चुनाव प्रचार के दौरान मास्क न पहनने वाले प्रत्याशियों और प्रचारकों पर रोक के लिए याचिका दाख़िल

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के दिन अब गिनती के रह गए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा के नेता मानवीय संकट के समय हमेशा गायब रहते हैं. चुनाव तैयारी का समय न मिलने का हवाला देकर केरल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सुधाकरन ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ चुनाव नहीं लड़ेंगे.

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(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के दिन अब गिनती के रह गए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा के नेता मानवीय संकट के समय हमेशा गायब रहते हैं. चुनाव तैयारी का समय न मिलने का हवाला देकर केरल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सुधाकरन ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ चुनाव नहीं लड़ेंगे.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)
(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करके आग्रह किया गया है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों का बार-बार उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और चुनाव प्रचारकों को या तो स्थायी तौर पर या फिर नियत समय के लिए प्रचार से प्रतिबंधित करने के लिए केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को निर्देश जारी किए जाएं.

याचिका में कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन का मौलिक अधिकार है और चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रचारकों और उम्मीदवारों के मास्क नहीं पहनने की वजह से उनका यह अधिकार प्रभावित होता है.

याचिका में कहा गया कि जैसे ही निर्वाचन आयोग ने मास्क पहनना अनिवार्य किया तो इसे सुनिश्चित करना कर्तव्य के दायरे में आ जाता है.

असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुदुचेरी में अलग-अलग चरणों में 27 मार्च से विधानसभा चुनाव है और 29 अप्रैल को इसका समापन होगा.

यह याचिका डॉक्टर विक्रम सिंह ने दायर की है और इसमें कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना में चुनाव से संबंधित गतिविधियों में शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया है.

पश्चिम बंगाल में ‘ममता राज’ के दिन अब गिनती के रह गए हैं: मोदी

पुरुलिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल की सरकार पर भ्रष्टाचार, वोट बैंक की राजनीति के लिए तुष्टीकरण, माफियाराज और हिंसा की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस की ‘निर्मम’ सरकार के दिन अब गिनती के रह गए हैं.

नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)
नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

राज्य के आदिवासी जंगलमहल इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने ममता बनर्जी के ‘खेला होबे’ वाले बयान का उल्लेख किया और कहा कि भाजपा जहां विकास और ‘सोनार बांग्ला’ की बात करती है वहीं ‘दीदी’ जनता की सेवा की प्रतिबद्धता को नजरअंदाज कर ‘खेला होबे, खेला होबे’ करती हैं.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान ममता बनर्जी के मंदिरों में जाने का भी उल्लेख किया और कहा कि यह उनका ‘हृदय परिवर्तन’ नहीं है, बल्कि चुनाव हारने का डर है. उन्होंने उनके पैर में लगी चोट जल्द ठीक होने की भी कामना की.

बंगाल और पुरुलिया क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘मां-माटी-मानुष की बात करने वाली दीदी को अगर दलितों, पिछडों, आदिवासियों, वनवासियों के प्रति ममता होती, तो वो ऐसा नहीं करतीं. यहां तो दीदी की निर्मम सरकार ने माओवादियों की एक नई नस्ल बना दी है जो टीएमसी के माध्यम से गरीबों का पैसा लूटती है.’

मोदी ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की पराजय तय है. उन्होंने कहा, ‘इस बार बंगाल के चुनाव में सिंडिकेट वालों की, कट मनी वालों की पराजय होगी.’

मोदी ने दावा किया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस के दिन अब गिनती के रह गए हैं और ये बात ममता दीदी भी अच्छी तरह समझ रही हैं.

मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में घुसपैठ के पीछे प्रदेश सरकार की ‘तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति’ जिम्मेदार है.

मोदी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ टीएमसी ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को कभी अपना नहीं माना और ये वर्ग राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के ‘तोलाबाजी’ (वसूली) से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘घुसपैठ का केवल एक और सबसे अहम कारण दीदी की सरकार की तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति है.’

मोदी ने कहा कि दो मई को बनर्जी का ‘खेल खत्म’ हो जाएगा और विकास शुरू हो जाएगा. गौरतलब है कि दो मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना होगी.

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि वाम और टीएमसी सरकारों ने पुरुलिया के औद्योगिक विकास को नजरअंदाज किया. उन्होंने आरोप लगाया, ‘टीएमसी सरकार ने पुरुलिया को केवल जल संकट, जबरन पलायन और भेदभाव भरा प्रशासन दिया है.’

भाजपा के नेता मानवीय संकट के समय हमेशा गायब रहते हैं: ममता बनर्जी

गड़बेता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि चक्रवात ‘अम्फान’ के बाद उनकी सरकार ने प्रभावितों की हरसंभव मदद की और हो सकता है कि ‘एक या दो’ लाभार्थी छूट गए हों, लेकिन भाजपा के नेताओं को संकट के उस समय में कहीं नहीं देखा गया.

पश्चिम मेदिनीपुर के गड़बेता में एक रैली को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने दावा किया कि भाजपा नेता चुनाव से ठीक पहले ‘मतदाताओं को लुभाने और वोट हासिल करने के लिए बाहर से नकदी के साथ हेलीकॉप्टर और विमानों से यहां पहुंचते है.’

उन्होंने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस सरकार ने चक्रवात प्रभावितों के लिए हजारों करोड़ रुपये की मदद की. एक या दो अपवाद हो सकते हैं, लेकिन हम लोगों की मदद करने के लिए पहुंचे हैं. तब भाजपा के नेता कहां थे? मानवीय संकट के समय वह हमेशा गायब रहते हैं.’

बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू नहीं होने देगी. उन्होंने आरोप लगाया, ‘गणना करने वालों की यात्रा के दौरान घर पर नहीं पाए जाने पर भाजपा मतदाताओं के नामों को हटा देगी. वे आपको (लोगों) निकाल देंगे, लेकिन हम उन्हें यहां रजिस्टर का अद्यतन करने की अनुमति नहीं देंगे.’

उन्होंने कहा, ‘किसी भी परिवार के एक भी सदस्य, देश के किसी भी नागरिक को बंगाल से निकाला नहीं जा सकता है.’

भाजपा को ‘दंगाइयों की पार्टी’ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘हम हिंसा नहीं चाहते हैं, हम खून-खराबा नहीं चाहते हैं और हम बंगाल में प्रतिशोध की राजनीति नहीं चाहते हैं.’

टीएमसी का घोषणा-पत्र जारी, सभी परिवारों को आय, छात्रों को क्रेडिट कार्ड का वादा

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को ‘विकासोन्मुखी’ घोषणा-पत्र जारी किया. मुख्यमंत्री ने इसमें सभी परिवारों के लिए आय योजना, छात्रों को क्रेडिट कार्ड और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में कई समुदायों को शामिल करने के लिए एक कार्यबल का गठन करने का वादा किया.

राज्य में तृणमूल कांग्रेस शासन के दौरान गरीबी 40 प्रतिशत तक घट जाने का दावा करते हुए घोषणा-पत्र में किसानों की वार्षिक वित्तीय सहायता 6,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने का भी वादा किया गया है.

टीएमसी का घोषणापत्र. (फोटो: ट्विटर/@AITCofficial)
टीएमसी का घोषणापत्र. (फोटो: ट्विटर/@AITCofficial)

‘दीदी 10 अंगीकार’ (दीदी के 10 संकल्प) के तहत घोषणा-पत्र में अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य क्षेत्र को सुधारने, रोजगार सृजन, खाद्य सुरक्षा, वहनीय घर, बिजली और लोगों को पाइप से पेयजल की आपूर्ति जैसी योजनाओं की सूची दी गई है.

हालांकि, भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के घोषणा-पत्र को चुनाव से पहले लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए ‘जुमला’ करार दिया है.

ममता ने कहा, ‘पहली बार, बंगाल में हर परिवार को न्यूनतम आय प्राप्त होगी. इसके तहत, 1.6 करोड़ सामान्य श्रेणी के परिवारों को 500 रुपये प्रति महीना, जबकि एससी/एसटी श्रेणी में आने वाले परिवारों को 1,000 रुपये प्रति महीना मिलेगा. यह रकम सीधे परिवार की महिला मुखिया के बैंक खाते में भेजी जाएगी.’

मुख्यमंत्री ने 18 साल से अधिक उम्र की विधवाओं को एक हजार रुपये पेंशन देने की भी घोषणा की है.

बनर्जी ने कहा, ‘सरकार बनाने के बाद हम लाखों विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को आर्थिक सहायता देंगे. पहली बार बंगाल के हर परिवार को न्यूनतम आय की व्यवस्था की जाएगी. सार्वभौमिक न्यूनतम आय योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया के खाते में सीधे पैसे हस्तांतरित की जाएगी.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख की क्रेडिट सीमा के साथ छात्रों के लिए नई कार्ड योजना लाई जाएगी और इस पर सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज देना होगा.

उन्होंने कहा, ‘अगले पांच वर्षों में हम 10 लाख एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) इकाइयां तथा 2000 नई बड़ी औद्योगिक इकाइयां लगाएंगे. ’

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘महिष्या, तेली, तामुल और साहा जैसी उन सभी जातियों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का दर्जा दिलाने के लिए एक विशेष कार्यबल गठित करेंगे, जिन्हें ओबीसी के रूप में मान्यता नहीं है. हम भारत सरकार से महतो (जाति) को (एसटी) अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की सिफारिश करेंगे.’

उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल में तराई और दुआर क्षेत्र के विकास के लिए एक विशेष विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा.

भाजपा की हिंदू पिछड़ा वर्ग की रणनीति के जवाब में घोषणा करने के सवाल पर ममता बनर्जी ने कहा कि हमारा घोषणा-पत्र नौ मार्च को ही तैयार हो गया था, लेकिन इसे जारी करने में देरी हुई.

तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘हो सकता है कि भाजपा ने निर्वाचन आयोग से मेरे घोषणा-पत्र की नकल की हो. हम सभी जानते हैं कि निर्वाचन आयोग को भाजपा निर्देशित कर रही है.’

बंगाल: भाजपा ने और 148 उम्मीदवारों की घोषणा की

नई दिल्ली: भाजपा ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 148 उम्मीदवारों की एक और सूची जारी कर दी. पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव मुकल रॉय, सांसद जगन्नाथ सरकार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा और लोक गायक असीम सरकार को टिकट दिया है.

भाजपा इससे पहले पश्चिम बंगाल में 123 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है. पार्टी ने एक सीट अपने सहयोगी दल एजेएसयू को दी है.

मुकुल रॉय. (फोटो: पीटीआई)
मुकुल रॉय. (फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय मंत्री देबोश्री चौधरी और भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया. इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया गया था.

पार्टी ने चुनावों में कलाकारों, खेल व सिनेमा जगत की हस्तियों और विभिन्न पेशेवरों को मैदान में उतारा है.

मुकुल रॉय को पार्टी ने नदिया जिले के कृष्णानगर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से उतारा है. तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता रॉय रेल मंत्री भी रह चुके हैं.

रानाघाट से भाजपा के सांसद जगन्नाथ सरकार को पार्टी ने शांतिपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है, जबकि राहुल सिन्हा को हाबरा सीट से मैदान में उतारा है. इससे पहले भाजपा एक केंद्रीय मंत्री सहित अपने पांच सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतार चुकी है.

लोक कलाकार असीम सरकार को नदिया जिले के हरिंगाता से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है. वैज्ञानिक गोवर्धन दास को पूर्बास्थली उत्तर से टिकट गया है.

पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 211 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबकि भाजपा को महज तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस को इस चुनाव में 44 सीटें और माकपा को 26 सीटें मिली थी.

 

केरल के मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ूंगा: कांग्रेस नेता के. सुधाकरन

कन्नूर: केरल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सुधाकरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह उत्तरी कन्नूर जिले में धर्मादम विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे.

उन्होंने कहा कि उन्हें इस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव की बुनियादी तैयारियां करने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाया, इसलिए वह आगामी छह अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव में इस सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं.

सुधाकरन ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी से उन्हें उम्मीदवार सूची से बाहर करने का अनुरोध करते हुए कहा कि यहां तक कि जिला कांग्रेस कमेटी भी इस सीट पर उनके चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है.

सुधाकरन का यह बयान आने तक केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख एम. रामचंद्रन सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस बारे में पर्याप्त संकेत दिए थे कि वह मुख्यमंत्री के खिलाफ पार्टी के उम्मीदवार होंगे.

रामचंद्रन ने सुबह में कहा था कि पार्टी चाहती है कि कन्नूर से सांसद (सुधाकरन) राज्य के मुख्यमंत्री विजयन के खिलाफ चुनाव लड़ें और पार्टी नेतृत्व को उनकी सहमति का इंतजार है.

सुधाकरन ने कन्नूर में संवाददाताओं से कहा, ‘पार्टी नेतृत्व ने मुझसे धर्मदम सीट से चुनाव लड़ने को कहा था. मैं इसका स्वागत करता हूं और आभार प्रकट करता हूं, लेकिन एक विशेष परिस्थिति है, जो मेरे अनुकूल नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘कन्नूर में पांच विधानसभा सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों की जीत के लिए काम करने की भी मेरे पास जिम्मेदारी है.’

उन्होंने दावा किया, ‘यदि काफी पहले तैयारी शुरू की गई होती, तो पार्टी चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण प्रगति कर लेती और इस सीट पर शानदार जीत हासिल करती. ’

विजयन के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार उतारने की कांग्रेस नेतृत्व की कोशिशों को सुधाकरन के पीछे हटने से एक बड़ा झटका लगा है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस सीट पर उम्मीदवार की घोषणा जल्द ही नई दिल्ली से की जाएगी.

असम में मोदी ने कहा, कांग्रेस इतनी कमजोर हुई कि किसी से भी मिला सकती है हाथ

करीमगंज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) से गठबंधन करने के लिए बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा कि आज यह विपक्षी पार्टी इतनी कमजोर हो गई है कि वह किसी भी हाथ मिला सकती है क्योंकि उसके पास ‘ना नेता है, ना नीति है और ना ही कोई विचारधारा है.’

प्रधानमंत्री ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस को ‘भ्रमित पार्टी’ करार दिया और सवाल किया कि जिस दल की सोच स्थिर नहीं है वह असम में क्या स्थिर सरकार दे सकती है?

उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में जिन वामपंथियों के साथ वो (कांग्रेस) लाल सलाम कर रहे हैं, उन्हीं के साथ केरल में नूरा-कुश्ती चल रही है. कांग्रेस का ये कंफ्यूजन (भ्रम) हर तरफ हैं. जिस पार्टी की सोच ही स्थिर नहीं है, वह क्या असम में स्थिर सरकार दे सकती हैं?’

असम में एआईयूडीएफ से कांग्रेस के गठबंधन पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अब पूर्वोत्तर के इस राज्य को ही देख लीजिए कि कभी यहां की सत्ता पर राज करने वाली (पार्टी) आज यहां किसके भरोसे मैदान में है?

उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों की राजनीति से यहां के कांग्रेस के कार्यकर्ता दशकों से जूझ रहे हैं वहीं हाथ (कांग्रेस का चुनाव चिह्न) ताला-चाचाभी लिए घूम रहे हैं.’

ज्ञात हो कि ताला-चाचाभी एआईयूडीएफ का चुनाव चिह्न है. इसके अध्यक्ष सांसद बदरूद्दीन अजमल हैं.

असम में 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में मतदान संपन्न होना है. पहले चरण के तहत राज्य की 47 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत 39 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल को तथा तीसरे व अंतिम चरण के तहत 40 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल को मतदान संपन्न होगा.

भाजपा ने असम में शासन करने के लिए विभाजनकारी नीतियां अपनायीं: बघेल

गुवाहाटी: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने असम में अपनी कांग्रेस पार्टी के पक्ष में प्रचार करते हुए बृहस्पतिवार को भाजपा शासन की तुलना ब्रिटिश काल से की और कहा कि भगवा धड़े ने औपनिवेशिक शासकों की भांति ही ‘विभाजनकारी एवं स्वहितकारी’ नीतियां अपनाई हैं.

बघेल ने गुवाहाटी में एक बयान में आरोप लगाया कि भाजपा असम की शांति एवं सद्भाव बिगाड़ने पर तुली है.

भूपेश बघेल. (फोटो: पीटीआई)
भूपेश बघेल. (फोटो: पीटीआई)

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा,‘ ब्रिटिश शासकों ने देश पर शासन करने और अपने हितों की पूर्ति के लिए विभाजनकारी नीतियां अपनाईं. उनकी भांति ही भाजपा भी भाषा, धर्म, रंग, कपड़े और खान-पान के आधार असम के लोगों के बीच विभाजन पैदा करने का प्रयास कर रही है.’

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ही ‘एकमात्र ऐसी पार्टी है जो एकता के सूत्र में लोगों को बांधकर रखती है.’

असम: महिला अधिकार समूहों ने दलों को सौंपी अपनी मांगों की सूची

गुवाहाटी: असम में महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले समूहों ने राज्य विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले दलों को महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाने, जीविकोपार्जन के लिए उन्हें उचित सुरक्षा देने, सामान आर्थिक भागीदारी और बेहतर स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधा मुहैया कराने जैसी कई मांगों वाला एक घोषणा-पत्र सौंपा है.

‘नॉर्थ ईस्ट नेटवर्क (एनईएन) की राज्य समन्वयक अनुरिता पाठक हजारिका ने बताया कि लैंगिक समानता के क्षेत्र में काम करने वाले पांच संगठनों ने ‘महिला घोषणा-पत्र-2021’ तैयार किया है. उन्होंने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के समक्ष अपनी मांगे रखी हैं, ताकि ये लोग महिलाओं के सामने पेश आने वाली दिक्कतों को समझ सकें और निर्वाचित होने के बाद इन्हें अपनी योजनाओं में शामिल कर सकें.

यह घोषणापत्र एनईएन, पूर्वा भारतीय एजुकेश्नल ट्रस्ट (पीबीईटी), वीमेन्स इन गवर्नेंस, विमेन्स लीडरशिप ट्रेनिंग सेंटर और जोबडो ने मिल कर तैयार किया है.

डब्यूआईटीसी की वनमल्लिका चौधरी ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करने की होगी कि महिला आरक्षण विधोयक तत्काल पारित हो और विधानसभा में तथा संसद में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का आश्वासन दिया जाए.

तमिलनाडु: कमल हासन की पार्टी के पदाधिकारी के खिलाफ आईटी छापेमारी

कोयंबटूर: कमल हासन के करीबी सहयोगी और मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) कोषाध्यक्ष ए. चंद्रशेखर के आवासों पर बुधवार को की गई छापेमारी में 8 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई. मदुरै और तिरुप्पुर में चंद्रशेखर के कार्यालयों पर भी छापे मारे गए.

वहीं, एमएनएम के प्रमुख कमल हासन ने बृहस्पतिवार को कहा कि तिरुपुर में पार्टी के एक पदाधिकारी के परिसरों पर आयकर (आईटी) के छापे राजनीति से प्रेरित हो सकते हैं.

अभिनेता से नेता बने हासन ने कहा कि वह विभाग से विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के बाद जवाब देंगे.

Chennai: Makkal Needhi Maiam (MGM) President Kamal Haasan addresses at the 'NASSCOM HR Summit 2018', in Chennai on Thursday, July 26, 2018. (PTI Photo/R Senthil Kumar)(PTI7_26_2018_000251B)
कमल हासन. (फोटो: पीटीआई)

पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या बुधवार को की गई छापेमारी राजनीति से प्रेरित है या उन पर दबाव बनाने के लिए है, तो हासन ने कहा कि उन्हें पहले विस्तृत जानकारी लेने दीजिए, इसके बाद वह जवाब देंगे.

उन्होंने बताया कि पार्टी का घोषणा पत्र जल्द ही जारी किया जाएगा. हासन ने दावा किया कि दो साल पहले उन्होंने जो भी कहा था, उसे अन्य दलों के घोषणा पत्रों में स्थान मिला है.

तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों में हासन कोयंबटूर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं.

विभिन्न विपक्षी नेताओं के आवासों पर जारी यह छापेमारी देर बुधवार रात तक चलती रही.

पिछले एक सप्ताह से आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी में, तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में लगभग 400 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे.

तमिलनाडु के एक प्रतिष्ठित जौहरी के कार्यालय परिसर में और साथ ही एक सराफा व्यापारी पर भी छापे मारे गए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)