उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, कुंभ और मरकज़ की तुलना नहीं की जानी चाहिए

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से निज़ामुद्दीन मरकज़ और कुंभ की तुलना करते हुए पूछा गया था कि कुंभ की भीड़ कोरोना को और बढ़ा सकती है, जिस पर उन्होंने कहा कि यह बारह साल में एक बार आता है और लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा है. बीते 10 अप्रैल से 13 अप्रैल की शाम चार बजे तक कुंभ मेला इलाके में 1,086 लोग कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं.

//
तीरथ सिं​ह रावत. (फोटो साभार: फेसबुक)

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से निज़ामुद्दीन मरकज़ और कुंभ की तुलना करते हुए पूछा गया था कि कुंभ की भीड़ कोरोना को और बढ़ा सकती है, जिस पर उन्होंने कहा कि यह बारह साल में एक बार आता है और लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा है. बीते 10 अप्रैल से 13 अप्रैल की शाम चार बजे तक कुंभ मेला इलाके में 1,086 लोग कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं.

तीरथ सिंह रावत. (फोटो: पीटीआई)
तीरथ सिंह रावत. (फोटो: पीटीआई)

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को कहा कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले की तुलना निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम से नहीं की जानी चाहिए जो बंद जगह में हुआ था और उसमें देश के बाहर के लोगों ने भी शिरकत की थी.

एक अंग्रेजी अखबार के साप्ताहिक ‘टॉक शो’ में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कुंभ और मरकज के बीच कोई तुलना नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुंभ को मरकज से जोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि मरकज एक कोठी की तरह की बंद जगह में हुआ था जबकि कुंभ का क्षेत्र बहुत बड़ा, खुला हुआ और विशाल है.

मुख्यमंत्री से सवाल किया गया था कि दो धार्मिक आयोजनों (निजामुद्दीन मरकज और कुंभ) को एक जैसा क्यों नहीं माना जा सकता क्योंकि कुंभ में भी भीड़ आ रही है जो कोरोना की दूसरी लहर को और तेज कर सकती है.

हरिद्वार कुंभ और निजामुद्दीन मरकज के बीच अन्य अंतर बताते हुए रावत ने यह भी कहा कि कुंभ में आ रहे श्रद्धालु बाहर के नहीं बल्कि अपने ही हैं.

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि जब मरकज हुआ था तब कोरोना के बारे में कोई जागरूकता नहीं थी और न ही कोई दिशानिर्देश थे.

उन्होंने कहा कि यह भी किसी को नहीं पता कि मरकज में शामिल हुए लोग कितने समय उस बंद जगह में रहे जबकि अब कोविड-19 के बारे में ज्यादा जागरूकता है और उससे बचने के लिए दिशानिर्देश भी हैं.

उन्होंने कहा कि कुंभ बारह साल में एक बार आता है और यह लाखों लोगों की आस्था तथा भावनाओं से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों के बीच दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन के साथ इसे सफलतापूर्वक आयोजित कराना हमारा लक्ष्य है.

रावत ने कहा कि लोगों का स्वास्थ्य प्राथमिकता है लेकिन आस्था के मामलों को भी पूर्ण रूप से अनदेखा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि हाल में निस्संदेह कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हुई है लेकिन हम स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं और स्वस्थ होने की दर भी अच्छी है. उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति का पालन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि बड़े पैमाने पर मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई है और कोविड-19 दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन के लिए पूरी मशीनरी दिन रात लगी हुई है.

उन्होंने कहा कि हरिद्वार में प्रवेश और मेले में आने से पहले सीमाओं पर लोगों की जांच की जा रही है और इस दौरान रैंडम जांच की जा रही है.

बुधवार को हरिद्वार महाकुंभ का बैसाखी पर्व का तीसरा शाही स्नान है. इस बीच, उत्तराखंड में मंगलवार को कोविड-19 के मामलों में और उछाल आया और पूरे प्रदेश में 1925 नए मामले सामने आए. देहरादून में सर्वाधिक 775 नए कोविड मामले आए जबकि हरिद्वार में 594, नैनीताल में 217 और उधमसिंह नगर में 172 नए मरीज मिले. इसके अलावा पिछले 24 घंटों में महामारी से पीडित 13 मरीजों ने दम तोड़ दिया.

हालांकि, इससे पहले हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आरटी-पीसीआर कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नहीं लाने की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सार्वजनिक घोषणा के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बीते 24 मार्च को कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया था.

इसके साथ ही चीफ जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने राज्य सरकार को निगरानी रखने का निर्देश दिया था और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि महाकुंभ मेला कोविड-19 महामारी के प्रसार का माध्यम न बन जाए.

गौरतलब है कि देश में कोविड-19 महामारी के शुरूआती दिनों में वहां पिछले साल तबलीगी जमात का एक धार्मिक समागम हुआ था और इसे पिछले साल 31 मार्च से बंद रखा गया है.

पिछले साल मार्च में दिल्ली का निजामुद्दीन मरकज कोरोना हॉटस्पॉट बनकर उभरा था. दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम स्थित मरकज में 13 मार्च से 15 मार्च तक कई सभाएं हुई थीं, जिनमें सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया समेत अनेक देशों के मुस्लिम धर्म प्रचारकों ने भाग लिया था.

इनके अलावा देशभर के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में भारतीयों ने भी इसमें हिस्सा लिया था, जिनमें से कई कोरोना संक्रमित पाए गए थे. इसे लेकर मुस्लिम समुदाय पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाया गया था.

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मरकज में आयोजित तबलीगी जमात कार्यक्रम और विदेशियों के ठहरने के संबंध में महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम, विदेश अधिनियम और दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थीं. हालंकि कई मामलों में अदालत द्वारा हस्तक्षेप के बाद आरोपियों को बरी करते हुए मामले रद्द भी किये गए.

बीते छह मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज को दोबारा खोलने के लिए दायर याचिका पर केंद्र, आप सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था.

इसके बाद केंद्र ने 24 मार्च को कहा था कि वक्फ बोर्ड द्वारा चुने गये 50 लोगों को शब-ए-बारात के दौरान मस्जिद में नमाज अदा करने की इजाजत दी जा सकती है.

हालांकि, दिल्ली वक्फ बोर्ड ने नियमों में ढील दिए जाने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को यह कहते हुए कि किसी और धार्मिल स्थल पर पूजा करने वालों के लिए संख्या संबंधी कोई नियम नहीं है इसलिए निजामुद्दीन मरकज में भी इबादत करने वालों की कोई निश्चित संख्या तय नहीं की जा सकती.

इस पर केंद्र की ओर से पेश होते हुए वकील रजत नायर ने कहा था कि ऐसी कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है लेकिन संबंधित धार्मिक स्थल के प्रबंधन द्वारा ऐसी संख्या निर्धारित की जाती है. उन्होंने आगे कहा था कि मरकज निजामुद्दीन के मस्जिद के संबंध में यह मामला दूसरा हो जाता है. हालांकि, हाईकोर्ट ने उनकी इस दलील से भी असहमति जताई थी.

मेला इलाके में 10 अप्रैल से संक्रमण के 1086 मामले सामने आए

बीते 10 अप्रैल से 13 अप्रैल की शाम चार बजे तक कुंभ मेला इलाके में 1086 लोग कोविड-19 संक्रमित पाए गए. वहीं, बुधवार को अगला शाही स्नान हो रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 12 अप्रैल को जब करीब 30 लाख श्रद्धालु दूसरे शाही स्नान के लिए इकट्ठे हुए तब हरिद्वार, देहरादून के कुछ हिस्सों, पौढ़ी और टिहरी सहित विभिन्न जगहों ने 387 लोग संक्रमित हुए. सोमवार को मेला इलाके में कुल 66,203 लोगों का टेस्ट कराया गया था.

हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके झा ने कहा कि मेला इलाके में 11 अप्रैल से 13 अप्रैल तक कुल 961 संक्रमित केस सामने आए.

प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, मंगलावर को राज्य में कुल 1925 नए मामले सामने आए और 13 लोगों की मौत हो गई.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq