बीते शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार ज़िले के एक मतदान केंद्र के बाहर स्थानीय लोगों के कथित हमले के बाद सुरक्षाबलों के की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गोलीबारी की घटना को ‘नरसंहार’ क़रार देते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ने 72 घंटे के लिए नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाकर तथ्यों को दबाना चाहता है.
नई दिल्ली/ कोलकाता/सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 10 अप्रैल को मतदान के दौरान कूच बिहार जिले में हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने वहां नेताओं के जाने पर प्रतिबंध और प्रचार खत्म करने की समयसीमा बढ़ाने जैसे कुछ कड़े कदम उठाए हैं.
चुनाव आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में जारी विधानसभा चुनावों के दौरान जो पाबंदियां लगाई हैं, उनमें पांचवें चरण के मतदान से पहले प्रचार खत्म करने की सीमा 48 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे करना शामिल है.
आयोग ने कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ने की किसी भी आशंका से बचने के लिए कूच बिहार जिले में अगले 72 घंटों तक नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दिया है.
चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार जिले के सीतलकूची क्षेत्र के जोरपाटकी गांव में कथित तौर पर स्थानीय लोगों की तरफ से केंद्रीय बलों पर कथित हमले और उसके बाद जवानों द्वारा की गई फायरिंग में चार लोगों की मौत के बाद आयोग ने यह पाबंदियां लगाई हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने तब फायरिंग की जब गांववालों ने एक 12 साल के बच्चे पर सीआईएसएफ जवानों द्वारा हमले की अफवाह के बाद उन्हें घेर लिया था.
फायरिंग में जिन लोगों की मौत हुई, उनकी पहचान हमीदुल मियां (31 वर्ष), मोनीरुज्जमां मियां (28 वर्ष), समीउल हक (18 वर्ष) और नूर आलम मियां (20 वर्ष) के रूप में हुई.
निर्वाचन आयोग के आदेश में कहा गया, ‘निर्वाचन आयोग निर्देश देता है कि पांचवें चरण (17 अप्रैल को होने वाले चुनाव) के लिए चुनाव प्रचार नहीं होने की अवधि को बढ़ाकर 72 घंटे किया जाएगा. मतदान से 72 घंटे पहले प्रचार की इजाजत नहीं दी जाएगी जिससे स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित हो सकें.’
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग ने विशेष पुलिस ऑब्जर्वर और पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे अगले 72 घंटों तक कूचबिहार में हो रही घटनाओं की जानकारी देते रहें.
द स्क्रॉल की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को चुनाव आयोग ने कहा था कि जिले में एक मतदान केंद्र के बाहर तब संघर्ष हो गया था जब स्थानीय लोगों ने गलतफहमी के कारण सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया था.
आयोग ने कहा था कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान एक लड़के की मदद करने की कोशिश कर रहे थे, जो सीतलकूची में मतदान केंद्र के पास बीमार हो गया था, लेकिन स्थानीय निवासियों ने सोचा कि उसे पीटा जा रहा है और लगभग 300 से 350 ग्रामीणों को मौके पर बुलाया गया.
चुनाव आयोग ने कहा कि सुरक्षा बलों के पास अपनी जान और सरकारी संपत्ति को बचाने के लिए गोली चलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. हिंसा के बाद मतदान केंद्र पर मतदान स्थगित कर दिया गया. तय प्रक्रिया के तहत आगामी दिनों में पुनर्मतदान का आदेश दिया जाएगा.
इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में शेष चार चरणों के चुनाव कराने के लिए केंद्रीय सशस्त्र बल (सीएपीएफ) की 71 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को शनिवार को निर्देश दिए. अब तक राज्य में चुनाव कराने के लिए कुल 1,000 कंपनियों को रखा गया था.
वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा मांगा. बनर्जी ने कहा था, ‘शाह को इस नीच, नृशंस एवं अप्रत्याशित घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर चुनावों के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगाया था.
नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाकर तथ्य दबाने की कोशिश कर रहा है आयोग: बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूच बिहार में गोलीबारी की घटना को ‘नरसंहार’ करार देते हुए रविवार को कहा कि निर्वाचन आयोग ने 72 घंटे के लिए जिले में नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि वह ‘तथ्यों को दबाना’ चाहता है.
तृणमूल प्रमुख ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि केंद्रीय बलों ने राज्य विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के दौरान सीतलकूची इलाके में लोगों ‘के धड़ों पर गोलियां चलाईं’.
बनर्जी ने कहा, ‘सीतलकूची में नरसंहार हुआ. मैं 14 अप्रैल तक सीतलकूची जाना चाहती हूं. आयोग कूच बिहार में प्रवेश को प्रतिबंधित करके तथ्यों को दबाने की कोशिश कर रहा है. हमारे पास एक अयोग्य गृह मंत्री और अयोग्य केंद्र सरकार है.’
बनर्जी ने कहा, ‘सीआईएसएफ को स्थितियों से निपटना नहीं आता. मैं चुनाव के पहले चरण से कह रही हूं कि केंद्रीय बलों का एक वर्ग लोगों पर अत्याचार कर रहा है. मैंने नंदीग्राम में भी यह मामला उठाया था, लेकिन किसी ने मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया.’
EC should rename MCC as Modi Code of Conduct!
BJP can use all its might but NOTHING in this world can stop me from being with my people & sharing their pain.
They can restrict me from visiting my brothers & sisters in Cooch Behar for 3 days but I WILL be there on the 4th day!
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 11, 2021
रविवार को एक ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग (ईसी) का नाम बदलकर एमसीसी यानी की मोदी कोड ऑफ कंडक्ट कर देना चाहिए. भाजपा अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर ले, लेकिन मुझे अपने लोगों के साथ खड़े होने और उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती है. वो मुझे कूचबिहार के अपने भाइयों और बहनों से मिलने से तीन दिन रोक सकते हैं, चौथे दिन मैं वहां उनके साथ मिलूंगी.’
कूचबिहार में हिंसा की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए: माकपा
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में सीआईएसएफ के जवानों द्वारा कथित तौर पर की गई गोलीबारी में चार लोगों की मौत की घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
Central forces firing upon voters & killing 4 is outrageous.
Totally condemnable.
EC must order a high powered enquiry under judicial supervision & punish the guilty.
Deepest condolences to the bereaved families.https://t.co/Ayahs85mFj— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) April 10, 2021
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘केंद्रीय बलों का मतदाताओं पर गोली चलाना और चार लोगों की हत्या करना भयावह है. यह पूरी तरह निंदनीय है. चुनाव आयोग को न्यायिक निगरानी में उच्च स्तरीय जांच का आदेश देना चाहिए और दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए. पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है.’
कूचबिहार में हिंसा के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए: चिदंबरम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवानों की गोलीबारी में चार लोगों की मौत के लिए निर्वाचन आयोग को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए उन्होंने यह दावा भी किया कि यह घटना नेतृत्व की विफलता है.
चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि इसने पश्चिम बंगाल में बड़े पुलिस अधिकारियों के बड़े पैमाने पर स्थानांतरण और पोस्टिंग की है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 11, 2021
पूर्व गृह मंत्री ने ट्वीट किया, ‘हाल के वर्षों में मुझे ऐसी घटना याद नहीं आती कि मतदान के दिन पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई हो. यह नेतृत्व और सुरक्षा बलों की तैनाती के प्रबंधन की विफलता है.’
चिदंबरम ने कहा कि इस घटना के लिए निर्वाचन आयोग को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)