कांग्रेस ने रफ़ाल सौदे में एक बिचौलिये को 11 लाख यूरो का भुगतान किए जाने के दावे संबंधी फ्रांसीसी मीडिया की एक ख़बर का हवाला देते हुए सवाल किया, क्या इस मामले की पूरी और स्वतंत्र जांच कराने की ज़रूरत नहीं है? केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप को निराधार बताते हुए कहा कांग्रेस पर सुरक्षा बलों को कमज़ोर करने के प्रयास का आरोप लगाया.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने रफाल विमान सौदे में एक बिचौलिये को 11 लाख यूरो (करीब 9.5 करोड़ रुपये) का भुगतान किए जाने के दावे संबंधी फ्रांसीसी मीडिया की एक खबर का हवाला देते हुए सोमवार को इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की तो भाजपा ने आरोपों को ‘पूरी तरह निराधार’ करार देते हुए आरोप लगाया कि मुख्य विपक्षी पार्टी सुरक्षा बलों को कमजोर करने का प्रयास कर रही है.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला संवाददाताओं से कहा कि फ्रांस के एक समाचार पोर्टल ने अपने नए खुलासे से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस रुख को सही साबित किया है कि रफाल विमान सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है.
इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं तथा उच्चतम न्यायालय ने भी इस मामले की जांच कराने संबंधी मांग को खारिज कर दिया था और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने इसमें कुछ गलत नहीं पाया था.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फ्रांसीसी मीडिया की एक खबर को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि व्यक्ति जो कर्म करता है उसका फल सामने आ जाता है तथा इससे कोई बच नहीं सकता.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘कर्म = किसी के कार्यों का लेखा-जोखा. कोई इससे बच नहीं सकता.’
Karma = The ledger of one's actions.
Nobody escapes it.#Rafale
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 6, 2021
फ्रांससीसी समाचार पोर्टल ‘मीडिया पार्ट’ ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि फ्रांसीसी भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी (एएफए) ने खुलासा किया है कि रफाल की निर्माता कंपनी दासो एविएशन ने एक बिचौलिये को 11 लाख यूरो का कथित तौर पर भुगतान किया था.
रिपोर्ट में भारतीय रक्षा कंपनियों के मालिकों के कथित रक्षा एजेंट सुषेन गुप्ता से बेहद करीबी संबंध हैं, जो अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सीबीआई की जांच के घेरे में हैं.
इस रिपोर्ट पर फिलहाल रक्षा मंत्रालय की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
सुरजेवाला ने इस रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए सवाल किया, ‘क्या इस मामले की पूरी और स्वतंत्र जांच कराने की जरूरत नहीं है? अगर घूस दी गई है जो यह पता लगना चाहिए कि भारत सरकार में किसे पैसा दिया गया.’
The allegations of causing Loss to Public Exchequer, Bribery & Payment of Commission in India’s biggest Defence Deal, i.e. Purchase of 36 Rafale Jet Fighters from Dassault Aviation once again stare in the Face of Modi Government!
Our Statement-: pic.twitter.com/lzjV471TnE
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 5, 2021
कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा, ‘क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब देश को जवाब देंगे?’
सुरजेवाला ने कहा कि इस पैसे को दासो ने ‘ग्राहकों को उपहार’ पर किए गए खर्च के रूप में दिखाया है.
उन्होंने कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया के अनुसार, अगर किसी तरह के बिचौलिये या कमीशन का सबूत मिलता है तो फिर इसके गंभीर दंडात्मक नतीजे होंगे तथा आपूर्तिकर्ता पर प्रतिबंध, अनुबंध को रद्द करने, भारी जुर्माना लगाने और प्राथमिकी दर्ज किए जाने तक के कदम उठाए जा सकते हैं.
सुरजेवाला ने सवाल किया कि रफाल की निर्माता कंपनी के खिलाफ ये कदम उठाए जा सकते हैं?
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप पूरी तरह निराधार हैं. उन्होंने दावा किया कि इस खरीद में वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में फ्रांस के मीडिया में छपी खबरें उस देश में व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के चलते हो सकती है.
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस रफाल मामले को फिर उठा रही है. उच्चतम न्यायालय में उसे हार का सामना करना पड़ा. 2019 के लोकसभा चुनाव में रफाल मुद्दे पर उसने प्रचार किया और प्रधानमंत्री पर सभी प्रकार के आरोप लगाए लेकिन इसके बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उन्हें कितनी सीटें मिली थी, याद है न.’
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि फ्रांस के मीडिया की खबर में मध्यस्थ के रूप में जिस सुषेन गुप्ता का नाम आया है, वह 2019 में अगस्टा वेस्टलैंड मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया था.
उन्होंने कहा कि इस जांच में कई कांग्रेस नेताओं के नाम भी उछले थे. प्रसाद ने कांग्रेस पर सुरक्षा बलों को कमजोर करने के प्रयास का आरोप लगाया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 30 सालों के बाद भारतीय वायु सेना को रफाल लड़ाकू विमान मिले हैं. उन्होंने कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय यदि रफाल होता तो भारतीय लड़ाकू विमानों को सीमा पार नहीं करना होता.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)