गुजरात में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 230 पहुंची

स्वाइन फ्लू से गुजरात में शुक्रवार को ही 10 लोगों की मौत हुई, दिल्ली में अब तक 15 और यूपी में 35 लोगों की मौत हो चुकी है.

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स्वाइन फ्लू से गुजरात में शुक्रवार को ही 10 लोगों की मौत हुई, दिल्ली में अब तक 15 और यूपी में 35 लोगों की मौत हो चुकी है.

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फोटो: पीटीआई

गुजरात में स्वाइन फ्लू यानी एच1एन1 वायरस से संक्रमित होकर मरने वालों की संख्या 230 पहुंच चुकी है. राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य में स्वाइन फ्लू की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए शुक्रवार को चार प्रमुख शहरों के सिविल अस्पतालों का निरीक्षण किया.

देश भर में स्वाइन फ्लू का कहर जारी है. उत्तर प्रदेश में इस सीजन में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है. राजधानी दिल्ली में भी अब तक 15 मौतें हो चुकी हैं.

वड़ोदरा में सियाजीराव जनरल अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान रूपाणी ने बताया, स्वाइन फ्लू की वजह से 200 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं और इसके 2,100 पॉजिटिव मामले राज्य में अब तक दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 1,200 मामले वड़ोदरा, सूरत, अहमदाबाद और राजकोट के हैं.

राज्य सरकार की ओर से जारी नियमित स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक शुक्रवार को स्वाइन फ्लू से राज्य में 10 लोगों की मौत हो गई और इसके साथ ही जनवरी से अब तक इस बीमारी से मरनेवालों की संख्या 230 पहुंच गई है.

बुलेटिन में बताया गया है कि जनवरी से अब तक एन1एच1 वायरस से 2,272 मरीज संक्रमित होकर राज्य के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हो चुके हैं. उनमें से 857 का इलाज हो चुका है और 1,225 का अभी भी इलाज चल रहा है जबकि 230 लोगों की मौत हो चुकी है.

वड़ोदरा में अस्पताल का निरीक्षण करते हुए रूपाणी ने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए उचित कदम बताने के लिए उन्होंने केंद्र से मेडिकल विशेषज्ञों की एक टीम राज्य में भेजने का आग्रह किया है.

सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है, रूपाणी ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री शंकर चौधरी के साथ मिलकर संबंधित प्रशासन द्वारा स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी पाने के लिए सूरत, राजकोट, वड़ोदरा और अहमदाबाद के सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया.

उन्होंने बताया कि राज्य के अस्पताल वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर से लैस हैं तथा दवाएं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं. सरकारी अस्पतालों में इसके लिए पृथक वार्ड बनाए गए हैं लेकिन इन सारे कदमों के बावजूद भी केंद्र को इस बीमारी के प्रसार को रोकने के तरीके बताने के लिए राज्य में टीम भेजने का आग्रह किया गया है.

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों को स्वाइन फ्लू के मरीजों को टेमीफ्लू दवाई देने की सलाह दी. रूपाणी ने संवाददाताओं को बताया कि टेमीफ्लू सभी सरकारी अस्पतालों में प्रचुर मात्रा में नि:शुल्क उपलब्ध है. निजी अस्पतालों के मरीजों को भी स्वाइन फ्लू का इलाज मुफ्त में दिया जा रहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)