रूस: राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें दो और कार्यकाल दिलाने की संभावना वाले क़ानून पर हस्ताक्षर किया

इस कदम के ज़रिये पिछले साल संवैधानिक बदलाव के लिए हुए मतदान में प्राप्त समर्थन को औपचारिक रूप दिया गया. पिछले साल एक जुलाई को हुए संवैधानिक मतदान में एक ऐसा प्रावधान भी शामिल था जो पुतिन को दो और बार राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की अनुमति प्रदान करता है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. (फोटो: रॉयटर्स)

इस कदम के ज़रिये पिछले साल संवैधानिक बदलाव के लिए हुए मतदान में प्राप्त समर्थन को औपचारिक रूप दिया गया. पिछले साल एक जुलाई को हुए संवैधानिक मतदान में एक ऐसा प्रावधान भी शामिल था जो पुतिन को दो और बार राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की अनुमति प्रदान करता है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. (फोटो: रॉयटर्स)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. (फोटो: रॉयटर्स)

मास्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को उस कानून पर हस्ताक्षर किए जो उन्हें 2036 तक राष्ट्रपति पद की दौड़ में बने रहने की योग्यता प्रदान करता है.

इस कदम के जरिये पिछले साल संवैधानिक बदलाव के लिए हुए मतदान में प्राप्त समर्थन को औपचारिक रूप दिया गया.

पिछले साल एक जुलाई को हुए संवैधानिक मतदान में एक ऐसा प्रावधान भी शामिल था जो पुतिन को दो और बार राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की अनुमति प्रदान करता है.

पुतिन द्वारा हस्ताक्षर किए गए संबंधित कानून की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर साझा की गई.

दो दशकों से भी अधिक समय तक सत्ता पर काबिज रहने वाले 68 वर्षीय पुतिन ने कहा कि वह 2024 में अपना वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने के बाद इस बारे में विचार करेंगे कि उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए दोबारा मैदान में उतरना है या नहीं.

बता दें कि देशभर में वोटिंग कराने का एक प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद पिछले साल जनवरी में रूस के प्रधानमंत्री दिमित्रि मेदवेदेव और उनकी सरकार ने इस्तीफा दे दिया था, ताकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने मनमुताबिक संविधान में बदलाव कर सकें.

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2036 में 83 साल के हो जाने वाले पुतिन पहले साल 2000 से साल 2008 तक लगातार दो कार्यकाल राष्ट्रपति के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. हालांकि, साल 2008 में उन्हें 1993 के पूर्ववर्ती संविधान के नियमों के अनुसार अपना पद छोड़ना पड़ा था.

इसके बाद वे दो बार प्रधानमंत्री रहे थे, लेकिन कई पर्यवेक्षकों का कहना था कि वह केवल नाम के प्रधानमंत्री थे और राष्ट्रपति के रूप में ही काम कर रहे थे.

इसके बाद साल 2012 और 2018 में वे दो बार और राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए.

संशोधन संविधान में बड़े पैमाने पर संविधान में बदलाव का प्रावधान करता है और विपक्षी संशोधन को पेश करने में उन पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हैं.

यदि पुतिन दो बार फिर से चुने जाते हैं और दूसरे कार्यकाल के अंत तक कार्य करते हैं, तो वह जोसेफ स्टालिन को पीछे छोड़कर पीटर द ग्रेट के बाद रूस के सबसे लंबे समय तक रहने वाले नेता बन जाएंगे, जो 42 वर्षों तक सत्ता में थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)