दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधेयक को संविधान पीठ के फैसले के विपरीत बताते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि वह उनकी चुनी हुई सरकार की शक्तियों को बहुत कम करना चाहती है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली चुनाव में बुरी तरह हराने के बाद भाजपा अब पिछले दरवाज़े से दिल्ली पर शासन करने की कोशिश कर रही है.
नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक, 2021 पेश किया गया, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) की कुछ भूमिका और अधिकारों को परिभाषित करने का प्रस्ताव किया गया है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने निचले सदन में विधेयक को पेश किया.
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार, इस विधेयक में दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में ‘सरकार’ का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से होगा.
इसमें दिल्ली की स्थिति संघ राज्य क्षेत्र की होगी जिससे विधायी उपबंधों के निर्वाचन में अस्पष्टताओं पर ध्यान दिया जा सके. इस संबंध में धारा 21 में एक उपधारा जोड़ी जाएगी.
इसमें कहा गया है कि विधेयक में यह भी सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है कि उपराज्यपाल को आवश्यक रूप से संविधान के अनुच्छेद 239क के खंड 4 के अधीन सौंपी गई शक्ति का उपयोग करने का अवसर मामलों में चयनित प्रवर्ग में दिया जा सके.
विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि उक्त विधेयक विधान मंडल और कार्यपालिका के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का संवर्द्धन करेगा तथा निर्वाचित सरकार एवं राज्यपालों के उत्तरदायित्वों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के शासन की संवैधानिक योजना के अनुरूप परिभाषित करेगा.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने जुलाई, 2018 में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र को लेकर फैसला सुनाया था, जिसमें जमीन, कानून-व्यवस्था, पुलिस और सेवाओं पर उपराज्यपाल का अधिकार होगा.
हालांकि, दिल्ली सरकार को इस बात से राहत मिली थी कि सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को स्वतंत्र फैसला लेने का अधिकार नहीं दिया था और कहा था कि उन्हें मंत्रिपरिषद की मदद और सलाह पर काम करना होगा.
दिल्ली में विधानसभा 69वे संविधान संसोधन से बनी, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में CM को सरकार माना तो क्यों असंवैधानिक ढंग से अमित शाह बनाना चाहते है LG को सरकार। pic.twitter.com/YZ2Meaxcmu
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) March 16, 2021
वहीं, दिल्ली के तीनों राज्यसभा सांसदों ने संसद परिसर में विधेयक को लेकर विरोध जताया. सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली में विधानसभा 69वें संविधान संशोधन से बनी, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में मुख्यमंत्री को सरकार माना तो क्यों असंवैधानिक ढंग से अमित शाह बनाना चाहते हैं उपराज्यपाल को सरकार.’
भाजपा चुनी हुई दिल्ली सरकार की शक्ति को कम करना चाहती है: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह लोकसभा में एक नया विधेयक लाकर उनकी चुनी हुई सरकार की शक्तियों को बहुत कम करना चाहती है.
केजरीवाल ने यह भी कहा कि यह विधेयक ‘संविधान पीठ के फैसले के विपरीत’ है.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक 2021 को सोमवार को संसद के निचले सदन में पेश किया जाएगा. इस विधेयक में दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) को अधिक शक्तियां देने का प्रावधान रखा गया है.
The Bill says-
1. For Delhi, “Govt” will mean LG
Then what will elected govt do?
2. All files will go to LG
This is against 4.7.18 Constitution Bench judgement which said that files will not be sent to LG, elected govt will take all decisions and send copy of decision to LG https://t.co/beY4SDOTYI
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 15, 2021
सोमवार को केजरीवाल ने ट्वीट, ‘दिल्ली के लोगों द्वारा खारिज किए जाने (विधानसभा में आठ सीटें और हाल के एमसीडी उपचुनाव में एक भी सीट न मिलने) के बाद भाजपा आज लोकसभा में एक विधेयक के जरिये चुनी हुई सरकार की शक्तियों को काफी कम करना चाहती है. यह विधेयक संविधान पीठ के फैसले के विपरीत है. हम भाजपा के असंवैधानिक और लोकतंत्र विरोधी कदम की कड़ी निंदा करते हैं.’
एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘विधेयक कहता है- 1. दिल्ली के लिए ‘सरकार’ का मतलब एलजी होगा, तो फिर चुनी हुई सरकार क्या करेगी? एलजी सभी फाइलें एलजी के पास जाएंगी. यह संविधान पीठ के 4/7/18 के फैसले के खिलाफ है, जो कहता है कि फाइलें एलजी को नहीं भेजी जाएंगी, चुनी हुई सरकार सभी फैसले करेगी और फैसले की प्रति एलजी को भेजी जाएगी.’
विधेयक लोकतांत्रिक रूप से खतरनाक: सिसोदिया
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि उपराज्यपाल की कुछ भूमिका और शक्तियों को परिभाषित करने वाला केंद्र सरकार का विधेयक लोकतांत्रिक और संवैधानिक रूप से ‘खतरनाक’ है. उन्होंने साथ में भाजपा पर ‘पिछले दरवाजे’ से राष्ट्रीय राजधानी पर शासन करने की कोशिश का आरोप लगाया.
सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यह लोकतांत्रिक और संवैधानिक रूप से बहुत खतरनाक संशोधन है. यह दिल्ली के चुनावों और चुनी हुई सरकार को निरर्थक बना देगा.’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार मामले को देखेगी और कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरे के बाद विकल्प तलाशेगी.
सिसोदिया ने कहा, ‘भाजपा और उसकी केंद्र सरकार का यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संविधान को उलट देगा. दिल्ली चुनाव में बुरी तरह हराने और (हाल में एमसीडी उपचुनाव में) एक भी सीट नहीं मिलने के बाद भाजपा अब पिछले दरवाजे से दिल्ली पर शासन करने की कोशिश कर रही है.’
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि दिल्ली में निर्वाचित सरकार के पास लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि को छोड़कर अन्य मामलों पर कार्यपालिका शक्तियां हैं. संशोधन के तहत सभी फाइलें उपराज्यपाल को भेजनी होंगी.
बीजेपी आज संसद में नया क़ानून लेकर आई है – 1. दिल्ली में उपराज्यपाल ही सरकार होंगे
2. मुख्यमंत्री, मंत्री को अपनी हर फ़ाईल LG के पास भेजनी होगीचुनाव के पहले बीजेपी का घोषणापत्र कहता है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाएँगे. चुनाव जीतकर कहते हैं दिल्ली में LG ही सरकार होंगे.
— Manish Sisodia (@msisodia) March 15, 2021
वहीं, उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा आज संसद में नया कानून लेकर आई है. 1. दिल्ली में उपराज्यपाल ही सरकार होंगे. 2. मुख्यमंत्री, मंत्री को अपनी हर फाइल उपराज्यपाल के पास भेजनी होगी. चुनाव के पहले भाजपा का घोषणा-पत्र कहता है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाएंगे. चुनाव जीतकर कहते हैं दिल्ली में उपराज्यपाल ही सरकार होंगे.’
विधेयक का भाजपा ने स्वागत किया
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने लोकसभा में सोमवार को पेश किए गए दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2021 का स्वागत किया, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल की कुछ भूमिका और अधिकारों को परिभाषित करने का प्रस्ताव किया गया है. इसका विरोध करने वाली आम आदमी पार्टी की उन्होंने निंदा की.
गुप्ता ने कहा कि विधेयक के पारित होने के बाद भी चुनी गई सरकार के पास 75 फीसदी प्रशासनिक शक्तियां होंगी.
गुप्ता ने कहा कि यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 2019 के आदेश के अनुरूप है.
दिल्ली में सभी शक्तियां निर्वाचित सरकार के पास होनी चाहिए: अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार का साथ देते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी की निर्वाचित सरकार के खिलाफ अधिकारों के दुरुपयोग की निंदा करते हैं, जबकि आम आदमी पार्टी ने 2019 से ही जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन और उसका दर्जा छीनने का समर्थन किया.
वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली की निर्वाचित सरकार के अधिकार कम करने के लिए लोकसभा में एक विधेयक पेश किया है.
In spite of AAP’s support for the dismemberment & downgrading of J&K in 2019, we still condemn this assault on the powers of the elected government of Delhi. Delhi deserves to be a full state with all powers exercised by the elected government & not a nominated LG. https://t.co/FNki0Skzd3
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 15, 2021
उमर ने ट्वीट किया है, ‘2019 में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन और राज्य का दर्जा छीने जाने का आप द्वारा समर्थन किए जाने के बावजूद हम दिल्ली की निर्वाचित सरकार पर ऐसे हमले की निंदा करते हैं. दिल्ली पूर्ण राज्य का दर्जा पाने की हकदार है और सभी शक्तियां निर्वाचित सरकार के पास होनी चाहिए ना कि उपराज्यपाल के पास.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)