बंगाल: भाजपा की प्रत्याशी सूची में होने के बाद दो नेताओं ने चुनाव लड़ने से इनकार किया

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पश्चिम बंगाल के नेता तरुण साहा और शिखा मित्रा ने कहा कि उन्हें उम्मीदवाद बनाने से पहले भाजपा की ओर से उनसे स्वीकृति नहीं ली गई. राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा कि ‘जय श्रीराम’ के नारे से ममता बनर्जी की चिढ़ के कारण यह फ़ैसला लिया. टिकट न मिलने से नाराज़ 15 नेताओं को असम भाजपा ने छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया.

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जेपी नड्डा. (फोटो: पीटीआई)

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पश्चिम बंगाल के नेता तरुण साहा और शिखा मित्रा ने कहा कि उन्हें उम्मीदवाद बनाने से पहले भाजपा की ओर से उनसे स्वीकृति नहीं ली गई. राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा कि ‘जय श्रीराम’ के नारे से ममता बनर्जी की चिढ़ के कारण यह फ़ैसला लिया. टिकट न मिलने से नाराज़ 15 नेताओं को असम भाजपा ने छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया.

Nadia: BJP NatIonal President J P Nadda inaugurates the partys Poriborton Yatra ahead of Assembly polls, at Nawadwip in Nadia, Saturday, Feb. 6, 2021. (PTI Photo/Ashok Bhaumik) (PTI02 06 2021 000162B)
(फोटो: पीटीआई)

कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी ने बीते बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल के पांचवें छठे, सातवें और आठवें चरण के चुनाव के लिए 148 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी. इस सूची में पार्टी ने तरुण साहा को काशीपुर-बेलगाचिया सीट और दिवंगत कांग्रेस नेता सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा को चौरिंगी सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था.

हालांकि दोनों ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. दोनों नेताओं ये तक कह दिया कि भाजपा ने स्वीकृति के बिना उनकी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, काशीपुर-बेलगाचिया सीट से तृणमूल कांग्रेस की निवर्तमान विधायक माला साहा के पति तरुण साहा ने भाजपा के टिकट पर आने वाले चुनाव में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है. पत्रकारों से बाचीत में उन्होंने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस के साथ हैं और भाजपा ने उनसे सलाह लिए बिना उन्हें प्रत्याशियों की सूची में शामिल किया है.

माला साहा ने तृणमूल की ओर से काशीपुर-बेलगाचिया सीट पर साल 2011 और 2016 के विधानसभा चुनाव में लगातार जीत दर्ज की थी. हालांकि इस समय पार्टी ने कोलकाता के डिप्टी मेयर अतिन घोष को यहां से टिकट दिया है.

शिखा मित्रा ने भाजपा द्वारा बृहस्पतिवार को शहर की चौरिंगी सीट से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद कहा कि उनकी स्वीकृति के बिना उनके नाम का ऐलान किया गया है और वह राजनीति में नहीं आएंगी.

मित्रा ने खुद के भाजपा में शामिल होने के कयासों पर विराम पर भी विराम लगा दिया. भाजपा नेता तथा पारिवारिक मित्र शुभेंदु अधिकारी से उनकी मुलाकात के बाद ऐसी अटकलें तेज हो गई थीं.

मित्रा ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं कहीं से चुनाव नहीं लड़ रही. मेरी अनुमति के बिना मेरे नाम की घोषणा की गई. मैं भाजपा में भी शामिल नहीं होऊंगी.’

शिखा ने चौरिंगी सीट पर साल 2011 में जीत दर्ज की थी. हालांकि बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गईं. वर्तमान विधायक के इस्तीफा दे देने से साल 2014 में यहां उपचुनाव कराए गए थे, जिसमें तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी नयना बंदोपाध्याय ने विजय हासिल की थी. इस चुनाव में बंदोपाध्याय एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं.

बहरहाल टिकटों की घोषणा के बाद भाजपा में एक बार फिर बगावत देखने को मिली. भाजपा युवा मोर्चा की राज्य इकाई के नेता और पूर्व भाजपा नेता तपन सिकदर के बेटे सौरव सिकदर ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी पर पुराने नेताओं का अपमान करने का आरोप लगाया.

राज्य के अन्य इलाकों में जहां भाजपा ने दूसरे दलों के नेताओं को उम्मीदवार बनाया है, वहां से विरोध की खबरें आ रही हैं.

पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान संपन्न होगा. मतों की गिनती दो मई को होगी.

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पिछले 10 साल से सत्ता में है. इस बार भाजपा और अन्य विपक्षी दल उसे चुनौती दे रहे हैं. भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से हटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है.

पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को राज्य की 294 में से 211 सीटों पर विजय हासिल हुई थी, जबकि भाजपा को महज तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस को इस चुनाव में 44 सीट और माकपा को 26 सीट मिली थीं.

पुराने भाजपा नेता रो रहे हैं, पार्टी ने टीएमसी के दलबदलुओं को मैदान में उतारा है: ममता

एगरा: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शुक्रवार को टीएमसी छोड़ने वाले नेताओं को ‘गद्दार’ करार देते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि उन्होंने खुद ही उनकी पार्टी छोड़ दी, लेकिन इन दलबदलुओं ने भाजपा के पुराने नेताओं को नाराज कर दिया, क्योंकि भगवा पार्टी ने अपने वफादारों के ऊपर दलबदलू नेताओं को तरजीह देते हुए उन्हें मैदान में उतारने का फैसला किया है.

पूर्व मेदिनीपुर के एगरा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने भाजपा पर दंगा, लूट और हत्या की राजनीति करने का आरोप लगाया, और सभी से अपने इलाकों में दिखाई देने वाले ऐसे बाहरी लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया.

‘बंगाली गौरव’ को अपना प्रमुख चुनावी हथियार बनाने वाली टीएमसी ने भाजपा को ‘बाहरी लोगों की पार्टी’ करार दिया है, क्योंकि उसके शीर्ष नेता राज्य के बाहर से आते हैं.

मुकुल रॉय जैसे अन्य नेताओं के साथ भाजपा में शामिल होने वाले शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी के स्पष्ट संदर्भ में टीएमसी सुप्रीमो ने कहा ‘गद्दार, मीरजाफर अब भाजपा के उम्मीदवार बन गए हैं, जिससे भगवा पार्टी के पुराने नेता नाखुश हैं.’ बनर्जी ने कहा कि इन दलबदलुओं को अतीत में कई जिम्मेदारियां दी गई थीं.

भगवा दल को ‘सामने हरि हरि और पीछे से छुरा घोंपने’ के नारे वाली पार्टी बताते हुए, टीएमसी प्रमुख ने दावा किया, ‘पान पराग चबाकर और माथे पर तिलक लगाकर भाजपा लोगों पर हमला करती है.’

‘नो वोट टू बीजेपी’ का नया नारा गढ़ने वाली बनर्जी ने लोगों से माकपा और कांग्रेस को भाजपा के दोस्त बताते हुए उन्हें भी वोट न देने की अपील की.

माकपा, कांग्रेस और आईएसएफ ने पश्चिम बंगाल में एक नया गठबंधन बनाया है.

तृणमूल सांसद चुनाव आयोग से मिले, कहा- बंगाल में निष्पक्ष चुनाव वास्तविकता से बहुत दूर

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर राज्य पुलिसकर्मियों को उपस्थित रहने की अनुमति नहीं देने के चुनाव आयोग के कथित फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को चुनाव निकाय से मिला. सांसदों ने यह आरोप लगाया कि बंगाल में निष्पक्ष चुनाव वास्तविकता से बहुत दूर होता जा रहा है.

(फोटो: पीटीआई)
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सौगत रॉय, यशवंत सिन्हा, मोहम्मद नदीमुल हक, प्रतिमा मंडल और महुआ मोइत्रा सहित टीएमसी संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के कदम को पक्षपातपूर्ण बताया.

चुनाव आयोग को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया, ‘यह अब बिल्कुल स्पष्ट हो रहा है कि पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव वास्तविकता से दूर होता जा रहा है. यह भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा राज्य में होने जा रहे चुनाव के संबंध में लिए गए पक्षपातपूर्ण कदम से स्पष्ट है.’

उसमें कहा गया, ‘पहले उदाहरण के तौर पर मीडिया में यह बताया गया है कि ईसीआई ने मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर राज्य पुलिस की मौजूदगी की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है और ऐसी जगहों पर केवल केंद्रीय बलों की तैनाती होगी. यदि यह सही है, तो यह निर्णय असामान्य है और जो पश्चिम बंगाल में पुलिस प्रशासन की प्रतिष्ठा पर गंभीर आक्षेप लगाता है.’

ज्ञापन में कहा गया है कि उचित स्तर पर इसकी पुष्टि की जानी चाहिए.

टीएमसी ने कहा कि ईसीआई का निर्णय केवल पश्चिम बंगाल के लिए है, देश के चार अन्य राज्यों के लिए नहीं हैं, जहां उसके साथ चुनाव होने जा रहे हैं.

पार्टी ने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती कानून-व्यवस्था को संभालने में राज्य सरकार की मदद करने के लिए होनी चाहिए और न कि राज्य पुलिस के कर्मचारियों का जान-बूझकर अपमान करने के लिए जिन्होंने विभिन्न सरकारों के अंतर्गत काम किया है.

पार्टी के पत्र में कहा गया है, ‘इसलिए यह उपयुक्त मांग है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य और केंद्रीय बलों के बीच उचित समन्वय होना चाहिए और राज्य और केंद्रीय पुलिस बल दोनों के संयुक्त समूहों को मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में तैनात किया जाना चाहिए.’

उसमें कहा गया, ‘हम आपसे मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर केवल केंद्रीय बलों को तैनात करने के अपने निर्णय को वापस लेने का आग्रह करते हैं. इसके अलावा मतदाताओं को यह आश्वस्त करने के लिए कि उनकी पसंद को इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक दोनों रूप से दर्ज किया गया है, हम मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम के साथ 100 प्रतिशत वीवीपीएटी मशीनों के पर्ची के मिलान की हमारी मांग को दोहराते हैं.’

धारावाहिक ‘रामायण’ में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल भाजपा में शामिल

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल और चार अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले अभिनेता अरुण गोविल बृहस्पतिवार को भाजपा में शामिल हो गए जिन्होंने धारावाहिक ‘रामायण’ में राम की भूमिका निभाई थी.

गोविल ने कहा कि उन्होंने यह फैसला ‘जय श्रीराम’ के नारे से तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की ‘चिढ़’ के कारण लिया.

भाजपा द्वारा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 148 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा किए जाने के बाद गोविल नई दिल्ली में भाजपा महासचिव अरुण सिंह तथा केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी की उपस्थिति में भगवा दल में शामिल हुए.

गोविल ने यहां भाजपा मुख्यालय में मीडिया से कहा, ‘जय श्रीराम के नारे से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिढ़ की वजह से मैं भाजपा में शामिल होने को प्रेरित हुआ. जय श्रीराम कहने में कुछ भी गलत नहीं है. यह कोई नारा या राजनीतिक नारा नहीं है, बल्कि यह हमारे लिए एक जीवनशैली है, यह हमारी संस्कृति और मूल्यों का द्योतक है.’

वर्ष 1987 में आए रामानंद सागर के रामायण धारावाहिक में राम की भूमिका निभाने वाले गोविल ने कहा कि भाजपा उन्हें देश के लिए कुछ करने का एक ‘मंच’ प्रदान करेगी.

63 वर्षीय गोविल हिंदी और भोजपुरी सहित कई भाषाओं की फिल्मों में काम कर चुके हैं.

असम भाजपा ने 15 नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया

गुवाहाटी: असम भाजपा ने विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष दिलीप कुमार पॉल समेत 15 नेताओं को बृहस्पतिवार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया.

(फोटो: पीटीआई)
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निष्कासित किए गए नेता पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज थे और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा था.

भाजपा प्रदेश महासचिव राजदीप रॉय ने कहा कि पार्टी के असम प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने तत्काल प्रभाव से अनुशासनात्मक कार्रवाई को मंजूरी दी.

निष्कासित 15 सदस्यों में से एक दिलीप कुमार पॉल हैं, जिन्होंने टिकट न मिलने पर भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और वह सिलचर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.

असम: कांग्रेस ने पांच गारंटी अभियान को रेखांकित करने के लिए वीडियो जारी किया

गुवाहाटी: असम कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के लिए तीन वीडियो जारी किए हैं जिनमें पांच गांरटी के वादे को रेखांकित किया गया है. इन वीडियो में पार्टी ने जनता की बेहतरी, समरसता और वित्तीय मोर्चे पर राहत सुनिश्चित करने के लिए लोगों से उसके पक्ष में मतदान करने का आह्वान किया है.

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की प्रवक्ता बबीता शर्मा ने कहा कि पारंपरिक ‘भावना’ कथा के जरिये विवादित नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की गांरटी देने के लिए जारी पहले वीडियो की सफलता के बाद दो और वीडियो जारी किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि इनमें गृहणियों को महीने में दो हजार रुपये देने और 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का वादा किया गया है.

उल्लेखनीय है कि ‘भावना’ वैष्णव आध्यात्मिक नाटक है, जिसकी संस्कृति को 16 एवं 17वीं सदी में श्रीमंत शंकरदेव और उनके अनुयायियों ने लोकप्रिय बनाया था.

शर्मा ने कहा, ‘प्रचार की यह शृंखला जारी रहेगी और असम की सत्ता में कांग्रेस के आने पर लोगों की शिकायत को जिन पांच गांरटी से दूर किया जाएगा उस पर इस अभियान में प्रकाश डाला जाएगा.’

गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दो मार्च को तेजपुर दौरे पर पांच गांरटी अभियान की शुरुआत की थी.

केरल: एलडीएफ ने घोषणा-पत्र में गृहणियों को पेंशन देने का वादा किया

तिरुवनंतपुरम: माकपा नीत सत्तारूढ़ एलडीएफ ने छह अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना घोषणा-पत्र जारी कर दिया जिसमें उसने युवाओं के लिए 40 लाख रोजगारों का सृजन करने और सभी गृहणियों को ‘पेंशन’ देने का वादा किया है.

माकपा राज्य समिति के सचिव के विजयराघवन, भाकपा सचिव कन्नन राजेंद्रन और एलडीएफ के अन्य नेताओं ने यहां एकेजी केंद्र पर घोषणा-पत्र जारी किया.

इसमें तटों के क्षरण को रोकने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के तटीय क्षेत्र विकास पैकेज समेत कई अन्य वादे भी किए गए हैं.

इस मौके पर विजयराघवन ने कहा कि सभी गृहणियों को पेंशन दी जाएगी, हालांकि इस बारे में उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं कहा. उन्होंने बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 2,500 रुपये की जाएगी.

कमल हासन ने किया गृहणियों के कौशल को विकसित करके आय का किया वादा

कोयंबटूर: मक्कल नीधि मय्यम प्रमुख और अभिनेता कमल हासन ने शुक्रवार को कोयंबटूर में अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया और गृहणियों के कौशल को विकसित करके उनके लिए आय का वादा किया.

उन्होंने कहा कि कौशल विकास जैसी पहलों से महिलाएं हर महीने 10 हजार रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक कमा सकती हैं.

तमिलनाडु की प्रमुख पार्टियों सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और मुख्य विपक्षी दल द्रमुक ने कुछ दिनों पहले अपने घोषणा पत्रों में परिवार की मुखिया महिला को 1,500 रुपये और 1,000 रुपये की मदद देने का वादा किया था.

हासन ने कहा कि गृहणियों को कमाने के उचित अवसर देने की योजना है और इसका मतलब उन्हें सरकारी खजाने से खैरात बांटना नहीं है.

उन्होंने कहा कि ऐसी पहलों से सरकार पर वित्तीय रूप से बोझ भी नहीं पड़ेगा और साथ ही महिलाएं अपने कौशल एवं काम से उचित पारिश्रमिक भी पा सकेंगी.

पुदुचेरी: माकपा ने एक सीट पर उम्मीदवार उतारा, अन्य पर गठबंधन को समर्थन दिया

पुदुचेरी: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने छह अप्रैल को होने वाले पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में मुथियालपेट सीट के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा की साथ ही कहा कि विधानसभा की अन्य सीटों पर वह सेक्युलर डेमोक्रेटिक एलाइंस (एसडीए) को समर्थन देगी.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

पार्टी ने मुथियालपेट सीट से आर. सरावनन को उम्मीदवार बनाया है. सरावनन पेशे से वकील हैं.

माकपा की पुदुचेरी इकाई के सचिव आर. राजनगम ने बृहस्पतिवार को संवाददताओं से कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली एसडीए के घटक दल माकपा ने मुथियालपेट सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.

उन्होंने कहा,‘इसलिए हमने मुथियालपेट सीट से अपना उम्मीदवार खड़ा किया है.’

साथ ही उन्होंने कहा कि माकपा अन्य सीटों के लिए मतदाताओं से एसडीए का समर्थन करने की अपील करेगी जहां से कांग्रेस, द्रमुक और गठबंधन के अन्य दलों के उम्मीदवार खड़े किए हैं.

तमिलनाडु: पेरुंदुरई से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे पूर्व मंत्री वेंकटचलम

इरोड: अन्नाद्रमुक के वर्तमान विधायक टीएन वेंकटचलम ने पेरुंदुरई निर्वाचन क्षेत्र से बृहस्पतिवार को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया.

वेंकटचलम को विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की ओर से टिकट नहीं दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया.

वह पेरुंदुरई सीट से 2011 में चुने गए थे और जयललिता सरकार में राजस्व एवं प्रदूषण नियंत्रण मंत्री थे.

इसके बाद 2016 में वह पुनः उसी सीट से विधायक चुने गए थे.

वेंकटचलम पेरुंदुरई से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने इस सीट से जयकुमार को प्रत्याशी बनाया है.

इस बार टिकट न मिलने से नाराज होकर वेंकटचलम ने अपने समर्थकों से मुलाकात करने के बाद निर्दलीय लड़ने का फैसला किया. उन्होंने बृहस्पतिवार दोपहर को नामांकन पत्र दाखिल किया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)