मामला 15 अप्रैल 2011 को पूर्व क़ानून मंत्री शांति भूषण की शिकायत से संबंधित है, जहां उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी छवि धूमिल करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और तत्कालीन सपा नेता अमर सिंह के साथ हुई उनकी बातचीत की सीडी में छेड़छाड़ की गई, जिसकी सामग्री अपमानजक है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण, समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और तत्कालीन सपा नेता अमर सिंह की फोन पर हुई कथित बातचीत वाली ऑडियो सीडी से जुड़े 2011 के मामले की नए सिरे से जांच करने का निर्देश दिया है.
अदालत ने मामले को बंद करने की पुलिस की याचिका खारिज करते हुए 28 जनवरी को यह निर्देश जारी किया था.
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने जांच अधिकारी (आईओ) को सीडी की सामग्री की पड़ताल कर 25 मार्च तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. हालांकि जांच अधिकारी 25 मार्च को रिपोर्ट दाखिल करने में नाकाम रहे, जिस पर अदालत ने कहा, ‘पूर्व के आदेश के संदर्भ में 15 जुलाई 2021 को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आईओ को समन जारी किया जाए.’
लाइव लॉ के अनुसार, उन्होंने 10 दिसंबर, 2020 के आदेश को देखते हुए यह भी कहा, ‘रिकॉर्ड पढ़ने के बाद ऐसा लगता है कि जांच 25.01.2012 के आदेश के संदर्भ में नहीं की गई है, जिसमें पुलिस को नौ बिंदुओं पर मामले की जांच करने के लिए निर्देश दिया गया था और जांच अधिकारी को 28.01.2021 से आगे की जांच करने के लिए रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए गए थे.’
यह मामला 15 अप्रैल 2011 को भूषण की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी छवि धूमिल करने के लिए सीडी में छेड़छाड़ की गई प्रतीत होती है और इसकी सामग्री अपमानजक है.
इस सीडी में एक बातचीत है, जिसमें कथित तौर पर शांति भूषण सपा नेता मुलायम सिंह यादव से कहते हैं कि उनके बेटे वकील प्रशांत भूषण एक न्यायाधीश को फीस के लिए राजी कर सकते हैं. इसके अलावा न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के सिलसिले में भी बात होती है.
सीडी के सार्वजनिक होने के बाद शांति भूषण ने दिल्ली पुलिस पर सीडी को नजरअंदाज करने और फर्जी होने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.
सीडी के मूल होने का दावा करने के बाद दिल्ली पुलिस ने पहले ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दायर की थी, पर साल 2011 में तीस हजारी अदालत द्वारा इसे खारिज कर दिया गया और जांच अधिकारी को मामले को फिर से दोबारा देखने के लिए कहा गया.
इस बीच सीएफएसएल द्वारा दी गई दो रिपोर्ट में से एक ने सीडी की मौलिकता की पुष्टि की, जबकि दूसरे ने दावा किया कि सीडी को तब सीईआरटी में भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि ‘बातचीत वाली ऑडियो फाइल में लगातार परिवर्तन या बिना किसी निशान के संकेत थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)