साइबरन्यूज़ की रिपोर्ट में दावा किया है कि एक चर्चित हैकर मंच ने लिंक्डइन के 50 करोड़ यूज़र्स के डेटा को निकालकर बिक्री के लिए पेश किया है. हालांकि माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली कंपनी ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि किसी भी निजी सदस्य के खाते का डेटा प्रभावित नहीं हुआ है.
नई दिल्ली: लिंक्डइन के 50 करोड़ प्रयोगकर्ताओं का व्यक्ति ब्योरा (डेटा) लीक हो गया है और इसे कथित तौर पर बिक्री के लिए रखा गया है.
हालांकि, पेशेवर नेटवर्किंग मंच ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि किसी भी निजी सदस्य के खाते का डेटा प्रभावित नहीं हुआ है.
साइबरन्यूज की रिपोर्ट में दावा किया है कि एक चर्चित हैकर मंच ने लिंक्डइन के 50 करोड़ यूजर्स के डेटा को स्क्रैप कर (निकालकर) बिक्री के लिए पेश किया है. इसके अलावा पोस्ट के लेखक ने इस अवधारणा के प्रमाण के नमूने के रूप में 20 लाख रिकॉर्ड और लीक किए हैं.
इनमें प्रयोगकर्ताओं का पूरा नाम, ई-मेल पता, फोन नंबर और कार्यस्थल की सूचना आदि शामिल है. हालांकि, रिपोर्ट में यह खुलासा नहीं किया गया है कि इस लीक से भारत के कितने प्रयोगकर्ता प्रभावित हुए हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, डेटा प्लेटफॉर्म स्टेटिस्टा के मुताबिक, भारत 7.1 करोड़ प्रोफाइल के साथ दूसरा सबसे बड़ा लिंक्डइन यूजर बेस है. वहीं, 17 करोड़ यूजर बेस के साथ अमेरिका पहले स्थान पर है. वेबसाइट के अनुसार, लिंक्डइन के दुनियाभर में 74 करोड़ यूजर हैं.
हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली कंपनी ने कहा है कि उसने इसकी जांच की है. यह वास्तव में विभिन्न वेबसाइट और कंपनियों से जुटाया गए आंकड़ा है. कंपनी ने कहा कि यह लिंक्डइन के डेटा पर सेंध नहीं है और किसी भी निजी सदस्य का ब्योरा लीक नहीं हुआ है.
डेटा को स्क्रैप करने से तात्पर्य किसी वेबसाइट से आंकड़े निकालने की स्वचालित प्रक्रिया से है. यह शोध की दृष्टि से उपयोगी होता है और इससे तेजी से बड़े आंकड़ों को नकल किया जा सकता है. लेकिन डेटा स्क्रैपिंग से संरक्षित सामग्री मसलन व्यक्तिगत ब्योरे में सेंध भी लग सकती है.
कंपनी ने कहा कि वह उन लोगों को पकड़ लेगी जिन्होंने डेटा का अपनी सेवा की शर्तों का उल्लंघन करते हुए इस्तेमाल किया है.
प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे सदस्यों के डेटा का कोई दुरुपयोग, जैसे स्क्रैपिंग, लिंक्डइन सेवा की शर्तों का उल्लंघन करता है. जब कोई भी सदस्य डेटा लेने और इसे प्रयोजनों के लिए उपयोग करने की कोशिश करता है लिंक्डइन और हमारे सदस्य इस पर सहमत नहीं होते हैं, तो हम उन्हें रोकने और जवाबदेह ठहराने के लिए काम करते हैं.’
पिछले सप्ताह यह खुलासा हुआ था कि संस्थापक मार्क जुकरबर्ग सहित फेसबुक यूजर्स का डेटा डार्कवेब पर बिक्री के लिए रख दिया गया था.
एक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने 53.3 करोड़ फेसबुक यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारी, जिसमें भारत से 61 लाख शामिल हैं, को ऑनलाइन लीक कर दिया था और हैकिंग मंचों पर मुफ्त में पोस्ट किया था. हालांकि, फेसबुक ने कहा था कि यह कोई ताजा मामला नहीं था बल्कि 2019 का ही मामला था.
वहीं, इससे पहले बीते 30 मार्च को गुड़गांव स्थित मोबाइल भुगतान और डिजिटल वॉलेट कंपनी मोबिक्विक के 10 करोड़ यूजर्स की जानकारी कथित रूप से लीक हो गई और उन्हें डार्कवेब पर बेचा जा रहा था.
मालूम हो कि डेटा लीक को लेकर भारत में फिलहाल कोई मजबूत कानून नहीं है, जो कि ऐसे कार्य करने वाले लोगों को सजा दिला पाए. निजी डेटा सुरक्षा बिल, जो कि इस तरह के मामलों को रोकने के लिए तैयार किया गया था, 2019 से ही लोकसभा में लंबित है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)