पिछले एक महीने में सीवर और नाला सफाई के दौरान 10 सफाईकर्मियों की मौत हो चुकी है.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) के अंदर बने सीवर में रविवार को एक कर्मचारी की मौत हो गई. मृतक की पहचान ऋषिपाल (48) के रूप में हुई है.
एनडीटीवी इंडिया की ख़बर के मुताबिक़ अस्पताल के अंदर बने सीवर की सफ़ाई के लिए के लिए पीडब्लूडी के ज़रिये एक निजी कंपनी को ठेका दिया गया था. 20 अगस्त को लगभग 12 बजे चार कर्मचारी सीवर की सफाई के लिए उतरे थे, लेकिन अंदर जहरीली गैस की चपेट में आकर ऋषिपाल की मौत हो गई.
#Visuals from Delhi's LNJP Hospital: One sanitation worker died while cleaning sewage, three others hospitalised. pic.twitter.com/nbpfIwnQ12
— ANI (@ANI) August 20, 2017
सीवर में ऋषिपाल को बचाने के लिए बाकी तीन कर्मचारी सीवर में उतरे थे, लेकिन गैस की वजह से तीनों कर्मचारी करण, सुमित, विशन बेहोश हो गए. उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. दिल्ली पुलिस ने ठेकेदार के ख़िलाफ़ लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर लिया है. ठेकेदार घटना के बाद से फरार है.
बीते 12 अगस्त को राजधानी के शाहदरा इलाके में एक शॉपिंग मॉल के बेसमेंट में नाला साफ करते समय दो भाइयों की मौत हो गई थी. पुलिस के अनुसार शाहदरा के विश्वास नगर में स्थित अग्रवाल फनसिटी मॉल के बेसमेंट में नाला साफ करने के दौरान यूसुफ (50) और उनके दो बेटे जहांगीर (24) और इजाज़ (22) बेहोश हो गए थे.
अस्पताल ले जाने पर जहांगीर को मृत घोषित कर दिया गया. कुछ ही देर बाद इजाज़ की भी मौत हो गई.
बीते 6 अगस्त को सीवर की सफाई के दौरान जहरीली गैस की वजह से दिल्ली के लाजपत नगर में तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी.
तीनों कर्मचारी लाजपत नगर इलाके में स्थित कबीर राम मंदिर के नज़दीक एक सीवर लाइन की सफाई के लिए उसके अंदर गए थे. जहरीली गैस की चपेट में आने के बाद तीनों बेहोशी की हालत में निकाले गए. इसके बाद उन्हें एम्स के ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
इसी तरह मध्य प्रदेश के देवास ज़िले से तकरीबन 60 किलोमीटर दूर पिपलरावा थाना इलाके के गांव बरदु में सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए घुसे चार सफाईकर्मियों की 31 जुलाई को मौत हो गई थी.
इससे पहले बीती 15 जुलाई को दक्षिण दिल्ली के घिटोरनी इलाके में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से चार सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई थी. चारों की पहचान स्वर्ण सिंह (45), दीपू (28), अनिल (23) और बलविंदर (32) के तौर पर हुई थी. सभी कर्मचारी छतरपुर के आंबेडकर कॉलोनी के रहने वाले थे.