राज्यसभा के मनोनीत सदस्य स्वपन दासगुप्ता को भाजपा ने बीते 14 मार्च को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तारकेश्वर सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था. सोमवार को टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दासगुप्ता पर संविधान की 10वीं अनुसूची के उल्लंघन का आरोप लगाया था, जिसके अनुसार अगर कोई मनोनीत सदस्य शपथ लेने के छह महीने के बाद किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है, तो उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है.
नई दिल्ली: राज्यसभा के मनोनीत सदस्य होने के साथ विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार बनने को लेकर उपजे विवाद के बाद स्वपन दासगुप्ता ने मंगलवार को उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने संवैधानिक नियमों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि दासगुप्ता ने भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची का उल्लंघन किया है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, स्वपन दासगुप्ता ने कल (बुधवार) तक स्वीकार किए जाने के अनुरोध के साथ अपना इस्तीफा भेज दिया है.
65 वर्षीय दासगुप्ता अप्रैल, 2016 में राज्यसभा सदस्य बने थे और उनका कार्यकाल अप्रैल, 2022 तक था. दासगुप्ता ने ट्विटर पर अपने इस्तीफे की घोषणा की और कहा, ‘मैं अब खुद को पूरी तरह से बंगाल में चुनाव के लिए समर्पित कर रहा हूं. मैं भाजपा उम्मीदवार के रूप में तारकेश्वर विधानसभा सीट से अगले कुछ दिनों के अंदर नामांकन दाखिल करने की उम्मीद करता हूं.’
I have resigned from the Rajya Sabha today to commit myself totally to the fight for a better Bengal. I hope to file my nomination as BJP candidate for the Tarakeshwar Assembly seat in the next few days.
— Swapan Dasgupta (@swapan55) March 16, 2021
दासगुप्ता ने एनडीटीवी से कहा, ‘मुझे राष्ट्रपति द्वारा नामित सदस्य के रूप में राज्यसभा में विशिष्ठ स्थिति प्राप्त है. मैं तारकेश्वर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में यह चुनाव लड़ रहा हूं. स्वाभाविक रूप से, दो चीजों के बीच बहुत सारे लंबित मुद्दे हैं. नामांकन प्रक्रिया में इन सभी को हल करना शामिल है. और जब तक मैं अपना नामांकन दाखिल करूंगा तब तक इन सभी मुद्दों का समाधान हो जाएगा. मैंने अभी तक अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है. मुझे गुरुवार या शुक्रवार को ऐसा करने की उम्मीद है.’
रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने औपचारिक रूप से स्वतंत्र और राजनीतिक रूप से असंबद्ध राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तारकेश्वर सीट से उम्मीदवार बनाया है. 14 मार्च को भाजपा ने उनके नाम की घोषणा की थी.
अपने नाम की घोषणा के बाद उसे स्वीकार करते हुए उन्होंने ट्वीट किया था, ‘तारकेश्वर से लड़ने के लिए पश्चिम बंगाल भाजपा द्वारा नामित होने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं जो कि बंगाल की सांस्कृतिक विरासत का एक केंद्र है. मैं एक नए, जीवंत सोनार बांग्ला के अभियान के लिए तत्पर हूं.’
हालांकि, सोमवार को महुआ मोइत्रा ने संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार ऊपरी सदन से उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग कर दी थी.
संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, अनुच्छेद 99 या 188 के प्रावधानों (जो भी लागू हों) को पूरा करने के बाद मनोनीत सदस्य अपने शपथग्रहण के बाद से छह महीने का समय समाप्त होने के पहले किसी राजनीतिक दल से जुड़ सकता है.
नियम में आगे कहा गया है कि अनुच्छेद 99 या 188 के प्रावधानों (जो भी लागू हों) को पूरा करने के बाद सदन के लिए मनोनीत सदस्य अपने शपथग्रहण के बाद से छह महीने का समय समाप्त होने के बाद किसी राजनीतिक दल से जुड़ता है तो वह सदन की सदस्यता के अयोग्य होगा.
तृणमूल सदस्य मोहुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि दासगुप्ता बंगाल चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हैं. उन्होंने कहा कि संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, अगर कोई मनोनीत सदस्य शपथ लेने के छह महीने के बाद किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है, तो उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है.
Swapan Dasgupta is BJP candidate for WB polls.
10th Schedule of Constitution says nominated RS member to be disqualified if he joins any political party AFTER expiry of 6 months from oath.
He was sworn in April 2016, remains unallied.
Must be disqualified NOW for joining BJP. pic.twitter.com/d3CDc9dNCe— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 15, 2021
मोइत्रा के अनुसार, ‘दासगुप्ता ने अप्रैल 2016 को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली थी. भाजपा में शामिल होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.’
इसके साथ ही टीएमसी मंगलवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू से औपचारिक तौर पर दासगुप्ता को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली थीं.
महुआ मोइत्रा के पोस्ट के बाद यह कदम उठाने की बात से इनकार करते हुए स्वपन दासगुप्ता ने कहा, ‘मैं किसी भी बात का जवाब नहीं दे रहा हूं. मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि बहुत सारे लंबित मुद्दे हैं, बहुत सी मंजूरियां हैं, जो हमें अपना नामांकन दाखिल करने से पहले संसद सहित विभिन्न संस्थानों से प्राप्त करनी हैं. और अपना नामांकन दाखिल करने से ये सब कर दूंगा.’