विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा सरकार केंद्रीय संस्थानों को बंद कर रही, सिर्फ मोदी की झूठ की फैक्टरी बची रहेगी. मतदाता सूची में दो बार नाम दर्ज किए जाने के विपक्ष के आरोपों को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ख़ारिज किया. असम में दूसरे चरण के 11 फीसदी उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
गुवाहाटी: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) संसद में पारित हो चुका है और इसे सही समय पर लागू किया जाएगा.
असम विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणा पत्र जारी करने के बाद नड्डा ने कहा कि यह असल में केंद्र का कानून है. इसे राज्य में लागू न करने देने के कांग्रेस के दावा की वजह या तो उनकी अज्ञानता है या वे लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
सीएए का हालांकि पार्टी के घोषणा पत्र में कोई जिक्र नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस क्या सोच रही है इसको लेकर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन उनका दृष्टिकोण न केवल समस्या उत्पन्न करने वाला है बल्कि राज्य के लिए खतरनाक भी है.’
नागरिकता संशोधन कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 तक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.
उन्होंने कहा कि असम की पहचान वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव, भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका और गोपीनाथ बोरदोलोई से जुड़ी हुई है और ‘अब क्या हम इसे बदरुद्दीन अजमल के साथ जोड़ने की अनुमति दे सकते हैं?’
अजमल एआईयूडीएफ के प्रमुख हैं, जिनकी पार्टी के साथ कांग्रेस ने राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन किया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा असम की ‘पहचान और संस्कृति’ संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए सांस्कृतिक परिवर्तन की प्राकृतिक प्रक्रिया बरकरार रखी गई है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने घुसपैठ के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी अंतरराष्ट्रीय सीमा को मजबूत करने और वैज्ञानिक रूप से उसका प्रबंधन करने को प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा, ‘सीमा प्रबंधन एक सतत प्रक्रिया है और हम इसे बेहतर करना जारी रखेंगे.’
असमिया लोगों की भाषाई, सांस्कृतिक, सामाजिक पहचान और विरासत की संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के असम समझौते के छठे खंड को लागू करने के सवाल पर नड्डा ने कहा, ‘इस पर भी काम जारी है और हम इसको लेकर प्रतिबद्ध हैं.’
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में ‘आत्मनिर्भर असम’ के लिए ‘10 वादे’ किए हैं, जिसमें उच्चतम न्यायालय में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को अनिवार्य करने के लिए पेश की गई प्रविष्टियों को दुरस्त करना भी शामिल है, क्योंकि यह वास्तविक भारतीय नागरिकों की रक्षा करता है और अवैध आव्रजन को रोकता है.
भाजपा ने परिसीमन अभ्यास के माध्यम से राज्य में लोगों के राजनीतिक अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प भी किया है.
पार्टी ने वादा किया है कि ‘मिशन ब्रह्मपुत्र’ शुरू करके असम को बाढ़ मुक्त किया जाएगा, जिसमें ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों से अतिरिक्त पानी को संग्रहित करके जलाशयों का निर्माण करने की एक बहुस्तरीय रणनीति शामिल है.
इसमें यह भी वादा किया गया कि ‘ओरुंडोई’ योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली राशि 830 रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये कर दी जाएगी और पात्र निवासियों को ‘भूमि अधिकार’ भी दिए जाएंगे. इसमें चरणबद्ध तरीके से 30 लाख महिलाओं को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा.
पार्टी ने बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैया कराने के लिए ‘मिशन शिशु उन्नयन’ योजना शुरू करने का भी वादा किया, जिसके तहत असम के हर बच्चे को सरकारी संस्थान में मुफ्त शिक्षा मुहैया कराई जाएगी और आठवीं तक के छात्रों को मुफ्त में एक साइकिल भी दी जाएगी.
पार्टी ने असम में युवकों को दो लाख सरकारी नौकरी देने का वादा भी किया, इसके तहत 31 मार्च 2022 तक एक लाख नौकरियों दी जाएंगी. निजी क्षेत्र में भी आठ लाख नौकरियों का सृजन किया जाएगा.
भाजपा ने अगले पांच वर्ष के भीतर आवश्यक खाद्य पदार्थों, विशेषकर मछली, मुर्गीपालन, डेयरी और बागवानी के उत्पादों के लिए राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के वास्ते प्रौद्योगिकी, वित्तीय और प्रशासनिक प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए ‘असम अहार आत्मनिर्भर योजना’ शुरू करने का वादा भी किया है.
पार्टी ने चरणबद्ध तरीके से राज्य के सभी भूमिहीन नागरिकों को अपेक्षित अधिकार के साथ भूमि पट्टे वितरित करके भूमि अधिकार देकर लोगों को सशक्त बनाने का भी वादा किया.
असम: दूसरे चरण के 11 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले
नई दिल्ली: असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में किस्मत आजमा रहे 345 उम्मीदवारों में से 11 प्रतिशत ने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है.
‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई.
‘असम इलेक्शन वॉच’ संस्था और एडीआर ने एक अप्रैल को होने वाले चुनाव में खड़े सभी 345 उम्मीदवारों के हलफनामे का विश्लेषण किया है.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘जिन 345 प्रत्याशियों का विश्लेषण किया गया उनमें से 37 (11 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है और 30 (नौ प्रतिशत) ने अपने विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है.’
एडीआर ने चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की वित्तीय स्थिति के बारे में भी बताया है जिसके अनुसार 345 में से 73 (21 प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं.
प्रमुख पार्टियों के जिन उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, उनमें भाजपा के 34 प्रत्याशियों में से 11 (32 प्रतिशत), कांग्रेस के 28 में से पांच (18 प्रतिशत), एआईयूडीएफ के सात में पांच (71 प्रतिशत), असम गण परिषद के छह में से दो (33 प्रतिशत), असम जातीय परिषद के 19 में से तीन (16 प्रतिशत) और एआईएफबी, एसयूसीआई (सी) तथा यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल के एक-एक उम्मीदवार ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज होने की बात स्वीकार की है.
रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के 34 में 10 (29 प्रतिशत), असम जातीय परिषद के 19 में से तीन (16 प्रतिशत), एआईयूडीएफ के सात में से तीन (43 प्रतिशत), असम गण परिषद के छह में से दो (33 प्रतिशत), कांग्रेस के 28 में से दो (सात प्रतिशत) और एआईएफबी, एसयूसीआई (सी) तथा यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल के एक-एक उम्मीदवार ने अपने विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामला दर्ज होने की बात स्वीकार की है.
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 209 (61 प्रतिशत) प्रत्याशियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता पांचवीं कक्षा से 12वीं के बीच बताई है और 131 (38 प्रतिशत) ने खुद को स्नातक बताया है. दो उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं और तीन केवल साक्षर हैं.
भाजपा सरकार केंद्रीय संस्थानों को बंद कर रही, सिर्फ मोदी की झूठ की फैक्टरी बची रहेगी: ममता
पुरुलिया: तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सरकारी कंपनियों को बेच रही है और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘झूठ की फैक्टरी’ बची रहेगी.
ममता ने कहा कि भाजपा बंगाल में लोगों से लंबे-चौड़े वादे कर रही है, लेकिन भगवा पार्टी असम और त्रिपुरा में विधानसभा चुनावों के लिए अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने से मुकर गई.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने पुरुलिया जिले में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्यों में भाजपा सरकारों ने हजारों सरकारी कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया.
उन्होंने कहा, ‘वे सभी केंद्रीय संस्थानों को बंद कर रहे हैं. सिर्फ एक ही फैक्टरी बची रहेगी, जो नरेंद्र मोदी के झूठ और भाजपा के फरेब की है.’
ममता ने अन्य चुनावी रैलियों की तरह पुरुलिया में भी जनसभा में चंडी पाठ के मंत्र पढ़ते हुए लोगों से सांप्रदायिक राजनीति में संलिप्त नहीं होने की अपील की.
उन्होंने लोगों से ‘बाहर के गुंडों’ को वोट नहीं देने का आग्रह करते हुए कहा कि वह किसी धमकी से नहीं डरती हैं और यदि धमकी दी गई तो वह उसका मुकाबला करेगी.
मुख्यमंत्री ने कई मौकों पर भाजपा पर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए बाहरी लोगों को लाने का आरोप लगाया है.
बंगाल: भाजपा ने 11 और प्रत्याशियों की घोषणा की, दो सीटों पर बदले गए उम्मीदवार
कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा की 11 सीटों पर चुनाव के लिए मंगलवार को उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की तथा दो अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में अपने प्रत्याशियों को बदला.
पार्टी ने सेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा (सेवानिवृत्त) को दक्षिण कोलकाता की रासबिहारी सीट से उम्मीदवार घोषित किया है.
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी को बालुरघाट से प्रत्याशी घोषित किया गया है.
लाहिड़ी को पहले उत्तर बंगाल की अलीपुरद्वार सीट से चुनाव लड़वाने का फैसला किया गया था, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते अब उन्हें बालुरघाट से उम्मीदवार बनाया गया है.
भाजपा ने अलीपुरद्वार से स्थानीय नेता सुमन कांजीलाल को पिछले सप्ताह प्रत्याशी घोषित किया था.
चौरिंगी और काशीपुर-बेलगछिया सीटों पर प्रत्याशियों द्वारा चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद पार्टी ने नए उम्मीदवारों की घोषणा की है.
चौरिंगी से शिखा मित्रा को टिकट दिया गया था, जो पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सोमेन मित्रा की पत्नी हैं.
इसके साथ ही तृणमूल विधायक माला साहा के पति तरुण साहा को काशीपुर-बेलगछिया से उम्मीदवार बनाया गया था.
भाजपा के लिए असमंजस की स्थिति तब उत्पन्न हो गई थी जब मित्रा और साहा ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया और कहा कि वह पार्टी में शामिल नहीं हुए थे.
पार्टी ने हाल ही में भाजपा में शामिल हुए विश्वजीत दास को बागड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से उन्होंने बोंगाव (उत्तर) विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था और पिछले दिनों भाजपा में शामिल हुए.
भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर के भाई सुब्रत ठाकुर को गायघाटा विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है. पार्टी के कई पुराने नेता उम्मीदवारों की सूची में अपना नाम न पाकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.
केरल: मतदाता सूची में दो बार नाम दर्ज किए जाने आरोपों को मुख्यमंत्री ने खारिज किया
तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य की मतदाता सूची में दो या उससे भी ज्यादा बार एक ही व्यक्ति का नाम दर्ज किए जाने के मामले में षड्यंत्र के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि घटना के पीछे कोई सोची-समझी चाल नहीं है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री का बयान आने से एक दिन पहले राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने माना था कि विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला की शिकायत पर जांच कराए जाने के बाद मतदाता सूची में दो बार पंजीकरण के मामले सामने आए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट हो चुका है कि जिस महिला का नाम मतदाता सूची में कई जगह पंजीकृत मिला है, वह कांग्रेस समर्थक है और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनका नाम शामिल कराया था.
विजयन ने अलप्पुझा में पत्रकारों से कहा कि चेन्नीथला दरअसल अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा मतदाता सूची में कराए गए दोहरे-तिहरे पंजीकरण के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं.
मुख्यमंत्री 61 वर्षीय वोटर का संदर्भ दे रहे थे, जो उत्तर कासरगोड जिले के उदुमा सीट की मतदाता है और चेन्नीथला ने आरोप लगाया था कि उन्हें पांच मतदाता पहचान पत्र जारी किए गए हैं.
महिला ने बाद में मीडिया को बताया कि वह कांग्रेस समर्थक हैं और इस बात की जानकारी नहीं है कि कई बार उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज है.
इस मामले में निर्वाचन अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.
विजयन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘यह (एक ही नाम कई बार दर्ज होने) पहले भी हुए हैं, लेकिन सोची समझी चाल का आरोप नहीं लगा. किसी भी राजनीतिक दल के खिलाफ आरोप नहीं लगा. चुनाव आयोग अन्य पहलुओं को भी देख रहा है.’
चेन्नीथला ने छह अप्रैल को राज्य विधानसभा चुनाव के लिए तैयार मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा करने एवं अनियमितता के आरोप लगाए थे.
उन्होंने 20 जनवरी 2021 को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं.
चेन्नीथला ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से सभी 140 निर्वाचन क्षेत्रों में फर्जी मतदाता बनाने की राज्य स्तर की साजिश है.
विपक्षी नेता के आरोप पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी टीका राम मीणा ने कहा कि उनके द्वारा 1600 मतदाताओं के दोबारा नाम दर्ज होने की शिकायत की जांच की गई, जिनमें से 590 के दो बार नाम दर्ज होने की जानकारी मिली जो नई घटना नहीं है और विभिन्न कारणों से कई राज्यों में होती है.
यदि केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ सत्ता में आता है तो न्याय योजना को परखा जाएगा: गांधी
कोट्टायम: न्यूनतम आय योजना (न्याय) पर जोर दे रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को केरल में लोगों से वादा किया कि यदि इस विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो इस योजना को परखा जाएगा.
गांधी ने पुथुपल्ली विधानसभा क्षेत्र के मनारकाड में एक चुनावी नुक्कड़ सभा में कहा, ‘इसे परखने के लिए मेरे पास स्वहित की निजी वजह है.’
इस विधानसभा क्षेत्र का पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता ओम्मन चांडी ने पिछले 50 सालों तक प्रतिनिधित्व किया है.
गांधी ने कहा कि उन्हें न्याय योजना की सफलता का पूरा यकीन है.
प्रचार के दौरान वह बिना छत वाले वाहन में थे और उनके साथ कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी थे.
गांधी ने उन्हें सुनने आए पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि 72000 रुपये सलाना लाभार्थियों के बैंक खातों में जाएंगे और हम जानते हैं कि आगे क्या होने जा रहा है. हम केरल में इस नए विचार को परखने जा रहे हैं.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव यह विचार प्रतिपादित करते हुए गांधी ने इस योजना को गरीबी पर आखिरी प्रहार की शुरुआत के लिए ‘ऐतिहासिक विचार’ बताया था.
हालांकि पार्टी घोषणा पत्र में न्याय वादे को जोर-शोर से उठाने के बाद भी लोकसभा चुनाव जीत नहीं पाई थी.
गांधी ने कहा कि वह इस योजना को परखना चाहते हैं और यदि केरल में यह काम कर गई तो वह चाहते हैं कि देश में अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में इसे दोहराया जाए.
उन्होंने कहा, ‘केरल बाकी भारत को दिखाने जा रहा है कि कैसे गरीबी से हमेशा हमेशा के लिए कैसे लड़ना है .’
इससे पहले, कोट्टायम के समीप पारुथुमपारा में एक जनसभा में गांधी ने कहा था, ‘जब हम सरकार बनाएंगे तब पहला काम जो हम करने जा रहे हैं वह निर्धारित दिनों में न्याय योजना शुरू करना है.’
उन्होंने कल कहा था, ‘यह कोई परमार्थ नहीं है. हम आपको न्याय के माध्यम से पैसा नहीं दे रहे हैं. हम आपकी जेब में पैसा डाल रहे है, ताकि आप पैसे खर्च कर पाएं.’
गांधी ने कहा था कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने का एकमात्र तरीका है जो प्रधानमंत्री की नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी क्रियान्वयन और कोविड-19 महामारी के चलते चरमरा गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)