मध्य प्रदेश: व्यापमं मामले में चार पूर्व अधिकारियों सहित 33 के ख़िलाफ़ आरोप तय

सीबीआई की विशेष अदालत ने 2012 की मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनयम और आईटी एक्ट के तहत 17 उम्मीदवारों और 12 बिचौलियों सहित तैंतीस आरोपियों पर धोखाधड़ी, फ़र्ज़ी दस्तावेज़ गढ़ने, साज़िश रचने और कंप्यूटर डेटा में हेरफेर करने के आरोप लगाए हैं.

(फोटो साभार: विकिपीडिया)

सीबीआई की विशेष अदालत ने 2012 की मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनयम और आईटी एक्ट के तहत 17 उम्मीदवारों और 12 बिचौलियों सहित तैंतीस आरोपियों पर धोखाधड़ी, फ़र्ज़ी दस्तावेज़ गढ़ने, साज़िश रचने और कंप्यूटर डेटा में हेरफेर करने के आरोप लगाए हैं.

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भोपाल: सीबीआई की विशेष अदालत ने यहां 2012 की मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली के मामले में व्यापमं के चार पूर्व अधिकारियों सहित 33 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए.

सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने को बताया कि इस सप्ताह के शुरुआत में सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एसबी साहू ने भादंसं की संबद्ध धाराओं, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनयम, आई टी अधिनियम के तहत 17 उम्मीदवारों और 12 बिचौलियों सहित 33 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं.

उन्होंने कहा कि आरोपियों पर धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज गढ़ने, साजिश रचने और कंप्यूटर डेटा में हेरफेर करने के आरोप लगाए गए हैं.

व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, पूर्व प्रिंसिपल एनालिस्ट नितिन महिन्द्रा और अन्य दो पूर्व अधिकारी अजय सेन एवं चंद्रकांत मिश्रा सहित अन्य आरोपियों ने सोमवार को अदालत में सुनवाई के दौरान स्वयं को दोषी नहीं माना है.

दिनकर ने कहा कि प्रदेश की पुलिस सेवा में उप निरीक्षकों, सूबेदारों और प्लाटून कमांडरों की भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले 17 अभ्यर्थियों सहित व्यापमं के चार पूर्व कर्मचारियों एवं 12 बिचौलियों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं.

मालूम हो कि व्यापमं द्वारा मध्य प्रदेश की विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए ली गई भर्ती परीक्षाओं एवं प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में पिछले कई वर्षों में कथित रूप से अनियमितता कर करोड़ों रुपये के घोटाले हुए और इसमें तत्कालीन मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव (अब दिवंगत) भी घिर गए थे.

उनके अलावा इस घोटाले में अनेक पेशेवर व्यक्ति, मंत्री, नेता, नौकरशाह, दलाल एवं छात्र अभियुक्त हैं. इनमें से एक मंत्री सहित कुछ लोग जेल भी रह चुके हैं.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई ने व्यापमं घोटाले में 170 एफआईआर दर्ज की थीं. इनमें से 143 मामलों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, 7 मामलों की जांच जारी है.

रिपोर्ट के अनुसार, इससे जुड़े केसों में 2,500 से ज्यादा लोग आरोपी हैं, जिनमें से करीब 1,000 परीक्षार्थी हैं. जुलाई 2015 से सीबीआई इस घोटाले की जांच कर रही है.

गौरतलब है कि हाल ही में व्यापमं द्वारा आयोजित एक अन्य भर्ती परीक्षा में संदिग्ध घोटाले का मामला सामने आया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं.

यह कथित धांधली मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (एमपीपीईबी) (पूर्व नाम व्यापमं) द्वारा आयोजित कृषि विस्तार अधिकारी और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के लिए 10 और 11 फरवरी को हुई भर्ती परीक्षा में सामने आई थी.

ऐसा आरोप लगाया गया है कि इस परीक्षा में एक ही क्षेत्र और समुदाय के 10 छात्रों ने टॉप किया है, जबकि उनके पिछले स्कूल और कॉलेज रिकॉर्ड इससे मेल नहीं खाते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)