गुजरात के सूरत का मामला. सूरत नगर निगम द्वारा वलसाड सिविल अस्पताल से 20 से अधिक वेंटिलेटर कथित तौर पर कचरा उठाने वाले वाहन से एसएमआईएमईआर अस्पताल ले जाया गया था.
सूरतः गुजरात के सूरत नगर निगम (एसएमसी) प्रशासन ने वलसाड सिविल अस्पताल से 20 से अधिक वेंटिलेटर कथित तौर पर कचरा उठाने वाले वाहन से एसएमआईएमईआर अस्पताल ले जाने की घटना के जांच के आदेश दिए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना के वायरल वीडियो में वेंटिलेटर्स को इस तरह के वाहनों में ले जाते देखा जा सकता है. ये वेंटिलेटर्स सही तरह से पैक भी नहीं किए गए थे.
सूरत नगर निगम आयुक्त बीएन पानी और वलसाड जिला कलेक्टर आरआर रावल का कहना है कि मामले के जांच के आदेश दिए गए हैं.
सूरत शहर में रोजाना 500 से अधिक कोरोना के मामले दर्ज हो रहे हैं. यहां तक कि मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या की वजह से निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं.
सूत्रों का कहना है कि सूरत न्यू सिविल अस्पताल में 250 वेंटिलेटर लगे हुए हैं जिनमें से 215 पर ऑक्यूपाइड हैं, जबकि सूरत नगर निगम द्वारा चलाए गए एसएमआईएमईआर अस्पताल में 178 वेंटिलेटर हैं, जिनमें से 117 ऑक्यूपाइड है.
आगामी दिनों में वेंटिलेटर की जरूरत को देखते हुए एसएमसी ने राज्य सरकार के जरिये और वेंटिलेटर की मांग की थी.
मंजूरी मिलने के बाद वलसाड सिविल अस्पताल से लगभग 20 वेंटिलेटर एसएमआईएमईआर अस्पताल को आवंटित किए गए.
सूत्रों का कहना है कि सोमवार को कचरा इकट्ठा करने के लिए एसएमसी द्वारा इस्तेमाल में लाए गए दो टैंपो वेंटिलेटर लाने के लिए वलसाड सिविल अस्पताल भेजे गए थे.
वलसाड में कुछ स्थानीय लोगों ने कचरा वाहनों में वेंटिलेटर रखकर ले जाने की घटना का वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
सूरत नगर आयुक्त बीएन पानी ने कहा, ‘हमें पता चला है कि इस तरह के कचरा वाहनों में वेंटिलेटर लाए गए थे और इनकी उचित पैकिंग भी नहीं की गई थी. हमने स्वास्थ्य विभाग से इस पर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है.’
वसलाड जिला कलेक्टर आरआर रावल ने कहा, ‘हमें इस मामले के बारे में पता चला. मैंने सिविल अस्पताल प्रशासन से पूछा है कि इस तरह की लापरवाही क्यों की गई. न्यू सिविल अस्पताल में 34 वेंटिलेटर हैं. जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 50 वेंटिलेटर है.’