विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने तीसरी बार घोषणा पत्र जारी करने का कार्यक्रम स्थगित किया. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि भाजपा मेरा चेहरा दिखाकर हिंदू मतों के ध्रुवीकरण की कोशिश में है. असम में भाजपा नेता अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ऐसे दलों से गठबंधन कर रही है जो देश को बांटना चाहते हैं.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान घायल होने के करीब चार दिन बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने रविवार को ह्वीलचेयर पर बैठकर अपनी पार्टी के एक रोड शो का नेतृत्व किया और कहा कि एक घायल बाघ और अधिक खतरनाक होता है.
बनर्जी के साथ टीएमसी के वरिष्ठ नेता भी थे. बनर्जी हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रही थीं, जबकि सुरक्षाकर्मी उनके ह्वीलचेयर को पकड़ कर आगे बढ़ा रहे थे.
बनर्जी ‘नंदीग्राम’ दिवस के मौके पर कोलकाता में मायो रोड से हाजरा मोड़ तक पांच किलोमीटर लंबे रोड-शो में शामिल हुईं.
टीएमसी 14 मार्च को ‘नंदीग्राम दिवस’ के तौर पर मनाती है. पार्टी 2007 में जमीन अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के दौरान 14 मार्च को पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 14 ग्रामीणों की याद में यह दिवस मनाती है.
बनर्जी हाई-प्रोफाइल नंदीग्राम सीट पर पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. बनर्जी का मुकाबला उनके पूर्व विश्वासपात्र शुभेंदु अधिकारी के साथ है, जो अब भाजपा में शामिल हो गए हैं.
घंटे भर के रोडशो के बाद सभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकने के प्रयास विफल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि वह व्हीलचेयर पर राज्य भर में टीएमसी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगी.
उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने जीवन में बहुत सारे हमलों का सामना किया है, लेकिन मैंने कभी किसी के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया है. मैं अपना सिर कभी नहीं झुकाऊंगी. एक घायल बाघ और अधिक खतरनाक हो जाता है.’
ममता बनर्जी ने कहा, ‘अगर लोग हमें वोट करेंगे, तो हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें लोकतंत्र देंगे. बंगाल के सभी षड्यंत्रकारी बर्बाद हो सकते हैं. मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि मैं टूटा पैर लेकर ह्वीलचेयर से ही प्रचार करूंगी. खेला होबे.’
बनर्जी 10 मार्च को नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद प्रचार करने के दौरान नंदीग्राम में चोटिल हो गई थीं. तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया था कि यह ‘उनकी जान लेने का भाजपा का षड्यंत्र था.’
#WATCH पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता के गांधी मूर्ति से हाज़रा तक व्हीलचेयर पर रोड शो कर रही हैं। pic.twitter.com/XpoA0qq5z6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 14, 2021
चुनाव आयोग ने हालांकि इससे इनकार किया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेता पर कोई हमला हुआ था. चुनाव आयोग ने यह बात आयोग के दो विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों और राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्टों की समीक्षा के बाद कही. आयोग ने कहा कि बनर्जी को चोट उनके सुरक्षा प्रभारी की चूक के कारण लगी.
उन्होंने कहा, ‘डॉक्टरों ने मुझे आज प्रचार के लिए बाहर नहीं जाने की सलाह दी. लेकिन मुझे लगा कि मुझे आज की रैली में शामिल होना चाहिए क्योंकि मेरी चोट के कारण हम पहले ही कुछ दिन गंवा चुके हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मेरा दर्द लोगों की पीड़ा से अधिक नहीं है, क्योंकि तानाशाही के जरिये लोकतंत्र को रौंदा जा रहा है.’
टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने बनर्जी को ‘बंगाल की बेटी’ बताने वाले पोस्टर और तख्तियां पकड़ी हुई थीं. तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की और विधानसभा चुनाव में ‘बाहरी लोगों को हराने’ की अपील की.
तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बनर्जी के पैर की चोट की ओर से इशारा करते हुए नारा लगाया, ‘भंगा पाये खेला होबे.’
We will continue to fight boldly!
I'm still in a lot of pain, but I feel the pain of my people even more.
In this fight to protect our revered land, we have suffered a lot and will suffer more but we will NEVER bow down to COWARDICE!
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) March 14, 2021
बनर्जी ने रोडशो के लिए पहुंचने से पहले ट्वीट किया, ‘हम बिना डरे लड़ाई जारी रखेंगे. मुझे अब भी बहुत दर्द है, लेकिन मुझे मेरे लोगों का दर्द इससे कहीं ज्यादा महसूस होता है. अपनी पवित्र भूमि की सुरक्षा करने की लड़ाई में, हमने बहुत कुछ सहन किया है तथा और सहन करेंगे, लेकिन हम कायरता के आगे कभी नहीं झुकेंगे.’
तृणमूल कांग्रेस ने तीसरी बार घोषणा पत्र जारी करने का कार्यक्रम स्थगित किया
तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी करने के कार्यक्रम को रविवार को तीसरी बार टाल दिया. हालांकि, कार्यक्रम स्थगित करने का कोई कारण नहीं बताया गया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रविवार शाम को अपने कालीघाट स्थित आवास पर पार्टी का घोषणापत्र जारी करने का कार्यक्रम था.
वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा, ‘घोषणा पत्र जारी करने के कार्यक्रम को कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है. इसे जल्द जारी किया जाएगा.’
उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस ने घोषणा की थी कि वह नौ मार्च को घोषणा पत्र जारी करेगी लेकिन कोलकाता में आग की घटना और नौ लोगों की मौत के बाद पार्टी ने इस कार्यक्रम को 11 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया.
राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने 10 मार्च को पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में चुनाव अभियान के दौरान मुख्यमंत्री बनर्जी पर हुए कथित हमले की पृष्ठभूमि में गत बृहस्पतिवार को भी घोषणा पत्र जारी नहीं किया.
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने पांच मार्च को पार्टी के 291 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा के लिए आठ चरणों में चुनाव होने हैं, जिसकी शुरुआत 27 मार्च से होगी. आखिरी चरण का मतदान 29 अप्रैल को है. चुनाव के नतीजे दो मई को आएंगे.
बंगाल: भाजपा ने जारी की 63 प्रत्याशियों की सूची, सुप्रियो सहित चार सांसद मैदान में
नई दिल्ली: भाजपा ने पश्चिम बंगाल में तीसरे और चौथे चरण के तहत 75 सीटों पर होने वाले मतदान के मद्देनजर रविवार को 63 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी. पार्टी ने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो सहित चार सांसदों को मैदान में उतारा है.
उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि बाबुल सुप्रियो टॉलीगंज से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे, जबकि बंगाली अभिनेत्री व हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी को पार्टी ने उनके ही संसदीय क्षेत्र की चुंचुड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
पश्चिम बंगाल के ही कूचबिहार से पार्टी के सांसद निसिथ प्रामाणिक को दिनहाटा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है. दिनहाटा विधानसभा क्षेत्र उनके संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है.
राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता को भी पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है. वह तारकेश्वर से चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे.
जाने माने अर्थशास्त्री अशोक लाहिड़ी को अलीपुरद्वार से जबकि तृणमूल कांग्रेस छोड़कर पिछले दिनों भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी को डोम्जुर से उम्मीदवार बनाया गया है.
पिछले दिनों भाजपा का दामन थामने वाली बांग्ला सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री पायल सरकार को बेहाला से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है. भाजपा में शामिल हुई अन्य अभिनेत्रियों पर भी पार्टी ने भरोसा जताया है. तनुश्री चक्रवर्ती श्यामपुर से और अंजना बसु को सोनारपुर दक्षिण से टिकट दिया गया है.
इससे पहले भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 57 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी. इसके बाद पार्टी ने दो अन्य सूची जारी कर तीन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी. इस प्रकार भाजपा अब तक 123 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है.
पार्टी ने एक सीट अपने सहयोगी दल एजेएसयू को दी है.
टिकैत ने कोलकाता और नंदीग्राम में भाजपा को वोट नहीं देने की अपील की
कोलकाता/नंदीग्राम: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने शनिवार को कोलकाता और नंदीग्राम में महापंचायतों को आयोजन किया और लोगों से पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने का आग्रह किया.
किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख राकेश टिकैत महापंचायत में शामिल होने के लिए दिन में राज्य पहुंचे.
तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने हवाई अड्डे पर टिकैत की अगवानी की. इसके बाद टिकैत ने शहर में और पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ किसानों को संबोधित किया.
टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार किसानों और उनके आंदोलन की रीढ़ तोड़ने पर आमादा है. उन्होंने कहा कि यह ‘जन-विरोधी’ सरकार है.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा को वोट मत देना. अगर उन्हें वोट दिया गया तो वे आपकी जमीन बड़े कॉरपोरेट और उद्योग को दे देंगे और आपको भूमिहीन बना देंगे. वे आपकी आजीविका दांव पर लगाकर देश के बड़े उद्योगपति समूहों को जमीन सौंप देंगे और आपको खतरे में डाल देंगे.’
टिकैत ने भाजपा को ‘धोखेबाजों की पार्टी’ कहते हुए कहा, ‘हम भाजपा का विरोध करने वालों और किसानों तथा गरीबों के साथ खड़े होने वालों के पाले में रहेंगे.’
उन्होंने स्पष्ट किया कि बंगाल में किसान महापंचायत का मतलब राज्य में किसी विशेष गैर-भाजपा पार्टी को समर्थन देना नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘मैं यहां किसी विशेष पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए नहीं आया हूं. हम यहां बंगाल में किसानों की ओर से भाजपा के खिलाफ लड़ाई शुरू करने के लिए अपील कर रहे हैं.’
शुभेंदु अधिकारी के पास है 80 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मैदान में उतरे भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने अपने पास 80 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति होने की घोषणा की है.
चुनाव आयोग में उनके द्वारा दिए गए चुनावी हलफनामे के अनुसार उनके पास 8,066,749.32 रुपये की संपत्ति है.
उनकी चल संपत्ति 5,931,647.32 रुपये की है, जबकि उनके बैंक खाते में 4,615,513.32 रुपये हैं और उनमें से 41,823 रुपये उनके चुनाव व्यय खाते में हैं.
हलफनामे के मुताबिक, 2019-20 में शुभेंदु अधिकारी की आय 1,115,715.00 रुपये थी और उनके पास फिलहाल 50,000.00 रुपये नकद है.
अधिकारी के पास 545,000 रुपये की राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र जमाराशि तथा 771,165 रुपये का बीमा है.
हलफनामे के अनुसार सुभेंदु अधिकारी के पास भूखंड समेत 4,621,102 रुपये की अचल संपत्ति है. उन्होंने माना है कि उनके विरूद्ध आपराधिक मामले लंबित हैं.
नंदीग्राम सीट पर मतदान एक अप्रैल को है.
भाजपा मेरा चेहरा दिखाकर हिंदू मतों के ध्रुवीकरण की कोशिश में: अजमल
नई दिल्ली: इस बार असम विधानसभा चुनाव में ‘मोदी लहर’ नहीं होने का दावा करते हुए ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा उन्हें निशाने पर लेकर और मुसलमानों को ‘दुश्मनों की तरह पेश’ करके हिंदू मतों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी को इसमें कामयाबी नहीं मिलेगी.
एआईयूडीएफ के खिलाफ भाजपा के सांप्रदायिकता संबंधी आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताकर खारिज करते हुए अजमल ने दावा किया कि असम में उनकी पार्टी से ज्यादा कोई और संगठन धर्मनिरपेक्ष नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पहले के चुनावों में गैर मुस्लिमों को ‘पर्याप्त नुमाइंदगी’ देती रही है.
अजमल ने कहा कि असम विधानसभा चुनाव देश के लिए ‘अहम मोड़’ साबित होंगे, क्योंकि राज्य से ही भाजपा के हारने की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाला महागठबंधन मेहनत से लड़ रहा है, जिसका हिस्सा उनकी पार्टी भी है.
लोकसभा सदस्य ने ‘धर्मनिरपेक्ष ताकतों’ के जीतने का भरोसा जताते हुए कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में चुनाव हारेगी और इससे पूरे देश में एक संदेश जाएगा.
अजमल ने कहा, ‘एआईयूडीएफ धर्मनिरपेक्ष है और हमेशा धर्मनिरपेक्ष रहेगा. मगर भाजपा खुद ‘सांप्रदायिक’ है और ‘सांप्रदायिक’ राजनीति करती है, इसलिए वह दूसरों को भी उसी नजरिये से देखती है.’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘भाजपा के पास बात करने के लिए विकास का कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने पिछली बार नौकरियां देने की बात की थी, लेकिन वे नौकरियां मुहैया नहीं करा सके. राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने काला धन वापस लाने की बात की थी, लेकिन काला धन विदेश भेजा गया.’
अजमल ने कहा कि भाजपा किसानों का मुद्दा भी हल नहीं कर सकी. उन्होंने कहा कि असम में लगभग हर दिन कोई-न-कोई उद्योग बंद हो रहा है.
अजमल ने दावा किया, ‘पिछली बार (2016 में) जब नरेंद्र मोदी ने यहां प्रचार किया था तब एक लहर थी, लेकिन इस बार कोई मोदी लहर नहीं है. वह पांच बार आए हैं, लेकिन कोई भी लहर पैदा करने में नाकाम रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मेरा चेहरा दिखाकर, मुसलमानों को दुश्मनों के तौर पर पेश करके और सांप्रदायिक टिप्पणियां करके, भाजपा हिंदुओं का ध्रुवीकरण करना चाहती है लेकिन पिछली बार की तरह, उन्हें कामयाबी नहीं मिलेगी.’
कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने और ‘महाजोत’ गठबंधन बनाने पर धुबरी से लोकसभा सदस्य ने कहा कि यह देखा गया है कि जहां भी कांग्रेस के साथ विपक्षी दल आते हैं, वहां नतीजे अच्छे होते हैं. लिहाजा उनकी पार्टी ने गठबंधन करने का फैसला किया.
सोशल मीडिया पर उनके कथित ‘छेड़छाड़’ से तैयार किए गए वीडियो से संबंधित हालिया विवाद पर अजमल ने आरोप लगाया कि भाजपा के पास उनकी पार्टी के खिलाफ कहने को कुछ नहीं है, इसलिए वह ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ‘छेड़छाड़’ किए गए वीडियो के लिए जिम्मेदार लोगों पर ट्विटर ने कार्रवाई की है.
असम में मुख्य मुद्दों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘नागरिकता संशोधन कानून भी एक बड़ा मुद्दा है. हम इसका विरोध कर रहे हैं और कांग्रेस भी इसका विरोध कर रही है. हम इसके खिलाफ थे, खिलाफ हैं और रहेंगे.’
एआईयूडीएफ के कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में 21 सीटों पर चुनाव लड़ने के आसार पर अजमल ने कहा कि उनकी पार्टी 30-31 सीटों पर चुनाव लड़ सकती थी, लेकिन उन्होंने विपक्षी वोटों को बंटने से रोकने और गठबंधन की खातिर कुर्बानी देने का फैसला किया.
राज्य के मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा उन पर बार-बार हमला करने और भूतपूर्त मुगल शासन की बात करने पर अजमल ने कहा, ‘उन्होंने (सरमा ने) कांग्रेस में रहते हुए अच्छा काम किया था लेकिन भाजपा में जाने के बाद, वह उसके विपरीत बात कर रहे हैं जो उन्होंने पहले कहा था.’
एआईयूडीएफ और कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ रहे हैं. इस महागठबंधन में बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट, माकपा, भाकपा, भाकपा-एमएल और आंचलिक गण मोर्चा शामिल हैं.
असम में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव तीन चरणों में होंगे. ये 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को होंगे.
कांग्रेस ऐसे दलों से गठबंधन कर रही है जो देश को बांटना चाहते हैं: शाह
मार्गरीटा (असम): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर उन राजनीतिक दलों के साथ गठजोड़ करने के लिए तीखे हमले किए, जो देश को बांटना चाहते हैं. शाह ने कहा कि भाजपा वोट बैंक की राजनीति नहीं करती है.
शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने 15 साल तक राज्य में शासन करने और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रधानमंत्री होने के बावजूद पड़ोसी देशों से अवैध घुसपैठ के मुद्दे को हल करने के लिए कुछ नहीं किया.
शाह परोक्ष तौर पर मनमोहन सिंह की ओर इशारा कर रहे थे, जिन्होंने राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व किया.
असम के मार्गरीटा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. उसने असम में बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ, केरल में मुस्लिम लीग और पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन किया है. असम अजमल के हाथों में सुरक्षित नहीं रह सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘असम के लोग तय कर सकते हैं कि उनके कल्याण के बारे में कौन ज्यादा चिंतित है- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या बदरुद्दीन अजमल.’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा ने पिछले पांच वर्षों के दौरान घुसपैठियों को सफलतापूर्वक बाहर किया, जिन्होंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जमीन पर कब्जा कर लिया था और धार्मिक निकायों के स्वामित्व वाले भूखंडों पर कब्जा कर लिया था.
उन्होंने दावा किया, ‘पांच साल पहले, मैंने भाजपा अध्यक्ष के रूप में असम को ‘आंदोलन मुक्त’ और ‘आतंकवाद मुक्त’ (उग्रवाद-मुक्त) बनाने का वादा किया था. हमने अपनी प्रतिज्ञा पूरी की है और अब राज्य में कोई आंदोलन या कोई उग्रवाद नहीं है.’
शाह ने दावा किया, ‘असम शांति और विकास का अनुभव कर रहा है. हमें और पांच साल दें और हम घुसपैठ की समस्या का भी हल करने में सक्षम होंगे.’
शाह ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा जिन्होंने सत्ता में आने पर चाय बागानों के श्रमिकों की सहायता करने का वादा किया है. शाह ने कहा कि पार्टी को चुनाव के दौरान ही इन मजदूरों की याद आती है.
द्रमुक सीएए के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी: स्टालिन
चेन्नई: द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार से विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को रद्द करने और भारत के शरणार्थी शिविरों में रह रहे श्रीलंकाई तमिलों को नागरिकता प्रदान करने का अनुरोध लगातार करती रहेगी.
शनिवार को जारी किए गए पार्टी के घोषणा-पत्र में उन्होंने कहा कि द्रमुक ने सीएए का पुरजोर विरोध किया था और इसके खिलाफ अभियान चलाया था.
यहां तक कि द्रमुक ने इस कानून को रद्द करने का दबाव डालने के लिए तमिलनाडु में एक करोड़ हस्ताक्षर करवाने का अभियान भी चलाया था.
उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार से नागरिकता संशोधन कानून, 2019 को रद्द करने का अनुरोध किया जाएगा.’
द्रमुक ने घोषणा-पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार से श्रीलंका को सीएए में शामिल करने और भारत के शरणार्थी शिविरों में रहने वाले श्रीलंकाई तमिलों को नागरिकता प्रदान करने का अनुरोध किया जाएगा.
द्रमुक अध्यक्ष ने एक बयान में कहा, ‘मैं एक बार फिर दोहराना चाहता हूं कि अगर द्रमुक सत्ता में आई तो विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर सीएए को रद्द करने को लेकर आवाज उठाई जाएगी.’
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि कथित किसान-विरोधी चेन्नई-सलेम राजमार्ग परियोजना को लागू नहीं किया जाएगा.
द्रमुक ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र के 505 बिंदुओं में कई लोकलुभावन वादे किए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)