मुंबई के भांडुप पश्चिम इलाके में एक मॉल में स्थित सनराइज़ अस्पताल में बृहस्पतिवार देर रात आग लग गई थी. अस्पताल में कोरोना मरीज़ों का इलाज चल रहा था. आठ लोगों की मौत के अलावा दो और शव भी मिले हैं. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इनकी मौत कोरोना वायरस से हुई है.
मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के भांडुप पश्चिम इलाके में एक मॉल में स्थित अस्पताल में आग लगने के बाद कोरोना वायरस का इलाज करा रहे कम से कम आठ मरीजों की मौत हो गई. इस अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज चल रहा था.
अस्पताल में दो अन्य मरीजों के शव भी मिले हैं, जिनकी मौत कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई है.
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि भांडुप इलाके में स्थित ड्रीम्स मॉल इमारत में सनराइज अस्पताल में आधी रात के कुछ देर बाद आग लग गई. करीब 70 मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
अधिकारी ने बताया कि यह अस्पताल चार मंजिला मॉल की सबसे ऊपरी मंजिल पर स्थित है और जब आग लगी तो उस समय 76 मरीज मौजूद थे, जिनमें से ज्यादातर कोविड-19 का इलाज करा रहे थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सनराइज अस्पताल के सीईओ डॉ. हफीज रहमान ने कहा कि घटना के बाद से कुछ मरीज लापता हैं, उनकी पहचान और तलाश के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिनकी मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई है उनके परिजनों को आग लगने के पहले ही इस बात की जानकारी दे दी गई थी.
मुंबई में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बीच यह घटना हुई है. शहर में बृहस्पतिवार को संक्रमण के 5,504 नए मामले सामने आए जो इस महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक एक दिन में सर्वाधिक मामले हैं.
बीएमसी नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया कि आग लगने की वजह का अभी पता नहीं चला है.
अधिकारी ने बताया कि दमकल की 20 गाड़ियां, पानी के 15 टैंकर और एम्बुलेंस को घटनास्थल पर भेजा गया. आग पर काबू पाने की कोशिश चल रही है.
उन्होंने बताया कि दमकलकर्मियों ने 70 मरीजों को बाहर निकाल लिया और उन्हें एक अन्य अस्पताल में भेजा गया है. दमकलकर्मी इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं कोई मरीज अब भी अस्पताल के अंदर तो फंसा नहीं है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, घटना के बाद 30 मरीजों को कोविड 19 इलाज के लिए बनाए गए मुलुंड जंबो सेंटर में शिफ्ट किया गया है. आग तीन मंजिला इमारत ड्रीम्स मॉल की पहली मंजिल पर बृहस्पतिवार देर रात 12:30 बजे लगी. सनराइज अस्पताल तीसरी मंजिल पर स्थित है.
मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर घटनास्थल पर पहुंचीं और उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि मॉल के अंदर अस्पताल है.
उन्होंने कहा, ‘मैंने पहली बार किसी मॉल के अंदर अस्पताल देखा है.’
उन्होंने कहा कि अगर यहां अस्पताल चलाने में किसी तरह की अनियमितता पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी.
अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘ड्रीम्स मॉल, भांडुप की पहली मंजिल पर आग लगी और धुआं सबसे ऊपरी मंजिल पर बने सनराइज अस्पताल तक पहुंच गया. जब आग लगने का अलार्म बजा तो सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया क्योंकि धुआं अस्पताल तक पहुंच रहा था.’
बयान में कहा गया है कि महामारी की ‘असाधारण परिस्थितियों’ में पिछले साल यह अस्पताल शुरू हुआ और इसने कई जिंदगियां बचाने में मदद की. यह अस्पताल दमकल विभाग से मिले लाइसेंस, नर्सिंग होम लाइसेंस समेत सभी अन्य नियमों का पालन करते हुए चल रहा है.
नगर निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि बीएमसी ने अग्नि सुरक्षा नियमों का कथित उल्लंघन करने को लेकर पिछले साल नवंबर में मॉल को नोटिस भेजा था.
राकांपा के पूर्व सांसद संजय दीना पाटिल ने कहा कि उन्होंने भी बीएमसी आयुक्त को पिछले साल पत्र लिखकर वहां अग्नि सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की ओर ध्यान दिलाया था.
बीएमसी के खिलाफ शिकायत करूंगा: भाजपा नेता
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने शुक्रवार को कहा कि वह शहर के एक मॉल में स्थित अस्पताल में आग लगने के संबंध में बीएमसी के खिलाफ आपराधिक लापरवाही की शिकायत दर्ज कराएंगे.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी यह पूछा है कि एक कोविड-19 केंद्र को मॉल में स्थापित करने की अनुमति कैसे दी गई.
सोमैया ने कहा कि यह मॉल ‘भ्रष्टाचार का साक्षात उदाहरण’ है.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘मैं बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के खिलाफ आपराधिक लापरवाही की शिकायत दर्ज कराने जा रहा हूं. इस मॉल के खिलाफ कई शिकायतें मिलीं, लेकिन उसके मालिकों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई.’
मनसे महासचिव संदीप देशपांडे ने दावा किया कि इस मॉल ने अभी तक ‘ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट’ (ओसी) नहीं लिया था और इसकी अग्नि सुरक्षा संबंधी जांच भी अभी पूरी नहीं हुई थी.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘मॉल बीएमसी से एनओसी मिले बिना चल रहा था. अग्नि सुरक्षा संबंधी जांच भी पूरी नहीं हुई, क्योंकि वहां उपलब्ध अग्निशमक प्रणाली असंतोषजनक थी, इसलिए दमकल विभाग ने इसे मंजूरी नहीं दी थी.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे हैरानी है इसके बावजूद इस मॉल को कोविड-19 केंद्र बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया. इस मॉल में कोरोना वायरस मरीजों के इलाज की मंजूरी देने के लिए स्थानीय वार्ड अधिकारी से पूछताछ और जांच होनी चाहिए.’
गौरतलब है कि बीएमसी का शासन शिवसेना के हाथ में है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)