विधानसभा चुनाव राउंडअप: सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में भाजपा प्रत्याशी भारती घोष के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट चुनाव परिणाम आने तक स्थगित करने का आदेश दिया. भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच टीएमसी ने हबीबपुर से अपना प्रत्याशी बदला. पत्नी के उम्मीदवार बनने पर हावड़ा ग्रामीण एसपी पद पर कार्यरत पति को हटाया गया. असम में रिकॉर्ड ज़ब्ती. अब तक 18 करोड़ रुपये कीमत का सामान ज़ब्त.
चेन्नई: मनपसंद विधानसभा क्षेत्र और पर्याप्त सीटें नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके (ऑल इंडिया अन्ना दविड़ मुन्नेत्र कजगम) और भाजपा गठबंधन में शामिल डीएमडीके (देसीय मुरपोक्कु दविड़ कजगम) इससे अलग हो गई.
सीट बंटवारे को लेकर एआईएडीएमके के साथ तीन दौर लंबी चली बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकलने पर अभिनेता से नेता बने विजयकांत के नेतृत्व वाली डीएमडीके ने कहा कि वह गठबंधन से अलग हो रही है. पीएमके (पट्टाली मक्कल काची) और भाजपा भी सत्तारूढ़ पार्टी की सहयोगी पार्टी हैं.
विजयकांत ने एक बयान में कहा कि एआईएडीएमके के साथ रिश्ता तोड़ने का फैसला चेन्नई स्थित पार्टी के जिला सचिवों की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, डीएमडीके के संस्थापक और महासचिव विजयकांत के रिश्तेदार एलके सुधीश और बेटे विजय प्रभाकरण समेत डीएमडीके के नेताओं ने इसके तुरंत बाद एआईएडीएमके पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के नेतृत्व में पार्टी के उम्मीदवारों की आने वाले चुनावों में जमानत जब्त हो जाएगी.
#Breaking: #DMDK walks out of NDA alliance, party leader Vijayakant says despite several rounds of talks the ruling party didn't agree to their seat-sharing demand. @IndianExpress pic.twitter.com/QUVWsuFH1j
— Janardhan Koushik (@koushiktweets) March 9, 2021
डीएमडीके के उपसचिव एलके सुधीश ने कहा कि आज हमारे लिए दीपावली है. पार्टी के कार्यकर्ता एआईएडीएमके को हराने के लिए पूरे राज्य में काम करेंगे.
साल 2016 के विधानसभा चुनावों में डीएमडीके वाम और दलित पार्टियों के साथ तीसरे मोर्चे में शामिल थी, इसने विपक्षी वोटों को विभाजित करके एआईएडीएमके को जीतने में मदद की थी. इसके बाद डीएमडीके ने एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन का हिस्सा बनकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था.
एआईएडीएमके ने पीएमके और भाजपा के साथ समझौता किया है और 234 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियों को क्रमश: 23 और 20 सीटें दी हैं. भाजपा को कन्याकुमारी लोकसभा सीट भी दी गई है, जहां उपचुनाव होने वाला है.
तमिलनाडु: एआईएडीएमके का महिला मुखिया को प्रति माह 1,500 रुपये देने का वादा
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके ने सोमवार को कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में पार्टी की सरकार बनने के बाद परिवार की महिला मुखिया को हर महीने बतौर सहायता 1500 रुपये दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने इसकी घोषणा की.
पलानीस्वामी ने सत्ता में लौटने पर सभी परिवारों को हर साल छह रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त मुहैया करने की भी घोषणा की.
वहीं, एक दिन पहले ही विपक्षी डीएमके ने चुनावी वादा करते हुए परिवार की महिला मुखिया को एक हजार रुपये प्रति महीना देने का वादा किया था.
हालांकि, एआईएडीएमके ने कहा कि उसने डीएमके की घोषणा नकल नहीं की है और यह उसके कार्यक्रम में पहले से शामिल था.
तमिलनाडु में 154 सीटों पर लड़ेगी कमल हासन की पार्टी
अभिनेता और नेता कमल हासन की पार्टी मक्क्ल नीधि मय्यम (एमएनएम) ने अपने दो सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे का काम पूरा कर लिया है.
तमिलनाडु विधानसभा के लिए छह अप्रैल को होने वाले चुनाव में एमएनएम 234 में से 154 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
एमएनएम ने सरतकुमार की ऑल इंडिया समतुवा मखल काची और इंडिया जननायक काची के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. सीटों के बंटवारे के अनुसार एआईएसएमके और आईजेके 40-40 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी.
बंगाल: सुप्रीम कोर्ट को आदेश भारती घोष के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट स्थगित किया जाए
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया कि भाजपा उम्मीदवार एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष के खिलाफ 2019 लोकसभा चुनाव हिंसा मामले में जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम आने तक स्थगित किया जाए.
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि मामले में घोष के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए.
शीर्ष अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया.
भाजपा ने घोष को पश्चिम मेदिनीपुर जिले की डेबरा सीट पर तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी हुमायूं कबीर के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है.
कबीर भी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी रह चुके हैं. घोष ने अपने खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने और प्राथमिकी रद्द कराने के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
घोष ने अधिवक्ता समीर कुमार के मार्फत दायर अपनी याचिका में कहा कि 19 फरवरी 2019 को उनके (घोष के) खिलाफ दर्ज सिलसिलेवार ‘झूठे मामलों’ में शीर्ष न्यायालय ने उन्हें किसी तरह की ‘कठोर कार्रवाई से’ राहत प्रदान की थी, इसके बावजूद भी उन्हें राजनीतिक बदले की भावना के कारण नए मामलों में फंसाया जा रहा है.
उन्होंने केशपुर पुलिस थाने में दर्ज एक प्राथमिकी का ब्योरा दिया. यह मामला 12 मई 2019 को संसदीय चुनाव के दौरान दर्ज किया गया था.
घोष ने कहा था कि वह पिछले लोकसभा चुनाव में घाटल संसदीय सीट से भाजपा की उम्मीदवार थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उन पर हर मतदान केंद्र पर हमला किया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही.
उन्होंने कहा कि केशपुर प्राथमिकी को हाल के समय तक पुलिस की वेबसाइट पर नहीं डाला गया था और उनके पास सीआरपीसी की धारा 75 के तहत गिरफ्तारी का एक वारंट आने तक इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी.
कभी राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीबी माने जाने वाली घोष ने दावा किया कि पुलिस ने उनके खिलाफ एक दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज की है.
गौरतलब है कि एक अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कथित वसूली और सोना के लिए प्रतिबंधित नोट अवैध तरीके से बदलने को लेकर गिरफ्तारी से राहत प्रदान की थी.
घोष चार फरवरी 2019 को भाजपा में शामिल हुई थीं. वह छह साल से अधिक समय तक पश्चिम मेदिनीपुर में पुलिस अधीक्षक रही थीं.
बंगाल: पत्नी के उम्मीदवार बनने पर चुनाव आयोग ने पति को एसपी पद से हटाया
चुनाव आयोग ने हावड़ा (ग्रामीण) पुलिस अधीक्षक सौम्य राय की पत्नी के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की प्रत्याशी बनने पर सोमवार को उन्हें (सौम्य राय) उनके पद से हटा दिया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
तृणमूल कांग्रेस ने दक्षिण 24 परगना जिले की सोनापुर दक्षिण सीट से राय की पत्नी लवली मैत्रा को उम्मीदवार बनाया है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि नियमानुसार किसी भी उम्मीदवार के परिवार का कोई सदस्य चुनाव प्रक्रिया से जुड़ा नहीं हो सकता है.
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘सौम्य राय को उनके पद से हटा दिया गया है. उनकी पत्नी चुनाव में उम्मीदवार हैं इसलिए वह किसी भी रूप में चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं रहेंगे.’
गौरतलब है कि मैत्रा को तृणमूल उम्मीदवार नामित किए जाने के बाद से विपक्षी दल प्रश्न उठाने लगे थे कि उनके पति हावड़ा (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक पद पर कैसे रह सकते हैं.
तृणमूल कांग्रेस ने हबीबपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बदला
तृणमूल कांग्रेस ने मालदा जिले के हबीबपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवार सरला मुर्मू को बदलकर उनके स्थान पर प्रदीप बास्के को उम्मीदवार बनाने का सोमवार को फैसला किया.
यह निर्णय मूर्मू को उनकी पसंदीदा सीट से कथित रूप से उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के बाद उनके भाजपा में शामिल हो सकने की अटकलों के बीच लिया गया है.
तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी किसी उम्मीदवार को किसी निर्वाचन क्षेत्र से ‘उसकी निजी इच्छा के अनुसार नहीं, बल्कि उसके जीतने की संभावनाओं’ के आधार पर खड़ा करती है.
तृणमूल ने एक बयान जारी करके कहा, ‘यह सूचित किया जाता है कि सरला मुर्मू के खराब स्वास्थ्य के कारण मालदा जिले के हबीबपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बदलना पड़ा. प्रदीप बास्के इस निर्वाचन क्षेत्र से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.’
मुर्मू से इस संबंध में बात नहीं हो सकी. तृणमूल और भाजपा के बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ‘करो या मरो’ के जबरदस्त मुकाबले में किसी उम्मीदवार को बदलने का यह पहला मामला है.
असम: मुख्यमंत्री सोनोवाल ने नामांकन दाखिल किया
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार को माजुली से विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया.
सोनोवाल ने नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन माजुली के उपायुक्त बिक्रम कैरी के समक्ष अपने कागजात प्रस्तुत किए.
अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले उन्होंने एक बड़ी रैली को संबोधित किया जहां उनकी सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, असम गण परिषद अध्यक्ष अतुल बोरा, भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष रणजीत दास और राज्य पार्टी प्रभारी बैजयंता पांडा मौजूद थे.
सोनोवाल ने कहा, ‘पिछले विधानसभा चुनाव में हम आपके पास ‘परिवर्तन’ के वादे के साथ और ‘जाति-माटी- भेती’ की रक्षा के लिए आए थे, जिसे हमने पूरे समर्पण के साथ पूरा किया है और हम आपसे अपने निरंतर प्यार और हम पर भरोसा बनाए रखने की अपील करते हैं ताकि हम इस विकास यात्रा को जारी रख सकें.
माजुली में 27 मार्च को पहले चरण के तहत मतदान होंगे. 126 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव तीन चरणों में होंगे. दूसरे और तीसरे चरण के मतदान क्रमश: एक अप्रैल और छह अप्रैल को होंगे.
असम: अब तक घोषित 223 उम्मीदवारों में सिर्फ 19 महिलाएं
असम विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियां महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए कई सारे वादे कर रही हैं, लेकिन अब तक घोषणा किए गए कुल 223 उम्मीदवारों में सिर्फ 19 महिलाओं के ही नाम शामिल हैं.
हालांकि, कुल मतदाताओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 49.35 प्रतिशत है.
ज्यादातर पार्टियों ने 126 सदस्यीय राज्य विधानसभा चुनाव के लिए अपने-अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, लेकिन कुल 223 नामों में महिलाएं महज 8.52 प्रतिशत ही हैं.
राज्य विधानसभा चुनाव के तहत 27 मार्च को होने वाले प्रथम चरण के मतदान के लिए कांग्रेस ने 43 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की है, जिनमें छह महिलाओं को टिकट दिया गया है.
वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा ने प्रथम दो चरण के मतदान के लिए 70 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिनमें मात्र चार महिलाओं को टिकट दिया गया है. इसके गठबंधन सहयोगी असम गण परिषद (अगप) ने आठ उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की है, जिसमें सिर्फ एक महिला को टिकट दिया गया है.
विपक्षी महागठबंधन का हिस्सा एआईयूडीएफ ने अब तक अपने 16 उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिनमें सिर्फ एक महिला का नाम शामिल है.
नवगठित क्षेत्रीय दल असम जातीय परिषद ने 67 उम्मीदवारों की सूची में छह महिलाओं को शामिल किया है. वहीं, इसके सहयोगी राइजोर दल ने 19 उम्मीदवारों में से सिर्फ एक महिला को प्रत्याशी बनाया है.
राज्य में कुल 23,186,362 मतदाता हैं, जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 11,443,259 है, जबकि 2016 में यह संख्या 9,594,209 थी.
गौरतलब है कि 2016 के विधानसभा चुनाव में विभिन्न दलों ने कुल 91 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था, जो 1957 से सर्वाधिक संख्या थी. हालांकि कुल 1,064 उम्मीदवारों में महिलाओं का प्रतिशत महज 8.5 था. वहीं, सिर्फ आठ महिलाएं ही विधानसभा पहुंच पाई थीं.
राज्य में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. इसके तहत 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को मतदान होगा.
ट्रेड यूनियन नेता को भाजपा ने डूमडूमा से बनाया उम्मीदवार
भाजपा ने हाल ही में पार्टी में शामिल हुए ट्रेड यूनियन नेता रूपेश गौवाला को असम में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए डूमडूमा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
गोवाला कांग्रेस की ट्रेड यूनियन शाखा से संबद्ध ‘असम चाह मजदूर संघ’ के पूर्व सचिव हैं.
ऊपरी असम की डूमडूमा सीट में चाय का काम करने वाले आदिवासी समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है.
असम में डूमडूमा सीट पर चुनाव पहले चरण में 27 मार्च को होगा. कांग्रेस ने इस सीट से अपने मौजूदा विधायक दुर्गा भूमजी को उतारा है, जिन्होंने 2016 के चुनाव में 782 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी.
भाजपा के प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रंजीत दास ने इससे पहले घोषणा की थी कि गौवाला ही डूमडूमा से पार्टी के उम्मीदवार होंगे और सोमवार को उनके नाम की औपचारिक घोषणा की गई.
असम: चुनावी जब्ती के सारे रिकॉर्ड तोड़े, अब तक 18 करोड़ रुपये कीमत का सामान जब्त
विधानसभा चुनाव के दौरान नकदी, शराब, ड्रग्स और अन्य वस्तुओं की जब्ती के मामले में असम ने अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और विभिन्न एजेंसियों ने अभी तक राज्य से 18 करोड़ रुपये कीमत का सामान जब्त किया है. साथ ही पिछले 11 दिनों में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
एक अधिकारी ने बताया कि सबसे ज्यादा 5.72 करोड़ रुपये कीमत की जब्ती रविवार सुबह नौ बजे के बाद 24 घंटों के भीतर हुई है.
अधिकारी ने बताया, ‘राज्य भर में कम से कम 756 टीमें काम कर रही हैं. एसएसटी और उड़न दस्तों सहित राज्य और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अभी तक की गई जब्ती पिछले सभी चुनावों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है.’
असम निर्वाचन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से सोमवार तक एजेंसियों ने 18.31 करोड़ रुपये कीमत की जब्ती की है.
रिपोर्ट के अनुसार, 4.27 करोड़ रुपये नकद, 5.52 करोड़ रुपये कीमत की शराब (3.58 लाख लीटर), चार करोड़ रुपये कीमत के मादक पदार्थ, एक करोड़ रुपये कीमत की महंगी धातु, जैसे सोना-चांदी और 3.52 करोड़ रुपये कीमत के अन्य सामान्य शामिल हैं.
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से विभिन्न टीमों ने 100 लोगों को अवैध शराब से जुड़े मामलों में और आठ लोगों को मादक पदार्थों से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है.
पिछले 11 दिनों में सबसे ज्यादा 26 लोग कछार जिले से गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि गोआलपाड़ा से 16 और शिवसागर जिले से 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुदुचेरी: एनडीए के घटक के रूप में 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगा एआईएनआरसी
भाजपा ने मंगलवार को ऐलान किया कि पुदुचेरी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल के रूप में एआईएनआरसी 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. केंद्र शासित प्रदेश में एक चरण में छह अप्रैल को मतदान होना है.
गठबंधन की बातचीत के बाद पुदुचेरी के भाजपा प्रभारी निर्मल कुमार सुराना ने पत्रकारों को बताया कि एआईएनआरसी, अन्नाद्रमुक और भाजपा के बीच सहमति बनी है. रंगासामी नीत पार्टी (एआईएनआरसी) को 16 सीटें दी गई हैं जबकि बाकी 14 सीटें भाजपा और अन्नाद्रमुक के हिस्से में आई हैं.
उन्होंने कहा, ‘दोनों पार्टियां (भाजपा और अन्नाद्रमुक) आपस में मिलकर सीटों की संख्या पर फैसला करेंगी.’
सुराना ने कहा, ‘एनडीए यहां अपने सबसे सफल और लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ेगी और पुदुचेरी में गठबंधन का नेतृत्व रंगासामी करेंगे.’
यह पूछने पर कि गठबंधन की ओर से किसे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तय किया गया है, सुराना ने कहा कि यह चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में तय होगा.
उन्होंने कहा, ‘हम बड़ी संख्या में सीटें जीत कर सरकार बनाएंगे. एआईएनआरसी, अन्नाद्रमुक और भाजपा यहां सभी एनडीए के घटक हैं.’
भाजपा की पुदुचेरी इकाई के उपाध्यक्ष वी. सामीनाथन और केंद्र शासित प्रदेश में अन्नाद्रमुक के सचिव ए. अनबलगन भी पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान मौजूद थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)