विधानसभा चुनाव राउंडअप: कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने जनता की दीदी होने के बजाय भतीजे की बुआ बनना पसंद किया. वहीं ममता ने कहा कि मोदी मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं. असम में कांग्रेस की 40 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी. तमिलनाडु कांग्रेस ने कहा कि द्रमुक के साथ सत्ता में भागीदार नहीं बनेंगे.
कोलकाता/नई दिल्ली/सिलीगुड़ी/गुवाहाटी: अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष एवं अन्य ने मिथुन चक्रवर्ती का पार्टी में स्वागत किया.
इसके बाद राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता ने कहा कि वह हमेशा से वंचितों के लिए काम करना चाहते थे और भाजपा ने उन्हें अपनी आकांक्षा पूरी करने के लिए एक मंच दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बंगाली होने पर गर्व है.
उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता था, लेकिन कभी भी इतनी बड़ी रैली का हिस्सा बनने का सपना नहीं देखा था, जिसे दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित किया जाना है. मैं हमारे समाज के गरीब वर्गों के लिए काम करना चाहता था और वह इच्छा अब पूरी होगी.’
इस पर समर्थकों ने खुशी जताई. चक्रवर्ती ने इस मौके पर खुद को कोबरा नाग बताते हुए कहा, ‘आमी जोल धोरा, आई एम नॉट बेले बोरा नोई… अमि इक्ता कोबरा. (मुझे एक हानिरहित सांप समझने की गलती न करें, मैं एक विशुद्ध कोबरा हूं. एक बार काटने में ही आप खत्म हो जाओगे. नया नारा याद कर लो- ईक छोबोले-छोबी (एक बार काटने पर आप तस्वीर बन जाओगे).’
#WATCH | I am a pure cobra. You will be finished in one bite. Now, remember the new slogan — Ek chhobole chhobi (One bite and you will become a photo): Actor Mithun Chakraborty after joining BJP in Kolkata pic.twitter.com/19juRQCEbA
— ANI (@ANI) March 7, 2021
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले महीने मुंबई में अभिनेता के आवास पर उनसे मुलाकात की थी. इसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गयी थीं .
तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य रह चुके अभिनेता ने सारदा पोंजी घोटाले में नाम आने के बाद 2016 में उच्च सदन की सदस्यता छोड़ दी थी. उन्होंने हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य ठीक नहीं होने का हवाला दिया था.
पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा में आठ चरणों में मतदान होगा. राज्य में 27 मार्च, एक अप्रैल, छह अप्रैल, दस अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को अलग-अलग क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे.
ममता ने जनता की दीदी होने के बजाय भतीजे की बुआ बनना पसंद किया: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कोलकाता में एक रैली के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि बंगाल ने वाम शासन के बाद परिवर्तन लाने के लिए बनर्जी पर भरोसा जताया था कि लेकिन उन्होंने राज्य के लोगों को ‘धोखा’ दिया और उनका अपमान किया.
मोदी ने ममता पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने जनता की ‘दीदी’ बनने के बजाय अपने ‘भतीजे’ की ‘बुआ’ बनना पसंद किया.
ब्रिगेड परेड मैदान में भाजपा की विशाल रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री अपने उन विरोधियों पर भी बरसे, जो उन पर कुछ खास उद्योगपति मित्रों का पक्ष लेने का आरोप लगाते हैं.
मोदी ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर हमला करते हुए कहा, ‘आपने बंगाल के उन लोगों को धोखा दिया और अपमान किया, जिन्होंने भरोसा किया था कि वाम शासन के बाद आप परिवर्तन लाएंगी. आपने उनकी उम्मीद और सपनों को चकनाचूर कर दिया.’
उन्होंने आरोप लगाया कि बनर्जी ने लोगों को नजरअंदाज कर, भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दिया, जो कि उन्हें प्यार से ‘दीदी’ कहते हैं.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बनर्जी जैसे प्रतिद्वंद्वी नेताओं पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत के सभी 130 करोड़ लोग मेरे मित्र हैं, मैं उनके लिए कार्य करता हूं. मैंने बंगाल के अपने मित्रों को 90 लाख गैस कनेक्शन प्रदान किए. मेरा चाय से विशेष लगाव है और बंगाल के चाय श्रमिक मेरे मित्र हैं, जिनके लिए मैंने सामाजिक सुरक्षा योजना लागू की है.’
मोदी मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में रविवार को सिलीगुड़ी में एक पदयात्रा निकाली.
बनर्जी ने हजारों समर्थकों के साथ दार्जिलिंग मोड़ से अपराह्न लगभग 2 बजे विरोध मार्च शुरू किया.
रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इतने वर्षों में कई ‘खोखले’ वादे किए और लोगों को अब उन पर विश्वास नहीं है.
उन्होंने जानना चाहा कि प्रधानमंत्री ने हर नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपये क्यों नहीं जमा किए, जैसा कि उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले वादा किया था.
इस पदयात्रा में कई लोगों ने एलपीजी सिलेंडरों की लाल रंग की कार्डबोर्ड की प्रतिकृतियां ली हुई थीं, जिसका नेतृत्व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी कर रही थीं. इस पदयात्रा में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और पार्टी की सांसद मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां भी शामिल थीं.
बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा, ‘आपने कई खोखले वादे किए हैं. लोग हमेशा आपके झूठ को स्वीकार नहीं करेंगे. हम मांग करते हैं कि आप एलपीजी सिलेंडर देश के हर नागरिक के लिए सस्ता करिए. आपने एलपीजी सिलेंडर आम आदमी की पहुंच से दूर कर दिया है.’
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मोदी को ‘झूठ बोलने की अपनी आदत पर शर्मिंदा होना चाहिए.’
सीबीआई ने तृणमूल नेता के भाई के खिलाफ जारी किया लुकआउट नोटिस
सीबीआई ने अवैध कोयला खनन एवं मवेशी तस्करी के मामलों में तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के विश्वस्त करीबी पार्टी नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा के विरूद्ध लुकआउट नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि दोनों ही मामलों में दोनों की भाइयों की भूमिका पर जांच एजेंसी की नजर है और विनय मिश्रा के विरूद्ध मवेशी तस्करी मामले में आरोप-पत्र भी दायर किया जा चुका है तथा सीबीआई उनके विरूद्ध रेडकॉर्नर नोटिस जारी करवाने के लिए इंटरपोल से संपर्क करने का भी विचार कर रही है.
अधिकारियों ने बताया कि लुकआउट नोटिस के तहत सभी बंदरगाहों/हवाईअड्डों को संदिग्ध की आवाजी पर नजर रखने तथा उसके भागने का प्रयास करने पर उसे पकड़ लेने को कहा जाता है.
अधिकारियों ने बताया कि विकास मिश्रा के विरूद्ध हाल ही में अवैध कोयला खनन मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया गया जबकि मवेशी तस्करी मामले में पहले ही लुकआउट नोटिस जारी किया गया था.
पश्चिम बंगाल: कांग्रेस ने 13 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की
कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 13 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की.
पार्टी उम्मीदवारों की सूची में पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता नेपाल महतो का नाम भी शामिल है जो पुरुलिया जिले की अपनी वर्तमान सीट बागमंडी से चुनाव लड़ेंगे. वह चार बार विधायक रह चुके हैं और कांग्रेस विधायक दल के उपनेता भी हैं.
हालांकि न तो कांग्रेस और न ही वाम मोर्चे ने पूर्वी मेदिनीपुर जिले की नंदीग्राम सीट से उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया, जहां टीएमसी की ओर से ममता बनर्जी भाजपा की ओर से शुभेंदु अधिकारी मैदान में हैं.
कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस और वाम मोर्चा अपने गठबंधन साझेदार अब्बास सिद्दीकी के इंडियन सेक्युलर फ्रंट के लिये यह सीट छोड़ेंगे क्योंकि इस सीट पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद है.
कांग्रेस पश्चिम बंगाल में वाम दलों और इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. गठबंधन में बनी सहमति के मुताबिक, कांग्रेस 2016 की तरह इस बार भी 92 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
कांग्रेस ने जिन 13 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, उनमें से सात नए चेहरे हैं.
असम गण परिषद का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हुए परमानंद राजबोंगशी
असम साहित्य सभा परिषद के पूर्व अध्यक्ष परमानंद राजबोंगशी ने शनिवार को असम गण परिषद (अगप) का साथ छोड़ भाजपा की राज्य इकाई के मुख्यालय में भगवा पार्टी का दामन थाम लिया.
राजबोंगशी के साथ राज्य के चाय कर्मी संघ के महासचिव रूपेश गोआला भी भाजपा में शामिल हो गए.
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने असम चुनाव से पहले दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी तथा लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी.
दास ने यह भी कहा कि पार्टी ने राजबोंगशी को सिपाहजार विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है.
असम: कांग्रेस की 40 उम्मीदवारों की पहली सूची में आधे नए चेहरे
असम में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने जिन 40 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है, उनमें से आधे प्रत्याशी नए हैं. प्रदेश के टीटाबोर विधानसभा सीट पर उम्मीदवार के नाम को अंतिम रूप देने से पहले पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत तरुण गोगोई के परिवार से सलाह-मशविरा करेगी. इस सीट से गोगोई लगातार चार बार विधायक निर्वाचित हुए थे.
पहले चरण में 47 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. कांग्रेस ने शनिवार रात उनमें से 40 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की.
पार्टी की पहली सूची में 20 नए चेहरे हैं और छह मौजूदा विधायक हैं. इनमें कांग्रेस विधायक दल के नता देबब्रत सैकिया का नाम भी शामिल है, जो नजीरा से उम्मीदवार बनाए गए हैं.
भाजपा की नजर प्रतिष्ठित टीटाबोर सीट पर है, जबकि कांग्रेस इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है. प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके तरुण गोगोई इस सीट से विधायक थे. पिछले साल 23 नवंबर को कोविड-19 के बाद की जटिलताओं के चलते उनका निधन हो गया था.
टीटाबोर के अलावा तिनसुकिया, ढकुआखाना, बेहाली, ढिंग एवं बोकाखत सीटों पर तथा एआईयूडीएफ के खाते वाली नौबोइचा सीट पर अभी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा बाकी है.
सैकिया के अलावा, जिन विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है, उनमें समागुरी से रकीबुल हुसैन, रूपोहीहाट से मो. नुरुल हुदा, मरियानी से रूपज्योति कुर्मी, सरूपथार से रोजलीना तिर्की और दुमदुमा से दोमा दुर्गा भूमिज शामिल हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य रिपुन बोरा गोहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जहां उनकी पत्नी मोनिका बोरा को भाजपा उम्मीदवार ने करीब 30 हजार मतों से पराजित किया था.
पार्टी ने चार महिलाओं समेत उन 12 उम्मीदवारों को भी टिकट दिए हैं, जो 2016 के विधानसभा चुनावों में कम अंतर से हार गए थे. इनमें जोरहाट से राणा गोस्वामी, थाउरा से सुशांत बरगोहाईं, माहमारा से सूरज दिहिंगिया, बिहपुरिया से भूपेन कुमार बोरा, सूतिया से प्राणेश्वर बसुमतारी, दुलियाजान से ध्रुब गोगोई और टिगखांग से एतुवा मुंडा शामिल हैं.
माजुली सीट पर पार्टी ने रानोज कुमार पेगु को फिर से टिकट दिया है, जिन्होंने 2001 से लगातार तीन बार इसका प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन 2016 के चुनावों में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से 18,000 मतों से हार गए थे.
चार महिलाओं को पार्टी ने फिर से उन्हीं विधानसभा सीटों से टिकट दिए हैं, जिन पर पिछले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इन उम्मीदवारों में नाहरकटिया से प्रणती फुकन, खुमटाई से बिस्मिता गोगोई, टियोक से पल्लब गोगोई और आमगुरी से अंगकिता दत्ता शामिल हैं.
पार्टी ने हाल में कांग्रेस में शामिल हुए भाजपा के पूर्व नेता और तेजपुर से सांसद राम प्रसाद सरमा को बरसोला सीट से चुनाव मैदान में उतारा है.
असम में कांग्रेस नीत महागठबंधन में एआईयूडीएफ, बीपीएफ, माकपा, भाकपा और आंचलिक गण मोर्चा शामिल हैं.
प्रदेश की 126 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिये तीन चरणों में- 27 मार्च, एक और छह अप्रैल को मतदान कराए जाएंगे.
असम: शिवसागर जिले के 18 मतदान केंद्रों की जिम्मेदारी केवल महिलाएं संभालेंगी
असम में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए शिवसागर जिले में 18 ऐसे मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनकी जिम्मेदारी केवल महिला कर्मी ही संभालेंगी.
शिवसागर के उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के शनिवार को जारी एक आदेश के तहत, 27 मार्च को चुनाव के पहले चरण के दौरान अमगुरी, थोवरा और शिवसागर निर्वाचन क्षेत्रों में छह-छह ऐसे मतदान केंद्र चुने गए हैं, जिनकी जिम्मेदारी केवल महिला कर्मी संभालेंगी.
आदेशानुसार, अमगुरी निर्वाचन क्षेत्र के लिए ओनैती हेमचंद्र देव उच्चतर माध्यमिक स्कूल (ई), ओनैती हेमचंद्र देव उच्चतर माध्यमिक स्कूल (डब्ल्यू), ओनैती हेमचंद्र देव उच्चतर माध्यमिक स्कूल (डब्ल्यू)-ए, अमगुरी गर्ल्स हाई स्कूल (एन), पेनगेरा एमवी स्कूल (एन) और पेनगेरा एमवी स्कूल (एस) मतदान केंद्रों की जिम्मेदारी केवल महिलाकर्मियों के हाथों में होगी.
थोवरा निर्वाचन क्षेत्र में डेमॉव टाउन एमवी स्कूल (एन), 102 नंबर दिहाजन कुसियामारी एलपी स्कूल (एन), नीताईपुखुरी हाई स्कूल (एन), नीताईपुखुरी हाई स्कूल (एम), नेमुगुरी एलपी स्कूल और 98 नंबर बाम गोहैन गांव एलपी स्कूल मतदान केंद्रों पर केवल महिला कर्मी मतदान कराएंगी.
शिवसागर निर्वाचन क्षेत्र में तीन नंबर गर्ल्स एलपी स्कूल (ई), दो नंबर टाउन प्राइमरी स्कूल, दो नंबर टाउन प्राइमरी स्कूल-ए, ओएनजीसी एलपी स्कूल (एन), ओएनजीसी एलपी स्कूल (एस) और ओएनजीसी एलपी स्कूल (एम) मतदान केंद्रों की जिम्मेदारी महिला मतदान कर्मियों के कंधों पर होगी.
द्रमुक के साथ सत्ता में भागीदार नहीं बनेंगे: तमिलनाडु कांग्रेस
चेन्नई: तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केएस अलागिरी ने रविवार को कहा कि अगर छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में द्रमुक को जीत हासिल होती है तो उनकी पार्टी सत्ता में भागीदार नहीं बनेगी.
उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके सहयोगी दल ने कांग्रेस को 25 सीटें दी हैं.
अलागिरी ने कहा कि उनकी पार्टी ने द्रमुक से राज्यसभा की एक सीट मांगी है.
द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन के साथ सीटों के बंटवारे पर हस्ताक्षर करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि समझौते से उनकी पार्टी खुश है.
अलागिरी ने कहा कि कांग्रेस, द्रमुक अन्य घटक दलों के लिए पंथनिरपेक्षता केंद्रीय बिंदु है.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा देश के लिए बड़ी बीमारी है और वह दूसरों को भी संक्रमित करने का प्रयास कर रही है.’
यह पूछे जाने पर कि क्या द्रमुक की सरकार बनने पर कांग्रेस उसमें भागीदार होगी, अलागिरी ने कहा, ‘नहीं. हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है.’
उन्होंने खुद विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर भी नकारात्मक जवाब दिया. अलागिरी से जब सवाल किया गया कि क्या उनकी पार्टी ने द्रमुक से राज्यसभा सीट की मांग की है तो उन्होंने इसका जवाब ‘हां’ में दिया.
सीटों के बंटवारे को लेकर कई दिनों तक चले विचार-विमर्श के बाद डीएमके ने अपनी अहम सहयोगी कांग्रेस को रविवार को 25 विधानसभा सीटें और कन्याकुमारी लोकसभा सीट दी.
डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन और तमिलनाडु कांग्रेस समिति प्रमुख के एस. अलागिरी ने छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर डीएमके मुख्यालय ‘अन्ना अरिवालयम’ में समझौते पर हस्ताक्षर किए.
कई दिनों तक विचार-विमर्श के बाद शनिवार देर रात समझौते पर सहमति बनी. कांग्रेस नेता एवं पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रभारी दिनेश गुंडु राव ने संवाददाताओं से कहा कि जब देश भाजपा से ‘खतरे’ का सामना कर रहा है, ऐसे में ‘सहयोग की भावना’ के तहत समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
राव ने कहा कि कांग्रेस हमेशा लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ खड़ी होती है. उन्होंने तमिलनाडु एवं पुडुचेरी में अपने मोर्चे की जीत का भरोसा जताया.
कन्याकुमारी लोकसभा सीट से 2019 में निर्वाचित एच. वसंतकुमार के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव अनिवार्य हो गया है. वसंतकुमार का कोविड-19 के कारण निधन हो गया था.
डीएमके ने अब तक अपने सहयोगियों को 48 सीटें दी हैं. कांग्रेस को 25, एमडीएमके, विदुथलाई चिरुथिगाल काची (वीसीके) और माकपा को छह-छह सीटें, आईयूएमएल को तीन और मनिठान्या मक्कल काची को दो सीटें दी गई हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)