विधानसभा चुनाव राउंडअप: भाजपा के दिवंगत नेताओं अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के संबंध में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर चुनाव आयोग ने डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को नोटिस जारी किया. चुनाव आयोग ने कोलकाता में 26 और 29 अप्रैल को मतदान वाले आठ विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचन अधिकारियों को हटा दिया है.
चेन्नई/तिरुवनंतपुरम/कोलकाता/गुवाहाटी/कोयंबटूर: चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता ममता बनर्जी को हुगली में चुनाव रैली के दौरान कथित तौर पर सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं से अपील करने के लिए बुधवार को एक नोटिस जारी किया है.
आयोग ने उनसे 48 घंटों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.
नोटिस में कहा गया कि चुनाव आयोग को भाजपा के प्रतिनिधिमंडल से शिकायत मिली है जिसमें आरोप लगाया है कि तीन अप्रैल को, बनर्जी ने हुगली में ताराकेश्वर की चुनाव रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से की कि उनका वोट विभिन्न दलों में न बंटने दें.
चुनाव आयोग ने पाया है कि उनका भाषण जन प्रतिनिधित्व कानून और आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करता है.
EC issues notice to West Bengal CM & TMC leader Mamata Banerjee over her statement on 3rd April, "appealing Muslim voters to not let their vote be split among different political parties & demanding votes on communal ground for TMC". EC asks her to explain her stand within 48 hrs pic.twitter.com/nHH3ovElz0
— ANI (@ANI) April 7, 2021
हिंदुस्तान की खबर के अनुसार, इससे पहले मंगलवार को भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अगुवाई वाले पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शिकायत की थी.
चुनाव आयोग से मिलने के बाद मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. टीएमसी प्रमुख ने कहा है कि मुसलमानों को एकजुट होकर टीएमसी को वोट करना चाहिए. हमने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि ममता बनर्जी के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारी मतदान, कई स्थानों पर हिंसा की घटनाएं
केरल, तमिलनाडु और पुदुचेरी विधानसभा चुनावों में मंगलवार को भारी मतदान हुआ, वहीं पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तीसरे चरण के मतदान के दौरान पांच उम्मीदवारों पर हमला किया गया और कई स्थानों पर हिंसा भी हुई.
केरल विधानसभा चुनाव के तहत मंगलवार को मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया. राज्य में 74.02 प्रतिशत मतदान हुआ.
कुछ स्थानों पर फर्जी मतदान और झड़प की घटनाओं को छोड़ कर ज्यादातर जगहों पर मतदान की प्रक्रिया पूरी तरह से शांतिपूर्ण रही.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी टीका राम मीणा ने कहा कि 140 विधानसभा सीटों के लिए मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष रहा.
कुछ राजनीतिक दलों द्वारा फर्जी मतदान के आरोप लगाये जाने पर उन्होंने कहा कि आयोग को अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है. उन्होंने केरल के लोगों और अधिकारियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.
नेमोम, धर्मदम, थालीपराम्बा, मत्तनूर और कझाकूतम सीटों पर सबसे ज्यादा मतदान हुआ. विजयन के अलावा उनकी कैबिनेट के 11 सहयोगी समेत चुनाव मैदान में कुल 957 उम्मीदवार हैं. प्रदेश में कुल दो करोड़ 74 लाख मतदाता हैं.
प्रदेश के 140 विधानसभा सीटों के लिये मंगलवार को मतदान कराया गया और इसके लिये राज्य भर में 40,771 मतदान केंद्र बनाये गये थे.
असम में तीसरे चरण में 12 जिलों के 40 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 79 प्रतिशत मतदान हुआ. हिंसा और गड़बड़ी की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा.
एक अधिकारी ने बताया कि गोलकगंज के दिघलतरी प्राथमिक विद्यालय के एक मतदान केंद्र पर कुछ मुद्दों को लेकर दो समूहों के बीच झड़प हो गयी. उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और हवा में गोलीबारी की. इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को तीसरे चरण के मतदान के दौरान दो महिलाओं सहित पांच उम्मीदवारों पर हमला हुआ और कई स्थानों पर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूह के बीच झड़प भी हुई.
हिंसा के बावजूद मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया और 84.21 प्रतिशत मतदान हुआ.
पश्चिम बंगाल पुलिस ने आरामबाग से तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी सुजाता मंडल पर हुए हमले में कथित संलिप्तता को लेकर तृणमूल कांग्रेस के तीन और भाजपा के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हुआ, जो शाम छह बजे तक चला. शाम छह बजे से शाम सात बजे के बीच कोरोना वायरस संक्रमितों और पृथक-वास में रह रहे लोगों ने वोट डाला.
कोरोना वायरस से संक्रमित डीएमके लोकसभा सांसद कनिमोझी मंगलवार को मतदान केंद्र पर पीपीई किट पहनकर मतदान किया.
तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के लिये कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ढंग से मतदान जारी हुआ और 71.79 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
राज्य में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के कई शीर्ष नेताओं ने मंगलवार को मतदान किया जिसमें एआईएडीएमके के के पलानीस्वामी, ओ पनीरसेल्वम, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन शामिल हैं.
तमिलनाडु में एआईएडीएमके और डीएमके दोनों दल अपने वरिष्ठ नेताओं जे. जयललिता और एम. करुणानिधि के बिना चुनाव लड़ रहे हैं.
राज्य में एक-दो स्थानों से चुनाव संबंधी कुछ छिटपुट घटनाओं की सूचना मिली हालांकि, किसी बड़ी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं है.
पुदुचेरी में मंगलवार के चार क्षेत्रों पुदुचेरी, कराईकल, माहे और यानम में मतदान हुआ. यहां 30 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 324 उम्मीदवार मैदान में हैं.
एनडीए में शामिल एआईएनआरसी के संस्थापक नेता एन रंगासामी चुनावी मैदान में उतरे महत्वपूर्ण उम्मीदवारों में से हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है.
एआईएनआरसी ने 16, उसके सहयोगी दल भाजपा ने नौ और एआईएडीएमके ने पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
कांग्रेस ने 14 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और यानम में वह एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन कर रही है. उसके सहयोगी दल डीएमके ने 13, वीसीके और भाकपा ने एक-एक सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
असमः कांग्रेस ने उम्मीदवारों को स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने की मांग की
असम कांग्रेस ने बुधवार को मांग की कि पूरे प्रदेश में स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी फुटेज उम्मीदवारों को उपलब्ध कराए जाएं.
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नितिन खाडे को एक पत्र लिखकर यह मांग की. उन्होंने कहा कि जिन स्ट्रॉंग रूम में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) रखी गयी हैं, वहां के सीसीटीवी फुटेज तक पहुंच मुहैया करायी जाए ताकि यह प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी बन सके.
कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर “भाजपा के निर्देशों के अनुसार” काम करने का भी आरोप लगाया.
बोरा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के बाद, जब ईवीएम से जुड़े कई मुद्दे सामने आए थे, तब चुनाव आयोग ने हमें आश्वासन दिया था कि तीसरे चरण में ऐसी कोई घटना नहीं होगी. लेकिन कल तीसरे चरण के मतदान के दौरान भी ईवीएम के निजी गाड़ियों में ले जाने की हमें खबरें मिल रही हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ “हमें लगा था कि चुनाव आयोग अपनी गलतियों से सीखेगा, लेकिन हम गलत थे. यह साबित करता है कि चुनाव आयोग भाजपा के निर्देशों के अनुसार काम करता है. यह निष्पक्ष नहीं है.”
बोरा ने कहा कि चुनाव आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि किन परिस्थितियों में कई स्थानों पर चुनाव अधिकारी बिना सुरक्षा कर्मियों के ईवीएम ले जा रहे थे.
कांग्रेस नेता ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम तेजपुर से अमीनगांव में एक स्ट्रांग रूम तक कथित तौर पर ले जाने का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि स्ट्रांग रूम में भाजपा द्वारा गड़बड़ी की जा सकती है क्योंकि ‘‘वह हार रही है और अब वह किसी भी तरीके से जीत चाहती है.’’
बोरा ने कहा, “सीसीटीवी फुटेज तक पहुंच देने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए क्योंकि निर्वाचन अधिकारी पहले से ही अपने कार्यालय से इसकी निगरानी कर रहे हैं. इसलिए तकनीकी रूप से ऐसा किया जा सकता है. इसके अलावा, यह अवैध नहीं है.”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 28 मार्च को सीईओ को एक पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि स्ट्रांग रूम के सामने पार्टी के उम्मीदवारों को आवंटित परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. लेकिन इस पर अब तक कोई जवाब नहीं मिला है.
बोरा ने कहा, “इस समय लोगों में जागरूकता अधिक है. वे राज्य भर में निजी कारों में ईवीएम ले जाने और गड़बड़ियों का पता लगा रहे हैं. हम उनसे अपील करते हैं कि वे स्ट्रांग रूम के बाहर सतर्क रहें ताकि वहां रखी गयी ईवीएम मशीनों में कोई हेरफेर नहीं हो सके.’’
उन्होंने मंगलवार को बरखेड़ी, जलुकबारी, पूर्वी गुवाहाटी और पश्चिम गुवाहाटी की अप्रिय घटनाओं का जिक्र करते हुए दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की.
बोरा ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा भाजपा के खिलाफ दायर शिकायतों पर चुनाव आयोग की “निष्क्रियता” को लेकर भी नाराजगी जतायी.
सुषमा, जेटली पर कथित टिप्पणी को लेकर डीएमके नेता उदयनिधि को नोटिस जारी किया
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने भाजपा के दिवंगत नेताओं अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के संबंध में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर मंगलवार को डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को नोटिस जारी किया.
उदयनिधि ने कथित तौर पर कहा था कि सुषमा स्वराज और अरुण जेटली की की मृत्यु हो गई क्योंकि वे ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव को सहन नहीं कर पा रहे थे.’
चुनाव आयोग ने उदयनिधि को बुधवार शाम पांच बजे से पहले नोटिस का जवाब देने को कहा है. इसके साथ ही आयोग ने कहा कि यदि वह उस समय तक जवाब नहीं देते हैं तो आयोग इस पर कोई फैसला करेगा.
नोटिस में कहा गया है कि आयोग को दो अप्रैल को भाजपा से एक शिकायत मिली थी, जिसमें कहा गया है कि 31 मार्च को एक राजनीतिक सभा को संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने आपत्तिजनक बयान दिया था.
आयोग ने कहा कि उसका मानना है कि डीएमके नेता के भाषण की सामग्री आदर्श आचार संहिता के प्रावधान का उल्लंघन करती है.
तमिलनाडु के मंत्री वेलुमणि पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज
तमिलनाडु के नगर पालिका प्रशासन मंत्री एस पी वेलुमणि के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का एक मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी.
पुलिस ने बताया कि मंत्री राज्य में मतदान के दिन मंगलवार को एआईएडीएमके का झंडा लगी अपनी कार कथित रूप से एक मतदान केंद्र के समीप तक ले गये थे जोकि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.
थोंडामुथूर विधानसभा क्षेत्र के जोनल अधिकारी राजा मोहम्मद ने शिकायत दर्ज करायी. इसी निर्वाचन क्षेत्र से वेलुमणि चुनाव लड़ रहे हैं.
पुलिस के अनुसार यह देखा गया कि मतदान केंद्र के 100 मीटर की परिधि के अंदर गये मंत्री ने एक शॉल ओढ रखी थी जिस पर एआईएडीएमके का निशान था. यह भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था.
एक शिकायत के आधार पर पुलिस ने वेलुमणि के विरूद्ध मामला दर्ज किया.
असम में भाजपा सत्ता मे बरकरार रहेगी: जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि असम में चुनाव के दौरान उच्च मतदान प्रतशित से सत्ता समर्थक लहर झलकती है और उन्हें विश्वास है कि राज्य में भाजपा दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में लौटेगी.
उन्होंने कहा कि मंगलवार को असम विधानसभा चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण के मतदान के संपन्न होने के साथ राज्य में भाजपा की जीत तय हो गयी है .
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री सिंह ने कहा , ‘ जब दो मई को नतीजे घोषित होंगे तब असम एक बड़ा एवं स्पष्ट संदेश देगा जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई देगी.’
उन्होंने कहा कि तीन चरण में हुए चुनाव के हर चरण में मतदान प्रतिशत करीब 80 फीसद रहा जोकि ‘सत्ता समर्थक’ मतदान है.
उन्होंने कहा, ‘ दूसरे कार्यकाल में भी भाजपा असम में बरकरार रहेगी. चुनाव में सत्ता समर्थक लहर के अनुरूप मतदान हुआ और इससे बस भाजपा को मदद मिलेगी.’
पश्चिम बंगाल: चुनाव आयोग ने कोलकाता के आठ विधानसभा क्षेत्रों से निर्वाचन अधिकारी हटाए
चुनाव आयोग ने कोलकाता में आठ विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचन अधिकारियों को हटा दिया है. इन क्षेत्रों में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को अंतिम दो चरण के मतदान होंगे. एक अधिकारी ने बुधवार को इस बारे में बताया.
उन्होंने बताया कि चौरंगी, एंटाली, भवानीपुर, बेलियाघाट, जोड़ासांको, श्यामपुकुर, काशीपुर-बेलगछिया और कोलकाता पोर्ट विधानसभा क्षेत्रों में नए अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गयी है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब ने बताया, ‘निर्वाचन अधिकारियों का तबादला एक नियमित प्रक्रिया के तहत हुआ है क्योंकि वे तीन साल से अधिक समय से अपने पद पर थे.’
सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग (ईसी) ने बताया है कि इन अधिकारियों के खिलाफ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का पक्ष लेने की शिकायतें मिली हैं.
कोलकाता पोर्ट विधानसभा क्षेत्र में 26 अप्रैल को मतदान होगा और अन्य सात सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा.
चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया, ‘चुनाव प्रक्रिया में निर्वाचन अधिकारी अहम भूमिका निभाते हैं और इन मामलों में अधिकारियों के तबादले के नियम का पालन किया गया.’
आयोग ने हाल में शहर के बालीगंज विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी समेत तीन अधिकारियों को हटाया है.
ममता ने भाजपा पर नारायणी सेना के बारे में गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा पर केंद्र द्वारा एक असत्यापित आरटीआई जवाब का हवाला देते हुए चुनाव के बाद नारायणी सेना केंद्रीय अर्धसैनिक बल के गठन के बारे में गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया.
बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने हाल की सभाओं में वादा किया है कि केंद्र देश में अन्य अर्धसैनिक बलों की तर्ज पर नारायणी सेना का गठन करेगी.
उत्तर बंगाल में राजबंशी समुदाय लंबे समय से नारायणी सेना की मांग कर रही है.
बनर्जी ने एक चुनावी सभा में कहा, ‘वे (भाजपा) आदतन झूठे हैं. प्रधानमंत्री और अन्य भाजपा नेता वादा कर रहे हैं कि चुनाव के बाद नारायणी सेना का गठन किया जाएगा. हालांकि, आरटीआई अर्जी पर अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) के कार्यालय से मिले जवाब के अनुसार कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं है.’
बनर्जी ने कहा, ‘आरटीआई के तहत सवाल किया गया था कि बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और आईटीबीपी की ही तरह नारायणी सेना नाम से किसी नये केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के बटालियन की स्थापना का क्या कोई प्रस्ताव है, तो जवाब था फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके विपरीत पश्चिम बंगाल सरकार राज्य पुलिस की नारायणी सेना बटालियन का गठन पहले से ही कर रही है जिसका मुख्यालय कूचबिहार में है.
शाह के इशारे पर सीआरपीएफ जवान मतदाताओं को परेशान कर रहे: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर सीआरपीएफ के जवान राज्य में मतदाताओं को परेशान कर रहे हैं.
ममता ने कूच बिहार जिले में यहां एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय बल के कर्मियों पर मौजूदा विधानसभा चुनावों के दौरान महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने और लोगों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया.
उन्होंने आरोप लगाया, “वे मतदाताओं को वोट डालने से रोक रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें ऐसा करने का निर्देश दिया है.’
ममता ने दावा किया कि राज्य में हो रहे चुनावों के दौरान कम से कम 10 लोग मारे गए हैं. उन्होंने कहा, ‘ प्रशासन चुनाव आयोग चला रहा है. कृपया गौर करें कि मतदान प्रक्रिया के दौरान किसी की मौत नहीं हो. मेरा आपसे अनुरोध है कि उन सीआरपीएफ कर्मियों पर नजर रखें जो राज्य में अभी ड्यूटी पर हैं. उन्हें महिलाओं को परेशान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. ऐसे मामले भी हैं जिनमें केंद्रीय बल के कर्मचारियों द्वारा लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की गयी है.’
मंगलवार को राज्य में तीसरे चरण के मतदान के दौरान विभिन्न प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक पार्टियों के बीच झड़पों में दो महिलाओं सहित पांच उम्मीदवारों के साथ कथित मारपीट की गयी.
टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज के अनुसार, आरामबाग में तृणमूल उम्मीदवार सुजाता मंडल का कुछ लोग पीछा करते नजर आए और उनके माथे पर वार किया गया. इस घटना में उनका सुरक्षा अधिकारी भी घायल हो गया.
जिन उम्मीदवारों पर कथित रूप से हमले हुए, उनमें भाजपा के पापिया अधिकारी और स्वपन दासगुप्ता तथा तृणमूल के डॉ निर्मल माजी और नजमुल करीम शामिल हैं.
हावड़ा में शाहनवाज हुसैन पर फेंके गए पत्थर
भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने दावा किया कि जब वह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार रात हावड़ा में प्रचार कर रहे थे, तब उन पर पत्थर फेंके गए.
हुसैन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह ड्यूटी पर तैनात अधिकारी को दो पत्थर दिखा रहे हैं और कथित घटना के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
हुसैन ने ट्वीट किया, “तृणमूल कार्यकर्ताओं ने मुझ पर पत्थर फेंके, जब मैं मुजफ्फर चौक पर एक सभा को संबोधित कर रहा था.”
उन्होंने कहा कि वह सुरक्षित हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं ने घटना के संबंध में पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने इस सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज करने की पुष्टि की है.
केरल में चुनाव के बाद झड़प में यूथ लीग के कार्यकर्ता की मौत
केरल में कुथुपरम्पा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव के बाद माकपा और आईयूएमएल कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में गंभीर रूप से घायल हुए यूथ लीग के 22 वर्षीय कार्यकर्ता की बुधवार तड़के मौत हो गई.
पुलिस ने बताया कि फर्जी मतदान के आरोपों पर मंगलवार को सुबह करीब आठ बजे पराल इलाके में झड़प हुई.
पुलिस ने बताया कि यूथ लीग के कार्यकर्ता मंसूर को पैर में गंभीर चोंटें आयी और उसे कोझीकोड के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
यूथ लीग विपक्षी दल कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के मुख्य सहयोगी दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की युवा ईकाई है.
पुलिस ने बताया कि झड़प में मंसूर का भाई एवं यूडीएफ का चुनावी एजेंट भी घायल हो गया था.
आईयूएमएल ने आरोप लगाया कि माकपा कार्यकर्ताओं के एक समूह ने उन पर बम फेंके. इससे पहले उन्होंने मंसूर भाइयों पर धारदार हथियार से हमला किया.
केरल के उत्तरी कन्नूर जिले में स्थित कुथुपरम्बा विधानसभा क्षेत्र में सत्तारूढ़ माकपा नीत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के सहयोगी लोक जनतांत्रिक दल के के. पी. मोहनन और आईयूएमएल के पुट्टनकंडी अब्दुल्ला के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया.
चुनाव प्रचार में लगे हर व्यक्ति के लिए मास्क अनिवार्य करने की मांग, हाईकोर्ट में अर्जी
दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करके उससे चुनाव आयोग और केंद्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की अपील की गयी है कि विभिन्न राज्यों में मौजूदा चुनाव के दौरान प्रचार में लगे सभी लोग अनिवार्य तौर पर मास्क लगाएं.
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और जस्टिस जस्मीत सिंह की पीठ के सामने वकील विराग गुप्ता ने याचिकाकर्ता की ओर से इस अर्जी का उल्लेख किया. अदालत ने इस याचिका को बृहस्पतिवार के लिए सूचीबद्ध करने की इजाजत दी.
गुप्ता ने पीठ से कहा कि वह इस आवेदन को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उसके सामने उल्लेख कर रहे हैं क्योंकि रजिस्ट्री ने इसे 30 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया है और इतने दिन बाद की तारीख से मांगी गयी राहत बेमतलब रह जाएगी.
यह याचिका विक्रम सिंह नामक एक व्यक्ति ने दायर की जिन्होंने चुनाव आयोग को ‘विधानसभा चुनाव के दौरान अनिवार्य तौर पर मास्क लगाने और आपस में दूरी बनाकर रखने के बारे में डिजिटल, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जागरूकता फैलाने का’ निर्देश देने का भी अनुरोध किया है.
आवेदन में कहा गया है, ‘ जब सारे संबंधित अधिकारी अनिवार्य तौर पर मास्क लगाने के संबंध में एकमत है तो क्यों न चुनाव प्रचार में इस नियम को लागू किया जाए.’
सिंह ने दरख्वास्त की है कि केंद्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाए कि उसके 23 मार्च के आदेश का चुनाव वाले राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेश में कड़ाई से पालन हो जिसमें सार्वजनिक स्थानों एवं कार्यस्थलों पर मास्क नहीं लगाने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया था.
असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुदुचेरी में विभिन्न चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं जो 27 मार्च को शुरू हुए और 29 अप्रैल को समाप्त होंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)