कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि कोरोना वायरस नियंत्रण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की कोई व्यवस्था और योजना ही नहीं दिख रही है. आज स्थिति यह हो गई है कि राजधानी लखनऊ में लाशों की कतार लग गई हैं. प्रदेश का आम आदमी अपने परिजन का अंतिम संस्कार भी सम्मानित तरीके से करने में लाचार है. सुबह से देर रात तक शवदाह गृहों और क़ब्रिस्तानों में लोग अपने मृत प्रियजनों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं.
नई दिल्ली/लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बृहस्पतिवार को प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘त्रासदी छिपाने में’ अपना समय, संसाधन और ऊर्जा लगाने की बजाय योगी सरकार को संक्रमण फैलने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए.
इससे एक दिन पहले बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कोरोना महामारी से जुड़े आंकड़े छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर सरकार पहले दिन से ही सचेत रहती तो शायद आज यह दिन नहीं देखने पड़ते.
उन्होंने लखनऊ के एक श्मशान घाट का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश की सरकार से एक निवेदन है कि अपना समय, संसाधन और ऊर्जा इस त्रासदी को छिपाने, दबाने में लगाना व्यर्थ है. महामारी को नियंत्रित करने, लोगों की जान बचाने, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाइए. यही वक्त की पुकार है.’
उप्र की सरकार से एक निवेदन है:
अपना समय, संसाधन और ऊर्जा इस त्रासदी को छुपाने, दबाने में लगाना व्यर्थ है। महामारी को रोकने, लोगों की जान बचाने, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाइए। यही वक्त की पुकार है। pic.twitter.com/xwKrfyav4o
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 15, 2021
प्रियंका ने बुधवार को कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए वीडियो कांफ्रेंस के जरिये आपात बैठक बुलाई थी. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष, नेता कांग्रेस विधायक दल, महासचिव समेत राष्ट्रीय महासचिव के सलाहकार मंडल और रणनीति समिति के सदस्य शामिल हुए.
उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश की स्थिति सबसे ज्यादा विस्फोटक होने की कगार पर है, जबकि राज्य सरकार लगातार आंकड़े छुपा रही है. अगर सरकार कोरोना महामारी के पहले दिन से ही सचेत रही होती तो शायद आज इस तरह के दिन नहीं देखने पड़ते. इस महामारी में पहले ही दिन से बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था करने के बजाय सरकार ने संक्रमण के आंकड़े और मौतों की संख्या को लगातार छुपाया है.’
प्रियंका ने आरोप लगाया, ‘कोरोना नियंत्रण को लेकर सरकार की कोई व्यवस्था और योजना ही नहीं दिख रही है. इसके बजाय ऐसा लग रहा है कि प्रदेश की जनता पर दोतरफा वार हो रहा है! एक तरफ से कोरोना और दूसरी तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार की नाकाम, असंवेदनशील और गैर जिम्मेदार व्यवस्था. यह सारी स्थितियां सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अदूरदर्शिता और नकारेपन के कारण भी हुई हैं. फिर भी उन्हें अब भी केवल अपनी छवि की चिंता है.’
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक की चिट्ठी में साफ-साफ लिखा है कि लखनऊ में निजी अस्पतालों में जांच नहीं हो रही है और सरकारी संस्थानों के हालात यह हैं कि कोरोना की जांच रिपोर्ट में कई दिन लग रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि वास्तव में प्रदेश सरकार के इस रवैये ने प्रदेश की जनता को मौत के मुंह में धकेलने का कार्य किया है.
उन्होंने कहा कि गत पांच से 11 अप्रैल के बीच पूरे देश में कोरोना के 70 प्रतिशत मामले बढ़े हैं तो उत्तर प्रदेश में इस दौरान कोरोना मामलों में 281 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की 24 करोड़ आबादी में से अब तक एक करोड़ लोगों को भी टीके नहीं लग पाए हैं.
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘आज स्थिति यह हो गई है कि राजधानी लखनऊ में लाशों की कतार लग गई हैं. शवदाहगृहों पर लकड़ियों की कमी हो गई है. प्रदेश का आम आदमी अपने परिजन का अंतिम संस्कार भी सम्मानित तरीके से करने में लाचार है. सुबह से देर रात तक शवगृहों और कब्रिस्तानों में लोग अपने मृत प्रियजनों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं.’
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने कहा, ‘पार्टी इस विपत्ति की घड़ी में प्रदेश की जनता के साथ खड़ी है. वह जनता को हर तरह से सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारा फर्ज है कि संक्रमित लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हम सरकार से मांग करें. उनके सवालों के लिए लड़ें. यह विपक्ष का धर्म है और हम दृढ़ता से इसे निभाएंगे.’
प्रियंका ने सरकार के सामने 11 सूत्रीय मांगें भी रखी हैं, जिनमें प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की उचित व्यवस्था कराने, जांच की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर उपलब्ध कराने, निजी प्रयोगशाला से जांच की सुविधा की अनुमति देने और आरटीपीसीआर जांच तुरंत बढ़ाए जाने, मरीजों के इलाज के लिए बिस्तर उपलब्ध कराने के वैकल्पिक बंदोबस्त करने, गरीब पीड़ितों के लिए सरकार की तरफ से आर्थिक मदद का पैकेज देने, कोविड से मृत मरीजों के अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था करने और टीकाकरण अभियान की रफ्तार आपातकालीन तौर पर तुरंत तेज करना शामिल हैं.
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार में न्याय, विधायी एवं ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्री ब्रजेश पाठक ने कथित तौर पर राज्य के अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को पत्र लिखकर लखनऊ में कोविड-19 की स्थिति पर चिंता जताई थी.
कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए की गई बदइंतजामी और बदहाली को लेकर मंत्री ने सवाल उठाने के साथ कहा था कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हालत चिंताजनक है.
अपने पत्र में पाठक ने कोविड की जांच रिपोर्ट में 4 से 7 दिन लगने, 5 से 6 घंटे में एंबुलेंस पहुंचने, मुख्यमंत्री ऑफिस से भर्ती स्लिप मिलने में दो-दो दिन लगने, कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या कम होने, निजी पैथॉलजी में कोविड जांच बंद होने और गंभीर रोगों से ग्रसित गैर-कोविड मरीजों को इलाज नहीं मिल पाने जैसी समस्याओं का जिक्र किया है.
मंत्री ब्रजेश पाठक के बाद पंचायत चुनाव से दो दिन पहले बीते मंगलवार को लखनऊ की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने अपील की है कि लखनऊ में पंचायत चुनाव को एक महीने के लिए आगे बढ़ा दिया जाए.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, ‘निर्वाचन आयोग से मेरी अपील है लखनऊ में कोविड नियंत्रण से बाहर है, लखनऊ में कई हजार परिवार करोना की चपेट में बुरी तरह बर्बाद हो रहे हैं, श्मशान घाटों पर लाशों के ढेर लगे हुए हैं. चुनाव जरूरी नहीं है लेकिन लोगों की जान बचाना जरूरी है, इसलिए निर्वाचन आयोग को तत्काल संज्ञान में लेकर पंचायत के चुनाव को लखनऊ में निर्धारित मतदान की तिथि से एक महीना आगे बढ़ा देना चाहिए, जान बचाना जरूरी है चुनाव कराना जरूरी नहीं है.’
यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण के 20510 नए मामले सामने आए, 68 की मौत
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 संक्रमण से 68 और लोगों की मौत हो गई तथा 20,510 नए मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई. नए रोगियों का यह एक दिन का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान 68 लोगों की मौत के साथ इस वायरस से राज्य में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 9,376 हो गई है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा 14 मौतें राजधानी लखनऊ में हुई है. इसके अलावा इलाहाबाद में 10, मुरादाबाद और गोंडा में चार-चार, कन्नौज, फर्रुखाबाद, वाराणसी और कानपुर नगर में तीन-तीन मरीजों की मृत्यु हुई है.
पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 20,510 नए मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है, प्रदेश में किसी एक दिन का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
इससे पहले 13 अप्रैल को 18,021 नए मामले सामने आए थे. सबसे ज्यादा 5,433 नए मामले राजधानी लखनऊ में मिले हैं. इसके अलावा इलाहाबाद में 1702, वाराणसी में 1585 और कानपुर नगर में 1221 नए मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है.
प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान 4,517 मरीज ठीक भी हुए हैं. प्रदेश में इस वक्त 111,835 मरीज उपचाराधीन हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)