवेदी ने कहा कि वह इस स्वर्णिम अवसर के इंतजार में थे. उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों में परिवार सबसे ऊपर होता है, लेकिन भाजपा में लोग सर्वोपरि हैं.
उन्होंने महामारी से मुकाबला करने और पड़ोसी देशों के मुद्दों पर मोदी सरकार की सराहना की. हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है.
त्रिवेदी, ममता बनर्जी के विश्वस्त सहयोगी माने जाते थे और वह संप्रग सरकार में रेल मंत्री भी थे.
दिनेश त्रिवेदी ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया: तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को अपने पूर्व राज्यसभा सदस्य दिनेश त्रिवेदी के भाजपा में शामिल होने पर निशाना साधा और कहा कि वह कृतघ्न हैं.
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के साथ विश्वासघात किया.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘पिछले कई वर्षों में उन्होंने कुछ नहीं कहा. अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें पार्टी से शिकायत हो गई. वह कृतघ्न हैं और उन्होंने राज्य की जनता के साथ विश्वासघात किया है.’
घोष ने आरोप लगाया कि त्रिवेदी पार्टी में कई पदों पर रहे और उन्हें कई जिम्मेदारियां दी गईं. इस समय जब पार्टी के लिए कुछ करने का समय आया तो उन्होंने विश्वासघात किया.
वहीं, तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत राय ने कहा, ‘त्रिवेदी जैसे लोगों ने अपने कार्यकाल में सत्ता का आनंद लिया और चुनाव के समय पार्टी छोड़ दी.’
नंदीग्राम से ममता बनर्जी को चुनौती देंगे भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के परंपरागत भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा के एक दिन बाद शनिवार को भाजपा ने उन्हें चुनौती देने के लिए हाल ही में तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी को मैदान में उतारा है.
Suvendu Adhikari to contest West Bengal Assembly election from Nandigram seat: BJP General Secretary Arun Singh pic.twitter.com/G9HArB8HFA
— ANI (@ANI) March 6, 2021
शनिवार को भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ेंगे.
बीते साल दिसंबर में पश्चिम बंगाल के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी विभिन्न दलों के नौ विधायकों और तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे.
इससे पहले बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, ‘हम नौ मार्च को अपना घोषणा पत्र जारी करेंगे. दस मार्च को मैं नंदीग्राम सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करूंगी.’
बनर्जी ने जनवरी में घोषणा की थी कि वह नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ेंगी.
बनर्जी पहली बार नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. इस सीट का प्रतिनिधित्व 2016 में हाल ही भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी ने किया था, जबकि 2011 में तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य उम्मीदवार ने किया था.
तृणमूल कांग्रेस के शिवपुर से विधायक लाहिड़ी ने पार्टी से इस्तीफा दिया
हावड़ा: पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज हावड़ा में शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक जटू लाहिड़ी ने शनिवार को घोषणा की कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
लाहिड़ी ने संवाददाताओं से कहा कि तृणमूल कांग्रेस का वफादार सिपाही होने के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनकी अनदेखी की.
उन्होंने कहा, ‘टिकट नहीं मिलने से ज्यादा मुझे इस बात का दुख है कि एक बाहरी व्यक्ति जिसका मतदाताओं के साथ कोई संपर्क नहीं है और उन्हें पार्टी में शामिल किए जाने के कुछ ही दिन बाद टिकट दे दिया गया. ऐसा लगता है कि तृणमूल कांग्रेस को अब हमारी जरूरत नहीं है. मैं पार्टी छोड़ रहा हूं.’
तृणमूल कांग्रेस ने हावड़ा की शिवपुर सीट से पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है.
लाहिड़ी ने यह भी संकेत दिया कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, भाजपा सूत्रों का कहना है कि लाहिड़ी के पार्टी में शामिल होने की कोई जानकारी नहीं है.
टीएमसी विधायक सोनाली गुहा ने भाजपा में शामिल होने के संकेत दिए
पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज तृणमूल कांग्रेस की विधायक सोनाली गुहा ने भाजपा में शामिल होने के शनिवार को संकेत दिये.
कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीबी सहयोगी रहीं और पार्टी से चार बार की विधायक गुहा को शुक्रवार को जब यह पता चला कि उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया है तो वह रोने लगी थीं.
सतगछिया से विधायक गुहा ने कहा कि वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय से बात करेंगी और अपने भविष्य को लेकर आगे की रणनीति तय करेंगी.
गुहा ने कहा, ‘ईश्वर ममता-दीदी को अच्छी समझ और सम्मति दें, मैं शुरू से उनके साथ हूं. मुझे अपने भविष्य के बारे सोचना है. मैं एक राजनीतिक व्यक्ति होने के नाते बेकार नहीं बैठ सकती हूं.’
रॉय ने कहा कि गुहा के अलावा तृणमूल कांग्रेस के कई अन्य विधायकों एवं नेताओं ने शुक्रवार की शाम से उनसे संपर्क किया है.
तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक, एक सांसद और कई नेता पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं.
परंपरागत भवानीपुर सीट की जगह नंदीग्राम से चुनाव लड़ेगी ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर 291 सीटों के लिए तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची शुक्रवार को जारी की.
टिकटों के बंटवारे में युवाओं, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और पिछड़े समुदायों पर जोर दिया गया है. सूची में 114 नए चेहरों को जगह दी गई है.
सूची जारी होने के साथ ही बनर्जी ने नंदीग्राम विधानसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी की पुष्टि की. पार्टी ने पांच मंत्रियों सहित 28 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है. हालांकि, इसके लिए उनकी बढ़ती उम्र और खराब सेहत का हवाला दिया गया है.
तृणमूल कांग्रेस के सहयोगी दल गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के बिमल गुरूंग गुट के उम्मीदवार दार्जिलिंग की शेष तीन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
नंदीग्राम सीट से अपनी उम्मीदवारी की पुष्टि करते हुए बनर्जी ने कोलकाता में अपनी पारंपरिक भवानीपुर सीट के लिए शोभनदेव चट्टोपाध्याय पर भरोसा जताया है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इस बार हमने युवाओं और महिला उम्मीदवारों पर जोर दिया है. सूची में 50 महिलाओं, 42 मुस्लिमों, 79 अनुसूचित जाति (एससी) और 17 अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के नाम हैं.’
लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने का दावा करते हुए बनर्जी ने इसे सबसे आसान चुनाव करार दिया.
यह पूछे जाने पर कि क्या 1998 में तृणमूल कांग्रेस की स्थापना के बाद से पार्टी का यह सबसे कठिन चुनाव होने वाला है तो उन्होंने कहा, ‘यह हमारे लिए आसान चुनाव होगा. हम इसे जीतेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘सत्ता में आने के बाद हम विधान परिषद का गठन कराएंगे ताकि वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को समायोजित किया जा सके. हम हर किसी को, विशेष रूप से 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को समायोजित नहीं कर सकते थे.’
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा खराब स्वास्थ्य के कारण चुनाव नहीं लड़ेंगे.
कैबिनेट मंत्री पूर्णेंदु बोस, अब्दुर रज्जाक और राज्य मंत्री रत्न घोष कार और बच्चू हांसदा का नाम भी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची में नहीं हैं.
बनर्जी ने कहा, ‘हम पर्वतीय क्षेत्रों में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का समर्थन करेंगे और वे मैदानी क्षेत्रों में हमारा समर्थन करेंगे.’
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती दी कि वे जितना चाहें केंद्रीय बल तैनात करें, लेकिन जीत तृणमूल कांग्रेस की ही होगी.
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के हेमंत सोरेन और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार को भी धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय जनता दल (राजद), समाजवादी पार्टी (सपा) और शिवसेना के बाद तृणमूल कांग्रेस को बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए झामुमो और राकांपा का भी समर्थन मिला है.’
पार्टी ने अभिनेत्री सयांतिका बनर्जी, कौशनी मुखर्जी, फिल्म निर्देशक राज चक्रवर्ती के साथ कई अन्य अभिनेताओं और अभिनेत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा है.
क्रिकेटर मनोज तिवारी हावड़ा जिले की शिबपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
प्रमुख मंत्रियों पार्थ चटर्जी, फरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी को उनकी पारंपरिक सीटों से ही टिकट दिये गये हैं.
बनर्जी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची कालीघाट स्थित अपने आवास में उसी कक्ष से जारी की, जहां से उन्होंने 2011 और 2016 विधानसभा चुनावों में किया था.
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और आई-पैक के सर्वेक्षण ने भी टिकट बंटवारे में अहम भूमिका अदा की है.
इस बीच सूची जारी होने के बाद नाम नहीं शामिल होने वाले कई विधायकों के समर्थकों ने राज्य में कई स्थानों पर सड़के जाम करके विरोध जताया. टिकट की इच्छा रखने वाले कई नेताओं ने पार्टी छोड़ने की बात भी कही है.
उधर, बंगाल की भाजपा इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस की सूची पर निशाना साधते हुए कहा कि ममता बनर्जी का अधिकतर नए चेहरों को मैदान में उतारने का फैसला इस बात का संकेत है कि उन्हें पार्टी के पुराने नेताओं पर भरोसा नहीं रह गया.
तृणमूल, वाम उम्मीदवारों ने बंगाल चुनावों के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत की
तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के उम्मीदवारों ने शनिवार को पश्चिम बंगाल चुनावों के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत की.
तृणमूल ने शुक्रवार को 291 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की वहीं वाम दलों ने पहले चरण में 39 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है.
अशोक नगर क्षेत्र से तृणमूल उम्मीदवार धीमान राय ने सुबह घर-घर जाकर प्रचार शुरू किया. पार्टी के यादवपुर के उम्मीदवार देवव्रत मजूमदार ने भी इलाके में मतदाताओं से मुलाकात की.
झाड़ग्राम से माकपा उम्मीदवार मधुजा सेन राय ने भी अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की.
बेहाला में तृणमूल के समर्थक इलाके में पार्टी के दो उम्मीदवारों- पार्थ चटर्जी (बेहाला पश्चिम) और रत्ना चटर्जी (बेहाला पूर्व) के समर्थन में दीवारों पर पेंटिंग करने में व्यस्त दिखे.
रत्ना को तृणमूल ने अलग रह रहे उनके पति और भाजपा उम्मीदवार शोभन चटर्जी के खिलाफ उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने यहां पर्णश्री आवास पर पूजा करने के बाद प्रचार अभियान की शुरुआत की.
उन्होंने कहा, ‘सीट पर जीत दर्ज करने के लिए मैं पूरा प्रयास करूंगी. हम सभी ममता बनर्जी को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए काम कर रहे हैं.’
लाभपुर से तृणमूल उम्मीदवार अभिजीत सिंघ ने कहा कि लगता है कि उनके खिलाफ कोई विपक्ष नहीं है.
तृणमूल विधायक ने विधानसभा चुनाव लड़ने से किया इनकार
तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं और पार्टी छोड़ने के बीच तृणमूल के एक और विधायक समीर चक्रवर्ती ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने कहा कि वे इस मुद्दे पर चक्रवर्ती से बात करेंगे.
चक्रवर्ती ने फेसबुक पर पोस्ट कर कहा, ‘मैंने पार्टी सुप्रीमो (ममता बनर्जी) को बता दिया है कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता, लेकिन पार्टी के लिए प्रचार करूंगा.’
चक्रवर्ती पहली बार बांकुरा जिला में तालडंगरा से विधायक चुने गए थे. वह टीवी समाचार चैनलों पर होने वाले कार्यक्रमों में तृणमूल का जाना माना चेहरा हैं और इन कार्यक्रमों में विभिन्न मुद्दों पर टीएमसी का विचार रखते हैं.
भाजपा नेता सायंतन बसु ने कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव के साथ तालडंगरा निर्वाचन क्षेत्र में टीएमसी भाजपा से बेहद पीछे थी और यहां से भगवा पार्टी के सुभाष सरकार विजयी रहे थे. यह क्षेत्र बांकुरा संसदीय क्षेत्र में पड़ता है.
बंगाल: दो चरणों के लिए वाम, कांग्रेस व आईएसएफ के बीच सीटों का आवंटन संपन्न
पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा, कांग्रेस व इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) महागठबंधन ने शुक्रवार को उन निर्वाचन क्षेत्रों के नामों की घोषणा कर दी जिन पर तीनों दल पहले दो चरणों के चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेंगे.
वाम मोर्चा ने अपनी आवंटित सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी. हालांकि कांग्रेस और आईएसएफ द्वारा अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा बाद में की जाएगी. उनके नेताओं ने यह जानकारी दी.
वाम मोर्चा अध्यक्ष विमान बोस ने कहा कि कुछ सीटों को लेकर अभी महागठबंधन के घटकों के बीच सहमति नहीं बनी है.
इन सीटों में नंदीग्राम भी शामिल है, जहां से तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ेंगी.
असम: सीट बंटवारे पर मतभेद की ख़बरों के बीच कांग्रेस ने कहा, सुष्मिता देव पार्टी के साथ
कांग्रेस ने मीडिया के एक वर्ग में सुष्मिता देव के इस्तीफे को लेकर आई खबरों को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि महिला कांग्रेस की प्रमुख पार्टी के साथ हैं.
एआईयूडीएफ के साथ सीट बंटवारे पर पार्टी नेताओं में मतभेद के बीच सुष्मिता के इस्तीफे की खबर आई.
पार्टी प्रवक्ता बबीता शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा, ‘असम प्रदेश कांग्रेस समिति के संज्ञान में यह बात आई है कि अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव के इस्तीफे के बारे में कयास लगाई जाने वाली खबरें कुछ टेलीविजन चैनलों और वेब पोर्टल पर चल रही हैं. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि सुष्मिता देव ने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है.’
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इससे पहले नगर के एक होटल में उम्मीदवारों के चयन को लेकर कांग्रेस की बैठक से देव बाहर निकल गई थीं.
उनके समर्थकों ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था, जिन्होंने बराक घाटी में एआईयूडीएफ को ज्यादा सीट आवंटित करने का पक्ष लिया.
कांग्रेस नीत ‘महाजोत’ या महागठबंधन में एआईयूडीएफ, बीपीएफ, माकपा, भाकपा और आंचलिक गण मोर्चा शामिल हैं.
असम की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव 27 मार्च को शुरू होंगे और छह अप्रैल को संपन्न होंगे.
पहले चरण के तहत राज्य की 47 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत 39 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल और तीसरे व अंतिम चरण के तहत 40 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल को मतदान संपन्न होगा. नामांकन की आखिरी तारीख नौ मार्च है.
असम: भाजपा ने जारी की 70 उम्मीदवारों की पहली सूची
भाजपा ने शुक्रवार को आगामी असम विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपने 70 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल माजुली से, प्रदेश अध्यक्ष रंजीत दास पटाचारकुची से और राज्य सरकार के मंत्री हेमंत विश्व सरमा जलकुबारी से चुनाव लड़ेंगे.
पार्टी ने 11 वर्तमान विधायकों के टिकट काटे हैं, जबकि 11 सीटों पर अनुसूचित जनजाति और चार सीटों पर अनुसूचित जाति उम्मीदवारों को टिकट दिया.
भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की.
उन्होंने बताया कि असम में अपने सहयोगी दलों असम गण परिषद (अगप) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी.
उन्होंने बताया कि सीटों के तालमेल के मुताबिक 126 सदस्यीय राज्य विधानसभा की 26 सीटों पर अगप और आठ सीटों यूपीपीएल जबकि शेष 92 सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारेगी.
भाजपा ने जिन 70 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की उन पर पहले और दूसरे चरण में मतदान होना है.
राज्य में तीन चरणों में मतदान होने हैं.
वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 60 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि अगप को 14 सीटों पर जीत मिली थी. यूपीपीएल भाजपा के साथ गठबंधन का हाल ही में हिस्सा बनी है. फिलहाल विधानसभा में उसका एक भी सदस्य नहीं है.
पिछले चुनाव में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने भाजपा और अगप के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और उसने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार चुनाव में बीपीएफ ने कांग्रेस और एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया है.
इस बार के चुनाव असम में भाजपा को अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है. वहां उसका सामना कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है. भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सालों के कांग्रेस शासन का अंत करते हुए पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सत्ता हासिल की थी.
असम कांग्रेस का सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण का वादा
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि असम में अगर ‘महाजोत’ (महागठबंधन) सत्ता में आता है तो सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा.
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की प्रमुख सुष्मिता देव ने कहा कि कांग्रेस नीत गठबंधन महिला और युवाओं के उत्थान पर अधिक ध्यान देगा.
उन्होंने कहा, ‘जब कांग्रेस नीत महागठबंधन सरकार बनाएगा तो हम महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू करेंगे, जो हम सबसे पहले करेंगे, उनमें से एक यह है.’
देव ने कहा कि कांग्रेस और महागठबंधन जवाबदेही तथा नौकरी की गारंटी में यकीन रखता है.
उन्होंने भाजपा नीत राज्य सरकार की सीधे लाभ स्थानांतरण से संबंधित विभिन्न योजनाओं पर तंज करते हुए कहा, ‘असम की महिलाओं और युवाओं को खैरात नहीं चाहिए. वे नौकरी के मौके चाहते हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान देना चाहते हैं.’
अखिल गोगाई असम के शिवसागर से चुनाव लड़ेंगे
जेल में बंद कार्यकर्ता अखिल गोगोई असम विधानसभा चुनाव में अपनी नवगठित पार्टी राइजर दल के उम्मीदवार के तौर पर शिवसागर सीट से चुनाव लड़ेंगे.
विधानसभा चुनाव के पहले दो चरणों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए राइजर दल के कार्यकारी अध्यक्ष भास्को डी. सैकिया ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष गोगोई शिवसागर सीट से चुनाव लड़ेंगे.
पहले चरण में राइजर दल 12 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. हालांकि, एक सीट पर उसकी ओर से अभी उम्मीदवार के नाम का ऐलान करना बाकी है. वहीं, दूसरे चरण में पांच सीटों पर किस्मत आजमाएगी.
सैकिया ने कहा, ‘हमने केवल 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है ताकि मतों का विभाजन न हो और भाजपा को हराया जा सके. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में एक सीएए-विरोधी सरकार बने.’
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गोगोई को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था और तभी से वह जेल में हैं.
असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की अधिसूचना जारी
असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की अधिसूचना शुक्रवार को जारी की गई. दूसरे चरण में एक अप्रैल को 39 सीटों पर मतदान होगा.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 12 मार्च है और इनकी जांच 15 मार्च को होगी. नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 17 मार्च है.
इसके मुताबिक, दिव्यांग, 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजर्ग और कोविड-19 के संदिग्ध एवं संक्रमित लोग डाक मत पत्र सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
विज्ञप्ति के मुताबिक, अगर ऐसे मतदाता मतदान केंद्र में आकर वोट डालना चाहते हैं तो उन्हें हर सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
तमिलनाडु: अन्नाद्रमुक ने भाजपा को कन्याकुमारी लोकसभा सीट और 20 विधानसभा सीटें दीं
तमिलनाडु में सीट बंटवारे को लेकर कई दौर की बातचीत के बाद सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अपनी सहयोगी भाजपा को 20 सीटें और कन्याकुमारी लोकसभा सीट आवंटित किया है.
अन्नाद्रमुक ने चुनाव के लिए शुक्रवार को अपने छह उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के बाद भाजपा के साथ देर रात चुनावी समझौते को अंतिम रूप दिया.
अन्नाद्रमुक ने एक विज्ञप्ति में भाजपा के उम्मीदवारों का चुनाव में पूर्ण समर्थन का संकल्प जताया. इस संबंध में सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से ओ. पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी तथा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि और प्रदेश इकाई के प्रमुख एल. मुरुगन ने समझौते पर हस्ताक्षर किए.
कुछ दिन पहले अन्नाद्रमुक ने पट्टल मक्कल काची (पीएमके) के साथ सीटों के तालमेल को लेकर समझौता किया था और उसे 23 सीटें दी थीं.
सूत्रों ने बताया कि अन्नाद्रमुक राज्य में 234 विधानसभा सीटों में से कम से कम 170 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. इसमें 134 ऐसी सीटें भी हैं जिस पर पार्टी ने 2016 के चुनाव में जीत हासिल की थी.
भाजपा के शीर्ष नेता अमित शाह और अन्नाद्रमुक के पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम के बीच शुरू हुई वार्ता को रवि और तमिलनाडु के लिए चुनाव प्रभारी जी. किशन रेड्डी ने आगे बढ़ाया.
भाजपा की नजर तमिलनाडु के पश्चिमी हिस्से के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों पर है, जिसे अन्नाद्रमुक का मजबूत गढ़ माना जाता है और कुछ क्षेत्रों में भगवा पार्टी का भी प्रभाव है.
शाह ने हाल में तमिलनाडु और पुदुचेरी का दौरा किया था और जनसभाओं को संबोधित किया था. वह सात मार्च को कन्याकुमारी का दौरा करने वाले हैं और एक रोडशो करेंगे.
कन्याकुमारी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस नेता एच. वसंतकुमार का पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)