विधानसभा चुनाव राउंड-अप: असम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजग सरकार बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के लिए योजना बनाती है. पत्रकारों को धमकी देने वाले असम के मंत्री पीयूष हज़ारिका को पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया. डीएमके ने पार्टी अध्यक्ष स्टालिन की बेटी के घर ‘आयकर छापे’ पर केंद्र को घेरा. ममता बनर्जी के चोटिल पैर से संबंधित वीडियो सामने आने के बाद तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में वाकयुद्ध.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने भाजपा नेता हिमंता बिस्वा शर्मा के चुनाव प्रचार करने पर लगे प्रतिबंध की अवधि को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे किए जाने को ‘संसदीय लोकतंत्र के लिए काला दिन’ करार देते हुए शनिवार को दावा किया कि चुनाव आयोग ने यह फैसला मोदी सरकार के दबाव में किया है, जिसके लिए उसे इतिहास कभी माफ नहीं करेगा.
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यह आरोप भी लगाया कि ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग ने अपनी नियम पुस्तिका से निष्पक्षता वाला पन्ना फाड़कर फेंक दिया है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘चुनाव आयोग से हम भाजपा नेता की गाड़ी में ईवीएम मामले में कड़ी कार्रवाई का इंतजार कर ही रहे थे कि आयोग के एक और कदम से ऐसा लगता है कि उसने अपनी रूलबुक से निष्पक्षता वाला पेज फाड़कर फेंक दिया है.’
प्रियंका ने सवाल किया, ‘आखिर किस दबाव में धमकी देने वाले भाजपा नेता पर प्रतिबंध को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे किया गया?’
चुनाव आयोग से हम भाजपा नेता की गाड़ी में EVM मामले में कड़ी कार्रवाई का इंतजार कर ही रहे थे कि आयोग के एक और कदम से ऐसा लगता है कि उसने अपनी रुलबुक से निष्पक्षता वाला पेज फाड़के फेंक दिया है।
आखिर किस दबाव में धमकी देने वाले भाजपा नेता के बैन को 48 घंटे से घटाकर 24घंटे किया गया? https://t.co/ISBMCilBO7
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 3, 2021
उधर, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने यह फैसला मोदी सरकार के दबाव में लिया है.
सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘संसदीय लोकततंत्र के लिए काला दिन है. चुनाव आयोग के पास अपने आदेश पर कायम रहने की हिम्मत नहीं है. यह निंदनीय है कि चुनाव आयोग मोदी सरकार के दबाव में झुक गया और शर्मा को चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित करने का आदेश बदला. इतिहास इस पाप के लिए न तो चुनाव आयोग और न ही भाजपा को माफ करेगा.’
उन्होंने सवाल किया, ‘क्या चुनाव आयोग यह बताएगा कि यह फैसला स्वत: लिया गया या फिर भाजपा या शर्मा की तरफ से कोई नई याचिका दायर की गई? अगर ऐसा है, तो फिर इस मामले में शिकायत करने वाले दलों कांग्रेस और बीपीएफ को क्यों नहीं बुलाया गया? क्या यह दंड से मुक्ति के भाव के साथ धमकाने के लिए लाइसेंस देना है?’
2/2
Will #ECI tell –1 Was this somersault taken suo moto or on a fresh plea by BJP/Himanta Sarma?
2 If yes, why did EC then not call upon the complainant, BPF & Congress?
3 If no, why this vexatious change of heart?
4 Does it now give a license to issue threat with impunity? https://t.co/F9JaDaLA88
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 3, 2021
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने असम के मंत्री और भाजपा नेता शर्मा पर चुनाव प्रचार प्रतिबंध की अवधि 48 घंटे से कम कर 24 घंटे कर दी.
उन्होंने चुनाव आयोग को आश्वासन दिया कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का पालन करेंगे, जिसके बाद प्रचार प्रतिबंध की अवधि घटाई गई.
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के प्रमुख हग्रामा मोहिलारी के खिलाफ कथित तौर पर धमकी भरी टिप्पणी के लिए शुक्रवार को उनके चुनाव प्रचार करने पर चार अप्रैल तक प्रतिबंध लगा दिया गया था.
असम विधानसभा चुनाव के तीसरे एवं अंतिम चरण के लिए प्रचार चार अप्रैल की शाम को समाप्त हो जाएगा. राज्य में अंतिम चरण के चुनाव छह अप्रैल को होंगे.
असम में मोदी ने कहा, राजग सरकार बिना भेदभाव के सभी वर्गों के लिए योजना बनाती है
तमुलपुर: उत्तर-पूर्व में भूमिगत संगठनों के साथ हुए शांति समझौतों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम में अब तक समर्पण नहीं करने वाले उग्रवादियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की और कहा कि ‘आत्मनिर्भर असम’ बनाने के लिए उनकी जरूरत है.
बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) में बकसा जिले के तमुलपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि असम के लोग हिंसा के खिलाफ हैं और वे विकास, शांति, एकता तथा स्थिरता के साथ हैं.
कांग्रेस पर राज्य में हिंसा को उकसाने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा, ‘सालों के संघर्ष के बाद मुख्यधारा में लौटे लोगों के पुनर्वास की जिम्मेदारी हमारी है.’
उन्होंने कहा, ‘जिन्होंने अभी तक आत्मसमर्पण नहीं किया है, उनसे मैं अपील करता हूं कि राज्य के भविष्य के लिए तथा अपने खुद के भविष्य के लिए लौटें, क्योंकि आत्मनिर्भर असम बनाने के लिए उनकी जरूरत है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं बीटीआर की सभी माताओं और बहनों को भरोसा दिलाता हूं कि आपके बच्चों के सपने पूरे होंगे और उन्हें हथियार उठाने की तथा जंगल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.’
मोदी ने कहा कि राजग सरकार बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के लिए योजना बनाती है.
राज्य में लंबे समय तक रहे हिंसा के माहौल के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाज के टुकड़े करके और भेदभाव करके समाज के एक वर्ग के लिए कुछ दिया जाए तो उसे धर्मनिरपेक्षता कहा जाता है और जो सभी के लिए काम करते हैं, उन्हें सांप्रदायिक कहा जाता है.’
उन्होंने कहा, ‘राजग सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र के साथ समाज के हर वर्ग को पूरी तरह सशक्त बनाने का प्रयास किया है. धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता के इस खेल ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है.’
उन्होंने कहा, ‘जब हम किसी योजना के बारे में सोचते हैं तो हम बिना किसी भेदभाव के सभी के बारे में सोचते हैं. हम चाहते हैं कि योजनाओं के लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचें, भले ही वे वोट बैंक हों या नहीं, साक्षर हों या निरक्षर हों. हम यहां देश के लिए और लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार देश के 100 जिलों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है और इनमें से सात जिले असम में हैं. उन्होंने कहा कि असम की जनता यह समझ चुकी है और ‘महाजोत का महाझूठ’ सामने आ गया है.
मोदी ने एआईयूडीएफ संस्थापक और सांसद बदरुद्दीन अजमल के बेटे अब्दुर रहीम द्वारा कांग्रेस की एक रैली में दिए गए बयान की ओर इशारा करते हुए भी निशाना साधा.
रहीम ने शुक्रवार को एक रैली में कहा था कि ‘दाढ़ी, टोपी और लुंगी वाले’ असम में अगली सरकार बनाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इससे बड़ा असम के लिए कोई अपमान नहीं हो सकता. असम की जनता उन लोगों को बर्दाश्त नहीं करेगी, जो असम के गौरव और पहचान का अपमान करते हैं और जनता उन्हें मतदान के जरिये मुंहतोड़ जवाब देगी.’
असम में पत्रकारों को धमकी देने वाले मंत्री को पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया
गुवाहाटी: असम की विपक्षी पार्टियों- कांग्रेस, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), रायजोर दल और असम जातीय दल ने मंत्री पीयूष हजारिका को उनकी पत्नी एमी बरूआ का विवादित चुनावी भाषण कवर करने पर कथित रूप से दो पत्रकारों को धमकाने के आरोप में विधानसभा चुनाव के लिए अयोग्य करार देने की शुक्रवार को मांग की.
इतना ही नहीं हजारिका को पुलिस के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है और उनकी कॉल रिकॉर्डिंग को जांच की खातिर फॉरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा गया है.
मंत्री जगीरोड निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां बृहस्पतिवार को दूसरे चरण में मतदान हुआ. उन्होंने उन दो पत्रकारों को कथित तौर पर धमकी दी थी, जिन्होंने मंत्री की पत्नी के एक विवादास्पद चुनावी भाषण की रिपोर्टिंग की थी.
मोरीगांव जिला पुलिस अधीक्षक नंदा सिंह बोरकला ने बताया कि पत्रकारों के बयान दर्ज किए गए हैं और मामले में मंत्री को नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि मंत्री को अपना बयान दर्ज कराने के लिए थाने में आने के लिए कहा गया है.
हजारिका ने कहा कि वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए रविवार को थाना जाएंगे.
बोरकला ने कहा कि पत्रकारों और हजारिका के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं और बातचीत की रिकॉर्डिंग गुवाहाटी में फॉरेंसिक प्रयोगशाला को भेजी गई है.
उन्होंने कहा, ‘हम मामले में कानून और प्रक्रिया के अनुसार आगे बढ़ेंगे.’
इस बीच असम विधानसभा चुनाव के लिए राज्य पुलिस के नोडल अधिकारी और आईजी (कानून व्यवस्था) दीपक कुमार केडिया ने मामले में जिला पुलिस से रिपोर्ट मांगी है.
राज्य के मौजूदा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री हजारिका के खिलाफ इस मामले में मोरेगांव जिले के जगीरोड पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. यह प्राथमिकी संबंधी पत्रकार नजरुल इस्लाम की शिकायत पर दर्ज की गई है. शिकायतकर्ता को तत्काल प्रभाव से पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई है.
पत्रकारों द्वारा जगीरोड थाने में दर्ज दो प्राथमिकी को मिला दिया गया है और हजारिका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि), 506 (आपराधिक धमकी) आदि के तहत मामला दर्ज किया गया है.
असमी न्यूज चैनल प्रतिदिन टाइम्स पर प्रसारित ऑडियो क्लिप में हजारिका की नजरुल इस्लाम से हुई कथित बातचीत है. क्लिप के मुताबिक मंत्री उन्हें और एक अन्य पत्रकार तुलसी मंता को उनके घर से निकालकर ‘खत्म’ करने की कथित रूप से धमकी दे रहे हैं.
पत्रकारों द्वारा की गई रिपोर्ट मंत्री की पत्नी एमी बरूआ की जगीरोड में एक चुनावी रैली से जुड़ी है, जो राज्य की एक प्रसिद्ध कलाकार भी है. इसमें उन्हें कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जो लोग नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को स्वीकार नहीं करेंगे उन्हें असम से ही नहीं बल्कि देश से भी निकाल दिया जाएगा.
बाद में एमी बरूआ ने एक स्थानीय चैनल पर बयान दिया था कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है और अगर उन्होंने किसी की भावनाएं आहत की हैं तो वह माफी मांगती हैं.
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हजारिका द्वारा की गई कथित धमकी की निंदा की और कहा, ‘उनका गुस्सा संकेत है कि वह जगीरोड सीट से हार रहे हैं.’
एआईयूडीएफ के संगठन महासचिव अमीनुल इस्लाम ने भाजपा नेता की आलोचना करते हुए कहा कि सत्ता ने उन्हें उग्र और कृतघ्न बना दिया है.
रायजोर दल के सलाहकार सीतानाथ लहकर और घनश्याम नाथ ने कहा कि भाजपा के मंत्री को इस चुनाव में अयोग्य करार देने के लिए कानून की संबंधित धाराओं के तहत पर्याप्त सामग्री है.
लहकर ने कहा, ‘हम मंत्री पीयूष हजारिका द्वारा पत्रकारों के खिलाफ इस्तेमाल की गई भाषा और उनको दी गई धमकी की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने गुंडे की तरह व्यवहार किया. निर्वाचन आयोग को तुरंत उन्हें अयोग्य करार देना चाहिए है यही हमारी मांग है.’
असम जातीय परिषद के महासचिव जगदीश भुइयां ने भी पत्रकारों को दी गई कथित धमकी की निंदा की और भाजपा के मंत्री के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की.
इस बीच, सैकड़ों पत्रकारों, वकीलों, विद्यार्थियों, बुद्धिजीवियों और समाज के अन्य वर्गों के लोग सड़कों पर उतरे और हजारिका द्वारा कथित रूप से पत्रकारों को दी गई धमकी का विरोध किया और उनकी तुंरत गिरफ्तारी की मांग की.
ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन और असोम जातीयबाड़ी युवा छात्र परिषद ने भी घटना की निंदा की और निर्वाचन आयोग से उन्हें अयोग्य करार देने की मांग की.
डीएमके ने पार्टी अध्यक्ष स्टालिन की बेटी के घर ‘आयकर छापे’ पर केंद्र को घेरा
वेल्लोर/नई दिल्ली: तमिलनाडु में डीएमके ने पार्टी प्रमुख एमके स्टालिन की बेटी सेंथामराई के चेन्नई स्थित आवास पर आयकर अधिकारियों द्वारा की गई ‘तलाशी’ को लेकर केंद्र सरकार की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि यह ‘राजनीतिक उद्देश्य’ से प्रेरित है.
स्टालिन ने कहा कि ‘दबाव’ का सामना वह करेंगे और कार्यकर्ताओं को छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
एक बयान में उन्होंने पार्टी के सदस्यों को चेताया कि वे एआईएडीएमके और उसके सहयोगियों की छापे जैसी ‘ध्यान भटकाने’ वाली कार्रवाई या ‘झूठे प्रचार’ से भ्रमित न हों.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘चुनावी हार आसन्न देखकर विरोधियों के यहां छापेमारी करवाना भाजपा का सबसे बड़ा हथियार है.’
जयमकोंडम में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसी छापेमारी से चिंतित होने या डरने वाली नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘हम इससे परेशान होने वाले नहीं हैं और छापेमारी कीजिए.’ उन्होंने कहा कि ऐसे छापों से उनकी पार्टी को और ऊर्जा मिलेगी. उन्होंने कहा कि वह झुकने वाले नहीं हैं और उन्होंने आपातकाल (1975-77) का भी सामना किया है.
उन्होंने कहा कि केंद्र ने सोचा कि चुनाव में अब जबकि कुछ ही दिन बचे हैं तो छापों के जरिये उन्हें उनके घरों में ही सीमित कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि डीएमके के लोगों के साथ यह हथकंडा नहीं चलेगा.
वहीं नई दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार को सेंथामराई और अन्य के ठिकानों पर छापेमारी का उद्देश्य चुनावी राज्य तमिलनाडु में ‘सियासी नकदी वितरण’ पर नजर रखना था.
उन्होंने कहा कि अब तक चेन्नई, कोयंबटूर और करूर में कार्रवाई के तहत 28 परिसरों पर छापेमारी की गई है.
कर विभाग के लिए नीतियां तैयार करने वाले सीबीडीटी के एक सूत्र ने दावा किया कि छापे के दौरान ‘अब तक कर चोरी से संबंधित कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है’ और कार्रवाई अभी जारी है. उन्होंने कहा कि राज्य में तीन अलग-अलग समूहों और कुछ व्यक्तियों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है.
उधर डीएमके महासचिव दुरईमुरुगन ने इससे पहले कहा कि ऐसे समय में जब पार्टी चुनाव प्रचार पूरा करने के चरण में है और मतदान का रास्ता देख रही है तो आयकर अधिकारियों ने पार्टी प्रमुख स्टालिन की बेटी सेंथामराई के आवास पर ‘राजनीतिक उद्देश्य’ से तलाशी ली. अभी तक आयकर अधिकारियों ने इस तलाशी की न तो पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है.
संवाददाताओं से बातचीत में दुरईमुरुनग ने दावा किया कि केंद्र ने दरअसल ‘गलत आकलन’ किया कि चुनाव से ठीक पहले तलाशी से स्टालिन, उनका परिवार और पार्टी स्तब्ध रह जाएगी और चुनाव की तैयारियां कमजोर पड़ेंगी. उन्होंने कहा, ‘डीएमके ऐसी पार्टी नहीं है, जिसे छापों से डराया जा सके.’ उन्होंने कहा कि पार्टी पहले ही ऐसे मामलों का सामना कर चुकी है और उसे इससे प्रभावित नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि हाल में पार्टी नेता एवी वेलु से जुड़े परिसरों में आयकर विभाग ने तलाशी ली थी और अब सेंथामराई के आवास की तलाशी हुई है. केंद्र सरकार का इस तरह चाल चलना न तो ‘लोकतांत्रिक है और न ही ईमानदार राजनीति’ है और वह इस कदम की निंदा करते हैं.
दुरुईमुरुगन से जब राज्य में भाजपा की सहयोगी पार्टी एआईएडीएमके और अन्य पार्टियों के नेताओं से जुड़े परिसरों में भी तलाशी लेने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि डीएमके के लोगों के यहां छापेमारी उन्हें डराने के लिए की गई तथा बाकी अन्य तो ढकोसला है.
माकपा के प्रदेश सचिव के. बालाकृष्णन ने केंद्र की आलोचना करते हुए दावा किया कि छापे की कार्रवाई ध्यान भटकाने की कोशिश है, जिसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला.
केरल में चुनाव प्रचार के अंत में पारंपरिक रैली नहीं निकाल पाएंगी पार्टियां
तिरुवनंतपुरम: केरल में चुनाव प्रचार के समापन के तौर पर पारंपरिक तौर पर पार्टियों द्वारा निकाली जाने वाली रैली का आयोजन इस बार नहीं होगा, क्योंकि इस पर निर्वाचन आयोग ने रोक लगा दी है.
राज्य निर्वाचन अधिकारी टीका राम मीणा के आग्रह पर भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के अंत में पारंपरिक तौर पर निकाली जाने वाली बड़ी रैली पर रोक लगा दी. राज्य में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को पार्टियां यह बड़ी रैली निकालने वाली थीं.
केरल में इसे ‘कोट्टिकलशम’ में कहा जाता है और यह मौका सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए शक्ति प्रदर्शन का होता है और इसमें वह ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को शामिल करने की कोशिश करते हैं.
भारत निर्वाचन आयोग ने एक पत्र में कहा, ‘केरल में कोट्टिकलशम पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को आयोग मंजूरी प्रदान करता है.’
इस पत्र में कोविड-19 का जिक्र नहीं है कि लेकिन मुख्य निर्वाचन अधिकारी के करीबी सूत्रों ने बताया कि यह प्रतिबंध कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के मद्देनजर लगाया गया है.
इसी बीच तिरुवनंतपुरम जिला कलेक्टर नवजोत खोसा ने विधानसभा चुनाव से पहले कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं और राजधानी में सतर्कता बढ़ा दी है.
प्रधानमंत्री कभी माकपा मुक्त भारत क्यों नहीं कहते: राहुल गांधी
कोइलांडी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का नारा दिए जाने पर उनकी आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी को केवल कांग्रेस से ही समस्या है, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से नहीं.
वायनाड से सांसद गांधी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं, कांग्रेस मुक्त भारत कहते हैं. जब वह सुबह उठते हैं तब कांग्रेस मुक्त भारत कहते हैं और जब वह सोने जाते हैं तब कांग्रेस मुक्त भारत कहते हैं. प्रधानमंत्री कभी माकपा मुक्त भारत क्यों नहीं कहते?’
गांधी ने कहा, ‘उन्हें वामदलों से कोई समस्या नहीं है, लेकिन कांग्रेस से है.’
केरल में छह अप्रैल को होने वाले पहले चरण के मतदान से पहले चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे गांधी ने एक सभा को संबोधित करते हुए यह बयान दिया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जहां लोगों को जोड़ने का काम करती रही वहीं, वामदल लोगों में विभाजन पैदा करते रहे. गांधी ने कहा कि हम (कांग्रेस) जहां भी जाते हैं, सबको जोड़ने का काम करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम जोड़ने वाली ताकत हैं. हम जहां भी जाते हैं, लोगों की पहचान करते हैं और उन्हें एक करते हैं और शक्तिशाली बनाते हैं.’
आरएसएस को आड़े हाथों लेते हुए गांधी ने कहा कि संघ यह समझता है कि जो लोग सबको जोड़ते हैं उनसे उसे सबसे बड़ा खतरा है.
गांधी ने कहा, ‘और वे बहुत अच्छी तरह समझते हैं कि उनकी तरह वामदल भी समाज को बांटने का काम करता है.’
उन्होंने कहा, ‘वामपंथ भी आक्रोश और हिंसा की विचारधारा है. कांग्रेस ने कभी घृणा नहीं फैलाई और केवल सबको एक किया.’
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का विभाजन देश और राज्य को कमजोर करेगा. गांधी ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा सभी भारतीयों को समान रूप से लाभ पहुंचाने की है और देश तभी प्रगति करेगा जब वह एक रहेगा.
ममता के चोटिल पैर का वीडियो सामने आने के बाद तृणमूल-भाजपा में वाकयुद्ध
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक कथित वीडियो सामने आया है, जिसमें वह ह्वीलचेयर पर बैठे हुए प्लास्टर लगे अपने पैर को आगे-पीछे करती नजर आ रही हैं.
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद तृणमूल कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वियों को हमला करने मौका मिल गया कि बनर्जी सहानुभूति बटोरने के लिए चोट लगने का नाटक कर रही हैं.
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि जिस तरह से पार्टी प्रमुख का अपमान किया जा रहा है, वह उसकी उसकी निंदा करती है. पार्टी ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी भाजपा को महिलाओं का सम्मान करना सीखना चाहिए.
समाचार एजेंसी ‘पीटीआई’ स्वतंत्र रूप से इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
भाजपा प्रवक्ता प्रणय रॉय ने फेसबुक पर 30 सेंकेंड के क्लिप को साझा करते हुए कहा कि बनर्जी को विधानसभा चुनाव के दौरान जनता का समर्थन हासिल करने के लिए अपनी चोट का ड्रामा करना बंद करना चाहिए.
रॉय ने कहा, ‘यह वीडियो नेटवर्किंग वेबसाइटों पर आया है और भाजपा से जुड़े किसी व्यक्ति ने इसे नहीं बनाया है. तृणमूल कांग्रेस के किसी कार्यकर्ता ने यह वीडियो बनाया. हम चाहते हैं कि बनर्जी की हालत जल्द ठीक हो जाए, हम इसके लिए प्रार्थना करते हैं, लेकिन उन्हें ह्वीलचेयर पर रहकर इस तरह की नौटंकी नहीं करनी चाहिए.’
रॉय ने कहा, ‘अगर वह पैर हिलाकर व्यायाम कर रही थीं तो मेरा सुझाव है कि उन्हें चलने का प्रयास करना चाहिए, इससे वह जल्द ठीक हो जाएंगी.’
मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के बैंडेज से उन्हें वोट नहीं मिलेंगे.
सिन्हा ने कहा, ‘जैसे-जैसे उनका (बनर्जी) भरोसा टूट रहा है, उनका बैंडेज बढता जा रहा है. वह भूल गई हैं कि किस पैर में चोट आई थी और उन्होंने गलत पैर हिलाए. वह चुनाव हार चुकी हैं, बैंडेज से आसन्न हार नहीं टलने वाली.’
भाजपा नेताओं के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राज्य के मंत्री शशि पांजा ने कहा कि बनर्जी की चोट पर संदेह पैदा कर भाजपा ने न केवल बनर्जी का बल्कि समूचे बंगाल की महिलाओं का अपमान किया है.
पांजा ने कहा, ‘भाजपा ने जिस तरह मुख्यमंत्री का अपमान किया है, हम उसकी निंदा करते हैं. उन्होंने समूचे बंगाल की महिलाओं का अपमान किया. हम उन्हें राज्य की महिलाओं के प्रति सम्मान दिखाने का अनुरोध करते हैं.’
तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि भाजपा झूठ बोल रही है. उन्होंने कहा, ‘क्या वे (भाजपा नेता) यह कहना चाहते हैं कि उनका उपचार करने वाले सारे लोग (डॉक्टर) झूठे थे. भाजपा ही इस तरह का झूठ बोल सकती है. मुझे कोई संदेह नहीं है कि वे (भाजपा के नेता) इस दुष्प्रचार में शामिल हैं.’
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी भाजपा पर हमला किया और कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग ‘गंदी राजनीति’ का मुंहतोड़ जवाब देंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)