विधानसभा चुनाव राउंडअप: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चुनावी राज्यों में कोविड-19 टीका प्रमाणपत्रों से प्रधानमंत्री की तस्वीर हटाने के लिए को-विन मंच पर ‘फिल्टर’ का इस्तेमाल किया. केंद्र ने मिथुन चक्रवर्ती को दी ‘वाई प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा. असम में टिकट न मिलने से नाराज़ दो भाजपा विधायक पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल.
कोलकाता/नई दिल्ली/चेन्नई/गुवाहाटी/तिरुवनंतपुरम: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान ‘चार-पांच लोगों’ ने उन्हें धक्का दिया, जिसके कारण वह जमीन पर गिर गईं और चोटिल हो गईं.
बनर्जी का कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में उपचार चल रहा है. चिकित्सकों के अनुसार उनका बायां पैर, कमर, कंधा और गर्दन चोटिल हो गए हैं.
बनर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने गुरुवार दोपहर को कहा कि उनके रक्त में सोडियम की मात्रा कम पाई गई है. उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री को कड़ी चिकित्सा निगरानी में रखना होगा.
सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, ‘मुख्यमंत्री के बाएं टखने और पैर की हड्डियों में गंभीर चोटें हैं. इसके अलावा, उनके बाएं कंधे, कलाई और गर्दन में भी चोटें हैं. बनर्जी की हालत अब स्थिर है लेकिन उनके जख्मी हुए बाएं पैर में तेज दर्द की शिकायत है.’
डॉक्टर ने कहा कि चोटों के चलते 66 वर्षीय ममता बनर्जी की सर्जरी की आवश्यकता नहीं होगी.
उन्होंने बताया कि चिकित्सक ‘सीटी स्कैन’ सहित कई और जांच करने की योजना बना रहे हैं ताकि चोटें कितनी गहरी हैं इसका पता लगाया जा सके.
पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में शाम को कथित हमले के बाद बनर्जी ने सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की थी और उन्हें यहां सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
राज्यपाल ममता का हाल जानने अस्पताल पहुंचे, टीएमसी समर्थकों ने “वापस जाओ’ के नारे लगाए
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ घायल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हाल जानने बुधवार रात सरकारी एसएसकेएम अस्पताल पहुंचे.
इस दौरान वहां उपस्थित सैंकड़ों तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समर्थकों ने उनका विरोध करते हुए ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए. राज्यपाल ने घटना को लेकर प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है.
Governor Jagdeep Dhankar, who came to pay CM Mamata Banerjee a visit, heckled and booed by TMC partyworkers gathered at the hospital, as he was leaving pic.twitter.com/llK2D4ur8H
— Poulomi Saha (@PoulomiMSaha) March 10, 2021
धनखड़ ने घटना के थोड़ी देर बाद ही बनर्जी से फोन पर बात की थी और बाद में उन्हें यहां अस्पताल में देखने पहुंच गए.
उच्च स्तरीय एक सूत्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि राज्यपाल करीब आधे घंटे तक मुख्यमंत्री के कमरे में रहे और बनर्जी ने धनखड़ को घटना के बारे में जानकारी दी.
सूत्र ने बताया कि टीएमसी के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी, फिरहाद हाकिम और डेरेक ओ ब्रायन उस वक्त बनर्जी के कक्ष के बाहर थे जब मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच चर्चा चल रही थी.
धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘मामले में सुरक्षा के निदेशक और मुख्य सचिव से अपडेट मांगा है और स्वास्थ्य सचिव तथा अस्पताल के निदेशक से सभी सावधानियां बरतने का आग्रह किया है.’
जब धनखड़ अस्पताल से वापस जा रहे थे तब भी उन्हें टीएमसी समर्थकों की नारेबाजी का सामना करना पड़ा.
पुलिस ने ममता पर ‘हमले’ के संबंध में मामला दर्ज किया
टीएमसी नेता शेख सूफियान की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हुए हमले के संबंध में गुरुवार को मामला दर्ज किया. पुलिस ने यह जानकारी दी.
पूर्व मेदिनीपुर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरीके से रोकने) और धारा 323 (जानबूझ कर चोट पहुंचाने)के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि, ‘हमें सूफियान की ओर से शिकायत मिली थी. हमारी जांच चल रही है और हम साक्ष्य इकट्ठा कर रहे हैं.’
इससे पहले सुबह जिला मजिस्ट्रेट विभु गोयल, पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश और अन्य अधिकारी बिरुलिया बाजार गए, जहां घटना हुई थी.
अधिकारियों ने प्रत्यक्षदर्शियों के बातचीत की और घटनाक्रम का पता लगाने के लिए क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे की भी तलाश की.
चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कथित हमले के संबंध में राज्य पुलिस से एक रिपोर्ट मांगी है. राज्य चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने राज्य प्रशासन से एक रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट तुरंत भेजनी होगी.’
चुनाव आयोग को हमले की जिम्मेदारी लेनी होगी, उनकी हत्या की कोशिश थी: टीएमसी
टीएमसी ने नंदीग्राम में चुनाव प्रचार मुहिम के दौरान घायल हुईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रहने’ पर निर्वाचन आयोग की गुरुवार को निंदा की और कहा कि आयोग जिम्मेदारी से नहीं बच सकता, क्योंकि विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद वही कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए जिम्मेदार है.
तृणमूल नेताओं ने दावा किया कि यह हमला ‘तृणमूल सुप्रीमो की जान लेने का गहरा षड्यंत्र था’. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने पड़ोसी राज्यों से असामाजिक तत्वों को हिंसा करने के लिए नंदीग्राम भेजा था.
.@MamataOfficial attacked in Nandigram on the day she filed her nomination. 4-5 people pushed her on purpose & grievously injured her leg. Clearly, it's a conspiracy for the rousing response she got from the people of Bengal earlier today. (2/2)
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) March 10, 2021
तृणमूल के प्रतिनिधि मंडल ने यहां आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद निर्वाचन आयोग पर भाजपा नेताओं के ‘आदेशानुसार’ काम करने का आरोप लगाया और कहा कि ‘बनर्जी पर हमला हो सकने की रिपोर्ट के बावजूद निर्वाचन आयोग ने कुछ नहीं किया.’
तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी थी, लेकिन चुनावों की घोषणा के बाद कानून-व्यवस्था ईसी (निर्वाचन आयोग) की जिम्मेदारी बन गई.’
उन्होंने कहा, ‘ईसी ने राज्य पुलिस के डीजीपी को हटा दिया और अगले ही दिन उन पर(बनर्जी) हमला हो गया.’
निर्वाचन आयोग ने वीरेंद्र को पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक पद से तत्काल प्रभाव से हटाने का मंगलवार को आदेश दिया था और उनकी जगह पी. नीरजनयन को नियुक्त किया था.
चटर्जी ने दावा किया कि वरिष्ठ भाजपा नेताओं के कई बयानों से ये पर्याप्त संकेत मिले थे कि बनर्जी पर हमला हो सकता है और ‘ये जानकारियां होने के बावजूद मुख्यमंत्री को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई.’
उन्होंने कहा, ‘जब आयोग प्रशासन का प्रभारी है, तो ममता बनर्जी पर हमले की जिम्मेदारी कौन लेगा? ईसी को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी होगी.’
चटर्जी ने कहा, ‘वे भाजपा नेताओं के आदेश पर काम कर रहे हैं. भाजपा ने ईसी से किसी अधिकारी को हटाने को कहा और वे उसे हटा रहे हैं.’
इससे पहले, राज्य के मंत्री चटर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस के तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और मामले में शिकायत दर्ज कराई. प्रतिनिधि मंडल ने मामले की संपूर्ण जांच कराए जाने की मांग की.
चटर्जी के साथ राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और राज्यसभा में तृणमूल के नेता डेरेक ओ’ब्रायन भी निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिले.
ओ’ब्रायन ने कहा, ‘आपको घटनाक्रम को समझना होगा. आयोग नौ मार्च को डीजीपी को हटाता है, एक भाजपा सांसद सोशल मीडिया पर लिखता है, ‘आप देखिए कि शाम पांच बजे के बाद क्या होगा’, आप एक महिला मुख्यमंत्री की सुरक्षा में कमी करते हैं और फिर उस पर हमला करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘यदि आप भाजपा नेताओं के सोशल मीडिया पोस्ट पढ़ें, तो उनमें इस बात के संकेत हैं कि बनर्जी पर हमला किया जाएगा.’
उन्होंने भाजपा पर यह दावा करने के लिए स्पष्ट रूप से निशाना साधा कि लोगों की सहानुभूति हासिल करने के लिए यह ‘पूर्वनियोजित नाटक’ किया गया.
ओ’ब्रायन ने कहा, ‘इस घृणित घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए. यह बहुत ही गलत बात है कि मात्र 30 मिनट में अलग तरह के शर्मनाक बयान दिए जाने लगे.’ उन्होंने कहा, ‘हम इन बयानों की निंदा करते हैं. चिकित्सकों से बात कीजिए और स्वयं समझिए कि क्या हुआ.’
भाजपा नेता ममता बनर्जी से मुलाकात करने अस्पताल पहुंचे
भाजपा नेताओं का एक दल गुरुवार को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल पहुंचा जहां राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का उपचार चल रहा है.
मेघालय और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय और भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य अस्पताल जाने वाले दल में शामिल थे. उन्होंने कहा कि वे चिकित्सकीय कारणों से तृणमूल कांग्रेस प्रमुख से मुलाकात नहीं कर सके.
भट्टाचार्य ने कहा, ‘ हमने वहां मौजूद मंत्री अरूप बिस्वास सहित तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को अपनी चितांओं से अवगत करा दिया है और मुख्यमंत्री के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की .’
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन अधिकारियों से मिलने के बाद घटना की संपूर्ण जांच की मांग की.
भाजपा नेता सब्यसाची दत्ता ने ईसी के मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हम चाहते हैं कि हमारी मुख्यमंत्री जल्द स्वस्थ हो जाएं. उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने उन्हें धक्का दिया. हम मांग करते हैं कि इस घटना की पूरी जांच हो, क्योंकि ईसी की प्रतिष्ठा दांव पर है.’
उन्होंने कहा, ‘घटना की वीडियो फुटेज देखी जानी चाहिए. हम मामले की विस्तृत जांच का अनुरोध करते हैं.’ उन्होंने कहा कि बुधवार की घटना बताती है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ढह गई है.
समर्थकों ने किया प्रदर्शन, ममता ने शांति बनाए रखने की अपील की
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि ऐसा कुछ नहीं करें जिससे जनता को तकलीफ हो.
अस्पताल के बिस्तर से जारी वीडियो संदेश में बनर्जी ने कहा कि वह कुछ दिनों में चुनाव प्रचार के लिए लौटेंगी और जरूरत पड़ने पर व्हीलचेयर का इस्तेमाल करेंगी.
उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी पार्टी के कैडर, समर्थकों ओर आम लोगों से अपील करती हूं कि शांति बनाए रखें. यह सच है कि कल रात मैं बुरी तरह जख्मी हो गई और सिर एवं छाती में तेज दर्द हुआ. चिकित्सक मेरा इलाज कर रहे हैं.’
बनर्जी ने कहा, ‘मैं हर किसी से शांति बनाए रखने की अपील करती हूं. मैं अगले कुछ दिनों में क्षेत्र में लौटने की उम्मीद करती हूं.’
तृणमूल कांग्रेस ने एक मिनट से अधिक समय की वीडियो क्लिप जारी की जिसे एसएसकेएम अस्पताल के वुडबर्न ब्लॉक में रिकॉर्ड किया गया, जहां बनर्जी का इलाज चल रहा हैं. नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान वह घायल हो गई थीं. उन्होंने कहा, ‘मैं एक-दो दिनों में वापस लौटूंगी.’
टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने कथित हमले के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और सड़क जाम की, टायर जलाए और नारेबाजी की.
कार्यकर्ताओं ने कोलकाता, उत्तर 24परगना, हुगली, हावड़ा, बीरभूम, दक्षिण 24परगना और जलपाईगुड़ी जिले के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए.
दिलीप घोष ने ममता पर हुए ‘हमले’ की जांच सीबीआई से कराने की मांग की
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हुए कथित हमले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की, साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जरूरत है कि कहीं यह घटना वोट हासिल करने के लिए ‘रचा गया नाटक’ तो नहीं है.
घोष ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य के लोगों ने पहले भी इस प्रकार का ‘नाटक’ देखा है.
उन्होंने कहा, ‘ इस बात की जांच कराई जाने की जरूरत है कि वास्तव में हुआ क्या था. कैसे ‘जेड-प्लस’ सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति पर हमला हुआ, यह जांच का विषय है. सच्चाई सामने लाने के लिए राज्य को मामले की सीबीआई जांच के आदेश देने चाहिए.’
भाजपा नेता ने ममता के अस्पताल में भर्ती होने और पैर में प्लास्टर बंधा होने संबंधी तस्वीरों का जिक्र करते हुए कहा, ‘ इस बात की जांच की जरूरत है कि क्या यह सही घटना है या रचा गया नाटक.’
उन्होंने कहा कि चुनाव में हार की आशंका को देखते हुए लोगों की संवेदना हासिल करने के लिए ‘इस प्रकार के नाटक’ से इस बार कुछ हासिल नहीं होगा.
घोष ने कहा, ‘ राज्य की जनता ने पहले भी इस प्रकार का नाटक देखा है. जो यह जानते हैं कि वह सत्ता से बाहर हो सकते हैं, वे वोट पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.’
तृणमूल कांग्रेस ने घोषणापत्र जारी करने का कार्यक्रम टाला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कथित हमले के बाद तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में आगामी चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी करने का कार्यक्रम टाल दिया है. पार्टी के नेताओं ने इस बारे में बताया.
पार्टी अध्यक्ष बनर्जी द्वारा कालीघाट में अपने आवास पर गुरुवार दोपहर को घोषणापत्र जारी करने का कार्यक्रम था.
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘घोषणापत्र जारी करने के कार्यक्रम को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है. ममता बनर्जी के ठीक होने और घर वापस आने के बाद इसे जारी किया जाएगा. हमारा घोषणापत्र तैयार है, लेकिन मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में इसे जारी करने का सवाल ही नहीं उठता.’
मिथुन चक्रवर्ती को केंद्रीय वीआईपी सुरक्षा प्रदान की गई
केंद्र सरकार ने अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को ‘वाई प्लस’ श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा प्रदान की है, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) यह सुरक्षा घेरा प्रदान करेगा.
70 वर्षीय मिथुन रविवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भाजपा में शामिल हुए थे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘चक्रवर्ती को ‘वाई प्लस’ श्रेणी का सुरक्षा घेरा प्रदान किया गया है और पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान उनके साथ सशस्त्र सीआईएसएफ कमांडो रहेंगे.’
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा संबंधी खतरे को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता को सुरक्षा प्रदान करने की सिफारिश गृह मंत्रालय से की गई थी.
झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को भी इसी तरह की सुरक्षा प्रदान की जाएगी.
चुनाव वाले राज्यों में कोविड-19 टीका प्रमाणपत्रों से प्रधानमंत्री की तस्वीर हटाई गई: सूत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 टीका प्रमाणपत्रों से प्रधानमंत्री की तस्वीर को हटाने के लिए चुनाव वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में को-विन मंच पर ‘फिल्टर’ का इस्तेमाल किया है. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
चुनाव आयोग को नौ मार्च को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि ‘चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करने के तकनीकी उपायों को शीघ्रता से खोजा गया है.’
चार राज्यों असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में स्थित टीकाकरण केंद्रों के लिए को-विन में ‘आवश्यक फिल्टरों’ का इस्तेमाल किया गया है.
तृणमूल कांग्रेस की एक शिकायत के बाद आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को आदर्श आचार संहिता का पालन करने को कहा था.
आयोग ने चुनाव वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में लोगों को दिये गये कोविड-19 प्रमाणपत्रों में प्रधानमंत्री की तस्वीर को हटाने के लिए को-विन मंच में फिल्टरों का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया था.
चुनाव आयोग ने चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के लिए 26 फरवरी को विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी जिसके बाद असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में आचार संहिता लागू हो गई थी.
चेन्नीथला ने केरल के मुख्यमंत्री पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया
केरल में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता रमेश चेन्नीथला ने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग का रुख किया है.
केरल में छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव होने हैं. 26 फरवरी को चुनाव की घोषणा की गई थी.
चेन्नीथला ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री ने चार मार्च और छह मार्च को माकपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन किये थे. इस दौरान उन्होंने सरकार के नए कामों और नीतियों की घोषणा की थी.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘इन संवाददाता सम्मेलनों में मुख्यमंत्री ने सरकार के नए कार्यों और नीतियों की घोषणा की थी, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.’
उन्होंने कहा कि निर्धारित नियमों के अनुसार चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद केवल मुख्य सचिव या जनसंपर्क विभाग को ही सरकारी नीतियों के बारे में बोलने का अधिकार है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर नयी नीतियों की घोषणा की ताकि मतदाताओं को लुभाया जा सके.’
केरल के मुख्यमंत्री, सात मंत्री मुकाबले में: वित्त मंत्री इसाक, स्पीकर को नहीं मिला टिकट
केरल में सत्तारूढ़ माकपा ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनके मंत्रिमंडल के सात सहयोगियों को छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुकाबले में उतारा है. वित्त मंत्री थॉमस इसाक समेत 33 मौजूदा विधायकों को इस बार टिकट नहीं दिया गया है.
सत्तारूढ़ दल के 33 विधायक इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि पार्टी ने युवाओं और महिलाओं के बीच पैठ बढ़ाने के लिए कई नए चेहरों को मौका दिया है.
माकपा ने बुधवार को अपने 83 उम्मीदवारों की सूची जारी की. दो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा बाद में की जाएगी.
विजयन कन्नूर जिले में धर्मादम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा (मत्तान्नूर), श्रम मंत्री टी पी रामकृष्णन (पेराम्ब्रा), बिजली मंत्री एम एम मणि (उदुंबनचोला), देवस्वओम मंत्री कडाकमपल्ली सुरेंद्रन (कझाकूटम) , मत्स्य मंत्री मर्सीकुट्टी अम्मा (कुंद्रा) और स्थानीय स्वशासन मंत्री ए सी मोइद्दीन (कुन्नमकुलम) और उच्च शिक्षा मंत्री के टी जलील फिर से किस्मत आजमाएंगे.
पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन को इस बार मुकाबले में नहीं उतारा है और ‘सीटू’ के राष्ट्रीय सचिव पी नंदकुमार को मल्लपुरम में पोन्नानी से उतारने का फैसला किया है.
माकपा के प्रदेश सचिव प्रभारी ए. विजयराघवन ने मीडिया को बताया कि फिर से सत्ता में आने के लक्ष्य के साथ पार्टी ने उम्मीदवारों की सूची तैयार की है.
पालक्कड़ के दो बार सांसद रह चुके एमबी राजेश पहली बार राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं और वह त्रिथला से किस्मत आजमाएंगे.
दो बार जीत के बाद उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिए जाने के पार्टी के फैसले के कारण इसाक के अलावा, वरिष्ठ मंत्री ई पी जयराजन, आर रवींद्रनाथ, जी सुधाकरन और एके बालन समेत 33 विधायक इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे.
विजयराघवन ने कहा कि मांजेश्वरम और देवीकुलम निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों की घोषणा बाद में की जाएगी. उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य किसी को टिकट दिए जाने से इनकार करना नहीं बल्कि नये उम्मीदवारों को मौका देना है.
वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के महत्वपूर्ण घटक भाकपा ने मंगलवार को घोषणा की थी कि पार्टी 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
एलडीएफ को 2016 के चुनाव में 140 सदस्यीय विधानसभा में 91 सीटों पर जीत मिली थी.
कमल हासन की अगुवाई वाली एमएनएम ने 70 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की
मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के 70 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की. पार्टी ने पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम के पूर्व सहयोगी को भी टिकट दिया है.
अभिनेता आर सरथ कुमार की अगुवाई वाले दल एआईएसएमके और लोकसभा सदस्य परिवेन्धर के आईजेके साथ मिलकर चुनाव लड़ रही एमएनएम ने 234 सीटों में से 154 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी. उसने शेष सीटें गठबंधन साझेदारों के लिए छोड़ दीं.
हासन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में अपनी पार्टी के पहले चुनाव में 70 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया.
पार्टी ने वैज्ञानिक तथा कलाम के पूर्व सहयोगी वी पोनराज को चेन्नई की अन्नानगर सीट से जबकि पूर्व आईएएस संतोष बाबू को विल्लीवक्कम सीट से उम्मीदवार बनाया है.
वहीं, वाइको के नेतृत्व वाले एमडीएमके ने छह विधानसभाओं को चिह्नित किया है जहां से पार्टी प्रत्याशी उतारेगी. एमडीएमके द्रमुक की सहयोगी पार्टी है.
एमडीएमके अपने प्रत्याशियों को मदुरांतकम (सु), सथूर, पलादम, मदुरई दक्षिण, वसुदेवनल्लुर (सु) और अरियालुर से चुनाव मैदान में उतारेगी.
तमिलनाडु: दिनाकरन नीत एएमएमके ने 15 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की
टीटीवी दिनाकरन की अगुवाई वाले अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कषगम (एएमएमके) ने बुधवार को तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए अपने 15 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की.
एएमएमके महासचिव दिनाकरन ने पार्टी की एक विज्ञप्ति में कहा कि राज्य के पूर्व मंत्री पी पलानीयप्पन पप्पीरेड्डीपत्ती से, जी सेंथामिझान सैदापेट से और सी षणमुगावेलु मदाथुकुलम से चुनाव लड़ेंगे.
एएमएमके की पहली सूची में कई पूर्व विधायकों के नाम भी शामिल हैं. दिनाकरन तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की करीबी रहीं वीके शशिकला के भतीजे हैं.
एएमएमके लोकसभा सांसद असदुद्दीन औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. एआईएमआईएम को तीन सीटें मिली हैं.
तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक चरण में छह अप्रैल को चुनाव होने हैं.
असम में टिकट नहीं मिलने पर भाजपा के दो विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया
असम में विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज़ भाजपा के दो विधायकों ने पार्टी से बुधवार को इस्तीफा दे दिया.
इन दो विधायकों में विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष दिलीप कुमार पॉल और शिलादित्य देव शामिल हैं.
उन्होंने आरोप लगाया है कि भगवा दल के कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ साजिशें रची हैं.
इससे पहले भाजपा नेता और कैबिनेट मंत्री सुम रोंगहांग दीफू विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से इस्तीफा देकर रविवार को विपक्षी दल कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
कांग्रेस ने असम विधानसभा चुनाव के लिए 26 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की
कांग्रेस ने असम विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को 26 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की. पार्टी अब तक कुल 69 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है.
कांग्रेस ने असम विधानसभा चुनाव के लिए 40 उम्मीदवारों की पहली सूची शनिवार और तीन उम्मीदवारों की दूसरी सूची रविवार को जारी की थी. पहली सूची में उसकी प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया के नाम प्रमुख थे.
राज्यसभा सदस्य बोरा को गोहपुर से उम्मीदवार बनाया गया है तो सैकिया अपनी वर्तमान सीट नजीरा से चुनाव लड़ेंगे.
असम में कांग्रेस नीत महागठबंधन में एआईयूडीएफ, बीपीएफ, माकपा, भाकपा और आंचलिक गण मोर्चा शामिल हैं. प्रदेश की 126 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में – 27 मार्च, 1 और 6 अप्रैल को मतदान होगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)