सुनिश्चित करें कि हरिद्वार कुंभ कोविड-19 प्रसार का माध्यम न बन जाए: उत्तराखंड हाईकोर्ट

आगामी हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आरटी-पीसीआर कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नहीं लाने की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सार्वजनिक घोषणा के एक दिन बाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि आगंतुकों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए प्रत्येक घाट के प्रवेश स्थल पर लोगों की प्रतिनियुक्ति की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे मास्क पहने हों.

/
Hindu devotees pray while standing in the Godavari river during "Kumbh Mela" or the Pitcher Festival in Nashik, India, August 28, 2015. Hundreds of thousands of Hindus took part in the religious gathering at the banks of the Godavari river in Nashik city at the festival, which is held every 12 years in different Indian cities. REUTERS/Danish Siddiqui

आगामी हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आरटी-पीसीआर कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नहीं लाने की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सार्वजनिक घोषणा के एक दिन बाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि आगंतुकों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए प्रत्येक घाट के प्रवेश स्थल पर लोगों की प्रतिनियुक्ति की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे मास्क पहने हों.

Hindu devotees pray while standing in the Godavari river during "Kumbh Mela" or the Pitcher Festival in Nashik, India, August 28, 2015. Hundreds of thousands of Hindus took part in the religious gathering at the banks of the Godavari river in Nashik city at the festival, which is held every 12 years in different Indian cities. REUTERS/Danish Siddiqui
(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

देहरादून: आगामी हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आरटी-पीसीआर कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नहीं लाने की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सार्वजनिक घोषणा के एक दिन बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया.

हालांकि मीडिया में आईं कुछ खबरों के मुताबिक, उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार उछाल के बीच उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को आगामी हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की निगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण रिपोर्ट लाना फिर अनिवार्य कर दिया, जो कि 72 घंटे से पुरानी नहीं होनी चाहिए.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, चीफ जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने राज्य सरकार को निगरानी रखने का निर्देश दिया और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि महाकुंभ मेला कोविड-19 महामारी के प्रसार का माध्यम न बन जाए.

राज्य सरकार द्वारा दाखिल रिपोर्ट पर अदालत ने कहा कि कुंभ मेला क्षेत्र से लगे तीन जिलों (ऋषिकेश कुंभ इलाका, टिहरी गढ़वाल और पौढ़ी गढ़वाल) में उपलब्ध कराई जा रहीं सुविधाओं को बढ़ाने की बेहद आवश्यकता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पीठ ने अपने आदेश में कहा कि देश के कुछ हिस्सों में खतरे की घंटी बज रही है कि महामारी फिर से सिर उठा रही है. कुछ दक्षिणी और उत्तरी राज्यों ने आंशिक लॉकडाउन शुरू कर दिया है.

आदेश में कहा गया, यह एक स्पष्ट संकेत है कि हम फिर से उस चरण में प्रवेश कर रहे हैं, जहां देश कोविड-19 महामारी का सामना करेगा. इसलिए राज्य सरकार से सतर्कता बरतने और यह सुनिश्चित करने की उम्मीद की जाती है कि महाकुंभ मेला कोविड-19 महामारी के प्रसार के माध्यम में नहीं बदल जाए.

अदालत ने निर्देश दिया कि आगंतुकों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए प्रत्येक घाट के प्रवेश स्थल पर लोगों की प्रतिनियुक्ति की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे मास्क पहने हों.

यह निर्देश दिया कि घाटों के पास या मेला क्षेत्र में रणनीतिक स्थानों पर डॉक्टरों और नर्सों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त संख्या में कैंप स्थापित किए जाएं.

साथ ही, यह भी कहा कि तीर्थयात्रियों को टीका लगाने की सुविधाएं बनाई जानी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर वरिष्ठ नागरिकों को मेला देखने के लिए टीका लगाया जा सके.

आदेश के अनुसार, मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने अदालत के समक्ष एक अंडरटेकिंग दिया है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी किए गए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रियाओं) का कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा और राज्य सरकार जोर देकर कहेगी कि देश के हर कोने से आने वाले तीर्थयात्रियों को मेडिकल प्रमाण पत्र लाना आवश्यक होगा, जो यह दर्शाएगा कि वे कोविड-19 पॉजिटिव नहीं हैं. राज्य में उनके आगमन से 72 घंटे पहले प्रमाण पत्र जारी होना चाहिए.

अदालत ने याचिकाकर्ता और हरिद्वार की जिला सचिव शिवानी पासबोला के वकील शिव भट्ट द्वारा प्रस्तुत दो रिपोर्टों को देखने के बाद निर्देश जारी किए.

बता दें कि उत्तराखंड में कोविड-19 के 200 नए मामले दर्ज किए गए, जिसमें से सर्वाधिक 71 हरिद्वार में मिले, जहां एक अप्रैल से विधिवत कुंभ मेला शुरू करने की तैयारियां आखिरी चरण में हैं. हरिद्वार के अलावा देहरादून जिले में 63, नैनीताल में 22 और उधमसिंह नगर जिले में 14 नए मामले मिले हैं.

इस बीच साधु- संतों ने भी इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले को लेकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन होगा.

उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की जांच, मास्क और सामाजिक दूरी जैसी बातों का पालन कराना भी प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आस्था के सैलाब के आगे नियमों का पालन हो पाएगा.

वहीं निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेले में सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन कराया जाना जरूरी है, इसलिए प्रशासन सबसे पहले लोगों की जांच करे, मरीजों का पता लगाए और इलाज करे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq