उत्तर प्रदेश हमीरपुर ज़िले के एक गांव में 50 वर्षीय मज़दूर ने पेड़ से फांसी लगा ली. वहीं, बांदा ज़िले के मटौंध क्षेत्र में आर्थिक तंगी से परेशान एक किसान ने अपने घर में कथित रूप से फांसी लगा ली है.
हमीरपुर/बांदा: हमीरपुर जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के कुछेछा गांव में बुधवार सुबह कथित तौर पर कर्ज से परेशान एक मजदूर ने पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं, बांदा जिले के मटौंध क्षेत्र में आर्थिक तंगी से परेशान एक किसान ने अपने घर में कथित रूप से फांसी लगा ली.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुछेछा गांव में मजदूर 50 वर्षीय रामदास सविता का बुधवार शव सुबह बेतवा नदी के किनारे एक पेड़ में फांसी के फंदे से लटका हुआ पाया गया. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.
उन्होंने बताया कि मजदूर के परिजनों का कहना है कि उसने कुछ समय पूर्व गांव के साहूकारों से कर्ज लेकर अपनी बेटी की शादी की थी, अब साहूकार कर्ज वापसी का दबाव बना रहे थे, संभवतः इसी से परेशान होकर उसने आत्महत्या की है. उसके पास एक बीघा कृषि भूमि थी.
अमर उजाला के मुताबिक, मृतक के बेटे ने बताया कि करीब दो वर्ष पहले उनके पिता ने बहन की शादी करने के लिए एक साहूकार से एक लाख रुपये कर्ज लिया था. मगर कोरोना महामारी के कारण कर्ज की पूरी अदायगी नहीं कर सके. अभी साहूकार को 80 हजार रुपये देने थे, जिसकी वजह से वह परेशान रहते थे.
घटना की सूचना अधिकारियों को देकर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
बांदा में किसान ने आत्महत्या की
वहीं, उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के मटौंध क्षेत्र में आर्थिक तंगी से परेशान एक किसान ने बुधवार को अपने घर में कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मटौंध थाना क्षेत्र के मुड़ेरी गांव में लघु सीमांत किसान रणविजय सिंह (45) का शव सुबह उसके घर में फांसी के फंदे से लटकता पाया गया.
उन्होंने किसान के परिजनों के हवाले से बताया कि वह आर्थिक संकट से परेशान था, संभवतः इसी वजह से आत्महत्या कर ली. शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है. मामले की जांच की जा रही है.
अमर उजाला के मुताबिक किसान रणविजय सिंह के पास 5-6 बीघा जमीन है. परिजनों के मुताबिक 7 वर्ष पहले उसकी पत्नी ने भी आर्थिक तंगी से जहर खाकर जान दे दी थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)