केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक लेने के समय अंतराल को संशोधित कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसे 4-6 सप्ताह के बीच देने की बजाय 4-8 सप्ताह के बीच देने के लिए कहा. दो खुराक के बीच संशोधित समय अंतराल का यह फैसला केवल कोविशिल्ड टीके पर लागू होगा और कोवैक्सीन टीके पर नहीं.
नई दिल्ली: केंद्र ने सोमवार को कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक लेने के समय अंतराल को संशोधित कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसे 4-6 सप्ताह के बीच देने की बजाय 4-8 सप्ताह के बीच देने के लिए कहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा, ‘उभरते वैज्ञानिक साक्ष्यों के मद्देनजर विशिष्ट कोविड-19 टीका यानी कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के समय अंतराल को टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) और उसके बाद एनईजीवीएसी (COVID-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह) द्वारा उसकी 20वीं बैठक में पुनरीक्षित किया गया है, जिसके तहत पहली खुराक के बाद कोविशील्ड की दूसरी खुराक 4-6 सप्ताह के अंतराल की बजाय 4-8 सप्ताह के अंतराल पर देने की सिफारिश की गई है.’
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सोमवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि मंत्रालय ने एनटीएजीआई और एनईजीवीएसी की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है.
उन्होंने कहा, ‘और इसके बाद राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी है कि पहली खुराक के 4-8 सप्ताह के समय अंतराल के भीतर लाभार्थियों को कोविशील्ड की दूसरी खुराक देना सुनिश्चित किया जाए.’
मंत्रालय ने कहा कि दो खुराक के बीच संशोधित समय अंतराल का यह फैसला केवल कोविशिल्ड टीके पर लागू है, कोवैक्सीन टीके पर नहीं.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि वे संबंधित अधिकारियों को तदनुसार आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दें.
कोविशील्ड टीका भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित है, जबकि कोवैक्सीन भारत बायोटेक द्वारा विकसित किया गया है.
समय अंतराल को संशोधित करने का फैसला उस समय सामने आया जब अमेरिका, चिली और पेरू में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर बड़े पैमाने पर किए परीक्षण के परिणाम घोषित किए गए. उन परीक्षणों में यह पता चला कि लक्षण युक्त कोविड-19 की रोकथाम करने में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन 79 प्रतिशत सक्षम है.
द वायर साइंस ने 10 मार्च को बताया था कि भारतीय अधिकारियों ने एक अध्ययन को दरकिनार कर, बेहतर परिणाम पाने के लिए दो खुराकों के बीच कम अंतर रखने का निर्णय लिया था.
द वायर साइंस ने बताया था, ‘द लैन्सेट में 19 फरवरी, 2021 को प्रकाशित विश्लेषण में पाया गया था कि कोविशिल्ड की प्रभावकारिता 55.1 प्रतिशत है, जब इसकी दो खुराक के बीच अंतर छह सप्ताह से कम थी. वहीं, 12 सप्ताह में कोविशील्ड की प्रभावशीलता 81.3 प्रतिशत थी.’
यह निष्कर्ष फरवरी की शुरुआत में छपे एक पेपर के माध्यम से उपलब्ध कराया गया था.
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 जनवरी को भारत में देशव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी. टीकाकरण के पहले चरण में फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया था. उसके बाद एक मार्च से कोविड-19 टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हो गया है. इस चरण में 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों और 45 साल से ऊपर के उन लोगों को जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हों, को टीका लगाया जा रहा है.
मालूम हो कि बीते कुछ दिनों से देश में लगातार कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं. मंगलवार को देश में कोविड-19 के 40,715 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के कुल मामलों संख्या बढ़कर 11,686,796 हो गई और 199 मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 160,166 हो गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)