विश्व खुशहाली रिपोर्ट: 149 देशों की सूची में फिनलैंड शीर्ष पर, भारत को मिला 139वां पायदान

संयुक्त राष्ट्र विश्व खुशहाली रिपोर्ट-2021 में लगातार चौथे साल फिनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल देश माना गया है. इस साल की रिपोर्ट में कोविड-19 और उसके लोगों पर पड़ने वाले असर पर ध्यान केंद्रित किया गया है. वर्ष 2019 में भारत 140वें पायदान पर था.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

संयुक्त राष्ट्र विश्व खुशहाली रिपोर्ट-2021 में लगातार चौथे साल फिनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल देश माना गया है. इस साल की रिपोर्ट में कोविड-19 और उसके लोगों पर पड़ने वाले असर पर ध्यान केंद्रित किया गया है. वर्ष 2019 में भारत 140वें पायदान पर था.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुक्रवार को जारी विश्व खुशहाली रिपोर्ट, 2021 में भारत को 149 देशों की सूची में 139वां स्थान मिला है, जबकि फिनलैंड शीर्ष पर है.

यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र स्थायी विकास उपाय नेटवर्क द्वारा जारी की गई है और इसमें कोविड-19 और उसके लोगों पर पड़ने वाले असर पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को विश्व खुशहाली सूची में 139वां स्थान मिला है, जबकि वर्ष 2019 में भारत 140वें पायदान पर था.

बयान में कहा, ‘भारत के लिए नमूने लेने के लिए लोगों से आमने-सामने और फोन पर बात की गई. हालांकि, फोन के मुकाबले आमने-सामने बैठकर जवाब देने वालों की संख्या कम थी.’

फिनलैंड दुनिया के खुशहाल देशों की सूची में सबसे ऊपर है. यह लगातार चौथा साल है, जब यह देश शीर्ष पर है. इसके बाद आइसलैंड, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, स्वीडन, जर्मनी और नार्वे का स्थान है.

रिपोर्ट के मुताबिक सूची में पाकिस्तान 105वें पायदान पर है जबकि बांग्लादेश और चीन क्रमश: 101वें एवं 84वें स्थान पर हैं.

युद्धग्रस्त अफगानिस्तान के लोग अपने जीवन से सबसे अधिक अप्रसन्न हैं. इसके बाद जिम्बाब्वे (148वें), रवांडा (147वें), बोत्सवाना (146) और लेसोथो का (145वां) स्थान है. इस सूची में अमेरिका को 19वां स्थान मिला है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भारत को वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट में 139वां स्थान कोरोनो वायरस महामारी के कारण थोड़ा अलग तरीके से मिला है.

संयुक्त राष्ट्र स्थायी विकास उपाय नेटवर्क द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट तीन मुख्य संकेतकों- जीवन मूल्यांकन, सकारात्मक भावनाओं और नकारात्मक भावनाओं पर भरोसा करके व्यक्तिपरक कल्याण को मापा गया है.

रिपोर्ट को जीडीपी, सामाजिक समर्थन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और प्रत्येक देश में भ्रष्टाचार के स्तर जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए खुशी के स्तरों का मूल्यांकन किया जाता है. लेकिन इस वर्ष लेखकों के सामने रिपोर्ट तैयार करने में एक अनूठी नई चुनौती थी- दुनिया भर के देशों में चल रहे कोविड-19 महामारी और इसके विनाशकारी प्रभाव.

लेखक जेफ्री सैस ने कहा, ‘महामारी हमें वैश्विक पर्यावरण के खतरों, सहयोग की तत्काल आवश्यकता और प्रत्येक देश और वैश्विक स्तर पर सहयोग प्राप्त करने की कठिनाइयों की याद दिलाती है. वैश्विक खुशहाली रिपोर्ट 2021 हमें याद दिलाती है कि हमें केवल धन के बजाय भलाई के लिए लक्ष्य रखना चाहिए. यदि हम सतत विकास की चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर काम नहीं करते हैं तो यह अल्पकालिक होगा.’

मालूम हो कि साल 2020 के विश्व खुशहाली रिपोर्ट में भारत 144वें स्थान पर रहा था, जो 2019 के मुकाबले चार स्थान नीचे था. पिछले साल इस मामले में भारत अपने पड़ोसी देशों नेपाल (15), पाकिस्तान (29), बांग्लादेश (107) और श्रीलंका (130) से भी पिछड़ गया था.

साल 2019 की खुशहाली रिपोर्ट में भी भारत को पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित अपने अन्य पड़ोसी देशों से भी नीचे स्थान मिला था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)