सीबीआई ने सेवा चयन बोर्ड केंद्रों के ज़रिये सैन्य अफसरों की भर्ती में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सेना के 17 कर्मियों, अधिकारियों के संबंधियों समेत छह असैन्य लोगों के ख़िलाफ़ रिश्वत मांगने और रिश्वत दिलाने के आरोपों में मामला दर्ज किया है.
नई दिल्ली: सीबीआई ने सेवा चयन बोर्ड केंद्रों के जरिये सेना में अफसरों की भर्ती में कथित भ्रष्टाचार को लेकर लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के पांच अधिकारियों, 12 अन्य कर्मियों और छह असैन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मामले के संबंध में दिल्ली के छावनी स्थित बेस अस्पताल समेत 13 शहरों के 30 स्थानों पर तलाशी ली गई है.
उन्होंने बताया कि यह तलाशी अभियान कपूरथला, बठिंडा, दिल्ली, कैथल, पलवल, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, विशाखापत्तनम, जयपुर, गुवाहाटी, जोरहाट और चिरांग में चलाया गया.
उन्होंने बताया कि सेना हवाई रक्षा कोर का लेफ्टिनेंट कर्नल एमसीएसएनए भगवान भर्ती गिरोह का कथित मास्टरमाइंड है और उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया, ‘तलाशी के दौरान भर्ती प्रक्रिया से संबंधित कई अपराध-संकेती दस्तावेज बरामद किए गए हैं जिनकी आगे की तहीकात के लिए जांच की जा रही है.’
सीबीआई ने ब्रिगेडियर (सतर्कता) वीके पुरोहित की शिकायत पर कार्रवाई की है. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 28 फरवरी 2021 को जानकारी मिली की नई दिल्ली के बेस अस्पताल में अस्थायी तौर पर खारिज किए गए अधिकारी अभ्यर्थियों की समीक्षा चिकित्सा परीक्षा को पास कराने के लिए सेवारत कर्मी कथित रूप से रिश्वत लेने में शामिल हैं.
अधिकारियों ने बताया कि शिकायत में कहा गया है कि लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान फिलहाल अध्ययन अवकाश पर हैं और नायब सूबेदार कुलदीप सिंह एसएसबी केंद्रों में संभावित अधिकारी अभ्यर्थियों से रिश्वत मांगने में कथित रूप से शामिल है.
उन्होंने बताया कि एजेंसी ने सेना के 17 कर्मियों, अधिकारियों के संबंधियों समेत छह असैन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मामला रिश्वत मांगने और रिश्वत दिलाने के आरोपों में दर्ज किया गया है.
एजेंसी ने कहा कि 31 एसएसबी केंद्र उत्तर के लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह, 6 माउंटेन डिवीजन ऑर्डनेंस यूनिट के लेफ्टिनेंट कर्नल वाईएस चौहान, भर्ती महानिदेशालय के लेफ्टिनेंट कर्नल सुखदेव अरोड़ा, लेफ्टिनेंट कर्नल विनय, जीटीओ, चयन केंद्र दक्षिण, बेंगलुरु और मेजर भावेश कुमार ने कथित रूप से अभ्यर्थियों के चयन में मदद की.
उन्होंने बताया कि आरोप है कि अधिकारियों और उनके रिश्तेदारों को कई लाख रुपये की रिश्वत दी गई.
लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह और मेजर भावेश कुमार ने अपने रिश्तेदारों के माध्यम से 10-15 अभ्यर्थियों से रिश्वत की अघोषित राशि प्राप्त की थी.
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने मेजर भावेश कुमार की पत्नी देवयानी, उनके पिता सुरेंद्र कुमार और मां ऊषा कुमावत को पैसे लेने के आरोप में प्राथमिकी में नामज़द आरोपी बनाया है.
इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायत के अनुसार, नायब सूबेदार कुलदीप सिंह ने एसएसबी की परीक्षाओं के लिए लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान से पैसे के बदले में अभ्यर्थी को पास कराने के लिए सहायता मांगी थी.
कुलदीप सिंह ने कथित तौर पर सेवा चयन बोर्ड में उनके बेटे के चयन के लिए हवलदार पवन कुमार से पैसे स्वीकार की थी.
एफआईआर, सेना द्वारा की गई एक जांच के आधार पर है जिसमें अभियुक्तों के बीच वित्तीय लेनदेन के रूप में साक्ष्य का भी हवाला दिया गया और लेनदेन से संबंधित वीडियो फुटेज का आदान-प्रदान किया गया.
भगवान पर यह भी आरोप है कि उन्होंने लेफ्टिनेंट नवजोत कंवर के चयन के लिए अघोषित नकद राशि स्वीकार की.
मेजर भावेश कुमार पर 10-11 उम्मीदवारों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है, जबकि लेफ्टिनेंट नवजोत सिंह पर आरोप है कि उन्होंने नायब सूबेदार कुलदीप सिंह के माध्यम से लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान को 10 लाख रुपये की रिश्वत दी थी.
लेफ्टिनेंट कर्नल विनय पर आरोप है कि उन्होंने कुछ उम्मीदवारों के चयन के लिए लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह से संपर्क किया. लेफ्टिनेंट कर्नल चौहान और लेफ्टिनेंट कर्नल अरोड़ा का नाम लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह से पूछताछ के दौरान सामने आया.
शिकायत में मेजर अमित फागना सहित छह और अधिकारियों का भी उल्लेख किया गया है, जिन्होंने मेडिकल बोर्ड को मंजूरी देने के लिए कथित रूप से अस्वीकृत उम्मीदवारों की सहायता की.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)