उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने को लेकर महाराष्ट्र सरकार विपक्ष की आलोचना का सामना कर रही है. इस संबंध में मुंबई पुलिस के गिरफ़्तार अधिकारी सचिन वझे एनआईए की जांच के केंद्र में है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आरोप है कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो उद्धव ठाकरे ने वझे को बहाल करने के लिए कहा था.
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले से ‘निपटने’ को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे मुंबई पुलिस के आयुक्त परमबीर सिंह का बुधवार को तबादला कर दिया.
राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नागराले मुंबई पुलिस के नए आयुक्त होंगे. सिंह का राज्य के होमगार्ड विभाग में तबादला कर दिया गया है.
मुंबई पुलिस के नवनियुक्त आयुक्त हेमंत नागराले ने बुधवार को कहा कि वह शहर की पुलिस की छवि सुधारने और ‘खोई विश्वसनीयता’ बहाल करने के लिए कार्य करेंगे.
बुधवार दोपहर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने वाले देशमुख ने ट्विटर के जरिये सिंह के तबादले की जानकारी दी.
देशमुख ने ट्वीट किया, ‘सरकार का बड़ा फैसला. हेमंत नागराले मुंबई पुलिस के नए आयुक्त होंगे. श्री रजनीश सेठ को महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.’
उन्होंने लिखा, ‘संजय पांडे को महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम की जिम्मेदारी दी गई है. परमबीर सिंह को होमगार्ड विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.’
Shri Param Bir Singh has been given the responsibility of the Home Guards department. (2/2)
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) March 17, 2021
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी नागराले केतन पारेख घोटाला और हर्षद मेहता घोटाला जैसे मामलों की जांच कर चुके हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने सिंह का तबादला करने का फैसला राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सिलसिलेवार बैठकों के बाद लिया है.
दरअसल, राज्य पुलिस काडर के 1990 बैच के ‘मुठभेड़ विशेषज्ञ’ वझे को 2002 में घाटकोपर धमाके के संदिग्ध ख्वाजा यूनुस की हिरासत में हुई मौत के संबंध में 2004 में निलंबित कर दिया गया था. पिछले साल उन्हें फिर से पुलिस में बहाल कर दिया गया था.
आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में पिछले साल नवंबर में पत्रकार अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करने वाली टीम की अगुवाई करने वाले वझे अपने निलंबन के समय शिवसेना में शामिल हो गए थे. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कहा था कि वझे 2008 तक शिवसेना के सदस्य थे.
वझे दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट 25 फरवरी को विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो कार मिलने के मामले में एनआईए द्वारा की जा रही जांच के केंद्र में हैं.
मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे को इस मामले में कथित भूमिका के चलते 13 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया था. वह हाल तक मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की अपराध खुफिया इकाई से संबद्ध थे.
सिंह का तबादला सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच हुई बैठक के बाद देखने को मिला है. ऐसी खबरें हैं कि वझे ने सिंह के निर्देश पर इस पूरे प्रकरण की पटकथा तैयार की थी.
अधिकारी ने कहा कि एनआईए ने वझे द्वारा इस्तेमाल की गई एक मर्सिडीज कार को मंगलवार को जब्त करके उसमें से पांच लाख रुपये बरामद किए थे.
साथ ही जांच एजेंसी ने उनके कार्यालय में तलाशी के दौरान लैपटॉप, आईपैड और मोबाइल फोन जैसे इलैक्ट्रोनिक सामान और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किये थे.
हम मुंबई पुलिस की छवि सुधारेंगे: हेमंत नागराले
मुंबई पुलिस के नवनियुक्त आयुक्त हेमंत नागराले ने बुधवार को कहा कि वह शहर की पुलिस की छवि सुधारने और ‘खोई विश्वसनीयता’ बहाल करने के लिए कार्य करेंगे.
नागराले ने बुधवार शाम मुंबई पुलिस आयुक्त का कार्यभार संभाला. इससे पहले दोपहर को मुंबई पुलिस आयुक्त रहे परमबीर सिंह का स्थानांतरण होमगार्ड में करने की घोषणा की गई थी.
नया पदभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में नागराले ने कहा, ‘हम जानते हैं कि मुंबई पुलिस मुश्किल दौर से गुजर रही है. इस समस्या का समाधान करने के लिए राज्य सरकार ने मुझे नियुक्त किया है और मैंने कार्यभार ग्रहण किया है.’
At present, the Mumbai Police is undergoing turmoil due to some bad instances that have occurred. I won't comment on the ongoing investigation. We will regain the glory and pride of Mumbai Police: Mumbai Police Commissioner Hemant Nagrale pic.twitter.com/5GceztWlGI
— ANI (@ANI) March 17, 2021
भारतीय पुलिस सेवा के 1987 बैच अधिकारी ने कहा कि उनके अधिकारियों की कोशिश मुंबई पुलिस विभाग की छवि सुधारने की होगी.
उन्होंने कहा, ‘गत कुछ दिनों से आप देख रहे हैं, इस तरह अधिकारियों का शामिल होना ठीक नहीं हैं. एनआईए और एटीएस जांच कर रही है. चल रही जांच पर टिप्पणी करना उचित नहीं है.’
उन्होंने यह बात सचिन वझे की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की गई गिरफ्तारी के संदर्भ में की.
एनआईए ने किया अन्य लोगों के शामिल होने का दावा
एनआईए का दावा है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर के निकट जिलेटिन की छड़ें बरामद होने के मामले में कुछ ‘अन्य लोग’ भी शामिल थे, जो गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वझे को कथित रूप से निर्देश दे रहे थे.
एनआईए के सूत्रों ने कहा कि मामले की गुत्थी लगभग सुलझ चुकी है और जल्द ही ‘पूरे षड्यंत्र’ पर से पर्दा उठ जाएगा.
एनआईए ने मुंबई में अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से लदी कार मिलने से संबंधित मामले में बुधवार को लगातार चौथे दिन मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारी रियाजुद्दीन काजी से पूछताछ की.
अपराध शाखा के एक और सहायक पुलिस निरीक्षक प्रकाश होवाल भी दोपहर के समय राष्ट्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए .
एक अधिकारी ने दावा किया कि एसयूवी में मिली फर्जी नंबर प्लेट कथित रूप से काजी ने खरीदी थी.
एनआईए के सूत्रों ने कहा कि आतंकवादी संगठन जैश-उल-हिंद ने टेलीग्राम ऐप पर एक पत्र पोस्ट कर फिरौती मांगी थी और घटना की जिम्मेदारी ली थी. इस मामले की जांच भी जारी है.
दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ पहले ही इस मामले में इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े एक व्यक्ति तहसीन अख्तर को हिरासत में ले चुका है, जो आईईडी बनाने में महारत रखता है.
अधिकारियों ने कहा कि अख्तर से पूछताछ के बाद कुछ सबूत जुटाए गए हैं और टेलीग्राम ऐप पर धमकी भरा पत्र डालने के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल उपकरण को जब्त कर लिया गया है. जल्द ही वझे से इस संबंध में पूछताछ की जाएगी.
इस बीच, वझे द्वारा इस्तेमाल की गई एक मर्सिडीज कार के पूर्व मालिक ने बुधवार को कहा कि यदि वाहन के संबंध में पूछताछ के लिए एनआईए उनसे संपर्क करती है तो वह पूरा सहयोग करेंगे.
महाराष्ट्र के धुले जिले के निवासी तथा कार के पूर्व मालिक सारांश भावसर ने एक टीवी चैनल से कहा कि उन्होंने पिछले महीने एक ऑनलाइन पोर्टल के जरिये वह कार बेच दी थी. उन्होंने दावा किया कि वह कार खरीदने वाले व्यक्ति को नहीं जानते.
भावसर ने यह भी कहा कि वह वझे को नहीं जानते और मंगलवार को ही उनके बारे में सुना.
वहीं, महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि एनआईए को विस्फोटक से लदी एसयूवी मिलने के मामले में बीच-बीच में जानकारी देने के बजाय तफ्तीश पूरी होने के बाद निष्कर्ष के बारे में बताना चाहिए.
पाटिल ने राज्य के प्रमुख मंत्रियों की बैठक के बाद कहा कि इस प्रकरण में शामिल लोगों के नाम धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं.
जब मैं मुख्यमंत्री था तो उद्धव ने वझे को बहाल करने के लिए कहा था: फडणवीस
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को दावा किया कि जब वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, तब वर्ष 2018 में शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे को बहाल करने के लिए कहा था. उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना ने इस मुद्दे पर उन पर दबाव बनाया था.
Bigger question is why was #SachinWaze reinstated at all, in spite of such serious enquiries against him? pic.twitter.com/DMWl3x8pby
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) March 17, 2021
फडणवीस ने कहा, ‘मैं वर्ष 2018 में राज्य का मुख्यमंत्री था और गृह विभाग भी मेरे अधीन था. शिवसेना अध्यक्ष ने मुझसे संपर्क कर निलंबित अधिकारी सचिन वझे को दोबारा बहाल करने को कहा था. कुछ अन्य शिवसेना नेताओं ने भी इसी तरह का अनुरोध मुलाकात कर किया.’
उन्होंने कहा, ‘जब वझे को बहाल करने का प्रस्ताव मिला तो मैंने महाधिवक्ता को बुलाकर मौखिक रूप से उनकी राय जानी जिन्होंने बताया कि बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश पर वझे को निलंबित किया गया है, अत: मैंने उन्हें बहाल नहीं करने का फैसला किया.’
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने आरोप लगाया कि शिवसेना ने उन पर इस मुद्दे को लेकर दबाव बनाने की कोशिश भी की. वर्ष 2014 से 2019 तक राज्य में भाजपा और शिवसेना की गठबंधन सरकार थी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस से हाथ मिलाकर सरकार बनाने के बाद वझे को बहाल किया लेकिन उसके खिलाफ गंभीर आरोप थे.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे मनसुख हिरेन (अंबानी के घर के पास विस्फोटक लदी मिली एसयूवी कार के मालिक) की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की कुछ जानकारी मिली है जिसके मुताबिक उनके फेफड़े में पानी नहीं मिला है जिसका मतलब है कि हिरेन की पहले हत्या की गई और बाद में शव क्रीक में फेंका गया.’
फडणवीस ने आरोप लगाया, ‘जो लोग हिरेन के शव को ठिकाने लगाना चाहते थे, उन्होंने उच्च ज्वार के दौरान उसे बहाने की कोशिश की लेकिन उनकी गणना गलत थी और उन्होंने निम्न ज्वार के दौरान शव क्रीक में फेंका जिसकी वजह से शव मिल गया. अगर उच्च ज्वार के दौरान शव को फेंका गया होता तो लाश नहीं मिलती.’
उन्होंने कहा कि उनके शव को ठिकाने लगाने की सोची-समझी योजना बनाई गई थी ताकि कुछ महीने के इंतजार के बाद मामला शांत हो जाए और फिर अगला कदम उठाया जाए.
फडणवीस ने कहा, ‘वझे और (मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त) परमबीर सिंह तो खेल के बस मोहरे हैं. इसमें सत्ता पर काबिज वरिष्ठ लोग शामिल हैं.’
भाजपा नेता ने कहा कि कनिष्ठ अधिकारी होने के बावजूद वझे को अपराध खुफिया शाखा विभाग में अहम पद दिया गया. न्यायाधिकार क्षेत्र के मामले को परे रखकर अहम मामलों की जांच वझे को दी गई.
उन्होंने कहा कि वझे सहायक पुलिस निरीक्षक है, इसके बावजूद मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को जानकारी देने के समय उसको देखा जा सकता था.
फडणवीस ने कहा, ‘इसका मतलब है कि वझे के पास कोई संवेदनशील जानकारी है जिसकी वजह से मंत्री भी दबाव में हैं.’
भाजपा नेता ने कहा कि अंबानी के घर के बार विस्फोटक युक्त वाहन का मिलना और कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत, दोनों चीज आपस में जुड़ी हैं.
राउत की फडणवीस को चुनौती: वझे के ‘राजनीतिक संरक्षकों’ का नाम बताएं
शिवसेना नेता संजय राउत ने मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के ताबदले के पीछे दबाव होने से इनकार करते हुए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को चुनौती दी कि अगर उनके पास गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वझे के कथित ‘राजनीतिक संरक्षकों’ के बारे में सबूत है तो उनका नाम बताएं.
राउत ने कहा कि फडणवीस को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे मुंबई हतोत्साहित हो.
उन्होंने कहा, ‘अगर विपक्ष सोचता है कि यह तबादला किसी दबाव में किया गया तो वह गलत है. उद्धव ठाकरे सरकार ने किसी दबाव में तबादला नहीं किया है. यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि जब तक जांच जारी है तब तक यह तबादला किया जाना चाहिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)