शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली के आंकड़ों के हवाले से संसद में बताया कि जिन 42,074 स्कूलों में पेयजल की सुविधा नहीं है, उनमें सर्वाधिक 8,522 असम में हैं. लड़के और लड़कियों के लिए अलग शौचालय न होने के मामले में भी असम पहले नंबर पर है.
नई दिल्ली: सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश भर के 42 हजार से अधिक सरकारी विद्यालयों में पेयजल सुविधा नहीं है जबकि 15 हजार विद्यालय शौचालयों से वंचित हैं.
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) के आंकड़ों के हवाले से दी.
उन्होंने कहा, ‘यूडीआईएसई के अनुसार 2018-19 में देश में 10,41,327 सरकारी विद्यालयों में पेयजल की सुविधा थी और 10,68,726 विद्यालयों में शौचालय थे.’
पोखरियाल ने कहा, ‘राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को बार-बार यह सुनिश्चित करने का परामर्श दिया गया है कि गैर सरकारी क्षेत्र सहित सभी विद्यालयों में लड़कों एवं लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालयों का प्रावधान होना चाहिए और सभी बच्चों के लिए सुरक्षित एवं पर्याप्त पेयजल सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए.’
न्यूज़ 18 के मुताबिक, सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिन 42,074 स्कूलों में पेयजल की सुविधा नहीं है, उनमें सबसे अधिक 8,522 स्कूल असम में हैं. आंध्र प्रदेश के 3,177, बिहार के 4,270, जम्मू-कश्मीर के 2,158, मध्य प्रदेश के 5,529, झारखंड के 1,840, मेघालय के 5,208, राजस्थान के 2,627, उत्तर प्रदेश के 3,368 और पश्चिम बंगाल के 1,520 स्कूलों में पेयजल की सुविधा नहीं है.
असम पीने के पानी के साथ बालकों के लिए शौचालय की सुविधा न होने के मामले में भी आगे है. यहां 13,503 स्कूलों में बालकों के लिए शौचालय नहीं है.
इसी प्रकार बिहार के 9,471, जम्मू-कश्मीर के 1,379, कर्नाटक के 1,519, मध्य प्रदेश के 5,975, महाराष्ट्र के 1,583, मेघालय के 1,933, ओडिशा में 2,484, राजस्थान में 1,061 और पश्चिम बंगाल में 2,142 स्कूल शामिल हैं.
असम बालिकाओं के लिए शौचालय की सुविधा न होने के मामले में भी सबसे ऊपर है. यहां के 1,183 स्कूलों में बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं है. इसके बाद बिहार दूसरे स्थान पर है. यहां 8,361 स्कलों में बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं है.
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में 911, झारखंड में 866, मध्य प्रदेश में 4,914, महाराष्ट्र में 1,063, मेघालय में 2,314, ओडिशा में 1,238 और पश्चिम बंगाल के 1,521 स्कूलों में बालिकाओं के लिए शौचालय की सुविधा नहीं है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)