विधानसभा चुनाव राउंड-अप: कथित तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर की गई बंगाल भाजपा अध्यक्ष के ‘बरमूडा पहनो’ टिप्पणी पर विवाद. मेधा पाटकर ने कहा कि असम में भाजपा के सत्ता में आने पर लोकतांत्रिक अधिकारों को घटा दिया जाएगा. कांग्रेस नेता एके एंटनी ने कहा कि घमंड एवं भ्रष्टाचार केरल की वाम मोर्चा सरकार की पहचान. तमिलनाडु में 15 साल पुरानी ईवीएम का इस्तेमाल रोकने के लिए अदालत पहुंची डीएमके.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पश्चिम बर्द्धमान जिले की पंडाबेश्वर सीट से भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र तिवारी को मतदाताओं से चुनाव जीतने के बाद उन्हें अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की मुफ्त सैर कराने का वादा करना महंगा पड़ा और उन्हें निर्वाचन आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि तिवारी ने यह वादा दो जगह किया. पहली बार 21 मार्च को हरिपुर में एक जनसभा के दौरान और फिर पार्टी की एक सभा में.
तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर 22 मार्च को निर्वाचन आयोग को शिकायत दी थी.
निर्वाचन आयोग के नोटिस पर अपने जवाब में तिवारी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि ऐसे वादे करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा.
उन्होंने (आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से) ‘अनभिज्ञ होने’ के लिए भी निर्वाचन आयोग से माफी मांगी.
इसी मार्च महीने में तृणमूल कांग्रेस टीएमसी से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में जितेंद्र तिवारी भी शामिल थे. टीएमसी की ओर से वह पंडाबेश्वर सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं और आसनसोल के मेयर भी रहे हैं.
तिवारी ने पिछले साल दिसंबर में आसनसोल नगर निगम के प्रशासक बोर्ड से और टीएमसी के जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
पश्चिम बंगाल की 294 सीटों के लिए आठ चरणों में मतदान 27 मार्च से शुरू होकर 29 अप्रैल तक डाले जाएंगे. वोटों की गिनती दो मई को होगी.
बंगाल: मतदान से पहले हटाए गए एक आईएएस और चार आईपीएस अधिकारी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान होने से दो दिन पहले निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को एक आईएएस और चार आईपीएस अधिकारियों को हटा दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
आदेश के अनुसार, अतिरिक्त महानिदेशक (पश्चिम जोन) संजय सिंह को हटाकर राजेश कुमार को नियुक्त किया गया है.
झाड़ग्राम की जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी आयशा रानी को हटाकर उनके स्थान पर जोयेशी दासगुप्ता को नियुक्त किया गया है.
झाड़ग्राम में 27 मार्च को पहले चरण का मतदान होना है. आदेश के अनुसार, डायमंड हार्बर के पुलिस अधीक्षक अभिजीत बनर्जी को हटाकर उनके स्थान पर अरिजीत सिन्हा को कार्यभार सौंपा गया है.
इसी प्रकार कूचबिहार में देवाशीष धर को नया एसपी बनाया गया है. धर से पहले यह जिम्मेदारी के. कन्नन संभाल रहे थे. कोलकाता में पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) सुधीर नीलकंठ के स्थान पर आकाश माघरिया को कार्यभार सौंपा गया है.
आयोग के सूत्रों ने कहा कि कई विपक्षी दलों द्वारा शिकायतें मिली थीं कि ये अधिकारी चुनाव में गड़बड़ी कर सकते हैं इसलिए आयोग को यह निर्णय लेना पड़ा.
भाजपा निर्वाचन आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही: ममता बनर्जी
दांतन: तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि भाजपा निर्वाचन आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही है.
राज्य की मुख्यमंत्री बनर्जी ने गत दिनों निर्वाचन आयोग द्वारा बड़े पैमाने पर राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले किए जाने पर भी कड़ी आपत्ति जताई.
उन्होंने दांतन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘जिस तरह से भाजपा निर्वाचन आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही है, ऐसा लगता है कि यह भाजपा आयोग है.’
ममता बनर्जी ने कहा कि सागर द्वीप से दांतन हेलीकॉप्टर से आने के दौरान तबादलों की उन्हें जानकारी मिली.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं कह रही हूं, भले आप (निर्वाचन आयोग) सभी (अधिकारियों) का तबादला कर दें. इससे हमारी जीत प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि जनता हमारे साथ है.’
हालांकि उन्होंने कहा, ‘उनके मन में निर्वाचन आयोग के लिए अगाध सम्मान है.’
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं निर्वाचन आयोग से सवाल करना चाहती हूं कि आखिर क्यों लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के दौरान पुलिस बलों का नियंत्रण केंद्र के हाथों में होता है? क्यों नहीं ये निर्वाचन आयोग के अधीन होते हैं?’
उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग उनकी सरकार के प्रति सौतेला व्यवहार कर रहा है और चुनौती दी कि आयोग उन्हें नोटिस भेजे.
उन्होंने पूछा, ‘क्यों भाजपा के सभी निर्देशों का अनुपालन हो रहा है.’
मुख्यमंत्री ने जानना चाहा कि निर्वाचन आयोग भाजपा द्वारा अधिकारियों को हटाने की मांग पर कथित रूप से तुरंत कार्रवाई क्यों करता है.
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग सही काम नहीं कर रहा है.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘हम क्षेत्रीय दल हैं. कई अन्य क्षेत्रीय दल भी हैं. अगर आप सोचते हैं कि हमारी जैसी क्षेत्रीय पार्टियां इस तरह से खत्म हो जाएंगी तो यह आपकी गलतफहमी है.’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा मुकाबला हार चुकी है इसलिए अधिकारियों को बदलने का खेल शुरू किया है. अधिकारी नहीं मतदान करते बल्कि जनता मतदान करती है.’
ममता बनर्जी को लेकर बंगाल भाजपा अध्यक्ष के ‘बरमूडा पहनो’ टिप्पणी पर विवाद
कोलकाता: भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष एक वीडियो में कथित तौर पर यह सुझाव देते नजर आ रहे हैं कि (प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को) अपना चोटिल पैर दिखाने के लिए ‘बरमूडा’ पहनना चाहिए.
गौरतलब है कि 10 मार्च को नंदीग्राम में अपना नामांकन दाखिल करने के बाद मुख्यमंत्री चोटिल हो गई थीं.
उनके इस बयान के बाद विवाद शुरू हो गया और टीएमसी ने इसे ‘स्तरहीन टिप्पणी’ करार दिया तो वहीं सोशल मीडिया पर महिलाओं ने भी इस टिप्पणी को लेकर आक्रोश व्यक्त किया.
पूर्व में अपने विवादिय बयानों के लिए चर्चित रहे घोष के इस कथित बयान में किसी का नाम नहीं लिया गया है लेकिन माना जा रहा है कि यह टिप्पणी बनर्जी को लक्षित करते हुए की गई.
समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा इस वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करने की बात कही है. इस कथित वीडियो में घोष सोमवार को पुरुलिया में एक चुनावी सभा में यह कहते सुने जा रहे हैं कि प्लास्टर उतारे जाने के बाद पैर पर पट्टी बांध दी गई थी और वह हर किसी को पैर दिखा रही हैं.
भाजपा सांसद को कथित तौर पर कहते हुए सुना गया, ‘वह ऐसे साड़ी पहन रही हैं कि एक पैर ढका हुआ है जबकि दूसरा दिखाने के लिए खुला रखा गया है. किसी को इस तरह साड़ी पहने नहीं देखा.’
उन्होंने कहा, ‘अगर उन्हें दिखाने के लिए पैर का प्रदर्शन करना है तो वह बरमूडा शॉर्ट्स पहन सकती हैं. इससे ज्यादा बेहतर तरीके से नजर आएगा.’
भाजपा नेता की इस कथित टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बंगाली में किए गए एक ट्वीट में कहा, ‘हम दिलीप घोष से ऐसी ही स्तरहीन टिप्पणियों की उम्मीद कर सकते हैं.’
इसमें कहा गया, ‘एक महिला मुख्यमंत्री के बारे में उनकी निंदनीय टिप्पणी यह साबित करती है कि बंगाल भाजपा के नेता नहीं जानते कि महिलाओं के प्रति सम्मान कैसे दिखाना है.’
ट्वीट में कहा गया, ‘बंगाल की माताएं और बहनें ममता बनर्जी के इस अपमान का दो मई को उचित जवाब देंगी.’
@BJP WB Pres asks in public meeting why Mamatadi is wearing a saree, she should be wearing “Bermuda” shorts to display her leg better
And these perverted depraved monkeys think they are going to win Bengal?
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 24, 2021
दिलीप घोष की टिप्पणी पर ट्वीट करते हुए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘भाजपा के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष ने जनसभा में पूछा कि ममता दी साड़ी क्यों पहन रही हैं, उन्हें बरमूडा शॉर्ट्स पहनना चाहिए जिससे अपना पैर अच्छे से दिखा सकें. इन विकृतों (लोगों को) को लगता है कि वे बंगाल जीतने जा रहे हैं.’
भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने बताया कि इस टिप्पणी पर विवाद खड़ा करने की जरूरत नहीं है.
भट्टाचार्य ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इन टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. मुख्यमंत्री भाजपा और हमारे नेताओं के खिलाफ कई तीखी टिप्पणी करती हैं. दिलीप घोष एक सज्जन व्यक्ति हैं. अगर उन्होंने रैली में ऐसी टिप्पणी की भी है तो यह दिमाग में रखना चाहिए कि चुनावी सभाओं में कई बातें कही जाती हैं, जिन्हें हमेशा गंभीरता से नहीं देखा जाना चाहिए.’
पुरुलिया जिले में मंगलवार को प्रचार कर रहे दिलीप घोष से उनकी प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं हो सका.
बंगाल: दूसरे चरण के 25 फीसदी उम्मीदवार दागी
एडीआर ने कहा कि उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता की बात की जाए तो 63 (37 प्रतिशत) प्रत्याशियों ने बताया है कि उन्होंने कक्षा पांच से 12वीं तक की पढ़ाई की है, जबकि 101 (59 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे अधिक बताई है. दो उम्मीदवार डिप्लोमाधारक हैं, चार प्रत्याशी साक्षर हैं और एक उम्मीदवार निरक्षर है.
वेस्ट बंगाल इलेक्शन वाच और एडीआर ने इन 171 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण कर यह जानकारी दी है.
ममता बनर्जी की संपत्ति में 45.08 प्रतिशत तक की कमी आई
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की संपत्ति में साल 2016 के विधानसभा चुनाव में घोषित की गई संपत्ति की तुलना में 45.08 प्रतिशत तक की कमी आई है.
इस बार नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ रहीं बनर्जी ने नामांकन पत्र में अपनी संपत्ति 1,672,352 रुपये बताई है.
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी संपत्ति 3,045,013 रुपये बताई थी. पिछली बार उन्होंने भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ा था.
माकपा-आईएसएफ के साथ झड़प में एक तृणमूल कार्यकर्ता की मौत, पांच गिरफ्तार
बरुईपुर: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में विपक्षी गठबंधन माकपा और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के कार्यकर्ताओं के साथ हुई झड़प में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई.
पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि यह घटना बुधवार की शाम को मध्य बेलगाची गांव में हुई. उस समय तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता बरुईपुर पूर्व सीट से पार्टी प्रत्याशी बिवेश सरदार के लिए प्रचार कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं और इलाके के आईएसएफ-माकपा सदस्यों की अचानक झड़प हो गई, जिसमें राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के 60 वर्षीय सदस्य राहुल अमीन मिदेयी के सिर में चोट लगी.
पुलिस ने बताया कि मिदेयी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसने दम तोड़ दिया.
अधिकारी ने बताया कि एक तृणमूल कार्यकर्ता द्वारा पुलिस से की गई शिकायत के आधार पर 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इनमें से पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बंगाल: दिनहाटा में मृत मिला भाजपा कार्यकर्ता, कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प
दिनहाटा: पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के दिनहाटा में बुधवार को एक पशु चिकित्सा अस्पताल के प्रथम तल की बालकनी में भाजपा कार्यकर्ता का शव फंदे से लटका मिलने के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया. पुलिस ने यह जानकारी दी.
पुलिस ने कहा कि दिनहाटा टाउन मंडल के भाजपा अध्यक्ष अमित सरकार मंगलवार रात अपने घर नहीं पहुंचे और बुधवार सुबह उनका शव दिनहाटा पशु अस्पताल की बालकनी में फंदे से लटका मिला.
स्थानीय भाजपा नेताओं ने दावा किया कि हत्या के पीछे टीएमसी का हाथ है.
भाजपा कार्यकर्ताओं ने इलाके में टायर जलाकर, सड़कें जाम करके प्रदर्शन किया और टीएमसी के कई कार्यालयों में तोड़फोड़ की.
पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने की कोशिश की तो भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ उसकी झड़प हुई.
पुलिस ने पथराव कर रही भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा कई पत्रकारों को निशाना बनाए जाने की खबरें भी मिली हैं.
तृणमूल को ‘क्लीन बोल्ड’ करने के लिए ‘दादा’ को पार्टी में शामिल करना चाहती है भाजपा: अशोक डिंडा
कोलकाता: पूर्व क्रिकेटर एवं आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मोयना सीट से भाजपा उम्मीदवार अशोक डिंडा ने कहा कि यदि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तो वह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को ‘क्लीन बोल्ड’ कर देंगे.
डिंडा का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा बीसीसीआई अध्यक्ष को अपनी पार्टी में शामिल करना चाहती है, लेकिन गांगुली ने इस बारे में अभी तक कोई राजनीतिक प्रतिबद्धता नहीं जताई है.
गांगुली के साथ क्रिकेट टीम में साथी रहे डिंडा ने कहा कि भाजपा ‘दादा’ (गांगुली) को पार्टी में शामिल करना चाहती है.
डिंडा ने कहा, ‘यदि गांगुली शामिल होते हैं, तो (तृणमूल) क्लीन बोल्ड हो जाएगी. हम केवल 200 का आंकड़ा पार करने का लक्ष्य नहीं रख रहे, (पूरी) 294 सीटों पर जीत संभव है.’
उन्होंने कहा, ‘निस्संदेह हम चाहते हैं कि दादा पार्टी में शामिल हो जाएं, क्योंकि यदि वह शामिल हो जाते हैं, तो इससे हमारी बड़ी जीत सुनिश्चित होगी.’
भारत के लिए 13 एकदिवसीय और नौ टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेलने वाले 36 वर्षीय डिंडा को 24 फरवरी को भाजपा में शामिल किया गया था.
अनुभवी तेज गेंदबाज डिंडा ने फरवरी में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की थी, जिसके करीब तीन सप्ताह बाद वह भाजपा में शामिल हुए. विधानसभा चुनाव में उनके सामने तृणमूल के मौजूदा विधायक संग्राम कुमार दोलाई की चुनौती होगी.
मोयना विधानसभा सीट के लिए एक अप्रैल को चुनाव के पहले चरण में मतदान होगा.
असम में भाजपा के सत्ता में आने पर लोकतांत्रिक अधिकारों को घटा दिया जाएगा: पाटकर
गुवाहाटी: सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर असम विधानसभा चुनाव में लोगों से जेल में कैद सीएए विरोधी आंदोलन के नेता अखिल गोगोई के पक्ष में वोट देने की अपील करते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि यदि भाजपा सत्ता में आई तो जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को घटा दिया जाएगा.
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी आम आदमी के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है.
मेधा ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह विधानसभा चुनाव किसानों की जमीन बेचने वालों और उनकी रक्षा करने वालों के बीच लड़ाई है. अखिल गोगोई असम में गरीब किसानों के भूमि अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि गोगोई को जेल में डाले जाने के बाद बंद पड़े टोल गेट फिर से खोल दिए गए, बड़े बांधों का निर्माण शुरू कर दिया गया और इस तरह के कई अन्य जन विरोधी काम दोबारा शुरू कर दिए गए.
मेधा ने कहा, ‘यदि आप भाजपा को और पांच साल देंगे तो असम के लोगों के लिए यह विनाशकारी साबित होगा. लोगों के अधिकार खत्म हो जाएंगे. अखिल गोगोई भाजपा और इसके मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज हैं. यही कारण है कि वह जेल में हैं.’
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘वे (भाजपा सरकार) तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को लागू कर कृषि का कॉरपोरेटीकरण कर रहे हैं. भविष्य में ये कानून असम को भी प्रभावित करेंगे. राज्य को बचाने के लिए हमें अखिल गोगोई जैसी आवाज की जरूरत है.’
मेधा बुधवार को असम पहुंचीं और शिवसागर में चुनावी जुलूस में शामिल हुई. इस सीट पर गोगोई अपनी नई पार्टी रायजोर दल से उम्मीदवार हैं. इस सीट पर पहले के चरण के चुनाव के तहत 27 मार्च को मतदान होगा.
असम: अखिल गोगोई के समर्थन में प्रचार कर रहीं उनकी 84 वर्षीय मां
शिवसागर (असम): असम विधानसभा चुनाव में शिवसागर सीट से राइजोर दल के उम्मीदवार अखिल गोगोई की 84 वर्षीय मां प्रियदा गोगोई कई बीमारियों से जूझ रही हैं, इसके बावजूद वह अपने बेटे के लिए प्रचार करती हुईं गली-गली घूम रही हैं.
शिवसागर निर्वाचन क्षेत्र में 27 मार्च को पहले चरण में मतदान होना है. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के लिए जेल में बंद अखिल की मां के साथ सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और संदीप पांडे भी प्रचार में जुटे हैं. अखिल ने ही राइजोर दल की स्थापना की थी.
शिवहर के पड़ोसी जोरहाट जिले की निवासी प्रियदा गोगोई बीते सात दिन से प्रचार में जुटी हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने बेटे के लिए चुनाव प्रचार कर रही हूं. मैं उसे आजाद देखना चाहती हूं. मुझे पता है कि जनता ही उसे जेल से बाहर ला सकती है. इस चुनाव में जीत उसे कैद से बाहर लाने की दिशा में पहला कदम होगी.’
एजीपी ने असम समझौता और उपबंध छह लागू करने का वादा किया
गुवाहाटी: असम में सत्तारूढ़ गठबंधन में साझेदार असम गण परिषद (एजीपी) ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए असम समझौता और उसका उपबंध लागू करने का वादा किया गया है.
एजीपी राज्य में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के अपने प्रमुख सहयोगी भाजपा की तरह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है.
राज्य सभा सांसद बीरेंद्र प्रसाद वैश्य द्वारा जारी किए गए घोषणा पत्र में विदेशियों के मुद्दे को राज्य की सबसे मुख्य समस्या बताया गया है.
घोषणा पत्र में कहा गया था कि इस समस्या के समाधान के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे और एजीपी का जन्म इसे सफलतापूर्वक लागू कराने के लिए हुआ था.
केरल विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए का घोषणा पत्र जारी
तिरुवनंतपुरम: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को यहां केरल विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का घोषणा पत्र जारी किया. इसमें सबरीमला के लिए कानून और ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून के साथ ही हर परिवार से कम से कम एक सदस्य को रोजगार और हाईस्कूल के छात्रों के लिए मुफ्त लैपटॉप समेत कई वादे किए गए हैं.
जावड़ेकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि भाजपा का घोषणा पत्र प्रगतिवादी, गतिशील और विकास पर केंद्रित है तथा केरल को ऐसे घोषणा पत्र का इंतजार था.
वाम नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परियोजनाओं में मामूली बदलाव कर लोगों के समक्ष उसे अपनी योजना के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश हुई.
उन्होंने कहा, ‘प्रमुख बिंदुओं की बात करें तो यह घोषणा पत्र परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार देने, केरल को आतंकवाद मुक्त करने, भूख से मुक्त करने, सबरीमला कानून (मंदिर की परंपरा के संरक्षण के लिए), हाईस्कूल के छात्रों को मुफ्त लैपटॉप और लव जिहाद के खिलाफ कानून की गारंटी देता है.’
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के भूमिहीन सदस्यों को कृषि उद्देश्यों के लिए पांच एकड़ जमीन दी जाएगी. घोषणा पत्र में गरीबी रेखा से नीचे के परिवार को मुफ्त में छह रसोई गैस सिलेंडरों का वादा भी किया गया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने केरल विधानसभा चुनाव के लिए जारी भाजपा के घोषणा पत्र को लेकर बृहस्पतिवार को उस पर निशाना साधा और कहा कि यह दस्तावेज ‘लव जेहाद पर जहरीले दावों का घालमेल’ है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘राजग ने केरल में घोषणा पत्र जारी किया है जो ‘लव जेहाद’ पर जहरीले दावों, खोखले वादों और विरोधियों से चोरी की गई कल्याणकारी योजनाओं का घालमेल है.’
एके एंटनी ने कहा, घमंड एवं भ्रष्टाचार केरल की विजयन सरकार की पहचान
तिरुवनंतपुरम: केरल की वाममोर्चा सरकार को निशाना बनाते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी ने बुधवार को आरोप लगाया कि घमंड, अहंकार और भ्रष्टाचार, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पांच साल के शासन का प्रतीक है तथा राज्य के लोग उसे एक और कार्यकाल नहीं देंगे.
पूर्व रक्षा मंत्री ने तिरुवनंतपुरम में संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि वाम नेता और मंत्री छह अप्रैल के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर आज कल दम्भी रवैये एवं अपनी कार्यशैली को बदलने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने अपने बयान के पक्ष में सबरीमला महिला प्रवेश मुद्दे पर विजयन एवं देवस्वओम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन के रुख में कथित बदलाव का हवाला भी दिया.
एंटनी ने कहा कि राज्य के श्रद्धालु विजयन को सबरीमला मुद्दे पर माफ नहीं करेंगे, क्योंकि इस धर्मस्थल में युवतियों का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए वाममोर्चा सरकार द्वारा अपनाए गए हठी रुख से चीजें और जटिल हो गईं.
उन्होंने कहा, ‘अब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उच्चतम न्यायालय का अंतिम फैसला राजनीतिक दलों एवं श्रद्धालुओं के साथ विचार-विमर्श के बाद ही लागू किया जाएगा एवं वह जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेंगे.’
उन्होंने कहा कि यदि यही रुख पहले अपनाया गया होता तो राज्य में ज्यादा नुकसान नहीं होता.
सुरेंद्रन का मजाक उड़ाते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मंत्री ने मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार हर चीज की और अब वह अपनी गलती स्वीकार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन लोग रुख में इस आकस्मिक बदलाव को समझ जाएंगे.
तमिलनाडु: 15 साल पुरानी ईवीएम का इस्तेमाल रोकने के लिए अदालत पहुंची डीएमके
चेन्नई: डीएमके ने निर्वाचन आयोग (ईसी) को तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में 15 साल से पुरानी ईवीएम का इस्तेमाल रोकने के लिए बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की.
तमिलनाडु में छह अप्रैल को चुनाव होने वाले हैं.
डीएमके नेता आरएस भारती ने पार्टी की ओर से यह याचिका की, जिसमें सभी मतदान केंद्रों पर मतदान के दौरान सीसीटीवी के जरिये सीधा प्रसारण/वेब पर प्रसारण करने और ईवीएम रखे जाने के कक्षों एवं मतगणना केंद्रों में जैमर (सिग्नल को बाधित करने के लिए अवरोधक) लगाए जाने का भी अनुरोध किया गया है.
विपक्षी दल ने अदालत से निर्वाचन अधिकारियों को कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपीएटी की गणना करने का निर्देश दिए जाने का भी आग्रह किया.
डीएमके के वरिष्ठ वकील पी. विल्सन की प्रारंभिक दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति ने आयोग को नोटिस भेजकर उससे 29 मार्च तक जवाब मांगा है.
जस्टिस राममूर्ति ने आयोग को राजनीतिक दलों के साथ तत्काल बैठक करने का भी निर्देश दिया, ताकि वीडियोग्राफी के मकसद से सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए संवेदनशील मतदान केंद्र चिह्नित किए जा सकें.
पीठ ने यह भी जानना चाहा कि क्या आयोग 15 साल से पुरानी ईवीएम का इस्तेमाल बंद करेगा. उसने आयोग से यह भी पता लगाने को कहा कि क्या ईवीएम वाले कक्षों के आस-पास जैमर लगाए जा सकते हैं.
पीठ ने कहा कि वीवीपीएटी की गणना नियमों के अनुसार अनुमति होनी चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)