बांग्लादेश के चटगांव ज़िले में पुलिस की प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प हुई थी. प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भारत में मुस्लिम समुदाय को प्रताड़ित करने और साल 2002 के गुजरात दंगे का आरोप लगाया है. मोदी बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित जश्न के मौके पर वहां गए हुए थे.
नई दिल्ली: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के विरोध में बीते शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए.
मोदी बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित जश्न के मौके पर यहां आए हुए थे.
चटगांव जिले में एक मशहूर मदरसे के छात्रों तथा इस्लामी समूह के सदस्यों की पुलिस के साथ झड़प के बाद इन लोगों की मौत हुई.
चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक पुलिस अधिकारी अलाउद्दीन तालुकदार ने पत्रकारों से कहा कि पांच लोगों को घायल होने के बाद अस्पताल ले जाया गया, जहां उनमें से चार की मौत हो गई.
स्थानीय मीडिया में आईं खबरों के अनुसार, इस्लामी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम के सदस्यों ने चटगांव के हथाजारी इलाके में पुलिस थानों समेत सरकारी भवनों पर हमला किया, जिसके बाद पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी.
प्रदर्शनकारियों ने मोदी पर भारत में मुसलमान समुदाय को प्रताड़ित करने और साल 2002 के गुजरात दंगे के लिए आरोप लगाया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी मोहम्मद अलाउद्दीन ने बताया कि चटगांव अस्पताल में आठ लोगों को भर्ती कराया गया था, जिन्हें गोली लगी थी. उन्होंने कहा, ‘इसमें से चार लोगों की मौत हो गई है.’ रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों में तीन छात्र और एक दर्जी थे.
मोदी की यात्रा के दौरान बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर सोशल मीडिया नेटवर्क जैसे कि फेसबुक और इसके मैसेंजर ऐप को डाउन कर दिया गया था.
इसके साथ ही अधिकारियों और चश्मदीदों ने बताया कि ढाका की मुख्य मस्जिद के निकट प्रदर्शनकारियों के समूहों के बीच झड़प हो गई तथा पुलिस ने आंसू गैस और रबड़ की गोलियों से भीड़ को तितर-बितर किया. इस दौरान कई लोग घायल हो गए.
प्रदर्शनकारियों ने ब्राह्मणबरिया जिले में रेलवे स्टेशन के कार्यालयों में भी आग लगा दी, जिसके चलते ट्रेनों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न हुई.
दोनों देशों के बीच पांच समझौते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शनिवार को कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ उनकी ‘सार्थक बैठक’ हुई और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की एवं आने वाले समय में आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के तौर तरीकों पर चर्चा की.
कोरोना वायरस महामारी के बाद से मोदी का यह पहला विदेश दौरा था. उन्होंने हसीना के साथ पहले अकेले में बातचीत की जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता हुई जो करीब एक घंटे तक चली.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ सार्थक बैठक हुई. हमने भारत-बांग्लादेश संबंधों के संपूर्ण दायरे की समीक्षा की और आने वाले समय में आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के तौर तरीकों पर बात हुई.’
दोनों पक्षों ने संपर्क, वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी और खेल जैसे क्षेत्रों में पांच सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत और बांग्लादेश ने आपदा प्रबंधन, खेल, युवा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और अन्य अहम क्षेत्रों में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए. ये हमारी विकास साझेदारी को मजबूत करेंगे और हमारे देशों के लोगों खासकर युवाओं को फायदा पहुंचाएंगे.’
दोनों नेताओं की वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘यह स्वीकार किया गया कि आतंकवाद वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है, दोनों पक्षों ने सभी प्रकार के आतंकवाद का समूल नाश करने के प्रति अपना दृढ़ संकल्प दोहराया.’
मोदी ने सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर बांग्लादेश के सहयोग के प्रति भारत की ओर से सराहना व्यक्त की.
मोदी ने तीस्ता जल बंटवारा समझौता संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श के जरिये पूरा करने के प्रति भारत के गंभीर एवं निरंतर प्रयासों को दोहराया.
संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘दोनों नेताओं ने अपने-अपने जल संसाधन मंत्रालयों को छह साझी नदियों- मानु, मुहुरी, खोवाई, गुमती, धार्ला और दूधकुमार के पानी के बंटवारे को लेकर अंतरिम समझौता प्रारूप को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया.’
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारत ने फेनी नदी के जल बंटवारे के लिए एक मसौदा को भी शीघ्र ही अंतिम रूप देने का अनुरोध किया है, जो बांग्लादेश की ओर से लंबित है.’
संयुक्त बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने शांत, स्थिर और अपराधमुक्त सीमा के लिए प्रभावी सीमा प्रबंधन के महत्व पर बल दिया.
मानवीय पहलू के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी समकक्ष हसीना को 109 एबुलेंस की प्रतीकात्मक चाभी भी सौंपी. उन्होंने हसीना को एक प्रतीकात्मक डिब्बा भी भेंट किया, जो भारत द्वारा बांग्लादेश को सौंपी गई कोविड-19 रोधी टीके की 12 लाख खुराकों का प्रतीक है.
हसीना ने अपने पिता और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती के मौके पर जारी किए गए सोने और चांदी का एक-एक सिक्का मोदी को भेंट किया. उन्होंने बांग्लादेश की 50वीं जयंती के मौके पर जारी चांदी का एक सिक्का भी मोदी को भेंट किया.
दोनों नेताओं ने भारत बांग्लादेश सीमा पर तीन नए सीमा हाटों, नई यात्री ट्रेन मिताली एक्सप्रेस के उद्घाटन समेत डिजिटल तरीके से कुछ परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया.
यह दोनों पड़ोसी देशों के बीच मैत्री एक्सप्रेस (ढाका-कोलकाता) और बंधन एक्सप्रेस (खुलना-कोलकाता) के बाद तीसरी यात्री ट्रेन है.
हस्ताक्षरित सहमति पत्र आपदा प्रबंधन, लचीलापन एवं उपशमन, बांग्लादेश नेशनल कैडेट कोर और नेशनल कैडेट कोर के बीच सहयोग, व्यापार उपचार उपाय के क्षेत्र में सहयोग आदि से संबंधित हैं.
दोनों प्रधानमंत्रियों ने राजनयिक संबंध की 50वीं सालगिरह पर भारत बांग्लादेश मैत्री टिकट भी जारी किया.
मोदी का यह दौरा, शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशताब्दी, भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के 50 वर्ष पूरे होने और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के पचास वर्ष पूरे होने से संबंधित है.
मोदी ने हसीना को 2022 में भारत आने का निमंत्रण दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)