उत्तराखंड के हरिद्वार शुरू हुए कुंभ के पुलिस महानिरीक्षक ने आरएसएस के उत्तराखंड के प्रांत संघ संचालक और प्रांत कार्यवाह को चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा गया है कि भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और कोरोना के चुनौती के मद्देनज़र सहायता की आवश्यकता है.
देहरादून: उत्तराखंड के हरिद्वार में महाकुंभ मेले के प्रबंधन में सहायता को लेकर पुलिस प्रशासन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को पत्र लिखकर उनसे मदद मांगी है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, कुंभ के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संजय गुंज्याल ने आरएसएस के उत्तराखंड के प्रांत संघ संचालक व प्रांत कार्यवाह को चिट्ठी लिखी है. इस संबंध में प्रांत प्रचारक और अन्य पदाधिकारियों से भी वार्ता की गई है.
पत्र में लिखा गया, भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और कोरोना के चुनौती के मद्देनजर सहायता की आवश्यकता है. आपसे अपेक्षा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि कुंभ मेला 2021 हरिद्वार के दौरान भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन हेतु कुंभ मेला पुलिस की सहायता के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक के स्वयंसेवकों का सहयोग कुंभ मेला पुलिस को पूर्व की भांति प्राप्त होगा.
बता दें कि हरिद्वारा में बीते 1 अप्रैल से कुंभ मेले का शुभारंभ हो चुका है. कोविड-19 के चलते इस बार कुंभ मेले की अवधि पहली बार घटा दी गई है.
इस साल कुंभ मेला 1 से 30 अप्रैल तक ही चलेगा. कोरोना महामारी के चलते कुंभ मेले में प्रवेश को लेकर भी काफी सावधानियां बरती जा रही हैं.
बीते 24 मार्च को ही उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार कुंभ में शामिल होने के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया था.
इसके साथ ही चीफ जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने राज्य सरकार को निगरानी रखने का निर्देश दिया था और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि महाकुंभ मेला कोविड-19 महामारी के प्रसार का माध्यम न बन जाए.
प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस संबंध में कहा था कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि हरिद्वार कुंभ में आने के लिए 72 घंटे पहले की कोविड-19 की आरटी-पीसीआर की नकारात्मक जांच रिपोर्ट या टीकाकरण रिपोर्ट लाना जरूरी होगा.
अदालत ने निर्देश दिया था कि आगंतुकों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए प्रत्येक घाट के प्रवेश स्थल पर लोगों की प्रतिनियुक्ति की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे मास्क पहने हों.
यह भी निर्देश दिया गया था कि घाटों के पास या मेला क्षेत्र में रणनीतिक स्थानों पर डॉक्टरों और नर्सों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त संख्या में कैंप स्थापित किए जाएं.
साथ ही यह भी कहा गया था कि तीर्थयात्रियों को टीका लगाने की सुविधाएं बनाई जानी चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर वरिष्ठ नागरिकों को मेला देखने के लिए टीका लगाया जा सके.