विधानसभा चुनाव राउंड अप: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि तृणमूल नेताओं ने दलितों का अपमान किया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी कहा कि बंगाल और इसकी संस्कृति को बर्बाद करने का प्रयास कर रही है भाजपा. कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान कोविड दिशानिर्देशों का पालन करने का आदेश दिया.
जलपाईगुड़ी/माथाभांगा/कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान में बड़ी संख्या में बाहरी लोगों को लेकर आई, जिससे राज्य में हाल के दिनों में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि हुई.
ममता ने जलपाईगुड़ी में एक चुनावी रैली में केंद्र की भाजपा-नीत सरकार पर आरोप लगाया कि वह अधिकतर लोगों के टीकाकरण के लिए राज्य के अनुरोध पर जवाब नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को टीका लगाने से बीमारी के प्रसार पर काबू पाने में मदद मिल सकती है.
ममता ने रैली में कहा, ‘वे लोग (भाजपा नेता) चुनाव प्रचार के लिए बाहरी लोगों को लेकर आए हैं, जिससे कोविड मामलों में वृद्धि हुई. हमने कोविड स्थिति पर काबू पा लिया था, लेकिन उन्होंने इसे जटिल बना दिया.’
निर्वाचन आयोग द्वारा 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार पर रोक लगाए जाने के फैसले के संबंध में उन्होंने कहा, ‘क्या हिंदुओं, मुस्लिमों और अन्य लोगों को एक साथ वोट देने के लिए कहना गलती है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में क्या कहना है जो हर चुनावी बैठक में मेरा मजाक उड़ा रहे हैं? उन्हें चुनाव प्रचार करने से क्यों नहीं रोका गया?’
प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर चुनावी रैलियों में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने कहा, ‘केंद्र ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) विधेयकों को जीवित रखा है, लेकिन गृह मंत्री ने एक सभा में दावा किया था कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लागू करने की उनकी कोई योजना नहीं है.’
ममता ने कहा, ‘उन पर विश्वास मत करो. अगर वे सत्ता में आए तो आपको भी असम में 14 लाख बंगालियों (पूर्वोत्तर राज्य में अंतिम एनआरसी के संदर्भ में) जैसा अनुभव हो सकता है. भाजपा एक खतरनाक पार्टी है जो बंगाल को विभाजित करने का प्रयास कर रही है.’
पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहा है. बीते 10 अप्रैल को चौथे चरण का मतदान हुआ था.
कूच बिहार हिंसा के दोषियों को सजा दिलाने के लिए जांच शुरू करेगी बंगाल सरकार: ममता बनर्जी
इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान सीआईएसएफ की गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिवारों से बुधवार को मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि मामले की जांच कर दोषी लोगों को सजा दिलाई जाएगी.
ममता ने इस बात पर खेद जताया कि कूच बिहार में नेताओं के प्रवेश पर लगाए गए 72 घंटों के प्रतिबंध के चलते वह मृतकों के परिजनों से पहले नहीं मिल पाईं.
चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार जिले के सीतलकूची क्षेत्र के जोरपाटकी गांव में कथित तौर पर स्थानीय लोगों की तरफ से केंद्रीय बलों पर कथित हमले और उसके बाद जवानों द्वारा की गई फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने तब फायरिंग की जब गांववालों ने एक 12 साल के बच्चे पर सीआईएसएफ जवानों द्वारा हमले की अफवाह के बाद उन्हें घेर लिया था.
इस घटना से राजनीतिक तूफान आ गया है. केंद्रीय बल का दावा है कि गोली ‘आत्मरक्षा’ में चलाई गई है. वहीं टीएमसी ने इसे मतदाताओं को डराने के लिए सोच-समझकर की गई हत्या बताया है.
बहरहाल मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारी जांच में इस निर्मम हत्या के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति का पता लगाया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें कानून के मुताबिक सजा मिले.’
ममता ने पिछले हफ्ते घटना के तुरंत बाद कहा था कि राज्य सरकार इस मामले में सीआईडी जांच कराएगी.
उन्होंने कहा कि वह पहली बार वोट देने जा रहे 18 साल के आनंद बर्मन के परिवार के लिए भी न्याय सुनिश्चित करेंगी, जिसकी इसी जिले में मतदान केंद्र के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने गोलीबारी में मारे गए चारों लोगों के परिवारों के साथ ही बर्मन के दादा और मामा सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बातचीत की.
ममता ने कहा, मैं चुनाव खत्म (दो मई) होने के तुरंत बाद फिर आऊंगी. हम हरसंभव तरीके से आपकी मदद करेंगे.’
उन्होंने यह भी कहा कि मारे गए पांच लोगों की याद में एक ‘शहीद स्तंभ’ बनाया जाएगा.
कूच बिहार के सीतलकूची में हिंसा की घटनाओं के बाद निर्वाचन आयोग ने 72 घंटों तक नेताओं के जिले में प्रवेश पर रोक लगा दी थी.
इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तूफान पैदा हो गया था और ममता ने उसे ‘नरसंहार’ करार दिया था जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ में शामिल होने को लेकर आगाह किया था.
अमित शाह ने यह आरोप भी लगाया था कि ममता बनर्जी ने लोगों को केंद्रीय बलों के जवानों का घेराव करने की सलाह दी थी और उसी के बाद लोगों ने सीआईएसएफ जवानों पर हमला किया जिससे यह घटना हुई.
बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा को बंगाल में 70 सीटें भी नहीं मिलेंगी
ममता बनर्जी ने बुधवार को दावा किया कि भाजपा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में 70 सीटें भी नहीं जीत पाएगी.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने जलपाईगुड़ी जिले के डाबग्राम-फुलबाड़ी में एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में किए गए इस दावे का उपहास किया कि भाजपा ने 294 सीटों वाली विधानसभा के लिए चुनाव के चार चरणों में ही 100 सीटें जीत ली है.
ममता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि जिन 135 सीटों पर अब तक चुनाव हुए हैं, उनमें भाजपा पहले ही 100 सीटें जीत ली है. मैं कह सकती हूं कि चुनाव समाप्त होने के बाद भाजपा को कुल 294 सीटों में से 70 सीटें भी नहीं मिलेंगी.’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा एक ही मुद्दे पर अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग बातें कर झूठ फैला रही है.
ममता ने कहा कि अगर तृणमूल फिर से सत्ता में आती है तो वह पश्चिम बंगाल में विवादास्पद एनआरसी को लागू नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि आप सभी नागरिक हैं. लोगों से उनका एकमात्र अनुरोध है कि वे अपना वोट डालें.
भाजपा अध्यक्ष का आरोप, तृणमूल नेताओं ने दलितों का अपमान किया
कटवा: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को बीआर आंबेडकर को उनकी जयंती पर याद करते हुए आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस के नेता दलितों का अपमान कर रहे हैं.
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि तृणमूल कांग्रेस की एक महिला नेता ने हाल ही में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लोगों के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है.
नड्डा ने पूर्व बर्द्धमान जिले के कटवा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘लेकिन ममता-दी ने टिप्पणी के लिए उस नेता की कोई आलोचना नहीं की है.’
उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस की नेता और अलीबाग सीट से प्रत्याशी सुजाता मंडल खान ने पिछले दिनों कथित तौर पर अनुसूचित जाति के लोगों की तुलना भिखारियों से की थी.
नड्डा ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने एक धर्म विशेष के लोगों को एकजुट होने के लिए कहने पर तृणमूल प्रमुख ममता को 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से रोक दिया.
उन्होंने सवाल किया कि पिछले 10 वर्षों से पश्चिम बंगाल में यह कैसी सरकार है जो समाज को विभाजित करने के लिए काम करती है.
नड्डा ने कहा, ‘मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि राज्य के विकास के लिए उन पर स्थायी रोक की खातिर अपने मताधिकार का प्रयोग करें.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के 130 करोड़ लोगों के विकास के लिए काम करते हैं, वहीं कोई व्यक्ति किसी धर्म विशेष के लोगों को एकजुट होने के लिए कह रहा है.
भाजपा नेता ने कहा, ‘उनकी (ममता की) बेचैनी इतनी बढ़ गई है कि मुख्यमंत्री होने के बावजूद वह लोगों को सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) के जवानों का घेराव करने के लिए कह रही हैं.’
पिछले साल दिसंबर में दक्षिण 24 परगना जिले में अपने काफिले पर हुए हमले का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा डर का माहौल बनाए जाने के बावजूद बंगाल के लोग सत्तारूढ़ तृणमूल को उचित जवाब देने के लिए बहादुर हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम इस तरह के खतरों और हमलों से डरने वाले नहीं हैं और हम लोकतांत्रिक तरीकों से उचित जवाब देंगे.’
नड्डा ने इससे पहले दिन में उत्तर 24 परगना जिले के बोंगांव में एक रोड शो में भाग लिया जिसमें खासी संख्या में लोगों की भागीदारी थी.
बंगाल और इसकी संस्कृति को बर्बाद करने का प्रयास कर रही है भाजपा: राहुल गांधी
ग्वालपोखोर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘सोनार बांग्ला’ (स्वर्णिम बंगाल) बनाने के भाजपा के दावे को धोखा करार देते हुए बुधवार को कहा कि भगवा पार्टी के पास नफरत, हिंसा और भाषा, धर्म, जाति तथा पंथ के आधार पर लोगों को बांटने के अलावा देने के लिए कुछ नहीं हैं.
बंगाल में अपनी पहली चुनावी रैली के दौरान गांधी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा और कहा कि उनकी पार्टी ने कभी टीएमसी की तरह भाजपा और आरएसएस से गठजोड़ नहीं किया. बनर्जी की पार्टी टीएमसी पहले भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा रह चुकी है.
गांधी ने कहा, ‘भाजपा बंगाल की संस्कृति और विरासत को मिटाना और इसे बांटना चाहती है. असम में वे यही कर रहे हैं. तमिलनाडु में वे अपने गठबंधन साझेदार अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं. भाजपा के पास नफरत, हिंसा और विभाजनकारी राजनीति के अलावा देने के लिए कुछ नहीं है.’
‘सोनार बांग्ला’ बनाने के भाजपा के नारे का मजाक उड़ाते हुए गांधी ने इसे धोखा करार दिया और कहा कि वे हर राज्य में यही सपना बेचते हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘वे प्रत्येक राज्य में सोनार बांग्ला जैसी बात कहते हैं. लेकिन लोगों को धर्म, जाति और भाषा के आधार पर बांटते रहते हैं.’
गांधी ने बंगाल में ‘कट मनी’ की समस्या की निंदा करते हुए कहा, ‘आपने टीएमसी को मौका दिया, लेकिन वह नाकाम रही. लोगों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ा. यह एकमात्र राज्य है, जहां आपको नौकरी पाने के लिए कटमनी देना पड़ता है.’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने टीएमसी के ‘खेला होबे’ (खेल होगा) नारे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि लोगों की सेवा करना और खेल खेलना दोनों अलग-अलग बाते हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमने कभी भाजपा और आरएसएस से समझौता नहीं किया. हमारी लड़ाई राजनीतिक ही नहीं बल्कि विचारधारा की भी है. ममता जी के लिए यह केवल राजनीतिक लड़ाई है.’
गांधी ने कहा, ‘भाजपा अच्छी तरह जानती है कि कांग्रेस उसके सामने हथियार नहीं डालेगी, लिहाजा उसने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा लगाया. उन्होंने कभी टीएमसी मुक्त भारत का नारा नहीं दिया, क्योंकि वह उसकी पुरानी गठबंधन साझेदार है.’
गांधी ने लोगों से बंगाल में विकास के नए युग की शुरुआत के लिए कांग्रेस-आईएसएफ-वाम गठबंधन को वोट देने की अपील की.
अदालत ने बंगाल में प्रचार के दौरान कोविड दिशानिर्देशों का पालन करने का आदेश दिया
कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि कोरोना वायरस मामलों में फिर से तेजी के मद्देनजर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के सिलसिले में राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार के दौरान स्वास्थ्य संबंधी सभी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए.
मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने इस संबंध में दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए और यदि आवश्यक हो तो पुलिस अधिकारियों की सहायता ली जाए.
पीठ ने कहा कि हम एक असाधारण स्थिति से गुजर रहे हैं और इसके लिए असाधारण उपायों की जरूरत है. पीठ में जस्टिस अरिजीत बनर्जी भी शामिल थे.
पीठ ने कहा कि यह जनहित में है कि प्रशासन सुनिश्चित करे कि सभी पक्ष कोविड संबंधी सभी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें, जिनमें चुनाव प्रचार गतिविधियों से जुड़े लोग भी शामिल हैं.
अदालत ने निर्देश दिया कि कोविड दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं.
पीठ ने निर्देश दिया कि यदि प्रशासन को पता चलता है कि कोई व्यक्ति, भले ही वह चुनाव प्रचार में व्यस्त हो, कोविड दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहा है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है.
पीठ ने निर्देश दिया कि सभी कार्यक्रमों में मास्क पहनना अनिवार्य किया जाना चाहिए, सैनेटाइटर उपलब्ध कराया जाए चाहिए और सुरक्षित दूरी मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए.
अदालत ने प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि कोई बड़ा जमावड़ा नहीं हो.
‘मिनी पाकिस्तान’ टिप्पणी पर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को निर्वाचन आयोग का नोटिस
नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग (ईसी) ने पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी द्वारा पिछले महीने एक रैली में की गई ‘मिनी-पाकिस्तान’ संबंधी टिप्पणी को लेकर चेतावनी जारी की है. आयोग ने उन्हें इस संबंध में नोटिस जारी किया है.
चुनाव निकाय ने सोमवार रात जारी एक आदेश में अधिकारी को चेतावनी दी और कहा कि उन्हें सलाह दी जाती है कि जब आदर्श आचार संहिता लागू हो, तो इस दौरान सार्वजनिक बयानबाजी करते समय वह इस तरह के बयान देने से परहेज करें.
आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग का मानना है कि शुभेंदु अधिकारी ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग एक के पैरा दो और तीन का उल्लंघन किया है.
नंदीग्राम सीट पर अधिकारी का मुकाबला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी से है. नंदीग्राम में मतदान संपन्न हो चुका है.
आयोग को भाकपा-माले केंद्रीय समिति सदस्य कविता कृष्णन की ओर से एक शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 29 मार्च को नंदीग्राम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अधिकारी ने ‘आपत्तिजनक भाषा’ का इस्तेमाल किया था.
आयोग ने अधिकारी को उनके भाषण को लेकर आठ अप्रैल को नोटिस जारी था.
अधिकारी ने नोटिस के जवाब में कहा कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में पूरा विश्वास रखते हैं, जहां उम्मीदवारों के बीच कोई दुर्भावना न हो तथा राजनीतिक विरोधियों की आलोचना करते हुए कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की जाए.
भाजपा नेता ने कहा कि उनकी किसी की व्यक्तिगत आलोचना करने या किसी के खिलाफ अपमानजनक बयान देने की कोई दुर्भावना नहीं थी. उन्होंने कहा कि वह निर्वाचन आयोग के किसी भी निर्देश का पालन करेंगे.
निर्वाचन आयोग ने तृणमूल नेता को नोटिस जारी किया
कोलकाता: भारत निर्वाचन आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अणुब्रत मंडल को उनके विवादास्पद बयान के लिए मंगलवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया.
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
मंडल ने कहा था कि राज्य में हो रहे चुनाव में ‘भयंकर खेल खेला जाएगा’. आयोग ने भाजपा की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर नोटिस जारी किया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)