विधानसभा चुनाव राउंड-अप: शुभेंदु अधिकारी के भाई ने नंदीग्राम में सांप्रदायिक तनाव की आशंका जताई. धमकाने के मामले में असम के मंत्री हिमंता बिस्व सरमा को चुनाव आयोग का नोटिस. कांग्रेस ने केरल की वाम सरकार पर अडाणी समूह के साथ हुए अनुबंध में भ्रष्टाचार के आरोप लगाया. तमिलनाडु में मोदी ने कहा कि द्रमुक और कांग्रेस के नेता महिलाओं का अपमान करते रहते हैं. कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने कहा कि कमल हासन ‘सुपर-नोटा’ हैं. उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीतेगी.
नई दिल्ली: चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ रहे 6,318 उम्मीदवारों में से 18 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है. यह जानकारी चुनाव अधिकार समूह एडीआर (एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) ने दी है.
नेशनल इलेक्शन वॉच और एडीआर ने केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी और चार राज्यों असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में तीसरे चरण तक के विधानसभा चुनावों में 6,792 उम्मीदवारों में से 6,318 उम्मीदवारों के हलफनामे का विश्लेषण किया है.
जिन 6,318 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, उनमें से 1157 (18 प्रतिशत) ने अपने हलफनामे में खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है और 632 उम्मीदवारों (दस प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है. 1317 उम्मीदवार (21 प्रतिशत) करोड़पति हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि 6,318 उम्मीदवारों में से पश्चिम बंगाल (तीसरे चरण तक) में 567 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया. इनमें से 144 (25 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है और 121 (21 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है.
तमिलनाडु में जिन 3,559 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, उनमें से 466 (13 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की और 207 (छह प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है.
केरल में 928 उम्मीदवारों में से 355 (38 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 167 (18 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है.
असम में 941 उम्मीदवारों में से 138 (15 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है और 109 (12 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों के बारे में सूचना दी है.
पुदुचेरी में 323 उम्मीदवारों में से 54 (17 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले ओर 28 (नौ प्रतिशत) ने गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है.
बड़े राजनीतिक दलों में से द्रमुक के 191 में से 143 (75 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले और 55 (29 प्रतिशत) ने गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है.
अन्नाद्रमुक के 197 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 50 (25 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले और 23 (21 प्रतिशत) ने गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है.
भाजपा के 319 उम्मीदवारों में से 163 (51 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है और 108 (34 प्रतिशत) ने गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है.
कांग्रेस के जिन 239 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया उनमें से 132 (55 प्रतिशत) ने आपराधिक मामलों ओर 82 (34 प्रतिशत) ने अपने विरूद्ध गंभीर आपराधिक मामलों की सूचना दी है.
आपकी पार्टी की सदस्य नहीं जो आप दूसरी सीट से चुनाव लड़ने का सुझाव देंगे: मोदी पर ममता का पलटवार
दिनहाटा: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि वह नंदीग्राम सीट से चुनाव जीत रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शुक्रवार को पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें मोदी से किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ने के बारे में ‘सलाह’ नहीं चाहिए.
मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि बनर्जी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन ‘अफवाहों’ में कितनी सच्चाई है कि वह अंतिम चरण के चुनाव के लिए किसी अन्य सीट से नामांकन दाखिल करने जा रही हैं. उनका कहना था कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने नंदीग्राम से हार स्वीकार कर ली है.
बनर्जी ने उत्तर बंगाल के कूचबिहार जिले के दिनहाटा में एक चुनावी रैली में कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताना चाहती हूं कि पहले अपने गृह मंत्री को काबू कीजिए, इनके बाद हमें नियंत्रित करने की कोशिश कीजिएगा. हम आपकी पार्टी के सदस्य नहीं हैं जो आप हमें नियंत्रित कर लेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘मैं आपकी पार्टी की सदस्य नहीं हूं जो आप मुझे दूसरी सीट से चुनाव लड़ने का सुझाव देंगे. मैंने नंदीग्राम से चुनाव लड़ा है और वहीं से जीतूंगी.’
दिनहाटा रैली से अपनी उत्तर बंगाल की यात्रा की शुरुआत करने वाली बनर्जी ने कहा कि निर्वाचन आयोग चुनाव नहीं करा रहा बल्कि गृह मंत्री अमित शाह चुनाव करा रहे हैं.
बनर्जी ने कहा, ‘मुझे 200 से अधिक सीटें चाहिए, क्योंकि इससे कम का मतलब है कि वे (भाजपा) ‘गद्दारों’ को खरीद लेंगे.’
शुभेंदु अधिकारी के भाई ने नंदीग्राम में सांप्रदायिक तनाव की आशंका जताई
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस से असंतुष्ट चल रहे पार्टी के लोकसभा सदस्य दिव्येंदु अधिकारी ने शुक्रवार को पूर्व मिदनापुर के जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव फैलने की आशंका व्यक्त की है, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं.
नंदीग्राम से चुनाव लड़ रहे भाजपा के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी के भाई दिव्येंदु ने पत्र में चिंता जताई है कि बृहस्पतिवार को भले ही चुनाव पूरी तरह शांतिपूर्ण वातावरण में हुए लेकिन इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैलने का भय है. फिलहाल उन्होंने तृणमूल से दूरी बना रखी है.
उन्होंने संबंधित अधिकारियों से अपील की कि चुनाव के बाद क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए एहतियाती उपाय करें.
अनुमान के मुताबिक क्षेत्र में 30 फीसदी मुस्लिम आबादी है.
ममता सरकार ‘तोलाबाजी, तानाशाही, तुष्टिकरण’ के थ्री टी मॉडल पर चलती है: शाह
सीतलकूची: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर शुक्रवार को जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ‘तोलाबाजी’, ‘तानाशाही’ और ‘तुष्टिकरण’ के थ्री टी मॉडल पर चलती है.
शाह ने भरोसा जताया कि नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी परास्त होंगी. पूर्वी मेदिनीपुर जिले की इस सीट पर ममता का मुकाबला अपने पूर्व सहयोगी एवं भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी से है.
सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को उत्तर बंगाल क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी समस्या बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने वादा किया कि अगर राज्य में भाजपा सत्ता में आती है तो वह पड़ोसी बांग्लादेश से अवैध आव्रजन को पूरी तरह रोकेगी.
शाह ने दावा किया कि उत्तर बंगाल क्षेत्र के साथ तृणमूल सरकार ने अन्याय किया है.
उन्होंने यह भी वादा किया कि उत्तर बंगाल के विकास के लिए भाजपा हर साल 2,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी और क्षेत्र में लोगों की चिकित्सीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एम्स की स्थापना करेगी.
भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित कूचबिहार जिले के सीतलकूची में चुनावी रैली में शाह ने कहा, ‘सीमा-पार से होने वाली घुसपैठ उत्तर बंगाल की सबसे बड़ी समस्या है. टीएमसी सरकार इसे कभी नहीं रोकेगी, केवल हम इसे रोक सकते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी राज्य की सरकार को थ्री टी- ‘तोलाबाजी’, ‘तानाशाही’ और ‘तुष्टिकरण’ के मॉडल पर चलाती हैं.’
विशाल जनादेश के साथ राज्य में सत्ता में आने का भरोसा जताते हुए शाह ने कहा, ‘हम चुनाव के पहले दो चरणों (27 मार्च और एक अप्रैल को हुए चुनावों में) में जीत रहे हैं. ममता दीदी नंदीग्राम में हार रही हैं.’
कूचबिहार जिले की सीटों पर चौथे चरण में 10 अप्रैल को मतदान होगा. राज्य में आठ चरणों में चुनाव संपन्न होंगे. 294 सदस्यीय विधानसभा की सभी सीटों के परिणाम दो मई को घोषित किए जाएंगे.
धमकाने के मामले में असम के मंत्री हिमंता बिस्व सरमा को चुनाव आयोग का नोटिस
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने बृहस्पतिवार को असम के मंत्री एवं भाजपा नेता हिमंता बिस्व सरमा को विपक्षी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के नेता हग्रामा मोहिलरी को कथित तौर पर धमकाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
मंत्री को शुक्रवार शाम पांच बजे तक जवाब देने को कहा गया है. कांग्रेस ने यह आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग का रुख किया था कि सरमा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का दुरुपयोग कर मोहिलरी को जेल भेजने की धमकी दी है.
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है.
असम में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण में 27 मार्च को और दूसरे चरण के लिए एक अप्रैल को चुनाव हुए हैं. आखिरी चरण में छह अप्रैल को चुनाव होंगे.
सरमा को भेजे गए नोटिस में चुनाव आचार संहिता के विभिन्न प्रावधानों का हवाला दिया गया है, जिसमें राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ अभद्र आरोप लगाने से बचने और भ्रष्ट आचरण से बचने तथा चुनाव कानून के तहत अपराधों, जैसे मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को डराना, मतदाताओं को बदलना शामिल है.
आयोग ने नोटिस में कहा है कि प्रथम दृष्ट्या उसका मानना है कि सरमा ने आदर्श चुनाव आचार संहिता के उपर्युक्त प्रावधानों को उल्लंघन किया है.
नोटिस में राज्य के चुनाव तंत्र द्वारा उपलब्ध कराए गए भाषण का प्रारूप का उल्लेख भी किया है.
नोटिस के एक हिस्से में सरमा के भाषण को कोट किया गया है, जिसके अनुसार, ‘अगर हग्रामा चरमपंथी एम. बाथा के साथ कोई उग्रवादी कृत्य करेंगे, तो जेल जाएंगे. यह एक सीधी बातचीत है. अगर हग्रामा बाथा को प्रोत्साहित करते हैं तो जेल जाएंगे. हमारे पास बहुत सारे सबूत हैं. यह केस एनआईए को दिया जा रहा है.’
असम चुनाव के बीच में ही बीपीएफ प्रत्याशी भाजपा में शामिल हुआ
गुवाहाटी: बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के प्रत्याशी रंगजा खुंगुर बासुमतारी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण से पहले ही बृहस्पतिवार को भाजपा में शामिल हो गए. बासुमतारी जिस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वहां पर छह अप्रैल को मतदान होगा.
खबर थी बासुमतारी दो दिन से लापता हैं, लेकिन बुधवार करीब आधी रात को वरिष्ठ भाजपा नेता हेमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उन्होंने बीपीएफ प्रत्याशी से मुलाकात की है और वह भगवा पार्टी में शामिल होंगे.
बीपीएफ विपक्षी कांग्रेस के साथ गठबंधन में है. राज्य विधानसभा के लिए तीन चरणों में हो रहे चुनाव में से दो चरण के चुनाव बृहस्पतिवार को संपन्न हो गए.
सरमा ने ट्वीट किया, ‘बीपीएफ और कांग्रेस नीत कथित गठबंधन का तामुलपुल विधानसभा सीट से आधिकारिक प्रत्याशी श्रीराम दास बासुमतारी ने कुछ समय पहले मुझसे मुलाकात की थी. उन्होंने भाजपा में शामिल होने और चुनाव प्रक्रिया से अलग होने की इच्छा जताई है.’
उल्लेखनीय है कि रंगजा खुंगुर बासुमतारी को रामदास बासुमतारी के नाम से भी जाना जाता है.
बासुमतारी ने स्थानीय टेलीविजन चैनल से कहा कि उन्होंने बीपीएफ से इस्तीफा देने का फैसला किया है क्योंकि पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान कोई मदद नहीं की.
उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी क्योंकि उनका मोबाइल फोन बंद आ रहा है.
कांग्रेस ने एक बयान जारी कर पुष्टि की कि बासुमतारी बृहस्पतिवार को भाजपा में शामिल हो गए हैं.
तुमालपुर बक्सा जिले में आता है और बोडोलैंड स्वायत्त क्षेत्र का हिस्सा है. यहां तीसरे चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बासुमतारी भाजपा की धमकी की वजह से गायब थे. उन्होंने इसके लिए भगवा पार्टी की आलोचना की.
संवाददाता सम्मेलन में तिवारी ने कहा, ‘आप (भाजपा) गलत तरीके से चुनाव जीतना चाहते हैं. यह फासीवादी मानसिकता है और यही भाजपा की शिक्षा है. यह पार्टी लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रणाली में भरोसा नहीं करती. निश्चित रूप से असम के चुनाव पटल पर फासीवाद का यह सबसे खराब प्रदर्शन है.’
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार शाम को निर्वाचन आयोग से मुलाकात कर तुमालपुर सीट पर चुनाव टालने और सरमा को चुनाव लड़ने और राज्य में आगे प्रचार करने से अयोग्य करार देने की मांग करेगा, क्योंकि वह आदर्श चुनाव आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने वाले हैं.
कांग्रेस ने चुनाव से महज तीन दिन पहले केरल की वाम सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
अलप्पुझा/कन्नूर: केरल में विधानसभा चुनाव से महज तीन दिन पहले कांग्रेस ने शुक्रवार को वाम सरकार पर प्रमुख कॉरपोरेट ‘अडाणी समूह’ से उच्च दामों में बिजली खरीदने और भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया जबकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया.
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने आरोप लगाया कि एलडीएफ सरकार ने निजी समूह के साथ उच्च दामों में बिजली खरीदने के लिए एक अनुबंध किया है. इस अनुबंध में भ्रष्टाचार किया गया है.
अनुबंध की जानकारी देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि अडाणी समूह से 300 मेगावॉट (एमवी) की बिजली उच्च दाम में खरीदने के लिए अनुबंध किया गया है और वाम सरकार ने यह ‘भ्रष्टाचार का सौदा’ करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार के साथ मिलीभगत की है.
कांग्रेस के नेता ने दावा किया कि 8850 करोड़ रुपये की बिजली खरीदने के लिए अडाणी समूह के साथ 25 साल का अनुबंध किया गया है. इसके जरिये कॉरपोरेट समूह को एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का फायदा होगा.
उन्होंने कहा, ‘इस अनुबंध के जरिए लोगों पर भारी बोझ डाला गया है. राज्य और केंद्र सरकार दोनों इस अनुबंध के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं.’
अभी सौर ऊर्जा दो रुपये में उपलब्ध है.
चेन्निथला ने पूछा कि फिर क्यों 2.82 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने के लिए निजी समूह के साथ एक अनुबंध किया गया.
उन्होंने अलप्पुझा में पत्रकारों से कहा, ‘इस प्रकार, आम आदमी को प्रति यूनिट 25 साल तक एक रुपया अतिरिक्त देना होगा. इससे अडाणी समूह को एक हजार करोड़ रुपये तक का फायदा होगा.’
विपक्ष के नेता ने कहा कि राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा 2019 जून और सितंबर में केंद्र की कंपनी सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (एसईसीएल) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद राज्य में अडाणी के साथ व्यापारिक अनुबंध करने के रास्ते खुल गए थे.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कन्नूर में पत्रकारों से बात करते हुए इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि चेन्निथला को इस बात से ‘ईर्ष्या’ है कि एलडीएफ सरकार के पांच साल के शासन में बिजली नहीं गई.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इस लिए वह राज्य के बिजली विभाग के अनुबंधों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.’
लोग एलडीएफ-यूडीएफ से तंग आ चुके हैं, भाजपा का विकास का एजेंडा चाहते हैं: मोदी
कोनी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी गठबंधन यूडीएफ पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि लोग दोनों मोर्चों से तंग आ चुके हैं और भाजपा का विकास एजेंडा चाहते है.
मोदी ने केरल के पथनमथिट्टा जिले के कोनी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘लोग संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) से कह रहे है कि बस अब बहुत हो गया. केरल के लोग भाजपा और राजग के विकास एजेंडा को देख रहे हैं. वे हमारे कार्यक्रमों और नीतियों से जुड़ रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि पेशेवर समुदाय भाजपा की प्रशंसा करते हुए कह रहा है कि पार्टी प्रगतिशील है और शिक्षित लोगों को राजनीति में ला रही है. उन्होंने ‘मेट्रोमैन’ ई श्रीधरन का उदाहरण दिया.
मोदी ने कहा, ‘‘मेट्रोमैन ई श्रीधरन जैसे सम्मानित पेशेवर की सक्रिय उपस्थिति केरल की राजनीति में एक ‘गेम चेंजर’ रही है. एक ऐसा व्यक्ति जिसने वर्षों में इतना कुछ हासिल किया, जिसने भारत की प्रगति को तेजी से आगे बढ़ाया और समाज की सेवा करने के साधन के रूप में भाजपा को पसंद किया.’
उन्होंने कहा कि केरल की जनता ने तय किया है कि इस बार वे भाजपा और राजग के साथ है. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत ‘स्वामी शरणम अयप्पा’ का तीन बार उद्घोष करके की.
तमिलनाडु में द्रमुक नीत मोर्चे के किसी भी विधायक को भाजपा नहीं खरीद सकती: कांग्रेस
कोयंबटूर: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि कथित रूप से सत्ता की भूखी भाजपा तमिलनाडु में द्रमुक नीत गठबंधन के किसी भी विधायक को नहीं खरीद सकती है जैसा कि उसने दूसरे राज्यों में किया है.
खड़गे ने एक सवाल के जवाब में संवददाताओं से कहा, ‘तमिलनाडु में किसी भी विधायक को खरीदना असंभव है और कोई ऐसा नहीं कर सकता.’
इससे पहले खड़गे ने भाजपा पर गोवा, मणिपुर, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में विधायकों को खरीदकर सरकारें गिराने और दलबदल को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के विधायक शिक्षित, बेहद योग्य हैं और सामाजिक न्याय के लिए लड़ते हैं, उन्हें खरीदा नहीं जा सकता है.
भाजपा को ‘जहरीला सांप’ करार देते हुए खड़गे ने कहा कि पार्टी लोगों को धार्मिक एवं सांप्रदायिक आधार पर बांटने की आरएसएस की विचारधारा अपना रही है जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दो दिन पहले शहर के दौरे के वक्त हुई हिंसा से साफ जाहिर है.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी से लेकर जीएसटी के बाद लोगों की जिंदगी दयनीय बन गई है और सभी कारोबारों, उद्योगों, कपड़ा एवं कृषि क्षेत्रों की प्रगति में गिरावट आयी है.
कांग्रेस के 70 साल के शासनकाल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई आलोचना का जिक्र करते हुए खड़गे ने कहा कि पार्टी ने 2014 तक खाद्य सुरक्षा, शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित किया जबकि भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया.
खड़गे ने कहा, ‘मोदी बिना सोचे-समझे, बिना विचार-विमर्श किए फैसला लेते हैं और देश को पीछे की तरफ ढकेल रहे हैं.’
वंशवाद की राजनीति की आलोचना पर उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बाद गांधी परिवार से कोई प्रधानमंत्री नहीं बना है.
उन्होंने कहा कि जहां तक अन्नाद्रमुक की बात है, कोई अन्ना और अम्मा नहीं है और यह केवल अमित शाह एडीएमके है.
द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन के दामाद और द्रमुक नेताओं के परिसर में आयकर छापेमारी के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि भाजपा के काम करने का यही तरीका है- विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से विपक्ष को डराना-धमकाना.
तमिलनाडु में मोदी ने कहा, द्रमुक और कांग्रेस के नेता महिलाओं का अपमान करते रहते हैं
मदुरै: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को द्रमुक और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनके नेता ‘महिलाओं का अपमान करते रहते हैं’. साथ ही उन्होंने रेखांकित किया कि राजग की योजनाओं का लक्ष्य महिलाओं का सशक्तिकरण है.
मदुरै में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने लोगों से छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में सहयोगी पार्टी अन्नाद्रमुक समेत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने की अपील की. उन्होंने कहा कि दिवगंत मुख्यमंत्री दिवंगत एमजी रामचंद्रन का समावेशी विकास एवं समृद्ध समाज का दृष्टिकोण हमें प्रेरित करता है.
द्रमुक और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि उनके पास बात करने के लिए कोई एजेंडा नहीं है और आरोप लगाया कि साथ चुनाव लड़ रहीं दोनो पार्टियां लोगों की सुरक्षा और मान-सम्मान तक की गारंटी नहीं देंगी और उनके शासन में कानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी.
उन्होंने परोक्ष रूप से द्रमुक के प्रथम परिवार में दो भाइयों एमके स्टालिन और एमके अलागिरी के बीच विवाद का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि इससे पूर्व पार्टी ने पारिवारिक मुद्दों के चलते शांतिप्रिय मदुरै को ‘माफिया के गढ़’ में बदलने का प्रयास किया.
उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना समेत राजग की कई योजनाएं महिलाओं के सशक्तिकरण पर केंद्रित है.
उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘द्रमुक और कांग्रेस इन मूल्यों को नहीं समझते. इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि उनके नेता महिलाओं का बार-बार अपमान करते हैं.’
द्रमुक नेता ए. राजा इससे पहले एक चुनावी रैली में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की मां के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी कर विवाद में घिर चुके हैं, जिसकी काफी आलोचना हुई.
सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने बृहस्पतिवार को 48 घंटे के लिए राजा के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी और उनकी पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से उनका नाम हटा दिया.
‘सुपर-नोटा’ हैं कमल हासन, उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीतेगी: कार्ति चिदंबरम
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने अभिनय से राजनीति में कदम रखने वाले कमल हासन को ‘सुपर-नोटा’ करार देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि हासन की पार्टी ‘मक्कल नीधि मय्यम’ (एमएनएम) तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीतेगी.
तमिलनाडु के शिवगंगा से लोकसभा सदस्य कार्ति ने अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन पर भी निशाना साधा और कहा कि तमिलनाडु के लोग ऐसी कोई सरकार नहीं चाहते हैं जिस पर भाजपा की किसी तरह की छाया हो, क्योंकि उन्हें इसके ‘हिंदी-हिंदुत्व’ के एजेंडे से कुढ़न होती है.
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह दावा किया कि द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन इस चुनाव में कुल 234 सीटों में से 200 से अधिक सीटें जीतेगा.
तमिलनाडु में सभी सीटों पर छह अप्रैल को मतदान होना है.
कार्ति ने कहा, ‘लोग ऐसी सरकार नहीं चाहते जो तमिल भावनाओं, तमिल भाषा और तमिल इतिहास का सम्मान नहीं करती है. वे ऐसी सरकार भी नहीं चाहते जिस पर किसी तरह से भाजपा की छाया हो.’
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं के आक्रामक चुनाव प्रचार के बावजूद केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी का तमिलनाडु में खाता नहीं खुलेगा.
कमल हासन की पार्टी के असर के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘हासन सिर्फ ‘सुपर-नोटा’ हैं. वह एक भी सीट नहीं जीतेंगे और उनकी सतत चलने वाली पार्टी नहीं है. चुनाव के समय वे जमा होते हैं और चुनाव के बाद गायब हो जाते हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)