लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इसकी जानकारी दी. आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के बीच दिल्ली में कुल 2,394 कंपनियां बंद हुई हैं जबकि उत्तर प्रदेश में यह संख्या 1,936 है.
नई दिल्ली: अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के बीच देश में 10 हजार से अधिक कंपनियां स्वैच्छिक रूप में बंद हो गई हैं. यह वही समय है जब कोविड-19 लॉकडाउन लगा था और उसकी वजह से आर्थिक गतिविधियां बाधित हो गई थीं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के पास उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि फरवरी तक चालू वित्त वर्ष में कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 248 (2) के तहत कुल 10,113 कंपनियों को बंद कर दिया गया था.
धारा 248 (2) तब लागू होती है जब कंपनियां खुद अपना कारोबार बंद कर देती हैं और ऐसा किसी दंडनीय कार्रवाई के कारण नहीं होता है.
मंत्रालय अधिनियम का प्रबंधन करता है और दायर दस्तावेजों और आवेदनों के आधार पर कंपनियों की रजिस्ट्री का रखरखाव करता है.
सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय उन कंपनियों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखता है जो व्यवसाय से बाहर हो गई हैं.
उन्होंने कहा, वर्ष 2020-21 (अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक) के दौरान कुल 10,113 कंपनियां अधिनियम की धारा 24 (2) के तहत बंद हुई हैं. एमसीए ने 2020-21 के दौरान कंपनियों पर मुकदमा करने के लिए खुद कोई अभियान नहीं चलाया है.
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कुल 2,394 कंपनियां बंद हुई हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में यह संख्या 1,936 है.
वहीं, अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के दौरान तमिलनाडु और महाराष्ट्र में क्रमश: 1322 और 1279 कंपनियां बंद हुईं.
कर्नाटक में 836 कंपनियों को स्वेच्छा से बंद कर दिया गया, जबकि चंडीगढ़ में 501, राजस्थान में 479, तेलंगाना में 404, केरल में 307, झारखंड में 137, मध्य प्रदेश में 111 और बिहार में 104 कंपनियां स्वैच्छा से बंद हुईं.
आंकड़ों के अनुसार, अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह संख्या इस प्रकार है. मेघालय में 88, ओडिशा में 78, छत्तीसगढ़ में 47, गोवा में 36, पुदुचेरी में 31, गुजरात में 17, पश्चिम बंगाल में 4 और अंडमान और निकोबार में 2 कंपनियां बंद हुई हैं.
वर्ष 2020-21 के दौरान कारोबार से बाहर हो चुकीं पंजीकृत कंपनियों की संख्या का राज्यवार ब्योरा मांगने के जवाब में यह आंकड़ा प्रदान किया गया था.
बता दें कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मार्च 2020 के अंत में देशव्यापी लॉकडाउन लागू कर दी थी और उस वर्ष मई में प्रतिबंधों को कम करना शुरू कर दिया गया था.
बाद के महीनों में कई राज्यों ने कोरोना वायरस मामलों की बढ़ती संख्या के बीच आवागमन पर एक बार फिर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया था.