गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, जम्मू कश्मीर में एनआईए ने जिस तरह की भूमिका निभाई है, उससे वहां होने वाली पत्थरबाज़ी की घटनाओं में भारी कमी आई.
लखनऊ: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नक्सलवाद, आतंकवाद और उग्रवाद पर विजय प्राप्त करने की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की भूमिका की वजह से जम्मू कश्मीर में पत्थरबाज़ी की घटनाओं में भारी कमी आई है.
सिंह ने एनआईए के लखनऊ स्थित आवासीय एवं प्रशासनिक भवन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा, ‘आपने देखा होगा कि जम्मू कश्मीर में एनआईए ने जिस तरह की भूमिका निभाई है, उससे वहां होने वाली पत्थरबाज़ी की घटनाओं में भारी कमी आई है. एनआईए एक स्वायत्तशासी संगठन है. इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं होता, इसीलिए एनआईए बहुत प्रभावी तरीके से अपनी भूमिका निभा रही है.’
उन्होंने कहा कि जहां तक भारत की सुरक्षा का प्रश्न है, उसके लिए जितनी कठोरता से कदम उठाया जाना चाहिए, उतना उठाएंगे. चाहे वह नक्सलवाद, आतंकवाद और उग्रवाद का संकट हो, इन सब पर विजय प्राप्त करने की दिशा में हम बहुत तेज़ी से बढ़ रही है.
गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद में पिछले तीन साल के दौरान 75 प्रतिशत की गिरावट आई है वहीं नक्सलवाद भी 40 प्रतिशत कम हुआ है. जितने नक्सलवादी हैं, उनके अंदर भी बिखराव पैदा हुआ है.
सिंह ने कहा कि उग्रवाद, आतंकवाद और नक्सलवाद में जाली करेंसी की अहम भूमिका है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ऐसे कई मामलों की पड़ताल कर रही है. अगर टेरर फंडिंग के स्रोत को समाप्त कर दिया जाए तो आतंकवाद को भी ख़त्म किया जा सकता है. एनआईए इस दिशा में काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि एनआईए देश की श्रेष्ठ जांच एजेंसी है और टेरर फंडिंग करने वाले लोग एनआईए का नाम सुनकर दहशत में आ जाते हैं.
गृहमंत्री ने कहा कि भारत में एनआईए का पहला रिहाइशी परिसर और कार्यालय लखनऊ में स्थापित किया गया है. इसके कार्यक्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश आते हैं. हालांकि यह चारों राज्य आतंकवाद की दृष्टि से शांत क्षेत्र माने जाते हैं.
उन्होंने कहा कि बहरहाल एनआईए सारे देश में 165 मामलों की जांच कर रही है और करीब 95 प्रतिशत मामलों में उसने कामयाबी हासिल की है. ऐसा करने वाली वह देश की पहली एजेंसी है. लखनऊ में इसका परिसर बनने से इसकी कार्यप्रणाली में और सुधार होगा.
इसके पूर्व कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से अनुरोध किया कि एनआईए और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जांच एवं खुफिया एजेंसियों के बीच छह माह में एक उच्चस्तरीय बैठक हो ताकि प्रभावी ढंग से आपसी तालमेल से काम हो सके.
योगी ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए अपनी जांच एजेंसियों को अत्याधुनिक और ताकतवर बनाना होगा. उत्तर प्रदेश की सभी जांच एजेंसियां एनआईए को हर स्तर पर सहयोग करेंगी.
योगी ने कहा कि भारत दुनिया में आतंकवाद की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है. पड़ोस के कुछ देशों ने आतंक को अपनी विदेश नीति का हिस्सा बना लिया है एनआईए के ज़रिये उन्हें नेस्तनाबूद किया जा सकेगा.
एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार ने इस मौके पर बताया कि एनआईए के लखनऊ परिसर के निर्माण पर 36 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं. उन्होंने बताया कि लखनऊ एनआईए ने अब तक 24 की मामले दर्ज किए हैं जिनमें से 23 में उस उसे कामयाबी मिली है.
मालूम हो कि एनआईए लखनऊ परिसर का शिलान्यास गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 28 दिसंबर 2015 को किया था. एनबीसीसी इंडिया द्वारा निर्मित इस परिसर में शासकीय ब्लॉक सामुदायिक केंद्र और आवासीय परिसर का निर्माण करीब 20 महीने के अंदर किया गया.
नोटबंदी के बाद धन संकट से जूझ रहे अलगाववादी और माओवादी : जेटली
मुंबई: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि नोटबंदी के कारण भारत के कई हिस्सों में माओवादी और जम्मू कश्मीर में अलगाववादी धन संकट से जूझ रहे हैं. जेटली ने कहा कि इससे आतंकवाद से ग्रस्त राज्य में पथराव में शामिल होने वाले प्रदर्शकारियों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है.
उन्होंने कहा, नोटबंदी की घोषणा से पहले कश्मीर की सड़कों पर हज़ारों की संख्या में पत्थरबाज़ जुट जाया करते थे लेकिन अब ऐसे आंदोलनों में 25 लोग भी नहीं जुटते हैं. नोटबंदी के बाद से जम्मू कश्मीर में अलगाववादी और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में माओवादियों के पास पैसे की कमी हो गई है.
जेटली, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उनके संबोधन का विषय नव भारत संकल्प था। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे.
जेटली ने कहा कि मोदी सरकार 7 से 7.5 फीसदी जीडीपी विकास दर से संतुष्ट नहीं है. विकास दर को बढ़ाने के लिए सरकार राष्ट्र के हित में सख़्त फैसले लेना जारी रखेगी, ठीक वैसे ही जैसे उसने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)