कर्नाटक का ये दावा है कि हनुमान का जन्म कोप्पल ज़िले में ऐनेगुंडी के पास किष्किन्धा में अंजनाद्रि पहाड़ी पर हुआ था. वहीं, आंध्र प्रदेश ने कहा है कि तिरुपति की सात पहाड़ियों में से एक हनुमान का जन्मस्थान है, जिसे अंजनाद्रि भी कहा जाता है. तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने पिछले साल दिसंबर में विद्वानों की एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था, जो 21 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है.
नई दिल्ली: भगवान हनुमान के जन्म स्थान को लेकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में विवाद छिड़ गया है. दोनों राज्यों का कहना है कि हनुमान का जन्म उनके यहां हुआ था.
इसी बीच एक धार्मिक नेता ने दावा किया है कि राम के विश्वसनीय साथी हनुमान का जन्म कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के गोकर्णा में हुआ था. इससे पहले कर्नाटक का ये दावा था कि उनका जन्म कोप्पल जिले में ऐनेगुंडी के पास किष्किन्धा में अंजनाद्रि पहाड़ी पर हुआ था.
आंध्र प्रदेश का भी कुछ इसी तरह का दावा है. उसने कहा है कि चित्तूर जिले में भगवान वेंकटेश्वर का निवास स्थान तिरुपति की सात पहाड़ियों में से एक हनुमान का जन्मस्थान है, जिसे अंजनाद्रि भी कहा जाता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, कर्नाटक के शिवमोगा में रामचंद्रपुरा मठ के प्रमुख राघवेश्वरा भारती ने रामायण का उल्लेख करते हुए कहा कि हनुमान ने सीता को बताया था कि उनका जन्म गोकर्णा के समुद्री क्षेत्र में हुआ था.
उन्होंने अखबार को बताया, ‘रामायण के साक्ष्यों के अनुसार हम कह सकते हैं कि हनुमान की जन्मभूमि गोकर्णा है और किष्किंधा में अंजनाद्रि उनकी कर्मभूमि थी.’
वहीं आंध्र प्रदेश में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने इस विवाद को खत्म करने और सच्चाई का पता लगाने के लिए पिछले साल दिसंबर में एक समिति का गठन किया था, जो 21 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है. इसमें वैदिक विद्वान, पुरातत्वविदों और एक इसरो वैज्ञानिक शामिल हैं.
टीटीडी ट्रस्ट के कार्यकारी अधिकारी केएस जवाहर रेड्डी ने कहा, ‘तिरुपति के अंजनाद्री में हनुमान का जन्म हुआ था, यह साबित करने के लिए हमारे पास पौराणिक और पुरातात्विक साक्ष्य हैं.’
हनुमान को दक्षिण भारत में ‘श्री अंजनीस्वामी’ के नाम से जाना जाता है.
कर्नाटक ने किष्किन्धा के अंजनाद्रि को हनुमान की जन्मस्थली घोषित करने के लिए प्रोजेक्ट का ऐलान किया है. रामायण में इस बात का उल्लेख है कि हम्पी से सटे किष्किन्धा की पहाड़ियों पर हनुमान की राम और लक्ष्मण से मुलाकात हुई थी. राज्य सरकार ने कहा है कि वे इसे तीर्थ स्थल के रूप में तैयार करेंगे.