बताया जा रहा है कि उत्तराखंड भाजपा के एक धड़े के नेताओं का मानना है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में पार्टी का भविष्य ठीक नहीं दिख रहा है. इसके बाद से ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाएं जताई जा रही थीं. कांग्रेस ने कहा कि मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा भ्रष्टाचार और विफलता पर पर्दा डालने की कोशिश है.
देहरादून/नई दिल्ली: उत्तराखंड भाजपा में उपजे असंतोष के कारण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार शाम 4 बजे राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया.
इस्तीफा सौंपने के बाद रावत ने कहा, ‘पार्टी ने मुझे चार साल तक इस राज्य की सेवा करने का अवसर दिया. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे ऐसा अवसर मिलेगा. अब पार्टी ने तय किया है कि मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का मौका किसी और को दिया जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री के तौर पर आज मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. कल सुबह 10 बजे पार्टी कार्यालय पर भाजपा विधायक दल की बैठक तय है.’
I have submitted my resignation as the CM to the Governor today: Trivendra Singh Rawat pic.twitter.com/KJ7GsWEB4u
— ANI (@ANI) March 9, 2021
उनके इस्तीफे को स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने उन्हें नए मुख्यमंत्री की घोषणा होने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने के लिए कहा.
ऐसा माना जा रहा है कि कल सुबह होने वाली विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होगी.
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार के मंत्री धन सिंह रावत, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मजबूत विकल्प के रूप में उभरे हैं. उत्तराखंड से सांसद अजय भट्ट और अनिल बलूनी को भी मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी कुमाऊं क्षेत्र से एक उप-मुख्यमंत्री भी नियुक्त कर सकती है.
सूत्रों का कहना है कि पुष्कर सिंह धामी को उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
मुख्यमंत्री रावत ने सोमवार को दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई नेताओं से मुलाकात की थी. सोमवार को मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री मंगलवार को देहरादून लौटे थे.
प्रदेश के एक धड़े के नेताओं के रावत के नेतृत्व से नाराज होने की खबरें आई हैं और उनका मानना है कि रावत के नेतृत्व में पार्टी का भविष्य ठीक नहीं दिख रहा.
दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार सहित कुछ बातों को लेकर प्रदेश भाजपा विधायकों में असंतोष की बातें गाहे-बगाहे उठती रही थीं, लेकिन प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों ने छह मार्च की शाम तब जोर पकड़ लिया जब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी मामलों के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार सिंह अचानक देहरादून पहुंचे और कोर ग्रुप की बैठक हुई.
कोर ग्रुप की यह बैठक पहले से प्रस्तावित नहीं थी और यह ऐसे समय बुलाई गई जब प्रदेश की नई बनी ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में राज्य विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र चल रहा था.
बैठक की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री रावत को तुरंत गैरसैंण से वापस देहरादून जाना पड़ा. आनन-फानन में बजट पारित कराकर सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और भाजपा विधायकों को भी तत्काल गैरसैंण से देहरादून बुला लिया गया.
दो घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कोर ग्रुप की बैठक में प्रदेश के ज्यादातर सांसद और प्रदेश संगठन से जुडे़ अहम नेता मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री रावत के गैरसैंण और देहरादून में सोमवार को भी कई कार्यक्रम प्रस्तावित थे, लेकिन हाईकमान के बुलावे पर उन्हें दिल्ली जाना पड़ा जहां से वह मंगलवार को लौटे थे.
रावत उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री हैं. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली भारी सफलता के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य की कमान रावत को सौंपने का फैसला किया था.
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 75 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था. रावत राज्य में भाजपा के पांचवें मुख्यमंत्री हैं.
अगले साल के शुरुआती महीनों में उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव होने की संभावना है.
मुख्यमंत्री का इस्तीफा ‘भ्रष्टाचार और विफलता’ पर पर्दा डालने की कोशिश: कांग्रेस
कांग्रेस ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री बदलने से भाजपा को कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि यह राज्य सरकार के ‘भ्रष्टाचार और विफलता’ पर पर्दा डालने की कोशिश है.
कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा, ‘इससे कुछ नहीं होने वाला है. भाजपा को कोई फायदा नहीं होगा. यह सिर्फ भ्रष्टाचार और विफलता पर पर्दा डालने का प्रयास है.’
I can see a change in power happening. Even the BJP's central leadership has admitted that its present govt in the State could not do much. No matter who they bring now they will not come back to power in 2022: Former Uttarakhand CM and Congress leader Harish Rawat pic.twitter.com/xk1T0ye93w
— ANI (@ANI) March 9, 2021
इससे पहले जब रावत के इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही थीं तब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा था, ‘मैं सत्ता में परिवर्तन होते हुए देख रहा हूं. यहां तक कि भाजपा की केंद्रीय नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया है कि मौजूदा सरकार राज्य में कुछ खास नहीं कर सकी. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वे अब किसे लेकर आएंगे, वे 2022 में सत्ता में नहीं आएंगे.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)