कोर्ट ने कहा, ‘गोरखपुर की ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, सही तथ्य सामने आने चाहिए, जिससे इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों. कोर्ट के आदेश से पहले मौत के कारणों पर सरकार का जवाब आना ज़रूरी है.’
नई दिल्ली/लखनऊ: गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बड़ी संख्या में हुई बच्चों की मौत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सरकार बच्चों की मौत की असली वजह बताए.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में अधिवक्ता सुनीता शर्मा और समाजसेवी व पूर्व पार्षद कमलेश सिंह की ओर से दाखिल याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने योगी सरकार से पूछा है कि इस मामले की असली वजह बताई जाए. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को तय की है.
कोर्ट ने कहा, ‘ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसमें सही तथ्य सामने आने चाहिए, जिससे इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों. कोर्ट के आदेश से पहले मौत के कारणों पर सरकार का जवाब आना जरूरी है.’
इन याचिकाओं में गोरखपुर में बच्चों की मौत की घटना की न्यायिक जांच और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं ने अपनी अपील में कहा है कि इस घटना को सरकार की तरफ से तथ्य छुपाते हुए लीपापोती की गई है. जिम्मेदार लोगों ने बार बार अपने बयान बदले और दोषियों की करतूत पर पर्दा डाला गया है. इसलिए मामले की न्यायिक जांच कराई जाए.
दूसरी तरफ, इसी अदालत की एक अन्य पीठ ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पिछले दिनों बड़ी संख्या में हुई बच्चों की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक को शुक्रवार को छह सप्ताह के अंदर विस्तृत जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि नौ अक्तूबर नियत की है. न्यायमूर्त विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति दया शंकर तिवारी की पीठ ने यह आदेश सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की याचिका पर दिया.
महाधिवक्ता राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने सरकार का पक्ष रखते हुए न्यायालय में इस याचिका का विरोध किया और कहा कि राज्य सरकार ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में हर सम्भव कदम उठाये हैं और वह मुख्य सचिव द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर हर मुमकिन कार्रवाई करेगी.
याचिकाकर्ता नूतन ठाकुर ने दलील दी कि राज्य सरकार द्वारा इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई से यही संदेश मिला है कि वह तथ्यों को छुपाना और दोषी लोगों को बचाना चाहती है.
मालूम हो कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पिछली 10-11 अगस्त को आक्सीजन सप्लाई बंद होने संदिग्ध हालात में 67 बच्चों की मौत हो गई थी. इसके बाद भी लगातार मौतें होती रहीं और 7 अगस्त से अब तक यह संख्या 107 हो चुकी है.
ऐसे आरोप लगे थे कि वह मौतें ऑक्सीजन की कमी के कारण हुईं, लेकिन सरकार ने इन इल्जामात को गलत करार दिया था और मुख्य सचिव की अगुवाई में मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए थे.
योगी और राहुल गोरखपुर पहुंचेंगे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को अपने-अपने दौरे पर गोरखपुर में होंगे. भाजपा के क्षेत्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सतेन्द्र सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री कल अपने एक दिवसीय गोरखपुर दौरे के दौरान स्वच्छ उत्तर प्रदेश-स्वस्थ उत्तर प्रदेश अभियान का शुभारंभ करेंगे.
उन्होंने बताया कि यह अभियान 20 से 25 अगस्त तक हर जिले में चलाया जाएगा. मुख्यमंत्री इसकी शरुआत अंधियारी बाग मोहल्ले से करेंगे. योगी गोरखपुर के बाढ़ और इंसेफलाइटिस प्रभावित इलाकों में भी भ्रमण करेंगे.
इस बीच, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शनिवार को गोरखपुर जाएंगे. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष डाक्टर सैयद जमाल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के प्रकरण को लेकर ही उनका यह दौरा हो रहा है.
अखिलेश बोले, सीबीआई जांच हो
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कई बच्चों की संदिग्ध मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराने की सलाह देते हुए प्रदेश सरकार पर तंज कसा कि सरकार को सीबीआई से बहुत लगाव है तो वह कई जांचों के साथ इस एजेंसी से भी जांच करा ले.
अखिलेश ने लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन के दौरान गोरखपुर के जिलाधिकारी के आदेश पर हुई जांच में मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित किए जाने संबंधी सवाल पर कहा, सरकार को सीबीआई से बहुत लगाव है. सीबीआई उनके अधीन है. हम समझाते हैं कि कई जांचों के साथ अगर सीबीआई की जांच हो…. और एक दल ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के सेवारत न्यायाधीश से जांच करायी जाए, क्योंकि मामला बहुत गम्भीर है.
उन्होंने कहा, यह 60 बच्चों की जान का सवाल नहीं है. कितनी मौतें छुपाई गईं. लोगों को कैसे-कैसे मेडिकल कॉलेज से भगाया गया. आप उन बच्चों के परिजन से पूछें तो पता लगेगा कि कितना बड़ा खेल और धोखा इस सरकार ने किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, कई परिवारों को वर्षों के इंतजार के बाद बच्चे मिले थे, लेकिन दुर्भाग्य था उनका कि गोरखपुर इलाज के लिए गए. वहां ऑक्सीजन नहीं थी, अगर नहीं थी, तो क्यों नहीं थी, वह जांच में सामने आयेगा लेकिन कहीं ना कहीं ऑक्सीजन नहीं मिलने के पीछे बड़ा भ्रष्टाचार था. बच्चों की जान चली गई, उस पर मुख्यमंत्री कुछ नहीं बोलेंगे. अपने गृह जनपद में जिन बच्चों की जान चली गई, कम से कम उनके घरवालों की तो मदद करो.
उन्होंने कहा कि जनता अब यह समझा चुकी है कि भाजपा वाले जो कहते हैं, वह करते नहीं हैं, और जो करते हैं, वह कहते नहीं हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)