दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गोवा में कहा कि लोगों का कहना है कि मनोहर पर्रिकर गोवा में विकास के संस्थापक थे, लेकिन 2019 में उनके निधन के बाद भाजपा ने गोवा में विकास के विज़न को दफ़ना दिया. भाजपा ने उन लोगों को दरकिनार कर दिया, जो पर्रिकर के विकास के विज़न से जुड़े थे.
नई दिल्लीः दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अगर आम आदमी पार्टी (आप) 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्ता में आती है तो पार्टी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के विकास के विजन को आगे लेकर जाएगी.
सिसोदिया ने भाजपा पर पर्रिकर की विरासत को दफनाने का आरोप लगाया. दरअसल सिसोदिया गोवा चुनाव के लिए रोडमैप पर चर्चा के लिए रविवार को गोवा पहुंचे थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने पणजी कन्वेंशन सेंटर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘लोगों का कहना है कि पर्रिकर जी गोवा में विकास के संस्थापक थे, लेकिन 2019 में उनके निधन के बाद भाजपा ने गोवा में विकास के विजन को दफना दिया. भाजपा ने उन लोगों को दरकिनार कर दिया, जो मनोहर पर्रिकर के विकास के विजन से जुड़े थे.’
उन्होंने कहा, ‘मैं गोवा में भाजपा के स्वयंसेवकों से यह कहना चाहता हूं कि वे भाजपा का दामन छोड़ दें, क्योंकि भाजपा पर्रिकर जी के विकास के विजन को कभी लागू नहीं कर पाएंगी.’
सिसोदिया ने कहा, ‘जिनके पास भी गोवा के विकास का विजन है, उन्हें आम आदमी पार्टी से हाथ मिला लेना चाहिए. हम मिलकर गोवा के विकास की दिशा में काम कर सकते हैं. हमारे 4,000 स्वयंसेवकों से हाथ मिलाएं, जिनके पास गोवा के लिए पर्रिकर जी के विजन को आगे ले जाने का दृष्टिकोण है.’
सिसोदिया ने कहा कि गोवावासियों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को राज्य में शासन करने का अवसर दिया था. अब गोवावासियों को विजन के साथ बिना भ्रष्टाचार की सरकार चाहिए.
उन्होंने कहा कि मैंने पर्रिकर जी का जिक्र किया क्योंकि वह भी अरविंद केजरीवाल की तरह आईआईटी से पढ़े हैं और इसलिए उनके पास विजन हैं.
सिसोदिया ने कहा, ‘भाजपा और कांग्रेस का मॉडल विधायकों को खरीदना और चुनाव जीतने के लिए गंदी राजनीति करना है. वे जनता के जनादेश के आधार पर सरकार नहीं बनाते, बल्कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के आधार पर सरकार बनाते हैं. ये पैसा जिसका इस्तेमाल वे विधायकों को खरीदने में करते हैं, वह आता कहां से हैं?’
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर भाजपा और कांग्रेस विधायकों को खरीदने के बजाय गोवा के पुनर्विकास के लिए पैसा इकट्ठा करते तो पुनर्विकास की अधूरी परियोजनाएं अब तक पूरी हो जाती.’