दो कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने विधानसभा में कहा कि अब तक हरियाणा से मृत प्रदर्शनकारियों के परिजनों को नौकरी और वित्तीय सहायता देने के लिए राज्य सरकार के विचारार्थ कोई प्रस्ताव नहीं है.
चंडीगढ़: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने सोमवार को यहां विधानसभा में कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से सटी राज्य की सीमाओं पर प्रदर्शन के दौरान विभिन्न कारणों से 68 लोगों की मौत हुई है.
दो कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विज ने कहा कि इनमें से 21 हरियाणा के थे, जबकि 47 पंजाब के निवासी थे.
उन्होंने बताया कि 18 फरवरी तक इनमें से 51 लोगों की मौत स्वास्थ्य कारणों से हुई, जबकि 15 की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई और दो ने आत्महत्या की.
विज ने सदन को बताया कि अब तक हरियाणा से मृत प्रदर्शनकारियों के परिजनों को नौकरी और वित्तीय सहायता देने के लिए राज्य सरकार के विचारार्थ कोई प्रस्ताव नहीं है.
कांग्रेस के दो विधायकों आफताब अहमद और इंदु राज नरवाल ने यह सवाल उठाया था. उन्होंने दिल्ली के साथ लगती राज्य की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन में मरने वाले किसानों की संख्या बताए जाने की मांग की थी.
विधायकों ने हरियाणा और अन्य राज्यों से मृत किसानों की संख्या पूछी थी. विधायकों ने यह भी पूछा था कि क्या सरकार उनके परिजनों को सहायता प्रदान करने के किसी प्रस्ताव पर विचार कर रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक किसानों को शहीद का दर्जा देने सरकार के जवाब पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, ‘हमें इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है.’
सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए मृतक किसानों की संख्या से असहमति जताते हुए चढूनी ने कहा कि यह संख्या पहले ही 250 का आंकड़ा पार कर चुकी है.
उन्होंने आगे कहा, ‘कम से कम 33-34 हरियाणा से हैं. घर से धरना स्थल के लिए यात्रा करने वाले किसानों की संख्या को भी शामिल किया जाना चाहिए.’
गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर 100 से अधिक दिनों से किसान दिल्ली की सीमाओं- सिंघू बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)